पंजाब के लुधियाना में हरनाम नगर रेलवे लाइन के पास बस स्टैंड के पास एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। युवक के शव की हालत ठीक नहीं थी। लोगों ने शव को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। थाना डिवीजन नंबर 5 और चौकी कोछड़ मार्केट की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। जानकारी के अनुसार मृतक का नाम गगनदीप उर्फ गोरा है। गोरा के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वह जवाहर नगर कैंप में अपनी मां और भाई के साथ रहता है। इलाके के लोगों ने बताया कि गगनदीप पिछले दो दिनों से लापता था। लोगों ने दी जानकारी परिवार वालों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। कल सुबह जब लोगों ने उसका शव रेलवे ट्रैक के पास पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी। जब शव की पहचान हुई तो पता चला कि गगनदीप का मोबाइल उसके पास था लेकिन शव पास में नहीं मिला। दोस्त से मिला गगनदीप का मोबाइल पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो उन्हें एक युवक से गगनदीप का मोबाइल मिला। पुलिस ने अभी उस युवक की पहचान उजागर नहीं की है। पुलिस ने उक्त युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने गगनदीप के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का पता चलेगा। थाना डिवीजन नंबर 5 के एसएचओ विजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा। पंजाब के लुधियाना में हरनाम नगर रेलवे लाइन के पास बस स्टैंड के पास एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। युवक के शव की हालत ठीक नहीं थी। लोगों ने शव को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। थाना डिवीजन नंबर 5 और चौकी कोछड़ मार्केट की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। जानकारी के अनुसार मृतक का नाम गगनदीप उर्फ गोरा है। गोरा के पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वह जवाहर नगर कैंप में अपनी मां और भाई के साथ रहता है। इलाके के लोगों ने बताया कि गगनदीप पिछले दो दिनों से लापता था। लोगों ने दी जानकारी परिवार वालों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। कल सुबह जब लोगों ने उसका शव रेलवे ट्रैक के पास पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी। जब शव की पहचान हुई तो पता चला कि गगनदीप का मोबाइल उसके पास था लेकिन शव पास में नहीं मिला। दोस्त से मिला गगनदीप का मोबाइल पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो उन्हें एक युवक से गगनदीप का मोबाइल मिला। पुलिस ने अभी उस युवक की पहचान उजागर नहीं की है। पुलिस ने उक्त युवक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने गगनदीप के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का पता चलेगा। थाना डिवीजन नंबर 5 के एसएचओ विजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में हिमाचल से सटे जिलों में बरस रहे बादल:तापमान में बढ़ौतरी के बाद राहत; पंजाब-चंडीगढ़ के हालात बिगड़े, 42 से 53 फीसदी कम बारिश
पंजाब में हिमाचल से सटे जिलों में बरस रहे बादल:तापमान में बढ़ौतरी के बाद राहत; पंजाब-चंडीगढ़ के हालात बिगड़े, 42 से 53 फीसदी कम बारिश पंजाब के तापमान में गुरुवार-शुक्रवार की मध्यरात्रि से बारिश देखने को मिली। जिसके बाद लोगों को गर्मी से हल्की राहत मिली है। गुरुवार एक बार फिर हल्की बढ़ौतरी देखने को मिली है। संभावनाओं के बावजूद पंजाब में बारिश असमान्य है, जिसके चलते तापमान बढ़ रहा है। वहीं पंजाब के फरीदकोट का तापमान गुरुवार 36.9 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के अनुसार आज पंजाब में किसी तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। जबकि कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी होने की संभावनाएं हैं। लेकिन कल, शनिवार पंजाब के हिमाचल से सटे जिलों में बारिश की संभावनाएं बन रही हैं। अनुमान है कि पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर और रूपनगर के अलावा अन्य इलाकों में भी हल्की बारिश हो सकती है। पंजाब में बारिश का पूर्वानुमान व अलर्ट- पंजाब सबसे खुश्क प्रदेश, चंडीगढ़ सबसे अधिक प्रभावित UT 1 जून से शुरू हुए बारिश के सीजन में सबसे अधिक बुरे हाल पंजाब और चंडीगढ़ के बने हुए हैं। चंडीगढ़ में सामान्य से 53 फीसदी कम बारिश हुई है। यहां समान्यता 506.5 मिमी बारिश होती है, जबकि अभी तक 239.4 मिमी बारिश ही हुई है। पंजाब की बात करें तो अभी तक 42 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। यहां समान्यता 266.9 फीसदी बारिश हो जाती है, लेकिन इस साल यहां मात्र 154.8 मिमी बारिश ही रिकॉर्ड हुई है। पंजाब में सबसे अधिक बुरे हालात फतेहगढ़ साहिब के हैं। यहां 74 फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं, इस साल तरनतारन पर बारिश मेहरबान रही है। यहां समान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई।
पंजाब में केंद्र की कृषि पॉलिसी ड्राफ्ट रद्द:मान सरकार बोली- खेती राज्य का विषय, मसौदे में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया
पंजाब में केंद्र की कृषि पॉलिसी ड्राफ्ट रद्द:मान सरकार बोली- खेती राज्य का विषय, मसौदे में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से जारी कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट को रद्द कर दिया है। इस संबंध में केंद्र सरकार को जवाब भेज दिया गया है। सीएम भगवंत मान ने पहले इस संबंध में अधिकारियों को आदेश दिए थे। वहीं केंद्र सरकार ने पंजाब को इस संबंध में 10 जनवरी तक सुझाव भेजने के आदेश दिए थे। पंजाब सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि यह ड्राफ्ट 2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विवादास्पद प्रावधानों को वापस लाने का एक प्रयास है। राज्य के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारतीय संविधान की 7वीं अनुसूची-2, धारा 246 की प्रविष्टि 28 के तहत कृषि राज्य का विषय है। ऐसी नीति लाने की बजाय केंद्र को यह फैसला पंजाब सरकार पर छोड़ देना चाहिए। पंजाब सरकार ने पत्र में उठाए हैं ये सवाल पंजाब सरकार ने पत्र में सवाल उठाया है कि ड्राफ्ट में फसलों के एमएसपी को लेकर पूरी तरह से चुप्पी है। जो पंजाब के किसानों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। ड्राफ्ट में पंजाब की मार्केट कमेटियों को अप्रासंगिक बनाने के लिए निजी मंडियों को बढ़ावा दिया गया है। जो राज्य को स्वीकार्य नहीं है। पंजाब में अपनी मंडी व्यवस्था है। ड्राफ्ट में मंडी फीस पर कैप लगाई गई है। जिससे पंजाब में मंडियों के नेटवर्क और ग्रामीण ढांचे को नुकसान पहुंचेगा। पत्र में यह भी लिखा है कि पंजाब सरकार को नई खेती मंडी नीति के ड्राफ्ट पर आपत्ति है, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने और निजी साइलो को ओपन मार्केट यार्ड घोषित करने की बात कही गई है। साथ ही कमीशन एजेंटों का कमीशन रद्द करने का हवाला दिया गया है। सरकार ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जवाब भेजा केंद्र सरकार द्वारा 25 नवंबर को मसौदा जारी होते ही पंजाब में इसका विरोध शुरू हो गया था। तब पंजाब ने इस पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार से समय मांगा था। इसके बाद पंजाब सरकार ने किसानों, आढ़तियों और इस मसौदे से जुड़े लोगों के साथ बैठक की। जिसके बाद इस दिशा में फैसला लिया गया है। पंजाब के किसान पहले से ही इस मसौदे के खिलाफ हैं। उन्होंने इसके खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने तर्क दिया था कि यह मसौदा कृषि विपणन की चुनौतियों से लड़ने और कृषि विपणन में सुधार का एक प्रयास है। इसके साथ ही व्यापार को सरल बनाने के लिए कृषि बाजार में डिजिटलीकरण और सुधार का तर्क भी है।
SC की नियुक्त कमेटी से मीटिंग नहीं करेंगे किसान:चिट्ठी लिख बोले- जो भी बात होगी, केंद्र से होगी; शंभू बॉर्डर खोलने पर सुनवाई कल
SC की नियुक्त कमेटी से मीटिंग नहीं करेंगे किसान:चिट्ठी लिख बोले- जो भी बात होगी, केंद्र से होगी; शंभू बॉर्डर खोलने पर सुनवाई कल किसान आंदोलन के कारण 10 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर खोलने पर कल (18 दिसंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके अलावा 22 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर भी कोर्ट सुनवाई करेगी। डल्लेवाल MSP कानून की मांग को लेकर अनशन पर हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसानों की समस्या सुनने के लिए बनाई गई कमेटी के साथ 18 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में जाने से किसान नेताओं ने इनकार कर दिया है। उन्होंने एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि अब वे जो भी बात करेंगे, केंद्र सरकार से ही करेंगे। उन्हें कमेटी के सदस्यों से कोई बात नहीं करनी। डल्लेवाल की ओर से कमेटी को लिखी चिट्ठी… लेटर में कहीं ये 4 बड़ी बातें… 1.मेरी भूख हड़ताल का 22वां दिन
आपको मालूम ही होगा कि मैं(डल्लेवाल) 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर हूं, आज मेरी भूख हड़ताल का 22वां दिन है और मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी मेडिकल स्थिति के बारे में जानकारी मिल रही होगी। मेरी भूख हड़ताल की घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 4 नवंबर को की थी, 43 दिन बीत चुके हैं और भूख हड़ताल शुरू हुए 22 दिन हो चुके हैं। 2. 40 से ज्यादा किसान घायल हुए
शंभू बॉर्डर से पैदल दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस अत्याचार किया गया जिसमें 40 से ज्यादा किसान घायल हुए। किसानों और सरकारों के बीच विश्वास बहाली के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आपकी कमेटी बनाई गई थी लेकिन आपने अभी तक इसके लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए और न ही आपने हमारी जायज मांगों को पूरा करवाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने का कोई गंभीर प्रयास किया। 3. कमेटियां सिर्फ औपचारिकता के लिए बनाई
हमारे दोनों मोर्चों को पहले से ही संदेह था कि कमेटियां सिर्फ औपचारिकता के लिए बनाई जाती हैं लेकिन उसके बावजूद भी आप सभी का सम्मान करते हुए हमारा प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर को आपसे मिला लेकिन इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद भी आपकी कमेटी को अभी तक खनौरी और शंभू मोर्चों पर आने का समय नहीं मिला। मुझे यह देखकर बहुत दुख हुआ कि आप इतनी देरी के बाद सक्रिय हुए हैं। क्या यह समिति मेरी मौत का इंतजार कर रही थी? 4. मांगों पर बातचीत केंद्र सरकार से होगी
हमें समिति के आप सभी सम्मानित सदस्यों से ऐसी असंवेदनशीलता की उम्मीद नहीं थी। मेरी मेडिकल स्थिति और शंभू बॉर्डर पर घायल किसानों की स्थिति को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैसला किया है कि हम आपसे बैठक करने में असमर्थ हैं। अब हमारी मांगों पर जो भी बातचीत होगी, वह केंद्र सरकार से ही होगी। डल्लेवाल के अनशन की तस्वीर शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दे चुकी कोर्ट
13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं। डल्लेवाल से अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती न की जाए। संयुक्त किसान मोर्चे की कल आपात बैठक
खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरणव्रत के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से अपनी आपात मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग दोपहर दो बजे चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में होगी। इसमें डल्लेवाल के संघर्ष को समर्थन देने का ऐलान हो सकता है आज के अपडेट्स शंभू बॉर्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 6 पॉइंट… किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा में किसानों का ट्रैक्टर मार्च शंभू-खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार (16 दिसंबर) को हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। हिसार, सोनीपत, चरखी दादरी, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला में किसानों ट्रैक्टर मार्च निकाल प्रदर्शन किया। पूरी खबर पढ़ें…