लुधियाना में हल्का पश्चमी के राजनेता एक्टिव:उप-चुनाव में हो सकता त्रिकोणीय मुकाबला,आप-कांग्रेस और भाजपा में टक्कर,दावेदारों की लगी कतारें

लुधियाना में हल्का पश्चमी के राजनेता एक्टिव:उप-चुनाव में हो सकता त्रिकोणीय मुकाबला,आप-कांग्रेस और भाजपा में टक्कर,दावेदारों की लगी कतारें

पंजाब के लुधियाना में हल्का पश्चमी में आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की मौत के बाद अब ये सीट खाली हो गई है। इस सीट पर चुनाव आयोग जल्द उप-चुनाव करवाएगा। उप-चुनाव को लेकर हल्का पश्चमी में राजनेता एक्टिव हो गए है। उप-चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं ने अंदरखाते अपनी दावेदारियां भी पार्टी हाईकमान को भेजनी शुरू कर दी है। इस सीट पर जो भी विधायक बनेगा वह करीब डेढ़ साल तक काम कर सकेगा लेकिन फिर भी समस्त पार्टियों में इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा। इस सीट पर अभी तक के राजनीतिक हालात मुताबिक आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर रहने वाली है। 2022 के विधान सभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ाई जाए तो आप के उम्मीदवार गुरप्रीत बस्सी गोगी 40,443 वोट लेकर विजयी रहे थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस से भारत भूषण आशु को 32,931 हजार वोट मिले थे। इसी तरह भाजपा के बिक्रम सिंह सिद्धू ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करके 28,107 वोट हासिल कर तीसरा स्थान हासिल किया था। इन्हीं समीकरणों के कारण इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। आशु पर कांग्रेस की गुटबाजी पड़ सकती भारी बात करें कांग्रेस की तो यहां से पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू सबसे पहला नाम है और इस बार वे सबसे मजबूत व ताकतवर उम्मीदवार भी माने जा रहे हैं लेकिन मौजूदा सरकार के सामने चुनाव लड़ना और कांग्रेस में गुटबाजी का शिकार होने से आशु बचना भी चाह रहे है। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि हल्का पश्चमी से ममता आशु भी चुनाव मैदान में आ सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी में भी हल्का पश्चमी विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं और उनकी ओर से विधायक बनने तक के सपने भी संजो लिए गए हैं। इन नाम में फिलहाल दविंदर सिंह घुम्मन, तनवीर सिंह धालीवाल का नाम सामने आ रहा है, लेकिन पार्टी इस बार किसे टिकट देगी इस पर कुछ भी साफ नहीं है। गोगी की पत्नी पर आप जता सकती भरोसा विधायक गुरप्रीत गोगी के अकस्मात निधन के बाद आम आदमी पार्टी गोगी परिवार से उनकी पत्नी सुखचैन बस्सी को टिकट देकर पब्लिक से सांत्वना हासिल करने का कार्ड भी खेल सकती है। बात करें भारतीय जनता पार्टी की तो अबकी बार इस सीट पर किसे चुनाव लड़वाते ये क्लियर नहीं है। लेकिन भाजपा के अंदर खाते इस सीट से चुनाव लड़ने वाले चाहवानों की कतर बढ़ती दिख रही है। भाजपा से सबसे पहले तीन नाम में इस वक्त एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू, काका सूद, राशि अग्रवाल के नाम है। यदि गोगी की पत्नी डा. सुखचैन कौर बस्सी और कांग्रेस से ममता आशु चुनाव लड़ती है तो भाजपा हिन्दू चेहरा होने के नाते राशि अग्रवाल पर भरोसा कर सकती है। एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू को झेलनी पड़ सकती है खिलाफत
विधानसभा 2022 में भाजपा की ओर से पश्चमी से उतारे गए उम्मीदवार एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू को 28,107 बड़ी वोट हासिल हुई थी और उनके प्रदर्शन को बेहतरीन माना गया था। लेकिन 3 साल बाद यह समीकरण एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू के लिए एकदम से बदलते दिखाई दे रहे हैं। बदलते राजनीतिक समीकरणों के चलते एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू की तो इस बार टिकट लेने से लेकर चुनाव लड़ने में अपनों की बड़ी खिलाफत झेलनी पड़ सकती है। इसका बड़ा कारण है कि अभी हाल ही में नगर निगम चुनाव में हल्का पश्चमी विधानसभा से भाजपा की ओर से उतारे गए पार्षद उम्मीदवारों में किसी के भी वे प्रचार में नहीं पहुंचे। शिरोमणि अकाली दल से इस सीट पर मुख्य चेहरों में कारोबारी कमल चेटली, एडवोकेट हरीश राए ढांडा, पूर्व मंत्री महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल के बेटे हितेश इंद्र सिंह, शिअद शहरी प्रधान भूपिंद्र सिंह भिंदा और एडवोकेट परोपकार सिंह घुम्मन भी दावेदार है। वहीं पूर्व अध्यक्ष हरभजन सिंह डंग के बेटे हरप्रीत सिंह डंग भी टिकट के लिए दावेदारी जता रहे है। पंजाब के लुधियाना में हल्का पश्चमी में आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की मौत के बाद अब ये सीट खाली हो गई है। इस सीट पर चुनाव आयोग जल्द उप-चुनाव करवाएगा। उप-चुनाव को लेकर हल्का पश्चमी में राजनेता एक्टिव हो गए है। उप-चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं ने अंदरखाते अपनी दावेदारियां भी पार्टी हाईकमान को भेजनी शुरू कर दी है। इस सीट पर जो भी विधायक बनेगा वह करीब डेढ़ साल तक काम कर सकेगा लेकिन फिर भी समस्त पार्टियों में इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा। इस सीट पर अभी तक के राजनीतिक हालात मुताबिक आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर रहने वाली है। 2022 के विधान सभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ाई जाए तो आप के उम्मीदवार गुरप्रीत बस्सी गोगी 40,443 वोट लेकर विजयी रहे थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस से भारत भूषण आशु को 32,931 हजार वोट मिले थे। इसी तरह भाजपा के बिक्रम सिंह सिद्धू ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करके 28,107 वोट हासिल कर तीसरा स्थान हासिल किया था। इन्हीं समीकरणों के कारण इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। आशु पर कांग्रेस की गुटबाजी पड़ सकती भारी बात करें कांग्रेस की तो यहां से पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू सबसे पहला नाम है और इस बार वे सबसे मजबूत व ताकतवर उम्मीदवार भी माने जा रहे हैं लेकिन मौजूदा सरकार के सामने चुनाव लड़ना और कांग्रेस में गुटबाजी का शिकार होने से आशु बचना भी चाह रहे है। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि हल्का पश्चमी से ममता आशु भी चुनाव मैदान में आ सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी में भी हल्का पश्चमी विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं और उनकी ओर से विधायक बनने तक के सपने भी संजो लिए गए हैं। इन नाम में फिलहाल दविंदर सिंह घुम्मन, तनवीर सिंह धालीवाल का नाम सामने आ रहा है, लेकिन पार्टी इस बार किसे टिकट देगी इस पर कुछ भी साफ नहीं है। गोगी की पत्नी पर आप जता सकती भरोसा विधायक गुरप्रीत गोगी के अकस्मात निधन के बाद आम आदमी पार्टी गोगी परिवार से उनकी पत्नी सुखचैन बस्सी को टिकट देकर पब्लिक से सांत्वना हासिल करने का कार्ड भी खेल सकती है। बात करें भारतीय जनता पार्टी की तो अबकी बार इस सीट पर किसे चुनाव लड़वाते ये क्लियर नहीं है। लेकिन भाजपा के अंदर खाते इस सीट से चुनाव लड़ने वाले चाहवानों की कतर बढ़ती दिख रही है। भाजपा से सबसे पहले तीन नाम में इस वक्त एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू, काका सूद, राशि अग्रवाल के नाम है। यदि गोगी की पत्नी डा. सुखचैन कौर बस्सी और कांग्रेस से ममता आशु चुनाव लड़ती है तो भाजपा हिन्दू चेहरा होने के नाते राशि अग्रवाल पर भरोसा कर सकती है। एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू को झेलनी पड़ सकती है खिलाफत
विधानसभा 2022 में भाजपा की ओर से पश्चमी से उतारे गए उम्मीदवार एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू को 28,107 बड़ी वोट हासिल हुई थी और उनके प्रदर्शन को बेहतरीन माना गया था। लेकिन 3 साल बाद यह समीकरण एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू के लिए एकदम से बदलते दिखाई दे रहे हैं। बदलते राजनीतिक समीकरणों के चलते एडवोकेट विक्रम सिंह सिद्धू की तो इस बार टिकट लेने से लेकर चुनाव लड़ने में अपनों की बड़ी खिलाफत झेलनी पड़ सकती है। इसका बड़ा कारण है कि अभी हाल ही में नगर निगम चुनाव में हल्का पश्चमी विधानसभा से भाजपा की ओर से उतारे गए पार्षद उम्मीदवारों में किसी के भी वे प्रचार में नहीं पहुंचे। शिरोमणि अकाली दल से इस सीट पर मुख्य चेहरों में कारोबारी कमल चेटली, एडवोकेट हरीश राए ढांडा, पूर्व मंत्री महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल के बेटे हितेश इंद्र सिंह, शिअद शहरी प्रधान भूपिंद्र सिंह भिंदा और एडवोकेट परोपकार सिंह घुम्मन भी दावेदार है। वहीं पूर्व अध्यक्ष हरभजन सिंह डंग के बेटे हरप्रीत सिंह डंग भी टिकट के लिए दावेदारी जता रहे है।   पंजाब | दैनिक भास्कर