<p style=”text-align: justify;”><strong>Justice Shekhar Yadav:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट में 16 दिसंबर से कुछ न्यायाधीशों के क्षेत्राधिकार में बदलाव किया जा रहा है. इनमें पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में बयानबाजी को लेकर चर्चा में आए जस्टिस शेखर कुमार यादव का नाम भी शामिल हैं. हालांकि रोस्टर में यह मॉडिफिकेशन सामान्य प्रक्रिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश से गुरुवार देर शाम जारी सप्लीमेंटरी रोस्टर 16 दिसंबर से प्रभावी होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सप्लीमेंट्री रोस्टर के मुताबिक जस्टिस शेखर कुमार यादव अब साल 2010 तक की पुरानी प्रथम अपीलों से जुड़े मामलों में सुनवाई करेंगे. 2011 से प्रथम अपीलों की सुनवाई जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र करेंगे. न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र के पास धारा 24 सीपीसी के तहत आवेदन, एफएएफओ और द्वितीय अपील का क्षेत्राधिकार भी रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शेखर यादव पहले इन मामलों की कर रहे थे सुनवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले बीते 15 अक्टूबर से प्रभावी बेंच रोटेशन में जस्टिस शेखर कुमार यादव आईपीसी की धारा 376, 376ए-376ई (अन्य अपराधों के साथ या उसके बिना (302 और 304-बी आईपीसी को छोड़कर) के तहत जमानत आवेदन, 11.12.2023 से आगे के लिए और भारतीय न्याय संहिता की धारा 64-71 के तहत महत्वपूर्ण जमानत आवेदन (अन्य अपराधों के साथ या उसके बिना (भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 और 80 को छोड़कर) की सुनवाई कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह क्षेत्राधिकार अब जस्टिस संजय कुमार सिंह को सौंपा गया है. इस सप्लीमेंटरी रोस्टर के मुताबिक अब जस्टिस समित गोपाल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित मामले और/या सीबीआई की ओर से जांच किए गए मामले, प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से जांच से उत्पन्न मामले, एनआरएचएम और गाजियाबाद जीपीएफ घोटाले के मामले, सांसदों, विधानसभा सदस्यों और विधान परिषद सदस्यों से संबंधित आपराधिक मामले, 2015 के बाल न्याय अधिनियम की धारा 102 के तहत दायर आपराधिक संशोधन पर सुनवाई करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस शेखर कुमार यादव ने 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में न सिर्फ शिरकत की थी बल्कि इसमें जो भाषण दिया था, इस पर इन दिनों सियासी बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने जस्टिस शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब कर ली है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Justice Shekhar Yadav:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट में 16 दिसंबर से कुछ न्यायाधीशों के क्षेत्राधिकार में बदलाव किया जा रहा है. इनमें पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में बयानबाजी को लेकर चर्चा में आए जस्टिस शेखर कुमार यादव का नाम भी शामिल हैं. हालांकि रोस्टर में यह मॉडिफिकेशन सामान्य प्रक्रिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश से गुरुवार देर शाम जारी सप्लीमेंटरी रोस्टर 16 दिसंबर से प्रभावी होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सप्लीमेंट्री रोस्टर के मुताबिक जस्टिस शेखर कुमार यादव अब साल 2010 तक की पुरानी प्रथम अपीलों से जुड़े मामलों में सुनवाई करेंगे. 2011 से प्रथम अपीलों की सुनवाई जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र करेंगे. न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र के पास धारा 24 सीपीसी के तहत आवेदन, एफएएफओ और द्वितीय अपील का क्षेत्राधिकार भी रहेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शेखर यादव पहले इन मामलों की कर रहे थे सुनवाई</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले बीते 15 अक्टूबर से प्रभावी बेंच रोटेशन में जस्टिस शेखर कुमार यादव आईपीसी की धारा 376, 376ए-376ई (अन्य अपराधों के साथ या उसके बिना (302 और 304-बी आईपीसी को छोड़कर) के तहत जमानत आवेदन, 11.12.2023 से आगे के लिए और भारतीय न्याय संहिता की धारा 64-71 के तहत महत्वपूर्ण जमानत आवेदन (अन्य अपराधों के साथ या उसके बिना (भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 और 80 को छोड़कर) की सुनवाई कर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह क्षेत्राधिकार अब जस्टिस संजय कुमार सिंह को सौंपा गया है. इस सप्लीमेंटरी रोस्टर के मुताबिक अब जस्टिस समित गोपाल भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित मामले और/या सीबीआई की ओर से जांच किए गए मामले, प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से जांच से उत्पन्न मामले, एनआरएचएम और गाजियाबाद जीपीएफ घोटाले के मामले, सांसदों, विधानसभा सदस्यों और विधान परिषद सदस्यों से संबंधित आपराधिक मामले, 2015 के बाल न्याय अधिनियम की धारा 102 के तहत दायर आपराधिक संशोधन पर सुनवाई करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस शेखर कुमार यादव ने 8 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में न सिर्फ शिरकत की थी बल्कि इसमें जो भाषण दिया था, इस पर इन दिनों सियासी बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने जस्टिस शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब कर ली है.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ‘न्यायपालिका पर यकीन डोल गया था लेकिन…’, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले अजमेर दरगाह कमेटी के सरवर चिश्ती