<p style=”text-align: justify;”><strong>Pune News: </strong>जेएनयू को वामपंथ का गढ़ कहा जाता है लेकिन जेएनयू की वाइस चांसलर डॉ. शांतिश्री पंडित का कहना है कि सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (SPPU) दिल्ली में मौजूद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से ज्यादा वामपंथी है, भले ही कभी दिखाई नहीं दिया. शांतिश्री पहले SPPU पढ़ाया कती थीं. उन्होंने साथ ही कहा कि जेएनयू में काम करना आसान नहीं और इसके लिए साहस की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि पुणे यूनिवर्सिटी में मिले अनुभव ने उन्हें अपना मौजूदा काम कुशलता से निभाने में मदद की है. वह तीन साल पहले जेएनयू में नियुक्त की गई थीं. वासुदेव बलवंत फड़के मेमोरियल लेक्चर सीरिज में ‘इंडियन सोसायटी इन द न्यूज एज – अपॉर्च्युनिटी एंड चैलेंजेज विषय’ पर वह भाषण दे रही थीं. इसका आयोजन गुरुवार को महाराष्ट्र एजुकेशन सोसायटी ने किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुणे यूनिवर्सिटी में काम कर लिया तो कहीं भी कर लेंगे- शांतिश्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शांतिश्री ने यह बयान तब दिया जब उनसे पूछा गया कि वह जेएनयू जैसे संस्थानों को कैसे कुशलता से संचालित कर रही हैं जो कि वामपंथ का गढ़ माना जाता है. इस पर उन्होंने कहा कि यह सब कुछ SPPU में किए गए काम और ट्रेनिंग से हो रहा है. 2022 में जेएनयू से जुड़ने से पहले SPPU में राजनीति एवं लोक प्रशासन विभाग की प्रोफेसर थीं. वह जेएनयू की पहली महिला वाइस चांसलर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र में धार्मिक विश्वास पर आधारित कोई पाठ्यक्रम क्यों नहीं है. इस पर शांतिश्री ने कहा कि धर्म पर आधारित तो नहीं लेकिन जेएनयू में सेंटर फॉर हिंदूज स्टडीज, सेंटर पर बुद्धिस्ट स्टडीज और सेंटर फॉर जैन स्टडीज है. मैं यह बताने के लिए उत्सुक हूं कि सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी जेएनयू की तुलना में ज्यादा वामपंथी है. उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में काम करने के बाद लोग कहीं भी काम कर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शांतिश्री ने जेएनयू में जोड़ा यह ‘मोटो'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शांतिश्री ने साथ ही कहा कि जेएनयू सेंट्रल यूनिवर्सिटी है और संसद के एक अधिनियम द्वारा 1966 में स्थापित हुआ था. जेएनयू का पहले कोई मोटो नहीं था, जब आप इसके एम्ब्लेम को देखेंगे तो यह बहुत ज्यादा हिंदू है. इसमें दीपक, कमल की कलियां, और गुलाब की पंखुड़ियां दिखेंगी. मैंने सबको तैयार किया और ‘तमसो मां ज्योतिर्गमय’ इसका आधिकारिक मोटो बनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>य़े भी पढ़ें- <a title=”कसाब को पहचाचने वाली 26/11 की पीड़िता ने तहव्वुर राणा पर कहा, ‘मुझे खुशी है लेकिन उसे…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/tahawwur-rana-extradition-mumbai-2008-attack-victims-devika-natwarlal-rotawan-reaction-2884400″ target=”_self”>कसाब को पहचाचने वाली 26/11 की पीड़िता ने तहव्वुर राणा पर कहा, ‘मुझे खुशी है लेकिन उसे…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Pune News: </strong>जेएनयू को वामपंथ का गढ़ कहा जाता है लेकिन जेएनयू की वाइस चांसलर डॉ. शांतिश्री पंडित का कहना है कि सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (SPPU) दिल्ली में मौजूद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से ज्यादा वामपंथी है, भले ही कभी दिखाई नहीं दिया. शांतिश्री पहले SPPU पढ़ाया कती थीं. उन्होंने साथ ही कहा कि जेएनयू में काम करना आसान नहीं और इसके लिए साहस की जरूरत है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि पुणे यूनिवर्सिटी में मिले अनुभव ने उन्हें अपना मौजूदा काम कुशलता से निभाने में मदद की है. वह तीन साल पहले जेएनयू में नियुक्त की गई थीं. वासुदेव बलवंत फड़के मेमोरियल लेक्चर सीरिज में ‘इंडियन सोसायटी इन द न्यूज एज – अपॉर्च्युनिटी एंड चैलेंजेज विषय’ पर वह भाषण दे रही थीं. इसका आयोजन गुरुवार को महाराष्ट्र एजुकेशन सोसायटी ने किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुणे यूनिवर्सिटी में काम कर लिया तो कहीं भी कर लेंगे- शांतिश्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शांतिश्री ने यह बयान तब दिया जब उनसे पूछा गया कि वह जेएनयू जैसे संस्थानों को कैसे कुशलता से संचालित कर रही हैं जो कि वामपंथ का गढ़ माना जाता है. इस पर उन्होंने कहा कि यह सब कुछ SPPU में किए गए काम और ट्रेनिंग से हो रहा है. 2022 में जेएनयू से जुड़ने से पहले SPPU में राजनीति एवं लोक प्रशासन विभाग की प्रोफेसर थीं. वह जेएनयू की पहली महिला वाइस चांसलर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र में धार्मिक विश्वास पर आधारित कोई पाठ्यक्रम क्यों नहीं है. इस पर शांतिश्री ने कहा कि धर्म पर आधारित तो नहीं लेकिन जेएनयू में सेंटर फॉर हिंदूज स्टडीज, सेंटर पर बुद्धिस्ट स्टडीज और सेंटर फॉर जैन स्टडीज है. मैं यह बताने के लिए उत्सुक हूं कि सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी जेएनयू की तुलना में ज्यादा वामपंथी है. उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में काम करने के बाद लोग कहीं भी काम कर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शांतिश्री ने जेएनयू में जोड़ा यह ‘मोटो'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शांतिश्री ने साथ ही कहा कि जेएनयू सेंट्रल यूनिवर्सिटी है और संसद के एक अधिनियम द्वारा 1966 में स्थापित हुआ था. जेएनयू का पहले कोई मोटो नहीं था, जब आप इसके एम्ब्लेम को देखेंगे तो यह बहुत ज्यादा हिंदू है. इसमें दीपक, कमल की कलियां, और गुलाब की पंखुड़ियां दिखेंगी. मैंने सबको तैयार किया और ‘तमसो मां ज्योतिर्गमय’ इसका आधिकारिक मोटो बनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>य़े भी पढ़ें- <a title=”कसाब को पहचाचने वाली 26/11 की पीड़िता ने तहव्वुर राणा पर कहा, ‘मुझे खुशी है लेकिन उसे…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/tahawwur-rana-extradition-mumbai-2008-attack-victims-devika-natwarlal-rotawan-reaction-2884400″ target=”_self”>कसाब को पहचाचने वाली 26/11 की पीड़िता ने तहव्वुर राणा पर कहा, ‘मुझे खुशी है लेकिन उसे…'</a></strong></p> महाराष्ट्र नोएडा में एक्सप्रेसवे समेत दूसरी सड़कों पर वाहन फिर भरेंगे रफ्तार, जानें नई ट्रैफिक एडवाइजरी
वाइस चांसलर शांतिश्री पंडित बोलीं, ‘JNU से ज्यादा वामपंथी है सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी’
