उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन की तलाश में लगी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन को दुरुस्त करने के साथ ही क्षेत्रवार वोटबैंक का भी आकलन किया जा रहा है। पार्टी प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों को तीन कैटेगरी में में बांट रही हैं। पहली कैटेगरी में करीब 175 सीटें रखी जाएंगी। इसके लिए पार्टी के प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव अब तक 25 जिलों का दौरा कर चुके हैं। इन जिलों में अक्टूबर से प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अजय राय कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र देंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में सपा-कांग्रेस का गठबंधन था। सामाजिक न्याय, जाति जनगणना और संविधान बचाओ के मुद्दे पर पार्टी को समर्थन मिला। कांग्रेस एक सीट से बढ़कर छह पर पहुंच गई हैं। अब पार्टी की रणनीति है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर लिया जाए। इसके तहत पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल यादव ने पश्चिम और पूर्वांचल के करीब 25 जिलों का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर संगठनात्मक ढांचा के सुधार की रणनीति बनाई गई और भविष्य की तैयारियों पर चर्चा की गई।इसके साथ ही कांग्रेस से साथ जुड़ने वाले वोटबैंक का भी आकलन किया गया। इसके लिए संबंधित जिलों के सक्रिय पदाधिकारियों को लक्ष्य दिए गए हैं। ये पदाधिकारी विधानसभा क्षेत्रवार कांग्रेस की अब तक रही पैठ, वोटबैंक, जातिगत आंकड़ा और पिछले पांच चुनावों में हार- जीत के अंतर, पार्टी के लिए कौन सा मुद्दा मुफीद रहेगा, इसका ब्योरा तैयार करेंगे। दूसरे चरण में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इन जिलों का दौरा करेंगे। उस वक्त चिह्नित किए गए सक्रिय पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाई जाएगी। तीन हिस्से में बंटेंगी विधानसभा की सीटें प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों को तीन श्रेणी में बांटा जाएगा। करीब 175 सीटों की पहली हिस्से में रखा जाएगा। ताकि सपा के साथ गठबंधन पर बात चले तो इन सीटों की मांग की जा सके। पार्टी की रणनीति है कि हर जिले की कम से कम दो विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार उतारा जा सके। प्रदेश अध्यक्ष प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में संगठन को दुरुस्त किया जा रहा है। सक्रिय नेताओं को संगठन से लेकर चुनाव लड़ने तक का मौका दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर होगा फोकस वही कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया की यूपी की जनता के मुद्दो पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष का एलान किया है। प्रदेश में भी जनता के हितों की रक्षा लिए पार्टी सक्रिय है। हम स्थानीय मुद्दों को भी वरीयता के आधार पर उठा रहे हैं। यह सिलसिला अगले माह से विधानसभा क्षेत्रवार शुरू हो जाएगा। जहां भी जनता का शोषण होगा, उस विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी जमीन की तलाश में लगी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन को दुरुस्त करने के साथ ही क्षेत्रवार वोटबैंक का भी आकलन किया जा रहा है। पार्टी प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों को तीन कैटेगरी में में बांट रही हैं। पहली कैटेगरी में करीब 175 सीटें रखी जाएंगी। इसके लिए पार्टी के प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव अब तक 25 जिलों का दौरा कर चुके हैं। इन जिलों में अक्टूबर से प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अजय राय कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र देंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में सपा-कांग्रेस का गठबंधन था। सामाजिक न्याय, जाति जनगणना और संविधान बचाओ के मुद्दे पर पार्टी को समर्थन मिला। कांग्रेस एक सीट से बढ़कर छह पर पहुंच गई हैं। अब पार्टी की रणनीति है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर लिया जाए। इसके तहत पार्टी के प्रदेश महासचिव अनिल यादव ने पश्चिम और पूर्वांचल के करीब 25 जिलों का दौरा कर चुके हैं। इस दौरान पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर संगठनात्मक ढांचा के सुधार की रणनीति बनाई गई और भविष्य की तैयारियों पर चर्चा की गई।इसके साथ ही कांग्रेस से साथ जुड़ने वाले वोटबैंक का भी आकलन किया गया। इसके लिए संबंधित जिलों के सक्रिय पदाधिकारियों को लक्ष्य दिए गए हैं। ये पदाधिकारी विधानसभा क्षेत्रवार कांग्रेस की अब तक रही पैठ, वोटबैंक, जातिगत आंकड़ा और पिछले पांच चुनावों में हार- जीत के अंतर, पार्टी के लिए कौन सा मुद्दा मुफीद रहेगा, इसका ब्योरा तैयार करेंगे। दूसरे चरण में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इन जिलों का दौरा करेंगे। उस वक्त चिह्नित किए गए सक्रिय पदाधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ाई जाएगी। तीन हिस्से में बंटेंगी विधानसभा की सीटें प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों को तीन श्रेणी में बांटा जाएगा। करीब 175 सीटों की पहली हिस्से में रखा जाएगा। ताकि सपा के साथ गठबंधन पर बात चले तो इन सीटों की मांग की जा सके। पार्टी की रणनीति है कि हर जिले की कम से कम दो विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार उतारा जा सके। प्रदेश अध्यक्ष प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में संगठन को दुरुस्त किया जा रहा है। सक्रिय नेताओं को संगठन से लेकर चुनाव लड़ने तक का मौका दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर होगा फोकस वही कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया की यूपी की जनता के मुद्दो पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष का एलान किया है। प्रदेश में भी जनता के हितों की रक्षा लिए पार्टी सक्रिय है। हम स्थानीय मुद्दों को भी वरीयता के आधार पर उठा रहे हैं। यह सिलसिला अगले माह से विधानसभा क्षेत्रवार शुरू हो जाएगा। जहां भी जनता का शोषण होगा, उस विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में पावरकॉम और नगर निगम आमने-सामने:STP-पंपिंग स्टेशनों के 11.75 करोड़ रुपए बकाया, निकाय को PSPCL से लेने हैं 138 करोड़ पंजाब के लुधियाना में पावर वर्क्स (पीएसपीसीएल) विभाग और नगर निगम विभाग आमने-सामने हैं। कुछ दिन पहले पावर वर्क्स ने 120 करोड़ रुपये के बकाया बिलों के भुगतान की मांग की थी, लेकिन उसके जवाब में नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि पावर वर्क्स पर अभी भी नगर निगम टैक्स के रूप में 138 करोड़ रुपये बकाया हैं। अगर निगम के एसटीपी-पंपिंग स्टेशनों की बात करें तो पंपिंग स्टेशनों का 11.75 करोड़ रुपये का बिजली बिल अभी भी बकाया है। सीवरेज बोर्ड ने बिल का भुगतान करने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा है। वित्तीय संकट से जूझ रहा है निगम, 10 हजार कर्मचारियों को नहीं मिला अगस्त का वेतन गौरतलब है कि नगर निगम पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है। निगम अधिकारी को भी जरूरी काम निपटाने की सलाह दी गई है। इन हालातों में बिजली बिल का भुगतान करना काफी मुश्किल है। सितंबर माह की बात करें तो आज 15 दिन बीत चुके हैं, निगम के 10 हजार कर्मचारियों को अभी तक अगस्त माह का वेतन नहीं मिला है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी निगम को बजट से 312 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। वर्ष 2023-24 के लिए 966 करोड़ का बजट पारित किया गया था। इसमें सिर्फ 614 करोड़ रुपए का लक्ष्य ही हासिल हो पाया है। इसमें भी 60 फीसदी से ज्यादा आय जीएसटी, एक्साइज ड्यूटी और नगर निगम टैक्स से होती है जो बिजली बिल पर लगाया जाता है। वेतन देने के लिए हर महीने करीब 50 करोड़ रुपए की जरूरत होती है जो उसके पास नहीं है। पावरकॉम ने सीवरेज बोर्ड को लिखा पत्र बुड्ढा दरिया कायाकल्प प्रोजेक्ट के तहत 3 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड किया गया है। शहर के घरेलू डिस्चार्ज को ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने के लिए एफ्लुएंट पंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं। जमालपुर और बल्लोके ट्रीटमेंट प्लांट का करीब 10 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है। इसके अलावा एफ्लुएंट पंपिंग स्टेशनों का करीब 1.75 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। नगर निगम को लिखे पत्र में सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों ने अनुरोध किया है कि बिजली बिलों का भुगतान जल्द किया जाए ताकि भविष्य में प्लांट और पंपिंग स्टेशनों के संचालन को लेकर उन्हें परेशानियों का सामना न करना पड़े। अब पढ़े इन STP-पंपिंग स्टेशन्स का है इतना बिल बकाया
STP जमालपुर – 8,56,83080
टिब्बा रोड पंपिंग स्टेशन्स -34,84,650
गौशाला पंपिंग स्टेशन – 45,61,340
सुंदर नगर पंपिंग स्टेशन -16,71,290
कुंदनपुरी पंपिंग स्टेशन – 13,26,750
उपकार नगर पंपिंग स्टेशन -1,55,470
लार्ड महावीर नगर पंपिंग स्टेशन-23,09550
STP बल्लोके -15,20,0330
ETP हैबोवाल -22,35,940
ETP ताजपुर ब्लाक-ए -4,55,560
ETP ताजपुर ब्लाक-बी – 4,96,770
कुल- -11,75,80,730
दिल्ली में त्योहारी सीजन में जमकर छलके जाम, 15 दिन में बिकी रिकॉर्ड शराब, चौंका देंगे आंकड़ें
दिल्ली में त्योहारी सीजन में जमकर छलके जाम, 15 दिन में बिकी रिकॉर्ड शराब, चौंका देंगे आंकड़ें <p style=”text-align: justify;”>दिवाली के मौके पर दिल्ली में शराब की बिक्री ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. दिल्ली सरकार को इस दौरान शराब की बिक्री से 448 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, जो पिछले दो सालों के मुकाबले काफी ज्यादा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिवाली से पहले के महज 15 दिनों में दिल्ली सरकार की ओर से चल रही 680 दुकानों से 3.9 करोड़ शराब की बोतलें बिकीं, जो 2022 में बिकी 1.9 करोड़ बोतलों और 2023 में बिकी 2.7 करोड़ बोतलों से काफी अधिक है. शराब बिक्री के इन आंकड़ों में व्हिस्की, रम, वोदका और जिन के साथ ही बीयर, वाइन एवं अन्य शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शराब कारोबार के जानकारों का कहना है कि दशहरा के बाद से शराब की मांग बढ़ने लगती है और दिवाली से दो दिन पहले यह अपने पीक पर पहुंच जाती है. इस साल 29 अक्टूबर को सबसे ज्यादा 35 लाख बोतलें बिकीं, जबकि 30 अक्टूबर को यह आंकड़ा 34 लाख रह गया</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिवाली के दिन शराब की दुकानें बंद थीं. अधिकारियों का कहना है कि लोग दिवाली के अलावा, नए साल की पूर्व संध्या और होली से पहले के हफ्तों में भी उपहार में देने या फिर स्टॉक करने के लिए शराब खरीदते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिक्री बढ़ने से आबकारी विभाग को हुआ फायदा</strong><br />त्योहारी सीजन में शराब की बिक्री बढ़ने से आबकारी विभाग को फायदा हुआ है. सितंबर में एक्साइज सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (ESCIMS) पोर्टल में आई तकनीकी खराबी के कारण दुकानों, होटलों और बार में शराब की कमी हो गई थी, जिससे विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. अक्टूबर में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की ओर से प्रबंधित एक नए पोर्टल के लॉन्च होने के बाद स्थिति में सुधार हुआ. इससे शराब की दुकानों, होटलों और बार को फिर से स्टॉक करने में आसानी हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार के राजस्व में हुआ इजाफा</strong><br />अधिकारियों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष एक्साइज ड्यूटी और वैल्यू एडेड टैक्स से सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है. दिल्ली सरकार ने अपने 2024-25 के बजट में आबकारी राजस्व 6,400 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक, सरकार ने शराब की बिक्री पर आबकारी शुल्क से 3,047 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 7 फीसदी अधिक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये बी पढ़ें: <a title=”गोलियों की आवाज से दहली दिल्ली! नांगलोई में फर्नीचर की दुकान तो अलीपुर में गैस एजेंसी के ऑफिस में फायरिंग” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-news-firing-at-furniture-shop-in-nangloi-delhi-police-2816615″ target=”_self”>गोलियों की आवाज से दहली दिल्ली! नांगलोई में फर्नीचर की दुकान तो अलीपुर में गैस एजेंसी के ऑफिस में फायरिंग</a></strong></p>