पंजाब के लुधियाना में ढंडारी खुर्द छत पर खेल रहे छात्र को अचानक हाई वोल्टेज तारों से करंट लग गया। छात्र बुरी तरह से झुलस गया। विशाल छत्त पर ही बेहोश होकर गिर गया। शोर-शराबा पड़ने पर तुरंत छात्र को सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत बिगड़ती देख तुरंत उसे पीजीआई रेफर कर दिया। घायल छात्र का नाम विशाल (14) है। विशाल अपने परिवार में बड़ा बेटा है। छत पर खेल रहा था विशाल जानकारी देते हुए विशाल के जीजा सुमित ने कहा कि विशाल छत पर खेल रहा था। तभी पड़ोस में रहती महिला ने पानी से भीगी साड़ी छत्त पर सुखने के लिए डाली थी। विशाल अपनी छत्त पर खेल रहा था। शक है कि शायद हवा चलने के कारण साड़ी में जो पानी था वह हाईटेंशन तारों पर पड़ गया जिस कारण बिल्डिंग की छत्त पर करंट आ गया। घायल विशाल ने कहा कि वह नहा कर छत्त के बनेरे के पास खेलते समय खड़ा हो गया। तभी अचानक से उसे करंट लग गया। उसे लगा जैसे उसे आग लग गई हो। इस दौरान वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। पूरी बिल्डिंग तारें जली पूरी बिल्डिंग की तारें जल गई। हादसे में महिला के भी झुलसे होने का पता चला है कि लेकिन महिला का नाम आदि कुछ पता नहीं चला। विशाल को जब अस्पताल लेकर आए तो वह करीब 60 से 70 फीसदी झुलसा हुआ था। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर पीजीआई रेफर कर दिया। विशाल 7वीं कक्षा का छात्र है जो सरकारी स्कूल में पढ़ता था। सुमित ने कहा कि विशाल का चेहरा और बाकी शरीर की चमड़ी करंट लगने से उतर गई है। इस घटना के बाद इलाके के लोगों में हाई वोल्टेज तारों को लेकर पावरकाम के खिलाफ भी काफी रोष है। पंजाब के लुधियाना में ढंडारी खुर्द छत पर खेल रहे छात्र को अचानक हाई वोल्टेज तारों से करंट लग गया। छात्र बुरी तरह से झुलस गया। विशाल छत्त पर ही बेहोश होकर गिर गया। शोर-शराबा पड़ने पर तुरंत छात्र को सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उसकी हालत बिगड़ती देख तुरंत उसे पीजीआई रेफर कर दिया। घायल छात्र का नाम विशाल (14) है। विशाल अपने परिवार में बड़ा बेटा है। छत पर खेल रहा था विशाल जानकारी देते हुए विशाल के जीजा सुमित ने कहा कि विशाल छत पर खेल रहा था। तभी पड़ोस में रहती महिला ने पानी से भीगी साड़ी छत्त पर सुखने के लिए डाली थी। विशाल अपनी छत्त पर खेल रहा था। शक है कि शायद हवा चलने के कारण साड़ी में जो पानी था वह हाईटेंशन तारों पर पड़ गया जिस कारण बिल्डिंग की छत्त पर करंट आ गया। घायल विशाल ने कहा कि वह नहा कर छत्त के बनेरे के पास खेलते समय खड़ा हो गया। तभी अचानक से उसे करंट लग गया। उसे लगा जैसे उसे आग लग गई हो। इस दौरान वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गया। पूरी बिल्डिंग तारें जली पूरी बिल्डिंग की तारें जल गई। हादसे में महिला के भी झुलसे होने का पता चला है कि लेकिन महिला का नाम आदि कुछ पता नहीं चला। विशाल को जब अस्पताल लेकर आए तो वह करीब 60 से 70 फीसदी झुलसा हुआ था। डॉक्टरों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर पीजीआई रेफर कर दिया। विशाल 7वीं कक्षा का छात्र है जो सरकारी स्कूल में पढ़ता था। सुमित ने कहा कि विशाल का चेहरा और बाकी शरीर की चमड़ी करंट लगने से उतर गई है। इस घटना के बाद इलाके के लोगों में हाई वोल्टेज तारों को लेकर पावरकाम के खिलाफ भी काफी रोष है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट जालंधर वेस्ट सीट पर हुए विधानसभा उप-चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने सीएम भगवंत मान की सपोर्ट से 55246 वोट हासिल किए और तकरीबन 37325 वोट से जीत हासिल की। जालंधर वेस्ट में ये अभी तक की सबसे बढ़ी जीत मानी जा रही है, जबकि पूर्व विधायक व भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल 17921 वोट और कांग्रेस की सुरिंदर कौर 16757 वोटों के साथ कैडर वोट भी नहीं जुटा पाए। विधानसभा 2022 के चुनावों में 39213 वोट AAP ने हासिल किए थे। जबकि कांग्रेस को 34960 और भाजपा को 33486 वोट मिले थे। लेकिन इस बार आंकड़ों में भारी बदलाव हुआ। भास्कर एक्सप्लेनर में जानें AAP की जीत का रहस्य- 6 फैक्टर्स, जिसने AAP को दिलाई जीत- 1. सीएम मान का विश्वास व एक्शन लोकसभा चुनावों में AAP की हार के बाद सीएम भगवंत मान के लिए ये उप-चुनाव एक कड़ी चुनौती बना, जिसे उन्होंने फ्रंट पर रहते हुए जीता है। चुनावों की घोषणा व मोहिंदर भगत का नाम घोषित होने के बाद सीएम का खुद जालंधर में घर लेना और सप्ताह में दो दिन यहां रुकने की घोषणा ने वोटरों को एक बार फिर AAP पर विश्वास करने के लिए मजबूर किया। 2. खुद प्रचार के लिए उतरे CM
मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम AAP प्रचार लिस्ट में चाहे नीचे था, लेकिन पूरे प्रचार की कमान उन्होंने ही संभाल ली थी। अंतिम दिनों में सीएम मान ने खुद मीटिंगें करनी शुरू की। एक दिन में सीएम मान ने 4 से 5 मीटिंग्स का लक्ष्य रखा था। भीड़ के बीच आम नागरिक की तरह सीएम मान को घूमते देख वोटरों का विश्वास बढ़ा और AAP को उसका फायदा हुआ। 3. मिस CM मान ने संभाली कमान CM मान खुद फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, लेकिन उन्हें मिस CM व अपनी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर का साथ भी इन चुनावों में मिला। चुनाव घोषणा के बाद सीएम मान के साथ डॉ. गुरप्रीत कौर भी जालंधर में शिफ्ट हो गईं। हाथ में कुछ महीनों की बेटी को पकड़ जालंधर में खरीदे घर में प्रवेश ने लोगों के दिलों में छाप छोड़ी। इसके बाद सीएम मान की गैर हाजिरी में उन्होंने कैंप ऑफिस में लोगों की मुश्किलों को सुना भी और तत्काल उनकी समस्याओं को हल भी करवाया। इतना ही नहीं, डॉ. गुरप्रीत कौर खुद नुक्कड़ मीटिंगों में पहुंची और फीमेल वोटरों का विश्वास जीता। 4. जालंधर वेस्ट में 50% से अधिक SC वोटर जालंधर लोकसभा चुनावों में सांसद बने कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी की जीत का सबसे बढ़ा कारण SC व रविदासिया समुदाय का समर्थन मिलना था। जालंधर वेस्ट की बात करें ताे यहां 50% से अधिक वोटर SC, रविदासिया व भगत समुदाय का है। चुनावों की घोषणा के बाद से ही मोहिंदर पाल भगत को भगत समुदाय ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद रविदासिया समुदाय भी खुलकर उनके साथ चला। पूर्ण रूप से SC वोटर का साथ मिलने के बाद मोहिंदर पाल भगत की जीत लगभग तय हो चुकी थी। 5. AAP सरकार की स्कीमों का लाभ जालंधर वेस्ट में अधिकतर आबादी बस्तियों में बस्ती है, जो बिलो पावर्टी लाइन (BPL) कैटेगरी में आते हैं। जल्लवाल आबादी, भारगो कैंप, बस्ती दानिश मनदा, बस्ती गुजां, बबरीक चौक और बस्ती नौ ऐसे इलाके हैं, जहां अधिकतर वोटर हैं। AAP को इन इलाकों से काफी अधिक फायदा हुआ। 600 यूनिट के बाद भी इन्हें बिजली मुफ्त है और आटा दाल स्कीम से यहां कई घरों के चूल्हे चलते हैं। 6. साफ छवि व चुन्नी लाल भगत के परिवार की छाप रही भारी मोहिंदर पाल भगत पूर्व भाजपा विधायक व पंजाब सरकार में मंत्री रहे चुनी लाल भगत के बेटे हैं। चुनी लाल भगत की तरह आज तक मोहिंदर पाल भगत की छवि पर कोई उंगली नहीं उठा सका। AAP व CM मान ने उनकी छवि को आगे रखकर ही प्रचार शुरू किया। जबकि कांग्रेस पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के एक भी काम को प्रमुख रखकर वोट नहीं मांग सकी। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल को वोटरों ने दल बदल का टैग लगाते हुए निकारा। जाने क्यों जरूरी थी AAP के लिए ये जीत AAP को लोकसभा 2024 के चुनावों में पंजाब में सरकार होने के बावजूद करारी हार का सामना करना पड़ा था। AAP कम होती पॉपुलैरिटी को दोबारा खड़ा करने के लिए ये जीत काफी मायने रखती है। पंजाब में पंचायती चुनाव, नगर निगम चुनाव, दोनों पैंडिंग हैं। वहीं, आने वाले 6 महीनों में 4 और सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव आने वाले हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अगर इस विधानसभा उप-चुनाव में भी हार मिलती तो AAP के वर्कर नैतिक रूप से कमजोर जो जाती। कांग्रेस बेहतर प्लानिंग की तरफ बढ़ेगी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 7 सीटें जीतने और राज्य में 26.30% वोट हासिल करने के बाद सबसे बढ़ी पार्टी बन चुकी है। लोकसभा चुनाव जालंधर में जीतने के बाद भी उप-चुनाव में हार के लिए कांग्रेस को अब मंथन की आवश्यकता है। 2022 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से कई सीनियर लीडर चुप्पी साध चुके हैं और PPCC से उलट चल रहे हैं। कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती उन्हें इकट्ठे करके आने वाले समय में 4 लोकसभा सीटों, डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला पर होने वाले उप-चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है। कांग्रेस के लिए ये चार सीटों में से तीन पर जीत हासिल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 2022 में इनमें से तीन सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल पर कांग्रेस का कब्जा था। भाजपा खुद को मजबूत करने में जुटी भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास पंजाब से एक भी लोकसभा सीट नहीं है, लेकिन राज्य की वे तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा विस्तार की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में उसका लक्ष्य अपने कैडर वोटर को बढ़ाना है। दल बदलू का टैग पाकर शीतल अंगुराल उप-चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके और दूसरे स्थान पर रहे हैं। सिर्फ उनके ही नहीं, सुशील कुमार रिंकू के लिए भी भाजपा में अपना स्थान बनाए रखना एक चुनौती है। अकाली दल ने BSP का सपोर्ट कर पल्ला झाड़ा 2017 व उसके बाद हुए सभी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में अकाली दल लगातार नीचे गिरता जा रहा है। अब जब अकाली दल में अंतर-कलह ही बहुत अधिक बढ़ चुकी है तो सीनियर लीडरशिप ने बहुजन समाज पार्टी का साथ देने की घोषणा करते हुए इन चुनावों से ही दूर कर लिया। हालात ऐसे बने की अध्यक्ष सुखबीर बादल और चंदूमाजरा समर्थक बागी गुट के बीच खुद को फंसता देख अकाली दल उम्मीदवार सुरजीत कौर ने ही दल बदल AAP जाइन कर ली। चूंकि, सुरजीत कौर नामांकन वापस ना ले सकी, AAP में जाने के बाद भी वे अकाली दल की उम्मीदवार रहीं। इन परिणामों अकाली दल व BSP के परिणाम ने सभी को हैरान कर दिया। अकाली दल का समर्थन पा कर भी BSP पांचवें नंबर और अकाली दल उससे अधिक वोटें हासिल कर सकी। 4 उप-चुनावों में भी CM मान को दिखानी होगी ताकत जालंधर वेस्ट चुनाव के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती चार सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला के उप-चुनाव होंगे। AAP के लिए अपनी गिरी पॉपुलैरिटी को उठाने का यहां सबसे अच्छा मौका होगा। सीएम मान के बाद पंजाब में अभी तक कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं है और ये पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान भी है। ऐसे में जालंधर उप-चुनाव की तरह ही इन विधानसभा हलकों की कमान सीएम मान को खुद संभालनी होगी। बरनाला तो AAP का गढ़ है। CM मान इसे अपने हाथ से नहीं जाने देंगे। वहीं, चब्बेवाल के पूर्व विधायक डॉ. राज कुमार के दल-बदल कर सांसद बन जाने के बाद यहां भी AAP स्ट्रॉन्ग हुई है। डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा दो कांग्रेस की सीटें हैं, जिनकी सेंधमारी के लिए CM मान को कड़ी मेहनत करनी होगी।
लुधियाना के सांसद राजा वड़िंग ने वित्तमंत्री से की मुलाकात:धारा 43-बी को स्थगित करने की रखी मांग, कहा- खत्म हो जाएगा एमएसएमई
लुधियाना के सांसद राजा वड़िंग ने वित्तमंत्री से की मुलाकात:धारा 43-बी को स्थगित करने की रखी मांग, कहा- खत्म हो जाएगा एमएसएमई पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वित्त अधिनियम 2023 की धारा 43 बी के कार्यान्वयन को स्थगित करने की मांग की। जो एमएसएमई के रूप में पंजीकृत सूक्ष्म और लघु विक्रेताओं को भुगतान से संबंधित है। राजा वड़िंग ने इस संबंध में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। एमएसएमई सेक्टर होगा प्रभावित इस संशोधन के अनुसार, यदि एमएसएमईडी अधिनियम, 2006 की धारा 15 के तहत निर्दिष्ट अवधि के भीतर छोटे और सूक्ष्म विक्रेताओं को भुगतान नहीं किया जाता है, तो व्यय को आयकर कानूनों के तहत कटौती के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। इसने एमएसएमई क्षेत्र को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है, और उनकी वित्तीय क्षमताओं पर दबाव डाला है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की मौजूदा गतिशीलता को देखते हुए, जो कि अत्यंत विखंडित और काफी हद तक अनौपचारिक है। इंट्रा-सेक्टर ऋण सहायता पर बहुत अधिक निर्भरता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को औपचारिक बैंकिंग चैनलों द्वारा प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधाओं से व्यापक रूप से लाभ नहीं मिलता है। उद्योग के भीतर सामान्य ऋण अवधि 90 से 120 दिनों तक होती है, जो अक्सर 180 दिनों तक बढ़ जाती है। राजा वड़िंग ने कहा कि यह स्थिति विशेष रूप से लुधियाना में प्रचलित है। जिस निर्वाचन क्षेत्र का वह प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां व्यवसाय अपने संचालन को बनाए रखने और नकदी प्रवाह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए लचीले ऋण शर्तों पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं। यह उठाई मांग पीसीसी अध्यक्ष ने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि वे खरीदारों से भुगतान प्राप्त करने की समय सीमा को 31 मार्च, 2025 तक अधिकतम 90 दिन और 31 मार्च, 2026 तक 60 दिन तक बढ़ाने पर विचार करें और अंत में इसे 31 मार्च, 2027 तक 45 दिन तक घटा दें।
पंजाब के 7 जिलों में शीतलहर, बारिश की संभावना:ठंडी हवाएं चलेंगी, एक्टिव होगा पश्चिमी विक्षोभ, चंडीगढ़ में तापमान में गिरावट
पंजाब के 7 जिलों में शीतलहर, बारिश की संभावना:ठंडी हवाएं चलेंगी, एक्टिव होगा पश्चिमी विक्षोभ, चंडीगढ़ में तापमान में गिरावट आज एक बार फिर मौसम विभाग ने पंजाब-चंडीगढ़ में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया है। कुछ दिनों से धूप न निकलने के कारण पूरे राज्य का दिन का तापमान अभी भी सामान्य से 1.8 डिग्री कम है। लेकिन आने वाले दो दिन राहत भरे रहने वाले हैं। लेकिन 4 जनवरी से एक बार फिर मौसम बदलेगा और राज्य में फिर से बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार चंडीगढ़ में हालात सामान्य रहने वाले हैं और यहां मौसम की स्थिति सामान्य रहेगी। वहीं पंजाब के फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा, बरनाला और मानसा में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में हालात सामान्य रहेंगे और मौसम विभाग ने अन्य किसी जिले के लिए चेतावनी जारी नहीं की है। 4 जनवरी से एक्टिव हो रहा है पश्चिमी विक्षोभ 4 जनवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसका असर मैदानी इलाकों के साथ-साथ पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर भी पड़ेगा। 4 जनवरी को पंजाब के अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और होशियारपुर में हल्की बारिश होने की संभावना है। वहीं, 5-6 जनवरी को भी पंजाब के ज्यादातर इलाकों में बारिश के आसार हैं। अगर यह पश्चिमी विक्षोभ जोर पकड़ता है तो यह साल की पहली बारिश होगी। वहीं, दिसंबर महीने में पंजाब में सामान्य से 126 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। आमतौर पर दिसंबर महीने में 10.9 एमएम बारिश होती है, लेकिन इस साल अब तक 24.7 एमएम बारिश हो चुकी है। गेहूं की फसल के लिए बारिश अच्छी पंजाब में 34 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई है। दिसंबर में हुई बारिश के बाद किसान काफी खुश हैं। किसानों का मानना है कि दिसंबर-जनवरी में होने वाली बारिश गेहूं की फसल के लिए काफी अच्छी है। इससे गेहूं की फसल सूखेगी नहीं और अच्छी स्थिति में रहेगी। चंडीगढ़- पंजाब के शहरों का मौसम चंडीगढ़- आसमान में हल्के बादल छाएंगे। तापमान 10 से 16 डिग्री के बीच रह सकता है। अमृतसर- आसमान में हल्के बादल छाएंगे। तापमान 9 से 16 डिग्री के बीच रह सकता है। जालंधर- आसमान में हल्के बादल छाएंगे। तापमान 10 से 16 डिग्री के बीच रह सकता है। लुधियाना- आसमान में हल्के बादल छाएंगे। तापमान 10 से 18 डिग्री के बीच रह सकता है। पटियाला- आसमान में हल्के बादल छाएंगे। तापमान 9 से 16 डिग्री के बीच रह सकता है। मोहाली- आसमान में हल्के बादल छाएंगे। तापमान 10 से 17 डिग्री के बीच रह सकता है।