पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को नगर निगम के चुनाव है। आज निकाय चुनाव को लेकर शिअद ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। शिअद सीनियर नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि इस बार अकाली दल निगम चुनाव अकेले लड़ रहा है। निगम में इस बार अकाली दल का मेयर बनेगा। अभी तक कुल 37 उम्मीदवार की सूची जारी की है। जानकारी देते हुए महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, हीरा सिंह गाबड़िया और शरणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि जसपाल सिंह ग्यासपुरा को वार्ड नंबर 34, सरबजीत सिंह लाडी वार्ड नंबर 6, रखविंदर सिंह गाबड़िया वार्ड नंबर 48 से उम्मीदवार है। वहीं आम आदमी पार्टी छोड़ कर आए 49 वार्ड नंबर से भूपिंदर कौर कोछड़ को टिकट दिया है। इसके अलावा वार्ड नंबर 1 से शिल्पा ठाकुर, वार्ड नंबर 2 से राजवीर (रतन वड़ैच), वार्ड नंबर 3 से हरजीत कौर जज्जी, वार्ड नंबर 7 से रजनी बाला, वार्ड नंबर 8 से अनूप घई, वार्ड नंबर 11 से वंदना धीर, वार्ड नंबर 13 से कुलविंदर कौर मुलतानी, वार्ड नंबर 15 से जसविंदर कौर, वार्ड नंबर 16 से बलवीर सिंह को टिकट दी है। इसी तरह वार्ड नंबर 18 से जसदीप सिंह काउंके, वार्ड नंबर 20 चतरवीर सिंह, वार्ड़ नंबर 26 वरिंदर कुमार, वार्ड नंबर 27 से आरती कुमारी, वार्ड नंबर 32 से कृष्ण कुमार, वार्ड नंबर 35 से सरबजीत कौर लोटे, वार्ड नंबर 36 से बेबी सिंह, वार्ड नंबर 38 से लखवीर सिंह, वार्ड नंबर 39 से गुरप्रीत सिंह, वार्ड नंबर 41 से मलकीत कौर सोखी, वार्ड नंबर 44 से अमनजोत सिंह गोहलवड़िया पर पार्टी ने भरोसा जताया है। वहीं वार्ड नंबर 45 से हरविंदर कौर, वार्ड नंबर 54 से रुप कमल, वार्ड नंबर 55 से सुखलीन कौर ग्रेवाल, वार्ड नंबर 56 से कमलजीत सिंह मठाड़ू, वार्ड नंबर 57 से परनीत शर्मा, वार्ड नंबर 58 से मनमोहन सिंह मनी, वार्ड नंबर 66 से मनीश वलैत, वार्ड नंबर 72 से बलविंदर डूलगच, वार्ड नंबर 84 से अमित भगत, वार्ड नंबर 85 गीतू खतीवाल, वार्ड़ नंबर 91 वंदना रानी, वार्ड नंबर 92 जगजीत सिंह और वार्ड नंबर 93 नरिंदर कौर को पार्टी ने वर्किंग कार्यशैली देखते हुए टिकट दिया। अकाली दल ने जारी की सूची….. पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को नगर निगम के चुनाव है। आज निकाय चुनाव को लेकर शिअद ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। शिअद सीनियर नेता महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि इस बार अकाली दल निगम चुनाव अकेले लड़ रहा है। निगम में इस बार अकाली दल का मेयर बनेगा। अभी तक कुल 37 उम्मीदवार की सूची जारी की है। जानकारी देते हुए महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल, हीरा सिंह गाबड़िया और शरणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि जसपाल सिंह ग्यासपुरा को वार्ड नंबर 34, सरबजीत सिंह लाडी वार्ड नंबर 6, रखविंदर सिंह गाबड़िया वार्ड नंबर 48 से उम्मीदवार है। वहीं आम आदमी पार्टी छोड़ कर आए 49 वार्ड नंबर से भूपिंदर कौर कोछड़ को टिकट दिया है। इसके अलावा वार्ड नंबर 1 से शिल्पा ठाकुर, वार्ड नंबर 2 से राजवीर (रतन वड़ैच), वार्ड नंबर 3 से हरजीत कौर जज्जी, वार्ड नंबर 7 से रजनी बाला, वार्ड नंबर 8 से अनूप घई, वार्ड नंबर 11 से वंदना धीर, वार्ड नंबर 13 से कुलविंदर कौर मुलतानी, वार्ड नंबर 15 से जसविंदर कौर, वार्ड नंबर 16 से बलवीर सिंह को टिकट दी है। इसी तरह वार्ड नंबर 18 से जसदीप सिंह काउंके, वार्ड नंबर 20 चतरवीर सिंह, वार्ड़ नंबर 26 वरिंदर कुमार, वार्ड नंबर 27 से आरती कुमारी, वार्ड नंबर 32 से कृष्ण कुमार, वार्ड नंबर 35 से सरबजीत कौर लोटे, वार्ड नंबर 36 से बेबी सिंह, वार्ड नंबर 38 से लखवीर सिंह, वार्ड नंबर 39 से गुरप्रीत सिंह, वार्ड नंबर 41 से मलकीत कौर सोखी, वार्ड नंबर 44 से अमनजोत सिंह गोहलवड़िया पर पार्टी ने भरोसा जताया है। वहीं वार्ड नंबर 45 से हरविंदर कौर, वार्ड नंबर 54 से रुप कमल, वार्ड नंबर 55 से सुखलीन कौर ग्रेवाल, वार्ड नंबर 56 से कमलजीत सिंह मठाड़ू, वार्ड नंबर 57 से परनीत शर्मा, वार्ड नंबर 58 से मनमोहन सिंह मनी, वार्ड नंबर 66 से मनीश वलैत, वार्ड नंबर 72 से बलविंदर डूलगच, वार्ड नंबर 84 से अमित भगत, वार्ड नंबर 85 गीतू खतीवाल, वार्ड़ नंबर 91 वंदना रानी, वार्ड नंबर 92 जगजीत सिंह और वार्ड नंबर 93 नरिंदर कौर को पार्टी ने वर्किंग कार्यशैली देखते हुए टिकट दिया। अकाली दल ने जारी की सूची….. पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में जेल कर्मचारी पहनेंगे बॉडी वॉर्न कैमरा:कैदियों पर रखी जाएगी नजर, दो महीने में पूरा होगा प्रोजेक्ट, सरकार ने दी मंजूरी
पंजाब में जेल कर्मचारी पहनेंगे बॉडी वॉर्न कैमरा:कैदियों पर रखी जाएगी नजर, दो महीने में पूरा होगा प्रोजेक्ट, सरकार ने दी मंजूरी पंजाब की जेलों में बंद कैदियों पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी। पुलिस जेल स्टाफ के लिए बॉडी वॉर्न कैमरे का इस्तेमाल करेगी। इससे जेल में बंद कैदियों से उनकी बातचीत से लेकर हर चीज पर नजर रखी जा सकेगी। पहले चरण में पुलिस 222 कैमरे खरीदने जा रही है। यह प्रक्रिया नवंबर तक पूरी हो जाएगी। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के चलते पुलिस विभाग अब जेलों की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। ऐसे में हर वह कदम उठाया जा रहा है, जिससे जेलों के अंदर की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके। इसके साथ ही जेलों के अंदर नशाखोरी और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए। पंजाब को हरियाणा से सबक लेना चाहिए पुलिस हर सुनवाई पर कोर्ट को इस बारे में रिपोर्ट देती है। क्योंकि हाईकोर्ट ने तो पंजाब को हरियाणा से सबक लेने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा कि पंजाब की जेलों में तमाम खामियां पाई जाती हैं, जबकि वहां ऐसी कोई घटना सामने नहीं आती। हरियाणा से सीखने की कोशिश होनी चाहिए। कंट्रोल रूम में हर कैमरे की रिकॉर्डिंग प्रदेश की कुछ जेलों में जेल कर्मचारियों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरे का पायलट प्रोजेक्ट किया गया था। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। जिसके बाद प्रोजेक्ट पर आगे काम शुरू हो गया है। इससे कैदियों के व्यवहार और दिनचर्या पर नजर रखी जा सकेगी। साथ ही सेल के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। कैमरे लेटेस्ट तकनीक के होंगे। इनकी लाइव रिकॉर्डिंग सीधे कंट्रोल रूम में जाएगी। जहां वरिष्ठ अधिकारी इस चीज पर नजर रखेंगे। अगर उन्हें लगेगा कि कुछ गड़बड़ हो रही है तो उसे ठीक किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रोजेक्ट से काफी उम्मीदें हैं। ऐसे काम करेगा कैमरा बॉडी वॉर्न कैमरा छोटा सा डिवाइस होता है। इसे वर्दी के ऊपर कंधे के पास फिट किया जाता है। इस कैमरे में लैंस लगा होता है, जिसे चारों दिशाओं में घुमाया जा सकता है। यानी किसी भी एंगल से रिकॉर्डिंग हो सकती है। यह जीपीएस सिस्टम से लैस होता है। वहीं, रिकॉर्डिंग कंट्रोल रूम में जाएगी। जबकि 15 की रिकॉर्डिंग कैमरे में रह सकती है। जेलों में बंद है 30 हजार कैदी पंजाब में इस समय 25 जेल वर्किंग हैं। इनमें 30 हजार से अधिक कैदी बंद हैं। यह कैदी विभिन्न अपराधों में शामिल है। सरकार की तरफ से बैरकों से लेकर अन्य चीजों को सुधारा जा रहा है। कैदियों की विभिन्न जेलों में लगने वाले केसों की सुनवाई नियमित हो पाए। इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम तक बनाए जा रहे है।
जालंधर नगर निगम कार्यालय में कर्मचारियों का प्रदर्शन:मांगें पूरी न होने पर हड़ताल की चेतावनी, 13वां वेतन लागू करने पर अड़े
जालंधर नगर निगम कार्यालय में कर्मचारियों का प्रदर्शन:मांगें पूरी न होने पर हड़ताल की चेतावनी, 13वां वेतन लागू करने पर अड़े पंजाब के जालंधर नगर निगम कार्यालय में आज नगर निगम के कर्मचारियों ने अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी के दौरान कर्मचारी नगर निगम परिसर में ही अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ गए। कर्मचारी अपने 13वें वेतन और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने पर हड़ताल की चेतावनी दी है। जिससे नगर निगम का काम बाधित रहेगा। जिससे शहर में कूड़ा नहीं उठेगा। कर्मचारी बोले- सरकार कई बार वायदे कर मुकरी नगर निगम मुलाजिमों ने कहा- मांगों की गिनती करें तो कम होंगी। सबसे बड़ी मांग है कि जब तक 13वीं तनख्वाह पर फैसला नहीं होता तो तब तक उक्त हड़ताल जारी रहेगी। जितनी देर सरकार के अधिकारी हमें लिखकर नहीं देते, उतनी देर हम उक्त धरना नहीं खत्म करेंगे। कर्मचारियों ने आगे कहा- सरकार ने आगे भी कई बार इसे लेकर वायदे किए, मगर उक्त मागों को पूरा नहीं किया गया। अमृतसर के तर्ज पर जालंधर में भी छुट्टियों के पैसे मिलें 13वीं तनख्वाह को लेकर कई बार अधिकारियों से बातचीत की गई है और मगर कुछ हल नहीं निकाला गया। अगर आज हमारी मांग नहीं पूरी होती तो हम कल बंद का आह्वान करेंगे। दीपावली का त्योहार सिर पर है, अधिकारी हमें धरने पर बैठने पर मजबूर कर रहे हैं। कर्मचारियों ने आगे कहा- हमें छुट्टियों तक के कोई पैसे नहीं मिलते। अमृतसर में पिछले दो साल से छुट्टियों के पासे दिए जा रहे हैं। मगर जालंधर में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। कर्मचारियों ने मांग की है कि अमृतसर की तर्ज पर जालंधर नगर निगम द्वारा भी जहां कर्मचारियों को छुट्टियों में काम करने के पैसे दिए जाएं।
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा
राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर डेरा सच्चा सौदा ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास रहा है और माननीय न्यायालय से हमें न्याय मिला है। 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
कुरुक्षेत्र के रहने वाले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी पुलिस जांच हुई, लेकिन डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद CBI ने इन्हें उम्रकैद की सजा दे दी। सजा मिलने के तीन साल बाद राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। रणजीत का पूरा परिवार डेरे से जुड़ा था, चिट्ठी के बाद इस्तीफा दिया
साल 2002 में रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरुक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया था। उस गुमनाम खत में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। यह चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मारी गई थी। इसके बाद उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या के केस में भी राम रहीम उम्रकैद काट रहा है। ये खबरें भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी।इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ (पूरी खबर पढ़ें) गुरमीत के राम रहीम बनने की पूरी कहानी:17 की उम्र में शादी, 23 में संन्यासी बना; एक पोशाक से हिंसा फैली, रेप-मर्डर में सजा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 22 साल पुराने रणजीत सिंह मर्डर केस में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। वह जेल से बाहर नहीं आएगा। एक सामान्य इंसान से डेरा सच्चा का प्रमुख बनने तक राम रहीम की कहानी दिलचस्प है। राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की गुरुसर मोडिया गांव में जट सिख परिवार में हुआ। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता मघर सिंह गांव के जमींदार थे। माता का नाम नसीब कौर है। (पूरी खबर पढ़ें) रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। (पूरी खबर पढ़ें)