लुधियाना में PRTC के कंडक्टरों पर आदेश का विरोध:बोले- ड्राइवर-कंडक्टर का आपसी तालमेल ज़रुरी, कहा- विभाग का ये तुगलकी फरमान

लुधियाना में PRTC के कंडक्टरों पर आदेश का विरोध:बोले- ड्राइवर-कंडक्टर का आपसी तालमेल ज़रुरी, कहा- विभाग का ये तुगलकी फरमान

पंजाब में PRTC द्वारा बस ड्राइवरों के लिए आदेश जारी किया गया है कि अब PRTC की किसी भी बस में यात्रा के दौरान ड्राइवर और कंडक्टर इकट्ठे नहीं बैठ सकते। कंडक्टर को यदि बैठना है, तो वह बस की सबसे पिछली सीट पर बैठेंगे। PRTC के इस बयान के बाद लुधियाना बस स्टैंड पर PRTC के ड्राइवर और कंडक्टरों ने जमकर विरोध किया। कंडक्टर अजय कुमार बोला… कंडक्टर अजय कुमार ने कहा कि बस में तो कंडक्टर के बैठने के लिए पहले ही कोई सीट नहीं होती। बस में 100 से अधिक सवारियां पहले ही बैठी होती। रात के समय जरुर सवारियां कम होने पर बैठने के लिए सीट मिल जाती है। अजय ने कहा कि बस जब पास करनी होती है तो कई बार बस के एक साइड से ड्राइवर को कुछ दिखाई नहीं देता। कंडक्टर जब पिछली गाड़ियों को हाथ देकर रोकेगा तभी बस पास हो पाएगी। PRTC मैनेजमेंट से बात की जाएगी। टिकट काटते समय ही इतना समय नहीं मिलता के बस में बैठ सके। बस यदि 52 सीटों की है तो 52 से अधिक सवारियों को लोड करने के लिए बाध्य किया जाता है। PRTC ने यह तुगलकी फरमान जारी किया है। ड्राइवर और कंडक्टर का तालमेल जरूरी- परमिन्द्र सिंह ड्राइवर परमिन्द्र सिंह ने कहा बात सही है कि ड्राइवर के साथ कंडक्टर नहीं बैठना चाहिए। लेकिन PRTC को एक हेल्पर देना चाहिए ताकि कंडक्टर बस की पिछली सीट पर बैठे। करीब 70 किलोमीटर बस चलाने के बाद ड्राइवर पानी या कुछ खाने के लिए मांगता है तो कंडक्टर ही लाकर देता है। कानून के मुताबिक 52 सीटों से अधिक सवारियां नहीं बैठा सकते, लेकिन फिर भी 100 से अधिक सवारियां लोड की जाती है। कई बार बस हादसा होने के भी खतरा रहता है। कंडक्टर का आगे रहने काफी जरूरी रहता है। क्योंकि कई बार सवारियां बस पर लटरकने लगती है। कंडक्टर और ड्राइवर की तालमेल होने से ही गाड़ी चलती है। पंजाब में PRTC द्वारा बस ड्राइवरों के लिए आदेश जारी किया गया है कि अब PRTC की किसी भी बस में यात्रा के दौरान ड्राइवर और कंडक्टर इकट्ठे नहीं बैठ सकते। कंडक्टर को यदि बैठना है, तो वह बस की सबसे पिछली सीट पर बैठेंगे। PRTC के इस बयान के बाद लुधियाना बस स्टैंड पर PRTC के ड्राइवर और कंडक्टरों ने जमकर विरोध किया। कंडक्टर अजय कुमार बोला… कंडक्टर अजय कुमार ने कहा कि बस में तो कंडक्टर के बैठने के लिए पहले ही कोई सीट नहीं होती। बस में 100 से अधिक सवारियां पहले ही बैठी होती। रात के समय जरुर सवारियां कम होने पर बैठने के लिए सीट मिल जाती है। अजय ने कहा कि बस जब पास करनी होती है तो कई बार बस के एक साइड से ड्राइवर को कुछ दिखाई नहीं देता। कंडक्टर जब पिछली गाड़ियों को हाथ देकर रोकेगा तभी बस पास हो पाएगी। PRTC मैनेजमेंट से बात की जाएगी। टिकट काटते समय ही इतना समय नहीं मिलता के बस में बैठ सके। बस यदि 52 सीटों की है तो 52 से अधिक सवारियों को लोड करने के लिए बाध्य किया जाता है। PRTC ने यह तुगलकी फरमान जारी किया है। ड्राइवर और कंडक्टर का तालमेल जरूरी- परमिन्द्र सिंह ड्राइवर परमिन्द्र सिंह ने कहा बात सही है कि ड्राइवर के साथ कंडक्टर नहीं बैठना चाहिए। लेकिन PRTC को एक हेल्पर देना चाहिए ताकि कंडक्टर बस की पिछली सीट पर बैठे। करीब 70 किलोमीटर बस चलाने के बाद ड्राइवर पानी या कुछ खाने के लिए मांगता है तो कंडक्टर ही लाकर देता है। कानून के मुताबिक 52 सीटों से अधिक सवारियां नहीं बैठा सकते, लेकिन फिर भी 100 से अधिक सवारियां लोड की जाती है। कई बार बस हादसा होने के भी खतरा रहता है। कंडक्टर का आगे रहने काफी जरूरी रहता है। क्योंकि कई बार सवारियां बस पर लटरकने लगती है। कंडक्टर और ड्राइवर की तालमेल होने से ही गाड़ी चलती है।   पंजाब | दैनिक भास्कर