‘हमारा अपना कोई बेबी नहीं, हमारी शादी को 10 साल हो चुके हैं। यही डॉगी हमारी फैमिली हैं। हम यूरोप घूमने गए, तब भी डॉगी हमारे साथ थे। कभी खुद से अलग नहीं किया। ऐसा पहली बार हुआ है।’ यह कहते हुए दीपायन थोड़ा भावुक हो जाते हैं। कहते हैं- हम 7 दिन से अपने घर से 200 KM दूर हैं। पूरे शहर में 5 हजार पोस्टर लगवा चुके हैं। पुलिस का सपोर्ट भी मिला। अब तक करीब 200 CCTV देख चुके हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया है। दीपायन से दैनिक भास्कर ने खास बातचीत की… आधी रात को भी हमें फोन आते हैं
हमसे बात करते हुए दीपायन ने फेक कॉल का भी एक वाकया साझा किया। कहा- एक दिन हम लोग सो रहे थे। रात में करीब 12.30 बजे एक कॉल आई कि आपका फीमेल डॉग हमने चमरौली में देखा है। फोन आते ही मैं और पत्नी कस्तूरी गूगल मैप पर स्पॉट सर्च करते हुए करीब 8 KM दूर पहुंचे। रात में करीब 2 बजे तक डॉगी ढूंढते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। सुबह 3 बजे होटल लौटे। सुबह 6.10 बजे फिर एक कॉल आई कि आपकी फीमेल डॉग को बसई बस्ती में देखा है। गूगल पर सर्च किया। जो स्पॉट बताया गया, वह सिर्फ 2 KM दूर था। हम दोनों वहां पहुंचे, लेकिन डॉगी दिखाया, वो हमारा नहीं था। कुछ ऐसा ही रूटीन 7 दिन से दीपायन और कस्तूरी का है। हमने पूछा- डॉगी से इतना लगाव क्यों है? आपको ये कहां मिले? दीपायन ने कहा- मेरी एयर इंडिया में जॉब है। मेरी पत्नी कस्तूरी बिजनेस करती हैं। 10 साल पहले हमारी शादी हुई थी। यही डॉगी हमारा परिवार हैं। ये बोल नहीं पाते, लेकिन हम सब समझ जाते हैं। हमारी एक बच्ची कहीं खो गई है। जब तक हम ढूंढ नहीं लेंगे, आगरा शहर नहीं छोड़ेंगे। बता दें, दीपायन और कस्तूरी 1 नवंबर को आगरा घूमने आए थे। जिस 5 स्टार होटल में उन्होंने स्टे किया, वहां से 3 नवंबर को उनका एक डॉगी खो गया। 9 साल पहले दोनों भाई-बहन मिले
ये डॉगी आपको कैसे मिले? इस सवाल पर कस्तूरी बताती हैं- करीब साढ़े 9 साल पहले बसंत कुंज (नई दिल्ली) में एक दिन हमें 2 महीने का एक पिल्ला दिखा। उसको किसी गाड़ी की टक्कर से चोट लगी थी। हम उसको घर लाए। चोट पर दवा लगाई। उसकी देखभाल शुरू की। हमें कुछ दिनों में एहसास हुआ कि उस पिल्ले की तरह एक और पिल्ला हमारे घर के आस-पास मंडराता रहता है। हमने एक दिन उसको अपने घर के कंपाउंड में आने दिया। तब समझ आया कि ये दोनों भाई-बहन हैं। तब से ये दोनों हमारे पास हैं। इन दोनों डॉगी को पार्वो नाम की बीमारी थी, जिसका हमने इलाज कराया। मेल डॉग का नाम वुफ और फीमेल का नाम ग्रे हाउंड रखा। यही हमारा परिवार बन गए। हमने पूछा कि क्या आपके पास कोई और भी पेट हैं? उन्होंने बताया कि कोलकाता से दो बिल्लियां भी एडॉप्ट की हैं। उनके नाम ब्राउनी और डॉबी हैं। दोनों बिल्लियों की उम्र करीब 12 साल है। हमने पूछा- एक साथ इतने पेट को पालने में कोई दिक्कत तो नहीं आती? उन्होंने कहा- नहीं, जब हम यूरोप की यात्रा पर गए, अपने चारों बच्चों को साथ लक्जमबर्ग भी घुमाने ले गए थे। पापा-मां ने पेट पाले, अब हम भी देखभाल करते हैं
दीपायन ने कहा- हमारे परिवार में शुरू से ही जानवर रहे हैं। पापा के पास कबूतर, खरगोश, मछली और तरह-तरह के पक्षी थे। मां ने डॉगी पाल रखा था। तभी से जानवरों के लिए मेरा प्यार बढ़ गया। हम सिर्फ घर के अंदर के ही जानवरों की केयर नहीं करते। घर के बाहर भी आस-पास जो डॉगी रहते हैं। हम उन्हें खाने-पीने को देते हैं। वुफ दोस्ती नहीं करता, ग्रे हाउंड जल्दी घुल-मिल जाती है
कस्तूरी ने बताया- वुफ और ग्रे हाउंड का व्यवहार बिल्कुल अलग-अलग है। वुफ को अनजान लोग पसंद नहीं, वो अनकंफर्टेबल हो जाता है। उसे सिर्फ हम दोनों ही चाहिए। खाने में उसे चिकन बहुत पसंद है। ग्रे हाउंड को लोगों से जल्दी लगाव हो जाता है। वो जल्दी दोस्ती करती है। उसे खाने में ब्रेड और बिस्किट पसंद हैं। आगरा के लोगों का बहुत सपोर्ट मिल रहा
दीपायन ने कहा- आगरा के लोगों का बहुत सपोर्ट मिल रहा है। लोग हमारी बच्ची के लिए परेशान हैं। रात में भी हमारे पास फोन आते हैं कि हमारी बच्ची को देखा है। हमने आगरा की सड़कों पर करीब 5 हजार पोस्टर चिपकाए हैं। पहले 10 हजार का इनाम रखा, अब बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है। लेकिन इन रुपए के लिए लोग हमारी बच्ची का पीछा न करें, वो डर जाएगी। दिखे तो बस हमें फोन कर दें। उसे बिस्किट या ब्रेड दें, तो वहीं बैठी रहेगी। दीपायन ने कहा- हर दिन 40-50 कॉल आते हैं। लोग अलग-अलग लोकेशन बताते हैं। हम वहां पहुंच जाते हैं। सबसे ज्यादा फतेहाबाद रोड से कॉल आते हैं। 200 से ज्यादा CCTV देख चुके हैं। 3 नवंबर को आखिरी बार वो ताज मेट्रो स्टेशन के पास देखी गई थी। उसके बाद से अब तक नहीं दिखी। हालांकि, लोग दावा कर रहे कि उन्होंने ग्रे हाउंड को फतेहाबाद रोड के आसपास के एरिया में घूमते देखा है। दीपायन और कस्तूरी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल सेंटर पर जाकर भी सीसीटीवी चेक करके आए थे। पुलिस ने दिए स्निफर डॉग
पुलिस में शिकायत कराने के बाद पुलिस की तरफ से दो बार स्निफर डॉग मिले हैं। एक बार स्निफर डॉग शाहजहां गार्डन लेकर गया तो दूसरी बार फतेहाबाद रोड की तरफ। एक दिन पहले वो वुफ को लेकर भी शाहजहां गार्डन गए थे, इस उम्मीद में कि ग्रे हाउंड उसकी महक सूंघकर आ जाएगी। वुफ ने छोड़ दिया है खाना-पीना
दीपायन के मेल डॉग वुफ ने ग्रे हाउंड के जाने के बाद से खाना-पीना छोड़ दिया है। पूरा दिन उसकी आंखें ग्रे हाउंड को तलाशती रहती हैं। बेचैन रहता है। अपना फेवरेट चिकन भी नहीं खा रहा। उनकी बिल्लियां दिल्ली के घर में है, जिनकी देखभाल दोस्त और घर में काम करने वाली दीदी कर रही हैं। ——————– अजित पवार बोले- बटेंगे तो कटेंगे नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, योगी आदित्यनाथ के बयान का विरोध किया, कहा- ये सब UP-झारखंड में चलता होगा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच डिप्टी CM और भाजपा-शिवसेना गठबंधन महायुति में शामिल अजित पवार ने कहा कि, ‘बटेंगे तो कटेंगे का नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। मैं इसका समर्थन नहीं करता। हमारा नारा है- सबका साथ सबका विकास।’ दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झारखंड और महाराष्ट्र की रैलियों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ का नारा दे रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी रैलियों में ‘एक रहेंगे सेफ रहेंगे’ का नारा दिया है। पढ़िए पूरी खबर… ‘हमारा अपना कोई बेबी नहीं, हमारी शादी को 10 साल हो चुके हैं। यही डॉगी हमारी फैमिली हैं। हम यूरोप घूमने गए, तब भी डॉगी हमारे साथ थे। कभी खुद से अलग नहीं किया। ऐसा पहली बार हुआ है।’ यह कहते हुए दीपायन थोड़ा भावुक हो जाते हैं। कहते हैं- हम 7 दिन से अपने घर से 200 KM दूर हैं। पूरे शहर में 5 हजार पोस्टर लगवा चुके हैं। पुलिस का सपोर्ट भी मिला। अब तक करीब 200 CCTV देख चुके हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया है। दीपायन से दैनिक भास्कर ने खास बातचीत की… आधी रात को भी हमें फोन आते हैं
हमसे बात करते हुए दीपायन ने फेक कॉल का भी एक वाकया साझा किया। कहा- एक दिन हम लोग सो रहे थे। रात में करीब 12.30 बजे एक कॉल आई कि आपका फीमेल डॉग हमने चमरौली में देखा है। फोन आते ही मैं और पत्नी कस्तूरी गूगल मैप पर स्पॉट सर्च करते हुए करीब 8 KM दूर पहुंचे। रात में करीब 2 बजे तक डॉगी ढूंढते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। सुबह 3 बजे होटल लौटे। सुबह 6.10 बजे फिर एक कॉल आई कि आपकी फीमेल डॉग को बसई बस्ती में देखा है। गूगल पर सर्च किया। जो स्पॉट बताया गया, वह सिर्फ 2 KM दूर था। हम दोनों वहां पहुंचे, लेकिन डॉगी दिखाया, वो हमारा नहीं था। कुछ ऐसा ही रूटीन 7 दिन से दीपायन और कस्तूरी का है। हमने पूछा- डॉगी से इतना लगाव क्यों है? आपको ये कहां मिले? दीपायन ने कहा- मेरी एयर इंडिया में जॉब है। मेरी पत्नी कस्तूरी बिजनेस करती हैं। 10 साल पहले हमारी शादी हुई थी। यही डॉगी हमारा परिवार हैं। ये बोल नहीं पाते, लेकिन हम सब समझ जाते हैं। हमारी एक बच्ची कहीं खो गई है। जब तक हम ढूंढ नहीं लेंगे, आगरा शहर नहीं छोड़ेंगे। बता दें, दीपायन और कस्तूरी 1 नवंबर को आगरा घूमने आए थे। जिस 5 स्टार होटल में उन्होंने स्टे किया, वहां से 3 नवंबर को उनका एक डॉगी खो गया। 9 साल पहले दोनों भाई-बहन मिले
ये डॉगी आपको कैसे मिले? इस सवाल पर कस्तूरी बताती हैं- करीब साढ़े 9 साल पहले बसंत कुंज (नई दिल्ली) में एक दिन हमें 2 महीने का एक पिल्ला दिखा। उसको किसी गाड़ी की टक्कर से चोट लगी थी। हम उसको घर लाए। चोट पर दवा लगाई। उसकी देखभाल शुरू की। हमें कुछ दिनों में एहसास हुआ कि उस पिल्ले की तरह एक और पिल्ला हमारे घर के आस-पास मंडराता रहता है। हमने एक दिन उसको अपने घर के कंपाउंड में आने दिया। तब समझ आया कि ये दोनों भाई-बहन हैं। तब से ये दोनों हमारे पास हैं। इन दोनों डॉगी को पार्वो नाम की बीमारी थी, जिसका हमने इलाज कराया। मेल डॉग का नाम वुफ और फीमेल का नाम ग्रे हाउंड रखा। यही हमारा परिवार बन गए। हमने पूछा कि क्या आपके पास कोई और भी पेट हैं? उन्होंने बताया कि कोलकाता से दो बिल्लियां भी एडॉप्ट की हैं। उनके नाम ब्राउनी और डॉबी हैं। दोनों बिल्लियों की उम्र करीब 12 साल है। हमने पूछा- एक साथ इतने पेट को पालने में कोई दिक्कत तो नहीं आती? उन्होंने कहा- नहीं, जब हम यूरोप की यात्रा पर गए, अपने चारों बच्चों को साथ लक्जमबर्ग भी घुमाने ले गए थे। पापा-मां ने पेट पाले, अब हम भी देखभाल करते हैं
दीपायन ने कहा- हमारे परिवार में शुरू से ही जानवर रहे हैं। पापा के पास कबूतर, खरगोश, मछली और तरह-तरह के पक्षी थे। मां ने डॉगी पाल रखा था। तभी से जानवरों के लिए मेरा प्यार बढ़ गया। हम सिर्फ घर के अंदर के ही जानवरों की केयर नहीं करते। घर के बाहर भी आस-पास जो डॉगी रहते हैं। हम उन्हें खाने-पीने को देते हैं। वुफ दोस्ती नहीं करता, ग्रे हाउंड जल्दी घुल-मिल जाती है
कस्तूरी ने बताया- वुफ और ग्रे हाउंड का व्यवहार बिल्कुल अलग-अलग है। वुफ को अनजान लोग पसंद नहीं, वो अनकंफर्टेबल हो जाता है। उसे सिर्फ हम दोनों ही चाहिए। खाने में उसे चिकन बहुत पसंद है। ग्रे हाउंड को लोगों से जल्दी लगाव हो जाता है। वो जल्दी दोस्ती करती है। उसे खाने में ब्रेड और बिस्किट पसंद हैं। आगरा के लोगों का बहुत सपोर्ट मिल रहा
दीपायन ने कहा- आगरा के लोगों का बहुत सपोर्ट मिल रहा है। लोग हमारी बच्ची के लिए परेशान हैं। रात में भी हमारे पास फोन आते हैं कि हमारी बच्ची को देखा है। हमने आगरा की सड़कों पर करीब 5 हजार पोस्टर चिपकाए हैं। पहले 10 हजार का इनाम रखा, अब बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है। लेकिन इन रुपए के लिए लोग हमारी बच्ची का पीछा न करें, वो डर जाएगी। दिखे तो बस हमें फोन कर दें। उसे बिस्किट या ब्रेड दें, तो वहीं बैठी रहेगी। दीपायन ने कहा- हर दिन 40-50 कॉल आते हैं। लोग अलग-अलग लोकेशन बताते हैं। हम वहां पहुंच जाते हैं। सबसे ज्यादा फतेहाबाद रोड से कॉल आते हैं। 200 से ज्यादा CCTV देख चुके हैं। 3 नवंबर को आखिरी बार वो ताज मेट्रो स्टेशन के पास देखी गई थी। उसके बाद से अब तक नहीं दिखी। हालांकि, लोग दावा कर रहे कि उन्होंने ग्रे हाउंड को फतेहाबाद रोड के आसपास के एरिया में घूमते देखा है। दीपायन और कस्तूरी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल सेंटर पर जाकर भी सीसीटीवी चेक करके आए थे। पुलिस ने दिए स्निफर डॉग
पुलिस में शिकायत कराने के बाद पुलिस की तरफ से दो बार स्निफर डॉग मिले हैं। एक बार स्निफर डॉग शाहजहां गार्डन लेकर गया तो दूसरी बार फतेहाबाद रोड की तरफ। एक दिन पहले वो वुफ को लेकर भी शाहजहां गार्डन गए थे, इस उम्मीद में कि ग्रे हाउंड उसकी महक सूंघकर आ जाएगी। वुफ ने छोड़ दिया है खाना-पीना
दीपायन के मेल डॉग वुफ ने ग्रे हाउंड के जाने के बाद से खाना-पीना छोड़ दिया है। पूरा दिन उसकी आंखें ग्रे हाउंड को तलाशती रहती हैं। बेचैन रहता है। अपना फेवरेट चिकन भी नहीं खा रहा। उनकी बिल्लियां दिल्ली के घर में है, जिनकी देखभाल दोस्त और घर में काम करने वाली दीदी कर रही हैं। ——————– अजित पवार बोले- बटेंगे तो कटेंगे नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, योगी आदित्यनाथ के बयान का विरोध किया, कहा- ये सब UP-झारखंड में चलता होगा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच डिप्टी CM और भाजपा-शिवसेना गठबंधन महायुति में शामिल अजित पवार ने कहा कि, ‘बटेंगे तो कटेंगे का नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। मैं इसका समर्थन नहीं करता। हमारा नारा है- सबका साथ सबका विकास।’ दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झारखंड और महाराष्ट्र की रैलियों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ का नारा दे रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी रैलियों में ‘एक रहेंगे सेफ रहेंगे’ का नारा दिया है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर