<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP on Cancellation of Rajasthan New Districts:</strong> राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविवार को कहा कि अशोक गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए जल्दबाजी में नए जिलों के गठन की घोषणा की थी, ताकि उनकी अस्थिर सरकार को समर्थन मिल सके. राजस्थान सरकार ने शनिवार (28 दिसंबर) को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से 9 को रद्द करने का निर्णय लेते हुए कहा कि यह न तो व्यावहारिक है और न ही जनहित में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन नए संभागों को भी रद्द कर दिया गया. अब राज्य में केवल सात संभाग और 41 जिले रह जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विधायकों को खुश करने के लिए बने थे नए जिले'</strong><br />मदन राठौड़ ने दावा किया कि अशोक गहलोत ने पूर्व सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति बनाई थी, लेकिन नए जिलों की घोषणा के बाद खुद रामलुभाया ने आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा कि इसका साफ मतलब है कि अशोक गहलोत ने समिति को अंधेरे में रखा और विधायकों को खुश करने के लिए जिलों का बंटवारा किया ताकि उनकी अस्थिर सरकार का समर्थन कम न हो जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत बोले- ‘मेरा फैसला सही था'</strong><br />पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन आरोपों को खारिज किया कि नए जिलों की घोषणा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए की गई. उन्होंने कहा, ‘‘अब कई नौकरशाह दावा कर रहे हैं कि नए जिले अव्यावहारिक थे, लेकिन बीजेपी यह जानते हुए भी कि निर्णय सही था, हम पर हमला करने के लिए इसे ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जिले बनाए, लेकिन नहीं दी वित्तीय मदद'</strong><br />मदन राठौड़ ने एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार ने सभी जिलों की समीक्षा के बाद पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ललित पंवार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की. कैबिनेट समिति बनाई और उनकी रिपोर्ट के बाद कैबिनेट बैठक में नौ जिलों और तीन संभाग को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा तो कर दी लेकिन न तो उन जिलों के संचालन के लिए वित्तीय व्यवस्था की और न ही उनके कार्यालय संसाधनों आदि की व्यवस्था की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कभी मांग नहीं उठी, फिर भी बन गए जिले'</strong><br />उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत तो पांच साल तक सरकार बचाने में जुटे रहे. गहलोत सरकार ने बिना गहन चिंतन किए चुनावी आचार संहिता लगने से एक दिन पहले अचानक नए जिलों की घोषणा कर दी. अशोक गहलोत ने ऐसे भी नए जिले बना दिए, जिसकी कभी किसी ने कोई मांग तक नहीं की थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-current-accidents-in-kota-and-jhalawar-three-children-died-2852524″>राजस्थान: कहीं खेत में खेल रहे बच्चों पर गिरा हाईटेंशन तार, कहीं पतंग की वजह से लगा करंट, 3 मासूमों की मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>BJP on Cancellation of Rajasthan New Districts:</strong> राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविवार को कहा कि अशोक गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए जल्दबाजी में नए जिलों के गठन की घोषणा की थी, ताकि उनकी अस्थिर सरकार को समर्थन मिल सके. राजस्थान सरकार ने शनिवार (28 दिसंबर) को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से 9 को रद्द करने का निर्णय लेते हुए कहा कि यह न तो व्यावहारिक है और न ही जनहित में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन नए संभागों को भी रद्द कर दिया गया. अब राज्य में केवल सात संभाग और 41 जिले रह जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विधायकों को खुश करने के लिए बने थे नए जिले'</strong><br />मदन राठौड़ ने दावा किया कि अशोक गहलोत ने पूर्व सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति बनाई थी, लेकिन नए जिलों की घोषणा के बाद खुद रामलुभाया ने आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा कि इसका साफ मतलब है कि अशोक गहलोत ने समिति को अंधेरे में रखा और विधायकों को खुश करने के लिए जिलों का बंटवारा किया ताकि उनकी अस्थिर सरकार का समर्थन कम न हो जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत बोले- ‘मेरा फैसला सही था'</strong><br />पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन आरोपों को खारिज किया कि नए जिलों की घोषणा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए की गई. उन्होंने कहा, ‘‘अब कई नौकरशाह दावा कर रहे हैं कि नए जिले अव्यावहारिक थे, लेकिन बीजेपी यह जानते हुए भी कि निर्णय सही था, हम पर हमला करने के लिए इसे ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जिले बनाए, लेकिन नहीं दी वित्तीय मदद'</strong><br />मदन राठौड़ ने एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार ने सभी जिलों की समीक्षा के बाद पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ललित पंवार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की. कैबिनेट समिति बनाई और उनकी रिपोर्ट के बाद कैबिनेट बैठक में नौ जिलों और तीन संभाग को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा तो कर दी लेकिन न तो उन जिलों के संचालन के लिए वित्तीय व्यवस्था की और न ही उनके कार्यालय संसाधनों आदि की व्यवस्था की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कभी मांग नहीं उठी, फिर भी बन गए जिले'</strong><br />उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत तो पांच साल तक सरकार बचाने में जुटे रहे. गहलोत सरकार ने बिना गहन चिंतन किए चुनावी आचार संहिता लगने से एक दिन पहले अचानक नए जिलों की घोषणा कर दी. अशोक गहलोत ने ऐसे भी नए जिले बना दिए, जिसकी कभी किसी ने कोई मांग तक नहीं की थी. </p>
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