लोकसभा जैसे नतीजे विधानसभा चुनाव में…तो UP में किसकी सरकार?:भाजपा की अगुवाई वाले NDA को 176 सीटें मिलेंगी, यह बहुमत के आंकड़े से 26 कम

लोकसभा जैसे नतीजे विधानसभा चुनाव में…तो UP में किसकी सरकार?:भाजपा की अगुवाई वाले NDA को 176 सीटें मिलेंगी, यह बहुमत के आंकड़े से 26 कम

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अगर लोकसभा चुनाव जैसे नतीजे आते हैं तो भाजपा को बहुमत मिलना मुश्किल होगा। विधानसभा सीट-वार मिले वोट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसके मुताबिक, 222 सीटों पर सपा-कांग्रेस आगे रहीं। यानी यह आंकड़ा बहुमत से काफी दूर है। दूसरी तरफ, भाजपा गठबंधन को 176 सीटों पर जीत मिली, यानी बहुमत से 26 सीटें कम। यूपी विधानसभा में 403 सीटें हैं। बहुमत के लिए 202 सीटों की जरूरत है। लोकसभा चुनाव जैसी बढ़त अगर सपा गठबंधन 2027 के विधानसभा चुनाव में बरकरार रखती है, तो यूपी में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनना मुश्किल होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा उन विधानसभा सीटों पर भी बहुत पीछे छूट गई है, जहां दो साल पहले जीत दर्ज की थी। नगीना लोकसभा की पांचों विधानसभा सीटों पर चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी आगे रही। सबसे ज्यादा खराब स्थिति बसपा की रही। उसे एक भी विधानसभा सीट पर बढ़त नहीं मिली। यही नतीजे विधानसभा चुनाव में दोहराते हैं, तो बसपा का एक भी विधायक सदन में नहीं पहुंच सकेगा। बसपा का अभी 1 विधायक है। भाजपा गठबंधन के पास 287 सीटें हैं, जबकि सपा-कांग्रेस के पास 113 सीटें। 2 सीटें जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के पास हैं। भाजपा को 90 सीटों का नुकसान
इस लोकसभा चुनाव में विधानसभा वाइज बढ़त देखें तो भाजपा गठबंधन को 176 सीटों पर बढ़त मिली है। इनमें से अकेले भाजपा की बढ़त 165 सीटों पर है। 2022 के चुनाव में भाजपा 255 सीटें अकेले जीती थी। अगर यही प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में रहा तो भाजपा को 90 सीटों का नुकसान उठना पड़ेगा। अगर रालोद का ट्रैक देखें तो विधानसभा चुनाव में उसे 8 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव में उसे सिर्फ 7 सीटों पर ही बढ़त मिली। हालांकि, लोकसभा चुनाव में वह सिर्फ 2 लोकसभा सीट बिजनौर और बागपत पर चुनाव लड़ी। भाजपा की दूसरी सहयोगी पार्टी अपना दल भी 2 सीटों मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज पर चुनाव लड़ी थी। दोनों लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से सिर्फ 4 पर बढ़त मिली, जबकि विधानसभा में अपना दल को 12 सीटें मिली थीं। यही हाल सुभासपा का रहा। विधानसभा में 6 सीटें जीतने वाली सुभासपा को किसी भी सीट पर बढ़त नहीं मिली। सुभासपा घोसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ी थी। भाजपा 14 लोकसभा क्षेत्रों की सभी 70 विधानसभा सीटें हारी
इस लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी की 14 लोकसभा क्षेत्रों की 14 सीटों पर बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया। सभी 70 सीटें जीती हैं, जबकि इनमें से 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 26 सीटें जीतीं थीं। सपा ने मैनपुरी, कन्नौज, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, कौशांबी, अंबेडकरनगर, जौनपुर, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, मुरादाबाद की सभी विधानसभा सीटें जीती हैं, वहीं कांग्रेस ने रायबरेली, अमेठी और बाराबंकी की सभी 15 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि भाजपा गठबंधन ने भी वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा की सभी विधानसभाओं में बढ़त ली है। तीन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली स्थिति रही 1:बसपा को कहीं बढ़त नहीं इस बार बसपा ऐसी पार्टी रही, जो एक भी विधानसभा सीट पर बढ़त नहीं ले पाई। यहां तक की बलिया की रसड़ा सीट पर तीसरे नंबर पर रही, जहां उसके मात्र एक विधायक उमाशंकर सिंह हैं। बसपा ने इस लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2: सिर्फ 3 सीटों पर बसपा 2 नंबर पर रही
प्रदेश की 403 में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर की जेवर, खुर्जा और मथुरा की गोवर्धन सीट पर दूसरे नंबर पर रही। बाकी सभी सीटों पर तीसरे नंबर पर। 3: नगीना की 5 सीट चंद्रशेखर के नाम
नगीना लोकसभा क्षेत्र की पांचों सीटों पर चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भाजपा, सपा और बसपा पर बढ़त ली है। हर जोन में भाजपा पीछे रही जोन वाइज विधानसभा में बढ़त के आंकड़े देखें तो भाजपा गठबंधन पश्चिम यूपी को छोड़कर सभी जोन में सपा गठबंधन से पिछड़ गई। सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वांचल में ही हुआ है। सपा गठबंधन से करीब आधी विधानसभा सीटों पर ही भाजपा और उसके सहयोगियों को बढ़त मिली है। यहां सपा गठबंधन 86 विधानसभा सीटों पर आगे रहा, जबकि भाजपा गठबंधन सिर्फ 49 सीटों पर। पूर्वांचल में 135 विधानसभा सीटें आती हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में NDA ने पूर्वांचल की 85 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। 19 विधानसभा सीटों पर सपा-कांग्रेस का जीत मार्जिन 50 हजार से ज्यादा
लोकसभा चुनाव में 17 विधानसभा सीटों पर सपा-कांग्रेस का जीत मार्जिन 50 हजार से ज्यादा रहा। रायबरेली विधानसभा सीट पर राहुल गांधी को भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से 1 लाख से ज्यादा वोट मिले। वहीं, सपा प्रत्याशी ने अकबरपुर रनिया विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी से 1 लाख से ज्यादा की बढ़त ली। हालांकि, भाजपा भी 19 विधानसभा सीटों पर 50 हजार के मार्जिन से आगे थी। तीन विधानसभा सीटें- आगरा उत्तर, दादरी, साहिबाबाद पर एक लाख की बढ़त ली थी। वहीं, गौतमबुद्ध नगर के नोएडा विधानसभा सीट पर 2 लाख से ज्यादा का मार्जिन था। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अगर लोकसभा चुनाव जैसे नतीजे आते हैं तो भाजपा को बहुमत मिलना मुश्किल होगा। विधानसभा सीट-वार मिले वोट के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसके मुताबिक, 222 सीटों पर सपा-कांग्रेस आगे रहीं। यानी यह आंकड़ा बहुमत से काफी दूर है। दूसरी तरफ, भाजपा गठबंधन को 176 सीटों पर जीत मिली, यानी बहुमत से 26 सीटें कम। यूपी विधानसभा में 403 सीटें हैं। बहुमत के लिए 202 सीटों की जरूरत है। लोकसभा चुनाव जैसी बढ़त अगर सपा गठबंधन 2027 के विधानसभा चुनाव में बरकरार रखती है, तो यूपी में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनना मुश्किल होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा उन विधानसभा सीटों पर भी बहुत पीछे छूट गई है, जहां दो साल पहले जीत दर्ज की थी। नगीना लोकसभा की पांचों विधानसभा सीटों पर चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी आगे रही। सबसे ज्यादा खराब स्थिति बसपा की रही। उसे एक भी विधानसभा सीट पर बढ़त नहीं मिली। यही नतीजे विधानसभा चुनाव में दोहराते हैं, तो बसपा का एक भी विधायक सदन में नहीं पहुंच सकेगा। बसपा का अभी 1 विधायक है। भाजपा गठबंधन के पास 287 सीटें हैं, जबकि सपा-कांग्रेस के पास 113 सीटें। 2 सीटें जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के पास हैं। भाजपा को 90 सीटों का नुकसान
इस लोकसभा चुनाव में विधानसभा वाइज बढ़त देखें तो भाजपा गठबंधन को 176 सीटों पर बढ़त मिली है। इनमें से अकेले भाजपा की बढ़त 165 सीटों पर है। 2022 के चुनाव में भाजपा 255 सीटें अकेले जीती थी। अगर यही प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में रहा तो भाजपा को 90 सीटों का नुकसान उठना पड़ेगा। अगर रालोद का ट्रैक देखें तो विधानसभा चुनाव में उसे 8 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव में उसे सिर्फ 7 सीटों पर ही बढ़त मिली। हालांकि, लोकसभा चुनाव में वह सिर्फ 2 लोकसभा सीट बिजनौर और बागपत पर चुनाव लड़ी। भाजपा की दूसरी सहयोगी पार्टी अपना दल भी 2 सीटों मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज पर चुनाव लड़ी थी। दोनों लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से सिर्फ 4 पर बढ़त मिली, जबकि विधानसभा में अपना दल को 12 सीटें मिली थीं। यही हाल सुभासपा का रहा। विधानसभा में 6 सीटें जीतने वाली सुभासपा को किसी भी सीट पर बढ़त नहीं मिली। सुभासपा घोसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ी थी। भाजपा 14 लोकसभा क्षेत्रों की सभी 70 विधानसभा सीटें हारी
इस लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी की 14 लोकसभा क्षेत्रों की 14 सीटों पर बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया। सभी 70 सीटें जीती हैं, जबकि इनमें से 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 26 सीटें जीतीं थीं। सपा ने मैनपुरी, कन्नौज, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, कौशांबी, अंबेडकरनगर, जौनपुर, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, मुरादाबाद की सभी विधानसभा सीटें जीती हैं, वहीं कांग्रेस ने रायबरेली, अमेठी और बाराबंकी की सभी 15 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि भाजपा गठबंधन ने भी वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, मथुरा, हाथरस, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद लोकसभा की सभी विधानसभाओं में बढ़त ली है। तीन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली स्थिति रही 1:बसपा को कहीं बढ़त नहीं इस बार बसपा ऐसी पार्टी रही, जो एक भी विधानसभा सीट पर बढ़त नहीं ले पाई। यहां तक की बलिया की रसड़ा सीट पर तीसरे नंबर पर रही, जहां उसके मात्र एक विधायक उमाशंकर सिंह हैं। बसपा ने इस लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2: सिर्फ 3 सीटों पर बसपा 2 नंबर पर रही
प्रदेश की 403 में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर की जेवर, खुर्जा और मथुरा की गोवर्धन सीट पर दूसरे नंबर पर रही। बाकी सभी सीटों पर तीसरे नंबर पर। 3: नगीना की 5 सीट चंद्रशेखर के नाम
नगीना लोकसभा क्षेत्र की पांचों सीटों पर चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भाजपा, सपा और बसपा पर बढ़त ली है। हर जोन में भाजपा पीछे रही जोन वाइज विधानसभा में बढ़त के आंकड़े देखें तो भाजपा गठबंधन पश्चिम यूपी को छोड़कर सभी जोन में सपा गठबंधन से पिछड़ गई। सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वांचल में ही हुआ है। सपा गठबंधन से करीब आधी विधानसभा सीटों पर ही भाजपा और उसके सहयोगियों को बढ़त मिली है। यहां सपा गठबंधन 86 विधानसभा सीटों पर आगे रहा, जबकि भाजपा गठबंधन सिर्फ 49 सीटों पर। पूर्वांचल में 135 विधानसभा सीटें आती हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में NDA ने पूर्वांचल की 85 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। 19 विधानसभा सीटों पर सपा-कांग्रेस का जीत मार्जिन 50 हजार से ज्यादा
लोकसभा चुनाव में 17 विधानसभा सीटों पर सपा-कांग्रेस का जीत मार्जिन 50 हजार से ज्यादा रहा। रायबरेली विधानसभा सीट पर राहुल गांधी को भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से 1 लाख से ज्यादा वोट मिले। वहीं, सपा प्रत्याशी ने अकबरपुर रनिया विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी से 1 लाख से ज्यादा की बढ़त ली। हालांकि, भाजपा भी 19 विधानसभा सीटों पर 50 हजार के मार्जिन से आगे थी। तीन विधानसभा सीटें- आगरा उत्तर, दादरी, साहिबाबाद पर एक लाख की बढ़त ली थी। वहीं, गौतमबुद्ध नगर के नोएडा विधानसभा सीट पर 2 लाख से ज्यादा का मार्जिन था।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर