हाथरस में यौन शोषण का आरोपी प्रोफेसर रजनीश काफी शातिर है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह वकील की यूनिफॉर्म पहनकर प्रयागराज में हाईकोर्ट में वकीलों से मिल रहा था। उसने कुल 4 वकीलों से संपर्क किया। इनमें से 3 वकीलों ने उससे साफ कहा कि जमानत नहीं मिल सकती। हालांकि, एक वकील ने जरूर उसे स्टे दिलाने का वादा किया। पुलिस से बचने के लिए उसने अपनी दाढ़ी भी बढ़ा ली थी। 18 मार्च को प्रोफेसर रजनीश ने अपनी पत्नी को भी प्रयागराज बुला लिया था। प्रोफेसर प्रयागराज में होटल और गेस्ट हाउस में कमरा बदल-बदल कर रह रहा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रयागराज भागा प्रोफेसर
13 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रोफेसर रजनीश हाथरस में नहीं रुका, बल्कि प्रयागराज चला गया। इसके लिए उसने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी सहारा नहीं लिया। प्रोफेसर अपनी कार से ही प्रयागराज गया। उसे उम्मीद थी कि हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिल जाएगा। इसीलिए वह 6 दिन तक प्रयागराज में ही डेरा जमाए रहा। उसने मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर रखा था। लेकिन, अपने एक सहकर्मी के टच में था। यह सहकर्मी प्रोफेसर के साथ पुलिस के भी टच में था। इसी सहकर्मी से पुलिस को प्रोफेसर की लोकेशन मिली। पुलिस की टीमों ने प्रोफेसर को कैसे दबोचा पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पुलिस की 3 टीमें तलाश कर रही थीं
हाथरस के एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए 3 टीमें बनाई थीं, जो उसे तलाश रही थीं। प्रोफेसर का मोबाइल बंद था, लेकिन वह अपने कुछ परिचितों और सहकर्मियों के संपर्क में था। इसके चलते पुलिस ने प्रोफेसर के परिजनों और उसके मददगारों से पूछताछ की। इनके फोन नंबर सर्विलांस पर लगाकर प्रोफेसर की खोज शुरू की। प्रोफेसर रजनीश को लग रहा था कि यौन शोषण के मामले में कोई छात्रा सामने नहीं आई है, तो उसका केस मजबूत है। काला कोट पहनकर हाईकोर्ट गया
18 मार्च को प्रोफेसर का वकील उसको काला कोट पहनाकर वकील की यूनिफॉर्म में प्रयागराज हाईकोर्ट के अंदर ले गया। पुलिस टीम उसको पकड़ने के लिए हाईकोर्ट के बाहर ही मौजूद थी। लेकिन, पुलिस ने जब प्रोफेसर को वकील के साथ देखा, तो गिरफ्तार नहीं कर पाई। बुधवार रात करीब 9 बजे प्रोफेसर वकील के पास से होटल लौट रहा था। तभी हाथरस पुलिस ने प्रयागराज के सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के सुभाष चौक से उसे दबोच लिया। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा बताते हैं- प्रोफेसर को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। जांच के लिए कई लोगों से पूछताछ की गई। लेकिन, इस पूरे मामले में अभी तक किसी और की मिलीभगत सामने नहीं आई है। पुलिस जांच कर रही है। प्रोफेसर को जेल भेज दिया गया है। अभी तक उसकी पत्नी सामने नहीं आई है। प्रोफेसर के खिलाफ अगली कार्रवाई को लेकर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. महावीर सिंह छोंकर ने कहा कि मैनेजमेंट ने उसे सस्पेंड किया है। आगे की कार्रवाई पर कॉलेज प्रशासन विचार कर रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। अब पढ़िए आरोपी प्रोफेसर का कबूलनामा… 1- सबसे पहले कॉलेज की कर्मचारी से बनाया संबंध मेरी 1996 में शादी हुई थी। पहली पत्नी से तलाक हो गया था। 2008 में दूसरी शादी के लिए लड़कियां देखनी शुरू की। इसी दौरान एक लड़की से मैंने शारीरिक संबंध बनाए, जो अनजाने में वेब कैम के जरिए कंप्यूटर में रिकॉर्ड हो गया। हालांकि, मैंने लड़की से शादी नहीं की। यहीं से मेरे दिमाग में यह आइडिया आया। सबसे पहले मैंने 2019 में कॉलेज की महिला कर्मचारी को अपने जाल में फंसाया। उसके साथ भी संबंध बनाए। उसकी रिकार्डिंग भी की। 2- एक स्पेशल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था मैं रिकॉर्डिंग के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था, जिससे मेरे लैपटॉप और मोबाइल स्क्रीन बंद दिखाई पड़ती थी, लेकिन कैमरा बैकग्राउंड में रिकॉर्डिंग करता रहता था। छात्राओं को इस बात की जानकारी नहीं होती थी। बाद में इन्हीं वीडियो के सहारे मैं उन्हें ब्लैकमेल करता था। 2020 के बाद से ऐसे ही मैंने कई लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर संबंध बनाए। मैं छात्राओं को अक्सर नए-नए गिफ्ट और पैसे देता था। SP बोले- लैपटॉप-मोबाइल की फोरेंसिक जांच होगी
एसपी चिंरजीव नाथ सिन्हा ने बताया- प्रोफेसर के लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी, ताकि और सबूत जुटाए जा सकें। DIG अलीगढ़ ने केस का खुलासा करने वाली टीम को 25,000 रुपए इनाम देने की घोषणा की है। अब पूरा मामला जानिए दरअसल, 6 मार्च को एक छात्रा ने महिला आयोग को लेटर लिखा। साथ ही फोटो-वीडियो भी भेजे थे। छात्रा के पत्र का महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए। इसके बाद हाथरस गेट कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की और प्रोफेसर को पूछताछ के लिए बुलाया। उसके मोबाइल को कब्जे में ले लिया, लेकिन उसने पहले ही वीडियो-फोटो डिलीट कर दिए थे। पुलिस ने मोबाइल का डेटा रिकवर कराया, तो 65 अश्लील वीडियो मिले। इसके बाद 13 मार्च को दरोगा सुनील कुमार ने थाने में खुद शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जब तक पुलिस आरोपी को पकड़ती, तब तक वह फरार हो गया। छात्रा का लेटर जो महिला आयोग को लिखा गया
‘आपको बताना चाहती हूं कि प्रोफेसर रजनीश कुमार कई छात्राओं का यौन-शोषण कर रहा है। वह दरिंदा है। वह छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करता है। वीडियो बनाकर उनका शोषण करता है। मैं एक साल से पीएमओ से लेकर सीएम कार्यालय तक इसकी शिकायत कर रही हूं, लेकिन प्रोफेसर इतना ताकतवर है कि किसी भी शिकायत पर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। मोदी सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का समर्थन करती है, लेकिन फिर भी ऐसे दरिंदे बेखौफ होकर बेटियों के साथ दरिंदगी कर रहे हैं। इस दरिंदे से मैं इतनी परेशान हूं कि कभी-कभी आत्महत्या करने का विचार आता है। कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष और मैनेजमेंट को प्रोफेसर की करतूतों के बारे में बताया। उन्हें सबूत भी सौंपे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जब तक इस दुष्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होती, मैं हार नहीं मानूंगी। ऐसा लगता है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य और मैनेजमेंट की शह पर प्रोफेसर कॉलेज की छात्राओं का शोषण कर रहा है। वह भोली-भाली छात्राओं को प्रतियोगिता परीक्षा पास कराने और नौकरी के नाम पर बहलाता-फुसलाता है। फिर उनके साथ गलत काम करता है और वीडियो भी बनाता है। उसके फोटो-वीडियो मेरे हाथ लगे हैं, जिन्हें मैं प्रमाण के रूप में इस पत्र के साथ भेज रही हूं। अब तक मैंने अलग-अलग नाम से शिकायतें की हैं, क्योंकि अगर दरिंदे को मेरे बारे में पता चल गया, तो वह मुझे मरवा देगा। यह शिकायत भी मैं अपनी पहचान छिपाकर कर रही हूं। रजनीश पिछले 20 साल से कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं का यौन-शोषण कर रहा है। मेरी जैसी छात्राओं की इज्जत बचा लीजिए, नहीं तो यह दरिंदा रजनीश कुमार न जाने कितनी और छात्राओं की इज्जत लूट लेगा। लोकलाज के कारण छात्राएं कुछ नहीं कहेंगी। सामने दिख रहे फोटो और वीडियो के आधार पर इस प्रोफेसर पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।’ अब पढ़िए प्रोफेसर रजनीश के बारे में
रजनीश कुमार मथुरा की मांट तहसील के गांव जावरा का रहने वाला है। उसका जन्म 1971 में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मथुरा में ही हुई थी। ग्रेजुएशन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से किया। रजनीश दो भाई है। बड़ा भाई मथुरा में गांव में रहता है। बड़े भाई की पत्नी सरकारी टीचर है। माता-पिता की मौत के बाद प्रोफेसर ने अपने हिस्से की प्रॉपर्टी बेचकर हाथरस के चमन विहार कॉलोनी में 3 मंजिला घर बना लिया था। नीचे के फ्लोर पर किराएदार रहते हैं। सेकेंड फ्लोर पर प्रोफेसर रजनीश कुमार पत्नी के साथ रहता है। तीसरा फ्लोर खाली पड़ा है। उसके घर से बागला डिग्री कॉलेज से 1 किमी दूर है। गांव वालों ने बताया- रजनीश 25 साल पहले यहां से चला गया था। उसकी तीन शादियां हुईं। पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। इसके बाद उसने दूसरी शादी की। उससे भी झगड़ा चल रहा है। अभी तीसरी पत्नी के साथ हाथरस में रहता है। उसका कैरेक्टर शुरुआत से ही ठीक नहीं रहा। गांव में भी एक-दो बार ऐसी शिकायतें आई थीं। ———————— यह खबर भी पढ़ें… हाथरस के प्रोफेसर ने 3 शादियां कीं, फिर भी बेऔलाद, पड़ोसी बोले- पता नहीं था उसके अंदर इतनी हैवानियत; गांव वालों ने कहा- गंदा आदमी यूपी के हाथरस का बागला डिग्री कॉलेज पिछले 2 दिन से काफी चर्चा में है। इस कॉलेज में तैनात भूगोल के प्रोफेसर रजनीश कुमार अभी भी फरार है। उस पर 65 छात्राओं का यौन शोषण करने का आरोप है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। पढ़ें पूरी खबर… हाथरस में यौन शोषण का आरोपी प्रोफेसर रजनीश काफी शातिर है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह वकील की यूनिफॉर्म पहनकर प्रयागराज में हाईकोर्ट में वकीलों से मिल रहा था। उसने कुल 4 वकीलों से संपर्क किया। इनमें से 3 वकीलों ने उससे साफ कहा कि जमानत नहीं मिल सकती। हालांकि, एक वकील ने जरूर उसे स्टे दिलाने का वादा किया। पुलिस से बचने के लिए उसने अपनी दाढ़ी भी बढ़ा ली थी। 18 मार्च को प्रोफेसर रजनीश ने अपनी पत्नी को भी प्रयागराज बुला लिया था। प्रोफेसर प्रयागराज में होटल और गेस्ट हाउस में कमरा बदल-बदल कर रह रहा था। मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रयागराज भागा प्रोफेसर
13 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रोफेसर रजनीश हाथरस में नहीं रुका, बल्कि प्रयागराज चला गया। इसके लिए उसने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी सहारा नहीं लिया। प्रोफेसर अपनी कार से ही प्रयागराज गया। उसे उम्मीद थी कि हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिल जाएगा। इसीलिए वह 6 दिन तक प्रयागराज में ही डेरा जमाए रहा। उसने मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर रखा था। लेकिन, अपने एक सहकर्मी के टच में था। यह सहकर्मी प्रोफेसर के साथ पुलिस के भी टच में था। इसी सहकर्मी से पुलिस को प्रोफेसर की लोकेशन मिली। पुलिस की टीमों ने प्रोफेसर को कैसे दबोचा पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पुलिस की 3 टीमें तलाश कर रही थीं
हाथरस के एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए 3 टीमें बनाई थीं, जो उसे तलाश रही थीं। प्रोफेसर का मोबाइल बंद था, लेकिन वह अपने कुछ परिचितों और सहकर्मियों के संपर्क में था। इसके चलते पुलिस ने प्रोफेसर के परिजनों और उसके मददगारों से पूछताछ की। इनके फोन नंबर सर्विलांस पर लगाकर प्रोफेसर की खोज शुरू की। प्रोफेसर रजनीश को लग रहा था कि यौन शोषण के मामले में कोई छात्रा सामने नहीं आई है, तो उसका केस मजबूत है। काला कोट पहनकर हाईकोर्ट गया
18 मार्च को प्रोफेसर का वकील उसको काला कोट पहनाकर वकील की यूनिफॉर्म में प्रयागराज हाईकोर्ट के अंदर ले गया। पुलिस टीम उसको पकड़ने के लिए हाईकोर्ट के बाहर ही मौजूद थी। लेकिन, पुलिस ने जब प्रोफेसर को वकील के साथ देखा, तो गिरफ्तार नहीं कर पाई। बुधवार रात करीब 9 बजे प्रोफेसर वकील के पास से होटल लौट रहा था। तभी हाथरस पुलिस ने प्रयागराज के सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के सुभाष चौक से उसे दबोच लिया। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा बताते हैं- प्रोफेसर को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। जांच के लिए कई लोगों से पूछताछ की गई। लेकिन, इस पूरे मामले में अभी तक किसी और की मिलीभगत सामने नहीं आई है। पुलिस जांच कर रही है। प्रोफेसर को जेल भेज दिया गया है। अभी तक उसकी पत्नी सामने नहीं आई है। प्रोफेसर के खिलाफ अगली कार्रवाई को लेकर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. महावीर सिंह छोंकर ने कहा कि मैनेजमेंट ने उसे सस्पेंड किया है। आगे की कार्रवाई पर कॉलेज प्रशासन विचार कर रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। अब पढ़िए आरोपी प्रोफेसर का कबूलनामा… 1- सबसे पहले कॉलेज की कर्मचारी से बनाया संबंध मेरी 1996 में शादी हुई थी। पहली पत्नी से तलाक हो गया था। 2008 में दूसरी शादी के लिए लड़कियां देखनी शुरू की। इसी दौरान एक लड़की से मैंने शारीरिक संबंध बनाए, जो अनजाने में वेब कैम के जरिए कंप्यूटर में रिकॉर्ड हो गया। हालांकि, मैंने लड़की से शादी नहीं की। यहीं से मेरे दिमाग में यह आइडिया आया। सबसे पहले मैंने 2019 में कॉलेज की महिला कर्मचारी को अपने जाल में फंसाया। उसके साथ भी संबंध बनाए। उसकी रिकार्डिंग भी की। 2- एक स्पेशल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था मैं रिकॉर्डिंग के लिए एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था, जिससे मेरे लैपटॉप और मोबाइल स्क्रीन बंद दिखाई पड़ती थी, लेकिन कैमरा बैकग्राउंड में रिकॉर्डिंग करता रहता था। छात्राओं को इस बात की जानकारी नहीं होती थी। बाद में इन्हीं वीडियो के सहारे मैं उन्हें ब्लैकमेल करता था। 2020 के बाद से ऐसे ही मैंने कई लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर संबंध बनाए। मैं छात्राओं को अक्सर नए-नए गिफ्ट और पैसे देता था। SP बोले- लैपटॉप-मोबाइल की फोरेंसिक जांच होगी
एसपी चिंरजीव नाथ सिन्हा ने बताया- प्रोफेसर के लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी, ताकि और सबूत जुटाए जा सकें। DIG अलीगढ़ ने केस का खुलासा करने वाली टीम को 25,000 रुपए इनाम देने की घोषणा की है। अब पूरा मामला जानिए दरअसल, 6 मार्च को एक छात्रा ने महिला आयोग को लेटर लिखा। साथ ही फोटो-वीडियो भी भेजे थे। छात्रा के पत्र का महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए। इसके बाद हाथरस गेट कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की और प्रोफेसर को पूछताछ के लिए बुलाया। उसके मोबाइल को कब्जे में ले लिया, लेकिन उसने पहले ही वीडियो-फोटो डिलीट कर दिए थे। पुलिस ने मोबाइल का डेटा रिकवर कराया, तो 65 अश्लील वीडियो मिले। इसके बाद 13 मार्च को दरोगा सुनील कुमार ने थाने में खुद शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जब तक पुलिस आरोपी को पकड़ती, तब तक वह फरार हो गया। छात्रा का लेटर जो महिला आयोग को लिखा गया
‘आपको बताना चाहती हूं कि प्रोफेसर रजनीश कुमार कई छात्राओं का यौन-शोषण कर रहा है। वह दरिंदा है। वह छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करता है। वीडियो बनाकर उनका शोषण करता है। मैं एक साल से पीएमओ से लेकर सीएम कार्यालय तक इसकी शिकायत कर रही हूं, लेकिन प्रोफेसर इतना ताकतवर है कि किसी भी शिकायत पर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। मोदी सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का समर्थन करती है, लेकिन फिर भी ऐसे दरिंदे बेखौफ होकर बेटियों के साथ दरिंदगी कर रहे हैं। इस दरिंदे से मैं इतनी परेशान हूं कि कभी-कभी आत्महत्या करने का विचार आता है। कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष और मैनेजमेंट को प्रोफेसर की करतूतों के बारे में बताया। उन्हें सबूत भी सौंपे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जब तक इस दुष्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होती, मैं हार नहीं मानूंगी। ऐसा लगता है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य और मैनेजमेंट की शह पर प्रोफेसर कॉलेज की छात्राओं का शोषण कर रहा है। वह भोली-भाली छात्राओं को प्रतियोगिता परीक्षा पास कराने और नौकरी के नाम पर बहलाता-फुसलाता है। फिर उनके साथ गलत काम करता है और वीडियो भी बनाता है। उसके फोटो-वीडियो मेरे हाथ लगे हैं, जिन्हें मैं प्रमाण के रूप में इस पत्र के साथ भेज रही हूं। अब तक मैंने अलग-अलग नाम से शिकायतें की हैं, क्योंकि अगर दरिंदे को मेरे बारे में पता चल गया, तो वह मुझे मरवा देगा। यह शिकायत भी मैं अपनी पहचान छिपाकर कर रही हूं। रजनीश पिछले 20 साल से कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं का यौन-शोषण कर रहा है। मेरी जैसी छात्राओं की इज्जत बचा लीजिए, नहीं तो यह दरिंदा रजनीश कुमार न जाने कितनी और छात्राओं की इज्जत लूट लेगा। लोकलाज के कारण छात्राएं कुछ नहीं कहेंगी। सामने दिख रहे फोटो और वीडियो के आधार पर इस प्रोफेसर पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।’ अब पढ़िए प्रोफेसर रजनीश के बारे में
रजनीश कुमार मथुरा की मांट तहसील के गांव जावरा का रहने वाला है। उसका जन्म 1971 में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मथुरा में ही हुई थी। ग्रेजुएशन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से किया। रजनीश दो भाई है। बड़ा भाई मथुरा में गांव में रहता है। बड़े भाई की पत्नी सरकारी टीचर है। माता-पिता की मौत के बाद प्रोफेसर ने अपने हिस्से की प्रॉपर्टी बेचकर हाथरस के चमन विहार कॉलोनी में 3 मंजिला घर बना लिया था। नीचे के फ्लोर पर किराएदार रहते हैं। सेकेंड फ्लोर पर प्रोफेसर रजनीश कुमार पत्नी के साथ रहता है। तीसरा फ्लोर खाली पड़ा है। उसके घर से बागला डिग्री कॉलेज से 1 किमी दूर है। गांव वालों ने बताया- रजनीश 25 साल पहले यहां से चला गया था। उसकी तीन शादियां हुईं। पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। इसके बाद उसने दूसरी शादी की। उससे भी झगड़ा चल रहा है। अभी तीसरी पत्नी के साथ हाथरस में रहता है। उसका कैरेक्टर शुरुआत से ही ठीक नहीं रहा। गांव में भी एक-दो बार ऐसी शिकायतें आई थीं। ———————— यह खबर भी पढ़ें… हाथरस के प्रोफेसर ने 3 शादियां कीं, फिर भी बेऔलाद, पड़ोसी बोले- पता नहीं था उसके अंदर इतनी हैवानियत; गांव वालों ने कहा- गंदा आदमी यूपी के हाथरस का बागला डिग्री कॉलेज पिछले 2 दिन से काफी चर्चा में है। इस कॉलेज में तैनात भूगोल के प्रोफेसर रजनीश कुमार अभी भी फरार है। उस पर 65 छात्राओं का यौन शोषण करने का आरोप है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
वकील का काला कोट पहन हाईकोर्ट पहुंचा था प्रोफेसर:FIR होते ही हाथरस से प्रयागराज भागा; साथी ने पुलिस को दिया क्लू
