लुधियाना रेप पीड़िता को 24 घंटे बाद मिला ब्लड:कोर्ट के थे आदेश-करवाया जाए गर्भपात; SMO दफ्तर के बाहर भटकती रही मां

लुधियाना रेप पीड़िता को 24 घंटे बाद मिला ब्लड:कोर्ट के थे आदेश-करवाया जाए गर्भपात; SMO दफ्तर के बाहर भटकती रही मां

पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल लापरवाही के कारण आए दिन सुर्खियों में रहता है। अब अस्पताल से 13 साल की रेप पीड़िता का मामला सामने आया है। पुलिस कोर्ट के आदेश पर गर्भपात के लिए बुधवार दोपहर लड़की को सिविल अस्पताल लेकर आई थी। लड़की में खून की कमी थी। उसे बी पॉजिटिव खून चढ़ाया जाना था। अस्पताल में 124 यूनिट खून स्टॉक में होने के बावजूद उन्हें खून नहीं दिया गया और डोनर लाने को कहा गया। जब डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे गुरुवार सुबह 9 बजे से एसएमओ के दफ्तर के बाहर गुहार लगाने के लिए खड़े रहे, लेकिन दोपहर तक उन्हें एसएमओ से मिलने नहीं दिया गया। जब मामला तूल पकड़ने लगा और मीडिया तक पहुंचा तो देर शाम लड़की के लिए खून मुहैया कराया गया। पेट में उभार देखकर मां को हुआ शक 31 जुलाई को थाना मेहरबान की पुलिस ने 5वीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची से दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज की थी। इसके अनुसार बगल के कमरे में रहने वाले युवक ने बच्ची से रेप किया। बच्ची के पेट में उभार देखकर मां को शक हुआ और जांच करवाने पर बेटी गर्भवती पाई गई। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना कोर्ट ने बच्ची का गर्भपात कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद पुलिस उसे बुधवार दोपहर सिविल अस्पताल लेकर आई। बच्ची की मां के अनुसार बच्ची का ब्लड काउंट कम था। उसे बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप चढ़ाना था। बच्ची की मां बोली-सुबह से खड़ी हुई दफ्तर के बाहर,नहीं मिलने देते कर्मचारी पीड़ित बच्ची की मां ने कहा कि अस्पताल के स्टॉक में 124 यूनिट ब्लड होने के बावजूद उन्हें ब्लड नहीं दिया गया, और उन्हें डोनर लाने के लिए कहा जाता रहा। वह एसएमओ से गुहार लगाने के लिए दफ्तर के बाहर सुबह से खड़ी है। दोपहर तक एसएमओ से मिलने नहीं दिया गया। उसने कहा कि अपनी बच्ची से रेप की वजह से वह पहले ही परेशान हैं। वह बच्ची को संभाले या उसके लिए ब्लड डोनर ढूंढे। ASI ने लगाए एसएमओ व डॉक्टरों पर बदतमीजी के आरोप
थाना मेहरबान में उक्त मामले के जांच अधिकारी ASI राधेश्याम ने सिविल अस्पताल की दो एसएमओ व दो डॉक्टरों पर बदतमीजी का आरोप लगाया है। उसने पूरी घटना रोजनामचे में दर्ज कर दी है। राधेश्याम के मुताबिक कोर्ट के आदेशों पर वह बच्ची को गर्भपात के लिए बुधवार दोपहर को सिविल अस्पताल एडमिट करवा गए थे। बाद में डॉक्टरों ने टैस्ट में बच्ची में खून महज 6 ग्राम पाए जाने पर परिजनों से बी पॉजीटिव ब्लड मांगा और कहा कि वह डोनर लेकर आएं, तभी ब्लड मिलेगा। गुरुवार सुबह बच्ची की बहन ने फोन कर अपनी परेशानी बताई, तो मैंने ब्लड बैंक से स्टॉक पता किया और फोन पर डॉक्टर से बात करवाने को कहा लेकिन डॉक्टर ने बात करने से इंकार कर दिया। राधेश्याम के मुताबिक इसके बाद वह सिविल अस्पताल में पहुंचे, तो वहां एक डॉक्टर आते ही उस पर भड़क गई और कहा कि वह उनके काम में दखलअंदाजी करने वाला कौन होता है। राधे श्याम मुताबिक उसने उन्हें कोर्ट के आदेश दिखाए तो वह मुझे बुरा-भला बोलते हुए ऑर्डर भी साथ ले गई। इसके बाद वह एसएमओ से बात करने गया। वहां पर एक और एसएमओ भी मौजूद थी। उन्होंने एक लेडी डॉक्टर को बुलाया तो वह आते ही मुझ पर भड़क गईं, और उलटा मुझ पर जूनियर डॉक्टर को धक्के मारने का आरोप लगाने लगी। राधे श्याम के मुताबिक उन्होंने पूरी घटना को डीडीआर(रोजनामचे) में लिखकर अधिकारियों को सूचना दे दी है। पीड़ित को दिया गया ब्लड-SMO डॉ.मनदीप कौर सिद्धू
पीड़ित को ब्लड दे दिया गया है। जहां तक र्दुव्‍यवहार के आरोपों की बात है, एएसआई या बच्ची के परिजनों से किसी ने गलत व्यवहार नहीं किया बल्कि उल्टा एएसआई ने हमारे स्टाफ से र्दुव्‍यवहार किया था। पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल लापरवाही के कारण आए दिन सुर्खियों में रहता है। अब अस्पताल से 13 साल की रेप पीड़िता का मामला सामने आया है। पुलिस कोर्ट के आदेश पर गर्भपात के लिए बुधवार दोपहर लड़की को सिविल अस्पताल लेकर आई थी। लड़की में खून की कमी थी। उसे बी पॉजिटिव खून चढ़ाया जाना था। अस्पताल में 124 यूनिट खून स्टॉक में होने के बावजूद उन्हें खून नहीं दिया गया और डोनर लाने को कहा गया। जब डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे गुरुवार सुबह 9 बजे से एसएमओ के दफ्तर के बाहर गुहार लगाने के लिए खड़े रहे, लेकिन दोपहर तक उन्हें एसएमओ से मिलने नहीं दिया गया। जब मामला तूल पकड़ने लगा और मीडिया तक पहुंचा तो देर शाम लड़की के लिए खून मुहैया कराया गया। पेट में उभार देखकर मां को हुआ शक 31 जुलाई को थाना मेहरबान की पुलिस ने 5वीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची से दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज की थी। इसके अनुसार बगल के कमरे में रहने वाले युवक ने बच्ची से रेप किया। बच्ची के पेट में उभार देखकर मां को शक हुआ और जांच करवाने पर बेटी गर्भवती पाई गई। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। लुधियाना कोर्ट ने बच्ची का गर्भपात कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद पुलिस उसे बुधवार दोपहर सिविल अस्पताल लेकर आई। बच्ची की मां के अनुसार बच्ची का ब्लड काउंट कम था। उसे बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप चढ़ाना था। बच्ची की मां बोली-सुबह से खड़ी हुई दफ्तर के बाहर,नहीं मिलने देते कर्मचारी पीड़ित बच्ची की मां ने कहा कि अस्पताल के स्टॉक में 124 यूनिट ब्लड होने के बावजूद उन्हें ब्लड नहीं दिया गया, और उन्हें डोनर लाने के लिए कहा जाता रहा। वह एसएमओ से गुहार लगाने के लिए दफ्तर के बाहर सुबह से खड़ी है। दोपहर तक एसएमओ से मिलने नहीं दिया गया। उसने कहा कि अपनी बच्ची से रेप की वजह से वह पहले ही परेशान हैं। वह बच्ची को संभाले या उसके लिए ब्लड डोनर ढूंढे। ASI ने लगाए एसएमओ व डॉक्टरों पर बदतमीजी के आरोप
थाना मेहरबान में उक्त मामले के जांच अधिकारी ASI राधेश्याम ने सिविल अस्पताल की दो एसएमओ व दो डॉक्टरों पर बदतमीजी का आरोप लगाया है। उसने पूरी घटना रोजनामचे में दर्ज कर दी है। राधेश्याम के मुताबिक कोर्ट के आदेशों पर वह बच्ची को गर्भपात के लिए बुधवार दोपहर को सिविल अस्पताल एडमिट करवा गए थे। बाद में डॉक्टरों ने टैस्ट में बच्ची में खून महज 6 ग्राम पाए जाने पर परिजनों से बी पॉजीटिव ब्लड मांगा और कहा कि वह डोनर लेकर आएं, तभी ब्लड मिलेगा। गुरुवार सुबह बच्ची की बहन ने फोन कर अपनी परेशानी बताई, तो मैंने ब्लड बैंक से स्टॉक पता किया और फोन पर डॉक्टर से बात करवाने को कहा लेकिन डॉक्टर ने बात करने से इंकार कर दिया। राधेश्याम के मुताबिक इसके बाद वह सिविल अस्पताल में पहुंचे, तो वहां एक डॉक्टर आते ही उस पर भड़क गई और कहा कि वह उनके काम में दखलअंदाजी करने वाला कौन होता है। राधे श्याम मुताबिक उसने उन्हें कोर्ट के आदेश दिखाए तो वह मुझे बुरा-भला बोलते हुए ऑर्डर भी साथ ले गई। इसके बाद वह एसएमओ से बात करने गया। वहां पर एक और एसएमओ भी मौजूद थी। उन्होंने एक लेडी डॉक्टर को बुलाया तो वह आते ही मुझ पर भड़क गईं, और उलटा मुझ पर जूनियर डॉक्टर को धक्के मारने का आरोप लगाने लगी। राधे श्याम के मुताबिक उन्होंने पूरी घटना को डीडीआर(रोजनामचे) में लिखकर अधिकारियों को सूचना दे दी है। पीड़ित को दिया गया ब्लड-SMO डॉ.मनदीप कौर सिद्धू
पीड़ित को ब्लड दे दिया गया है। जहां तक र्दुव्‍यवहार के आरोपों की बात है, एएसआई या बच्ची के परिजनों से किसी ने गलत व्यवहार नहीं किया बल्कि उल्टा एएसआई ने हमारे स्टाफ से र्दुव्‍यवहार किया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर