लुधियाना में वाहन लोन घोटाले का भंडाफोड़:फाइनेंस कंपनी के 4 कर्मचारी गिरफ्तार, लोगों के पहचान पत्र लेकर खरीदते थे टू-व्हीलर

लुधियाना में वाहन लोन घोटाले का भंडाफोड़:फाइनेंस कंपनी के 4 कर्मचारी गिरफ्तार, लोगों के पहचान पत्र लेकर खरीदते थे टू-व्हीलर

पंजाब के लुधियाना में सीआईए-1 टीम ने वाहन लोन घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए एक फाइनेंस फर्म के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी लोगों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वाहनों को फाइनेंस करवाते थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने न केवल फर्म को ठगा, बल्कि उन लोगों को भी धोखा दिया, जिन्होंने आरोपियों पर भरोसा करके अपने दस्तावेज उन्हें सौंपे थे। आरोपियों की पहचान जनकपुरी निवासी हरजिंदर पाल सिंह, हरबंसपुरा निवासी ललित कुमार, भामियां रोड के हुंदल चौक निवासी दीपक कुमार और न्यू शिवाजी नगर निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है। मुथूट कैपिटल सर्विस लिमिटेड के इंचार्ज ने कराई FIR मुथूट कैपिटल सर्विस लिमिटेड के पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा प्रमुख गुरु नानक कॉलोनी निवासी अमनदीप सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है। अमनदीप सिंह ने बताया कि कंपनी दोपहिया वाहनों को खरीदने के लिए लोन देती है। कंपनी में काम करने वाले आरोपियों ने काफी समय पहले धोखाधड़ी शुरू की थी और कई वाहनों को फाइनेंस करवाया था। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ, जब कंपनी को दिए लोन की ईएमआई नहीं मिली। जब उन्होंने खुद जांच शुरू की तो उन्हें धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर जसपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी झूठ बोलकर लोगों से पहचान पत्र ले लेते थे और बाद में उन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फाइनेंस पर दोपहिया वाहन खरीद लेते थे। अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) बनवाने के बाद वे वाहनों को आगे बेच देते थे। सब-इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4) (धोखाधड़ी और संपत्ति देने के लिए किसी को बेईमानी से प्रेरित करना), 336(3) (जालसाजी), 338 (मूल्यवान दस्तावेजों की जालसाजी), 340(2) (जाली दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का इस्तेमाल), 61(2) (आपराधिक साजिश) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पूछताछ में आरोपियों से और भी अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। पंजाब के लुधियाना में सीआईए-1 टीम ने वाहन लोन घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए एक फाइनेंस फर्म के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी लोगों के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वाहनों को फाइनेंस करवाते थे। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने न केवल फर्म को ठगा, बल्कि उन लोगों को भी धोखा दिया, जिन्होंने आरोपियों पर भरोसा करके अपने दस्तावेज उन्हें सौंपे थे। आरोपियों की पहचान जनकपुरी निवासी हरजिंदर पाल सिंह, हरबंसपुरा निवासी ललित कुमार, भामियां रोड के हुंदल चौक निवासी दीपक कुमार और न्यू शिवाजी नगर निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है। मुथूट कैपिटल सर्विस लिमिटेड के इंचार्ज ने कराई FIR मुथूट कैपिटल सर्विस लिमिटेड के पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा प्रमुख गुरु नानक कॉलोनी निवासी अमनदीप सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है। अमनदीप सिंह ने बताया कि कंपनी दोपहिया वाहनों को खरीदने के लिए लोन देती है। कंपनी में काम करने वाले आरोपियों ने काफी समय पहले धोखाधड़ी शुरू की थी और कई वाहनों को फाइनेंस करवाया था। उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ, जब कंपनी को दिए लोन की ईएमआई नहीं मिली। जब उन्होंने खुद जांच शुरू की तो उन्हें धोखाधड़ी का पता चला और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर जसपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आरोपी झूठ बोलकर लोगों से पहचान पत्र ले लेते थे और बाद में उन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फाइनेंस पर दोपहिया वाहन खरीद लेते थे। अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) बनवाने के बाद वे वाहनों को आगे बेच देते थे। सब-इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4) (धोखाधड़ी और संपत्ति देने के लिए किसी को बेईमानी से प्रेरित करना), 336(3) (जालसाजी), 338 (मूल्यवान दस्तावेजों की जालसाजी), 340(2) (जाली दस्तावेजों या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का इस्तेमाल), 61(2) (आपराधिक साजिश) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पूछताछ में आरोपियों से और भी अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।   पंजाब | दैनिक भास्कर