हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिला के रोहड़ू में सीमा कालेज का नाम बदलकर ‘वीरभद्र सिंह’ रखने की घोषणा की। सीमा कालेज में शनिवार को सीएम सुक्खू ने इसकी घोषणा एक कार्यक्रम के दौरान की। मुख्यमंत्री ने कहा, वीरभद्र सिंह ने लंबे समय तक प्रदेश की सेवा की है। स्व. वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र सिंह ने रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र का भी चार बार प्रतिनिधित्व किया है। इस दौरान सीएम सुक्खू ने रोहड़ू कालेज में अगले शैक्षणिक सत्र से बीएड की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। कालेज में बीएड शुरू होने से टीचिंग लाइन में जाने के इच्छुक छात्रों को बीएड की पढ़ाई के लिए अब रोहड़ू से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। दिल्ली से सीधे रोहड़ू पहुंचे सीएम सुक्खू दिल्ली से चार दिन बाद लौटें सीएम सुक्खू आज सीधे रोहड़ू पहुंचे। यहां पर उन्होंने कोल्ड स्टोर और आयुर्वेदिक अस्पताल का उद्घाटन किया। इससे क्षेत्र के सेब बागवानों को अपनी उपज स्टोर करने की सुविधा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने रोहड़ू में करोड़ों रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशीला रखी। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिला के रोहड़ू में सीमा कालेज का नाम बदलकर ‘वीरभद्र सिंह’ रखने की घोषणा की। सीमा कालेज में शनिवार को सीएम सुक्खू ने इसकी घोषणा एक कार्यक्रम के दौरान की। मुख्यमंत्री ने कहा, वीरभद्र सिंह ने लंबे समय तक प्रदेश की सेवा की है। स्व. वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र सिंह ने रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र का भी चार बार प्रतिनिधित्व किया है। इस दौरान सीएम सुक्खू ने रोहड़ू कालेज में अगले शैक्षणिक सत्र से बीएड की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की। कालेज में बीएड शुरू होने से टीचिंग लाइन में जाने के इच्छुक छात्रों को बीएड की पढ़ाई के लिए अब रोहड़ू से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। दिल्ली से सीधे रोहड़ू पहुंचे सीएम सुक्खू दिल्ली से चार दिन बाद लौटें सीएम सुक्खू आज सीधे रोहड़ू पहुंचे। यहां पर उन्होंने कोल्ड स्टोर और आयुर्वेदिक अस्पताल का उद्घाटन किया। इससे क्षेत्र के सेब बागवानों को अपनी उपज स्टोर करने की सुविधा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने रोहड़ू में करोड़ों रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशीला रखी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा में पहली बार शून्य-काल शुरू होगा:विधायक अपने क्षेत्र के मुद्दे उठा पाएंगे; स्पीकर बोले-अब तक 316 प्रश्न मिले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कल से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पहली बार शून्य काल यानी जीरो आवर होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तपोवन धर्मशाला में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, 12 से 12.30 बजे तक विधायक जनता से जुड़े मुद्दे शून्य काल में उठा सकेंगे। उन्होंने कहा, सत्र शुरू होने से डेढ़ घंटा पहले विधानसभा सचिवालय को पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूचना देनी होगी। शून्य काल में एक विधायक अधिकतम 2 सवाल पूछ सकेगा। प्रत्येक सदस्य को चार से पांच मिनट का वक्त मिलेगा। पूछे गए सवाल का उत्तर संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा लिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने शून्य काल शुरू करने की व्यवस्था मानसून सत्र के दौरान दे दी थी। जाहिर है कि रोजाना एक घंटे के प्रश्नकाल के बाद शून्य काल होगा। इसके बाद लोकसभा की तर्ज पर हिमाचल विधानसभा में भी विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठा पाएंगे। हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होती है। नई व्यवस्था के तहत प्रश्नकाल 11 से 12 बजे तक चलेगा। 12 से 12.30 बजे तक शून्यकाल होगा। इसके बाद विधानसभा का दूसरा बिजनेस कार्यवाही को सदन में लाया जाएगा। क्यों पड़ी शून्य काल की जरूरत? बता दें कि बहुत से मुद्दे ऐसे होते थे जिन्हें विधायक सदन में उठाना चाहते है। मगर नहीं उठा पाते थे। इसकी जरूरत को देखते हुए पहली बार शून्य काल शुरू किया जा रहा है। हिमाचल विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब शून्य-काल शुरू होगा। अब तक 316 प्रश्न मिले कुलदीप पठानिया ने कहा, 18 से 21 दिसंबर तक चलने वाली सत्र में कुल 4 बैठकें होंगी। एक दिन प्राइवेट मेंबर-डे होगा। अभी तक कुल 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे जा चुके हैं। इसी तरह विधानसभा के अलग अलग नियमों के तहत भी 14 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय प्रशासन को मिली है, जिन पर सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। शेष तीन दिन में दोनों दलों के विधायकों के सवाल और विधेयक पर चर्चा को लाए जाएंगे। सर्वदलीय मीटिंग की इससे पहले स्पीकर कुलदीप पठानिया ने धर्मशाला में सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मगर इसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर शामिल नहीं हुए। कुलदीप पठानिया ने कहा, कि जयराम ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मीटिंग में उपस्थित नहीं होने की बात कही है।
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