लुधियाना के AAP के एक नेता द्वारा गत दिनों हथियार के साथ सोशल मीडिया पर वी़डियो अपलोड करने के मामले में सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता ने अपना स्पष्टीकरण दिया और साथ ही पुलिस विभाग से माफी मांगी। उनका कहना है कि ये वीडियो पांच साल पुरानी थी। लुधियाना के लाडोवाल के अधीन आने वाले गांव तलवंडी कलां के आम आदमी पार्टी नेता नछतर सिंह लक्की ने पूरे मामले पर सफाई देते कहा कि सोशल मीडिया पर हथियार के साथ जो वीडियो अपलोड हुई थी, वह उनके द्वारा नहीं, बल्कि घर में एक छोटे बच्चे द्वारा गलती से अपलोड हो गई। कुछ समय बाद जैसे ही उन्हें इसका पता चला तो उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया से उक्त वीडियो को हटा दिया था। पांच साल पुरानी थी वीडियो लक्की ने बताया कि वीडियो पांच साल पुरानी थी और रिवाल्वर भी लाईसेंसी था, जोकि उनके किसी रिश्तेदार का था। गलती से वीडियो अपलोड हुई थी, जिसे लेकर वह पुलिस विभाग से भी माफी मांगते हैं। हथियार समेत वीडियो डालना है कानूनी अपराध बता दें कि, सोशल मीडिया पर हथियार के साथ वीडियो डालना कानूनी अपराध है, जिसे सरकार द्वारा भी पुलिस विभाग को सख्ती से आदेश दे रखे हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति हथियार के साथ अपनी फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पे डाले तो तुरंत एक्शन लिया जाए। इस बाबत लक्की के समर्थन में अन्य लोग भी सामने आए और कहा कि लक्की पार्टी का वफादार सिपाही है और वह ऐसी गलती नहीं कर सकता। लुधियाना के AAP के एक नेता द्वारा गत दिनों हथियार के साथ सोशल मीडिया पर वी़डियो अपलोड करने के मामले में सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता ने अपना स्पष्टीकरण दिया और साथ ही पुलिस विभाग से माफी मांगी। उनका कहना है कि ये वीडियो पांच साल पुरानी थी। लुधियाना के लाडोवाल के अधीन आने वाले गांव तलवंडी कलां के आम आदमी पार्टी नेता नछतर सिंह लक्की ने पूरे मामले पर सफाई देते कहा कि सोशल मीडिया पर हथियार के साथ जो वीडियो अपलोड हुई थी, वह उनके द्वारा नहीं, बल्कि घर में एक छोटे बच्चे द्वारा गलती से अपलोड हो गई। कुछ समय बाद जैसे ही उन्हें इसका पता चला तो उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया से उक्त वीडियो को हटा दिया था। पांच साल पुरानी थी वीडियो लक्की ने बताया कि वीडियो पांच साल पुरानी थी और रिवाल्वर भी लाईसेंसी था, जोकि उनके किसी रिश्तेदार का था। गलती से वीडियो अपलोड हुई थी, जिसे लेकर वह पुलिस विभाग से भी माफी मांगते हैं। हथियार समेत वीडियो डालना है कानूनी अपराध बता दें कि, सोशल मीडिया पर हथियार के साथ वीडियो डालना कानूनी अपराध है, जिसे सरकार द्वारा भी पुलिस विभाग को सख्ती से आदेश दे रखे हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति हथियार के साथ अपनी फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पे डाले तो तुरंत एक्शन लिया जाए। इस बाबत लक्की के समर्थन में अन्य लोग भी सामने आए और कहा कि लक्की पार्टी का वफादार सिपाही है और वह ऐसी गलती नहीं कर सकता। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश
कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनोट की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है। कंगना पर सिखों की भावनाओं को भड़काने के आरोप एडवोकेट धामी ने कहा कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। सिख कार्यकर्ता पर आधारित फिल्म पर लगा था प्रतिबंध धामी ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ की रिलीज को 85 कट लगाने के बाद भी सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। जबकि सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली इमरजेंसी फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। ये दोहरे मापदंड देशहित में नहीं हैं, इसलिए सरकार को इस बारे में सोचने की जरूरत है। सेंसर बोर्ड में सिख सदस्य शामिल करने की मांग एडवोकेट धामी ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने की मांग की है। सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण ही एकतरफा फैसले लिए जा रहे हैं। SGPC ने कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि जरूर शामिल किया जाए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। 1975 में आंधी फिल्म पर लगा था बैन इससे पहले, 1975 में आंधी फिल्म को इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने बैन कर दिया था। फिल्म इमरजेंसी से कुछ वक्त पहले रिलीज हुई थी, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्म पर कांग्रेस पार्टी की इमेज खराब करने का आरोप लगा था। फिल्म पर बैन लगने के बाद, लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन कभी किसी हिंदी फिल्म में नजर नहीं आईं। अफवाहें थीं कि यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके पूर्व पति के साथ रिश्ते पर बनी है, लेकिन सच्चाई सिर्फ इतनी थी कि सुचित्रा सेन ने आरती देवी का किरदार निभाया था, जिसकी लुक ही इंदिरा गांधी से प्रेरित थी। बाद में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद 1977 में इसे रिलीज किया। पहले भी विवादों में रह चुकीं कंगना रनोट 1. किसान आंदोलन से जुड़ी टिप्पणी पर हो चुका केस कंगना भाजपा के विरोधी दलों और उनकी ओर से चलाए जाने वाले आंदोलनों पर तल्ख टिप्पणियां करती रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने धरना देने वाली महिलाओं के बारे में कह दिया था कि ये लोग 100-100 रुपए लेकर धरने में आती हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ पंजाब के कोर्ट में मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ 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जालंधर पहुंचे AAP नेता राघव चड्ढा:सचखंड डेरा बल्लां में माथा टेका, संत निरंजन दास के दरबार में हाजिरी लगाई
जालंधर पहुंचे AAP नेता राघव चड्ढा:सचखंड डेरा बल्लां में माथा टेका, संत निरंजन दास के दरबार में हाजिरी लगाई पंजाब की राजनीति में डेरों का शुरू से ही प्रभाव रहा है। जब भी चुनाव आते हैं, नेता डेरों में जाना शुरू कर देते हैं। आज आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा जालंधर के सचखंड बल्लां पहुंचे और संत श्री निरंजन दास महाराज से आशीर्वाद लिया। जालंधर में रविदास समुदाय की मजबूत पकड़ है, जिसके चलते डेरा बल्लां अपने आप में बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है। जालंधर सीट पर सभी उम्मीदवार रविदास समाज से बता दे कि जालंधर में डेरा बल्लां को लुभाने के लिए हर पार्टी ने अपना उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखने वाले को ही उतारा है। ताकि डेरा बल्लां और रविदास समाज का उन्हें स्पॉट मिल सके। क्योंकि डेला बल्लां जालंधर जिले से सहित पंजाब में अपना काफी प्रभाव रखता है। बता दें कि डेरा बल्लां में कई वरिष्ठ नेता संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने पहुंच चुके हैं। जिनमें दिल्ली की सीएम केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा और अन्य के नाम शामिल हैं। डेरों के फेरे जरूरी क्यों… पंजाब में बने ज्यादातर डेरे कभी किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन नहीं देते। राजनीतिक तौर पर डेरे निष्पक्ष रहते हैं। इसके बावजूद वोटरों में उनका सियासी दबदबा बरकरार रहता है। जालंधर चुनाव की बात करें तो यहां सबसे पावरफुल रविदासिया समाज का सबसे बड़ा धर्मस्थल डेरा सचखंड बल्लां हैं। उनके करीब पंजाब लाख अनुयायी जालंधर लोकसभा सीट पर वोटर हैं। इन्हीं वोटों पर नजर रख नेता डेरे पहुंचते हैं। दूसरे नंबर पर नूरमहल डेरा है। हालांकि फिलहाल यह डेरा ज्यादा एक्टिव नजर नहीं आ रहा।
लुधियाना में NRI के घर पर फायरिंग:2 खोल मिले; छोटी बहन के अश्लील फोटो वायरल कर जान से मारने की धमकी दी
लुधियाना में NRI के घर पर फायरिंग:2 खोल मिले; छोटी बहन के अश्लील फोटो वायरल कर जान से मारने की धमकी दी पंजाब में जगराओं शहर के कच्चा मलक रोड स्थित एक NRI की कोठी पर एक युवक ने मंगलवार रात को गोलियां चलाईं। इससे परिवार समेत आसपास के लोगों में डर का माहौल है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गोलियों के 2 खोल बरामद किए, और CCTV की जांच कर एक अज्ञात समेत 2 आरोपियों के खिलाफ थाना सिटी में मामला दर्ज किया है। आरोपी की पहचान तरूण कुमार निवासी रामपुरा दोराहा और एक अज्ञात के रूप में हुई है। इस मामले में ASI नरिंदर शर्मा ने बताया कि पीड़ित महिला नवदीप कौर निवासी गांव तिहाडा पत्ती मुलतानी सिधवां बेट (हाल निवासी कच्चा मलक रोड गली नंबर 4 जगराओं) ने शिकायत दी है। फोन पर धमकियां दे रहा था आरोपी
शिकायत में बताया कि उनकी छोटी बहन लुधियाना में रहती है। आरोपी ने साल 2023 में उसकी बहन की अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी थी। इसे लेकर उसकी बहन ने लुधियाना पुलिस को शिकायत दी थी। उसी दिन से आरोपी उसे फोन पर धमकियां दे रहा था। पिता का कारोबार देखने कनाडा से आती है पीड़िता
पीड़ित महिला ने बताया कि उसके पिता की जगराओं अनाज मंडी में आढ़त की दुकान है। उनकी मौत के बाद से वह हर साल कनाडा से धान और गेहूं के सीजन में अपने पिता के कारोबार को देखने पति के साथ जगराओं आती हैं। इस बार आईं तो वह कच्चा मलक रोड पर अपने पिता के घर पर रुक गईं। दरवाजा नहीं खोला तो गोलियां दागीं
इसका पता आरोपी को चल गया। वह रात में बाइक पर उनकी गली में आया। पहले आरोपी घर का दरवाजा खटखटाता है। फिर घंटी बजाने लगता है। जब कोई दरवाजा नहीं खोलता तो आरोपी बाइक से रिवाल्वर निकाल कर लाता है, और 2 से 3 फायर घर की तरफ करता है। इसके बाद वह फरार हो गया। वहीं, गोलियों की आवाज सुनकर आसपास के लोग सहम गए। पीड़ित ने बताया कि वह घर पर अकेली थी। रात ज्यादा होने के कारण उन्होंने इस घटना सबंधी जानकारी पुलिस को सुबह दी।