पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके पीछे जो रह गया है वो हैं यादें…और उन यादों को जिंदा रखने का जरिया बनी हैं उनकी तस्वीरें। बचपन से लेकर लेफ्टिनेंट बनने तक की हर एक तस्वीर अब परिवार के लिए एक अमूल्य धरोहर बन चुकी है। एक-एक फोटो में विनय की मासूमियत, शौर्य, परिवार से लगाव और देशभक्ति साफ झलकती है। बहन सृष्टि नरवाल ने भी कल श्रद्धांजलि सभा में मंच से विनय की पूरी कहानी इस तरह बयां की कि हर आंख नम हो गई। टेबिल के सहारे खड़ा छोटा विनय, हाथ में प्लास्टिक का भालू विनय के बचपन की एक तस्वीर में वो ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा, उसे टेबल का सहारा दिया गया है और हाथ में एक ड्रम बजाने वाला प्लास्टिक का भालू है। यही से विनय की जिंदगी की कहानी शुरू होती है – मासूम, प्यारा और परिवार का लाडला। स्कूल ड्रेस में विनय, तो कहीं दादी की गोद में बैठा मुस्कुराता चेहरा स्कूल ड्रेस की सफेद शर्ट और लाल टाई में विनय की एक और तस्वीर है, जिसमें उसके चेहरे पर देश को कुछ कर दिखाने का सपना झलकता है। दादी की गोद में बैठा वो बच्चा तब शायद नहीं जानता था कि आगे चलकर वो देश के लिए शहादत देगा। नेवी की ट्रेनिंग से लेकर अफसर बनने तक, हर तस्वीर में जोश विनय की तस्वीरों में कई ऐसे पल कैद हैं, जब वो इंडियन नेवी अकादमी में रजिस्ट्रेशन करवा रहा है, या फिर साथियों के साथ यूनिफॉर्म में खड़ा है। एक फोटो में तो विनय तलवार लिए खड़ा है, लेफ्टिनेंट की वर्दी में गर्व से सीना ताने हुए। एक और तस्वीर में वो पिता के साथ वर्दी में खड़ा है, मानो कह रहा हो – पापा, अब आपका बेटा देश का सिपाही बन गया है। परिवार संग हर लम्हा, अब तस्वीरों में सहेजा गया मां के साथ विनय की बचपन की मुस्कराती तस्वीर हो या बहन सृष्टि के साथ डांस करता हुआ पल, हर फोटो परिवार को कभी हंसाती है, कभी रुलाती है। एक फोटो में बहन के साथ सेल्फी है, जिसमें एक और लड़की है, जिसका परिचय अज्ञात है। एक तस्वीर में तो विनय अपने कंधे पर एक लंगूर बैठाए हंसते हुए दिखता है – वह इस पल को खुलकर इंजॉय कर रहा है। ‘आई लव आईएनएस शिवाजी’ की टेबल पर बैठा देश का बेटा विनय की एक फोटो है जिसमें वो एक टेबल पर बैठा है, जिसके सामने लिखा है I love INS Shivaji। वो सिर्फ एक वाक्य नहीं है, बल्कि देशसेवा के प्रति विनय का समर्पण है। परिवार को हर तस्वीर में मिलता है विनय विनय के पिता राजेश और मां आशा की आंखों में आज सिर्फ तस्वीरें रह गई हैं। जन्मदिन पर केक काटते हुए पिता बेटे को केक खिला रहे हैं, वो मुस्कुराता है – यही मुस्कान अब सिर्फ तस्वीरों में दिखती है। दादा-दादी, बहन सृष्टि – सबके साथ के छोटे-छोटे पल ही अब जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी बन गए हैं। तस्वीरें जो सिर्फ यादें नहीं, एक वीर की अमर गाथा हैं हरियाली के बीच खिंचवाए गए फोटो, बहन को खाना खिलाते हुए विनय, और मां के साथ हाथ थामे खड़ा बेटा – ये सब सिर्फ चित्र नहीं, एक ऐसे बेटे की कहानी हैं जिसने देश के लिए अपनी जान दे दी। विनय अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी तस्वीरें उसे हर दिल में जिंदा रखे हुए हैं। एक तस्वीर, एक याद, एक गर्व- यही है विनय देश का ये वीर सपूत अब सिर्फ तस्वीरों में रह गया है, लेकिन हर तस्वीर में वो आज भी मुस्कुराता है, वो आज भी कहता है,मैं गया जरूर हूं, पर हमेशा रहूंगा – अपने परिवार में, अपने देश में। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके पीछे जो रह गया है वो हैं यादें…और उन यादों को जिंदा रखने का जरिया बनी हैं उनकी तस्वीरें। बचपन से लेकर लेफ्टिनेंट बनने तक की हर एक तस्वीर अब परिवार के लिए एक अमूल्य धरोहर बन चुकी है। एक-एक फोटो में विनय की मासूमियत, शौर्य, परिवार से लगाव और देशभक्ति साफ झलकती है। बहन सृष्टि नरवाल ने भी कल श्रद्धांजलि सभा में मंच से विनय की पूरी कहानी इस तरह बयां की कि हर आंख नम हो गई। टेबिल के सहारे खड़ा छोटा विनय, हाथ में प्लास्टिक का भालू विनय के बचपन की एक तस्वीर में वो ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा, उसे टेबल का सहारा दिया गया है और हाथ में एक ड्रम बजाने वाला प्लास्टिक का भालू है। यही से विनय की जिंदगी की कहानी शुरू होती है – मासूम, प्यारा और परिवार का लाडला। स्कूल ड्रेस में विनय, तो कहीं दादी की गोद में बैठा मुस्कुराता चेहरा स्कूल ड्रेस की सफेद शर्ट और लाल टाई में विनय की एक और तस्वीर है, जिसमें उसके चेहरे पर देश को कुछ कर दिखाने का सपना झलकता है। दादी की गोद में बैठा वो बच्चा तब शायद नहीं जानता था कि आगे चलकर वो देश के लिए शहादत देगा। नेवी की ट्रेनिंग से लेकर अफसर बनने तक, हर तस्वीर में जोश विनय की तस्वीरों में कई ऐसे पल कैद हैं, जब वो इंडियन नेवी अकादमी में रजिस्ट्रेशन करवा रहा है, या फिर साथियों के साथ यूनिफॉर्म में खड़ा है। एक फोटो में तो विनय तलवार लिए खड़ा है, लेफ्टिनेंट की वर्दी में गर्व से सीना ताने हुए। एक और तस्वीर में वो पिता के साथ वर्दी में खड़ा है, मानो कह रहा हो – पापा, अब आपका बेटा देश का सिपाही बन गया है। परिवार संग हर लम्हा, अब तस्वीरों में सहेजा गया मां के साथ विनय की बचपन की मुस्कराती तस्वीर हो या बहन सृष्टि के साथ डांस करता हुआ पल, हर फोटो परिवार को कभी हंसाती है, कभी रुलाती है। एक फोटो में बहन के साथ सेल्फी है, जिसमें एक और लड़की है, जिसका परिचय अज्ञात है। एक तस्वीर में तो विनय अपने कंधे पर एक लंगूर बैठाए हंसते हुए दिखता है – वह इस पल को खुलकर इंजॉय कर रहा है। ‘आई लव आईएनएस शिवाजी’ की टेबल पर बैठा देश का बेटा विनय की एक फोटो है जिसमें वो एक टेबल पर बैठा है, जिसके सामने लिखा है I love INS Shivaji। वो सिर्फ एक वाक्य नहीं है, बल्कि देशसेवा के प्रति विनय का समर्पण है। परिवार को हर तस्वीर में मिलता है विनय विनय के पिता राजेश और मां आशा की आंखों में आज सिर्फ तस्वीरें रह गई हैं। जन्मदिन पर केक काटते हुए पिता बेटे को केक खिला रहे हैं, वो मुस्कुराता है – यही मुस्कान अब सिर्फ तस्वीरों में दिखती है। दादा-दादी, बहन सृष्टि – सबके साथ के छोटे-छोटे पल ही अब जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी बन गए हैं। तस्वीरें जो सिर्फ यादें नहीं, एक वीर की अमर गाथा हैं हरियाली के बीच खिंचवाए गए फोटो, बहन को खाना खिलाते हुए विनय, और मां के साथ हाथ थामे खड़ा बेटा – ये सब सिर्फ चित्र नहीं, एक ऐसे बेटे की कहानी हैं जिसने देश के लिए अपनी जान दे दी। विनय अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी तस्वीरें उसे हर दिल में जिंदा रखे हुए हैं। एक तस्वीर, एक याद, एक गर्व- यही है विनय देश का ये वीर सपूत अब सिर्फ तस्वीरों में रह गया है, लेकिन हर तस्वीर में वो आज भी मुस्कुराता है, वो आज भी कहता है,मैं गया जरूर हूं, पर हमेशा रहूंगा – अपने परिवार में, अपने देश में। हरियाणा | दैनिक भास्कर
