‘अप्पी और हम सभी लोग पढ़ रहे थे। तभी गली से झगड़े की आवाज आने लगी और मुस्कान अप्पी और जिकरा अप्पी दौड़ती हुई बारजे पर आ गयीं। बारजा पहले से कमजोर था। वो अचानक टूट गया और दोनों अप्पी लोग नीचे गिर गईं। सब लोग चिल्लाने लगे और फिर अम्मी-अब्बू और घर के लोग दोनों लोगों को अस्पताल ले गए।’ ये बताने के बाद वाराणसी सरैया वार्ड के पक्का महाल इलाके का 12 साल का मोहम्मद आसिफ अपने घर के बारजे को निहारने लगा और गुमसुम हो गया। महाल के जाफर अली का मकान 60 साल पुराना है। जिसमें तीन भाई रहते हैं। बीती रात जाफर अली की दो बेटियां घर के एक फिट के बारजे से बारजे के साथ गली में आ गिरी जिससे एक की मौत हो गयी और दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई। जाफर बुनकारी का काम करते हैं। उनकी चार लड़कियां और 2 लड़के हैं। रेशमा कक्षा-9 की तालीम हासिल कर रही थी। उसकी मौत के बाद घर के बाहर पड़ोसियों और रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा हुआ था। घर के अंदर औरतों का आने जाने का सिलसिला जारी था। ऐसे में दैनिक भास्कर रेशमा के भाई और चाचा के साथ पड़ोसियों से बात कर घटना की हकीकत जानी…पेश है खास रिपोर्ट छोटे भाई ने बताई बहनों के गिरकर घायल होने की कहानी… दैनिक भास्कर जब पक्के महाल में जाफर अली के घर पहुंचा तो वहां भीड़ लगी हुई थी। बारजे का टूटा हुआ हिस्सा जाफर अली के मकान के सामने ही रखा हुआ था और घर के बाहर लोग बात कर रहे थे। हमने यहीं भीड़ में खड़े एक शख्स से जाफर अली के बारे में पूछा तो उन्होंने एक बच्चे की तरफ इशारा किया जो इस घटना में मरने वाली 18 साल की रेशमा का भाई था। हम सब बैठे पढ़ रहे थे, तभी आने लगी आवाज
मोहम्मद आसिफ; जाफर अली की 6 संतानों में से पांचवें नंबर पर है। आसिफ ने बताया हम लोग रोज की तरह बैठे पढ़ रहे थे। रेशमा (मुस्कान) अप्पी और जिकरा अप्पी भी हमारे साथ बैठी थीं और पढ़ाई कर रही थीं। उसी वक़्त मोहल्ले के कुछ लड़के घर के सामने मैदान में लड़ाई करने लगे। इसे देखने के लिए रेशमा और जिकरा अप्पी दौड़ते हुए बाहर बारजे पर निकल आयीं। तेज आवाज के साथ नीचे गिर गया बारजा
आसिफ ने बताया- उन लोगों के नीचे गए कुछ ही सेकेंड गुजरा था कि तेज आवाज आयी और सब लोग बाहर निकले तो बारजा टूट गया था और रेशमा अप्पी और जिकरा अप्पी नीचे गिरे हुए थे। किसी को खून नहीं निकल रहा था बस दोनों बहनें चिल्ला रहीं थीं। फिर उन्हें अब्बू, अम्मी और चाचा लोग पड़ोसियों की मदद से अस्पताल ले गए।
अब जानिए क्या हुआ अस्पताल में और पुलिस कब पहुंची घर… काफी पुराना है मकान
जाफर अली के छोटे भाई कौसर अली ने बताया- जाफर भाई के 6 बच्चे हैं। इसमें चार लड़कियां और 2 लड़के हैं। उसमें मुस्कान (रेशमा) और जिकरा पढ़ाई करती हैं। जाफर भाई चौक इलाके में बनारसी साड़ी की कटिंग का काम करते हैं। यह हमारा पुश्तैनी मकान है जो 60 साल पुराना है। मकान का कुछ हिस्सा पहले से ही जर्जर है जिस पर कोई आता जाता नहीं है। अचानक वजन से टूट गया बारजा
कौसर ने बताया- बीती रात 8 बजे से मोहल्ले के कुछ लड़के यहां मैदान में थे। कुछ देर में उनमे झगड़ा होने लगा। आवाज तेज हुई तो भीड़ लग गयी। इसी दौरान मेरी भतीजी रेशमा (18) और जिकरा (16) कमरे से दौड़कर घर के जर्जर बारजे पर पहुंच गयीं और झगड़ा देखने लगीं। अचानक से उनके वजन से बारजा टूट गया और घर के दरवाजे पर गली में गिर गया। रेशमा के हाथ में और सीने में लगी थी चोट
कौसर ने बताया- रेशमा के हाथ और सीने में चोट लगी थी। वहीं जिकरा के भी कमर और पैर में चोट लगी थी। दोनों को लेकर हम लोग कबीरचौरा अस्पताल भागे। जहां इलाज के दौरान रेशमा की मौत रात पौने 12 बजे हो गयी। वहीं जिकरा का अभी इलाज चल रहा है। गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
पड़ोसी ने बताया- जाफर अली का परिवार गरीब है। अकेले जाफर कमाते हैं और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। कल अचानक हुए इस हादसे से उनके परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ‘अप्पी और हम सभी लोग पढ़ रहे थे। तभी गली से झगड़े की आवाज आने लगी और मुस्कान अप्पी और जिकरा अप्पी दौड़ती हुई बारजे पर आ गयीं। बारजा पहले से कमजोर था। वो अचानक टूट गया और दोनों अप्पी लोग नीचे गिर गईं। सब लोग चिल्लाने लगे और फिर अम्मी-अब्बू और घर के लोग दोनों लोगों को अस्पताल ले गए।’ ये बताने के बाद वाराणसी सरैया वार्ड के पक्का महाल इलाके का 12 साल का मोहम्मद आसिफ अपने घर के बारजे को निहारने लगा और गुमसुम हो गया। महाल के जाफर अली का मकान 60 साल पुराना है। जिसमें तीन भाई रहते हैं। बीती रात जाफर अली की दो बेटियां घर के एक फिट के बारजे से बारजे के साथ गली में आ गिरी जिससे एक की मौत हो गयी और दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई। जाफर बुनकारी का काम करते हैं। उनकी चार लड़कियां और 2 लड़के हैं। रेशमा कक्षा-9 की तालीम हासिल कर रही थी। उसकी मौत के बाद घर के बाहर पड़ोसियों और रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा हुआ था। घर के अंदर औरतों का आने जाने का सिलसिला जारी था। ऐसे में दैनिक भास्कर रेशमा के भाई और चाचा के साथ पड़ोसियों से बात कर घटना की हकीकत जानी…पेश है खास रिपोर्ट छोटे भाई ने बताई बहनों के गिरकर घायल होने की कहानी… दैनिक भास्कर जब पक्के महाल में जाफर अली के घर पहुंचा तो वहां भीड़ लगी हुई थी। बारजे का टूटा हुआ हिस्सा जाफर अली के मकान के सामने ही रखा हुआ था और घर के बाहर लोग बात कर रहे थे। हमने यहीं भीड़ में खड़े एक शख्स से जाफर अली के बारे में पूछा तो उन्होंने एक बच्चे की तरफ इशारा किया जो इस घटना में मरने वाली 18 साल की रेशमा का भाई था। हम सब बैठे पढ़ रहे थे, तभी आने लगी आवाज
मोहम्मद आसिफ; जाफर अली की 6 संतानों में से पांचवें नंबर पर है। आसिफ ने बताया हम लोग रोज की तरह बैठे पढ़ रहे थे। रेशमा (मुस्कान) अप्पी और जिकरा अप्पी भी हमारे साथ बैठी थीं और पढ़ाई कर रही थीं। उसी वक़्त मोहल्ले के कुछ लड़के घर के सामने मैदान में लड़ाई करने लगे। इसे देखने के लिए रेशमा और जिकरा अप्पी दौड़ते हुए बाहर बारजे पर निकल आयीं। तेज आवाज के साथ नीचे गिर गया बारजा
आसिफ ने बताया- उन लोगों के नीचे गए कुछ ही सेकेंड गुजरा था कि तेज आवाज आयी और सब लोग बाहर निकले तो बारजा टूट गया था और रेशमा अप्पी और जिकरा अप्पी नीचे गिरे हुए थे। किसी को खून नहीं निकल रहा था बस दोनों बहनें चिल्ला रहीं थीं। फिर उन्हें अब्बू, अम्मी और चाचा लोग पड़ोसियों की मदद से अस्पताल ले गए।
अब जानिए क्या हुआ अस्पताल में और पुलिस कब पहुंची घर… काफी पुराना है मकान
जाफर अली के छोटे भाई कौसर अली ने बताया- जाफर भाई के 6 बच्चे हैं। इसमें चार लड़कियां और 2 लड़के हैं। उसमें मुस्कान (रेशमा) और जिकरा पढ़ाई करती हैं। जाफर भाई चौक इलाके में बनारसी साड़ी की कटिंग का काम करते हैं। यह हमारा पुश्तैनी मकान है जो 60 साल पुराना है। मकान का कुछ हिस्सा पहले से ही जर्जर है जिस पर कोई आता जाता नहीं है। अचानक वजन से टूट गया बारजा
कौसर ने बताया- बीती रात 8 बजे से मोहल्ले के कुछ लड़के यहां मैदान में थे। कुछ देर में उनमे झगड़ा होने लगा। आवाज तेज हुई तो भीड़ लग गयी। इसी दौरान मेरी भतीजी रेशमा (18) और जिकरा (16) कमरे से दौड़कर घर के जर्जर बारजे पर पहुंच गयीं और झगड़ा देखने लगीं। अचानक से उनके वजन से बारजा टूट गया और घर के दरवाजे पर गली में गिर गया। रेशमा के हाथ में और सीने में लगी थी चोट
कौसर ने बताया- रेशमा के हाथ और सीने में चोट लगी थी। वहीं जिकरा के भी कमर और पैर में चोट लगी थी। दोनों को लेकर हम लोग कबीरचौरा अस्पताल भागे। जहां इलाज के दौरान रेशमा की मौत रात पौने 12 बजे हो गयी। वहीं जिकरा का अभी इलाज चल रहा है। गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
पड़ोसी ने बताया- जाफर अली का परिवार गरीब है। अकेले जाफर कमाते हैं और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। कल अचानक हुए इस हादसे से उनके परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर