वृंदावन में बांके बिहारी दर्शन करने आए श्रद्धालु का बंदर बैग लेकर भाग गया। इसके बाद वो बंदर के पीछे भागने लगे। उन्होंने काफी कोशिश की। लेकिन, वो बंदर से बैग नहीं ले सके। उन्होंने बताया कि बैग में 20 लाख की हीरे की ज्वेलरी है। इसके बाद उन्होंने पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद ली। पुलिस ने करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद बंदर को पकड़ लिया। इसके बाद श्रद्धालु ने पुलिस को थैंक्यू बोला। साथ ही कहा- बांके बिहारी की कृपा से मेरी मेहनत की कमाई से बनी ज्वेलरी मिल गई। अब जानिए पूरा मामला… अलीगढ़ से दर्शन करने आया था परिवार
अलीगढ़ के रहने वाले अभिषेक अग्रवाल पूरे परिवार के साथ वृंदावन आए हुए थे। उन्होंने गुरुवार शाम बांके बिहारी मंदिर में फूल बंगला की सेवा की। शुक्रवार को बांके बिहारी जी के दर्शन करने के बाद वह वापस अलीगढ़ जा रहे थे। इस दौरान उनके हाथ में हीरे और सोने-चांदी से बनी ज्वेलरी का बैग था। अभिषेक जैसे ही गौतम पाड़ा तिराहा पर पहुंचे, तभी एक बंदर उनके हाथ से बैग छीना ले गया। बैग हाथ से जाते ही अभिषेक के पसीने छूट गए, क्योंकि उसमें 20 लाख रुपए की ज्वेलरी थी। अभिषेक चिल्लाने लगे- बंदर को पकड़ो
बंदर के बैग ले जाते ही अभिषेक ने शोर मचाना शुरू कर दिया। चिल्लाने लगे- बंदर को पकड़ों, उस बैग में हीरे के आभूषण हैं। खुद भी बंद से बैग छुड़ाने के प्रयास शुरू कर दिए। उसे फ्रूटी और केले दिए। लेकिन, करीब 1 घंटे तक जब कोई सफलता नहीं मिली, तो अभिषेक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद वृंदावन कोतवाली प्रभारी प्रशांत कपिल, इंस्पेक्टर क्राइम धर्मेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी शिवकुमार शर्मा समेत 8 पुलिसकर्मी बैग की तलाश में जुट गए। करीब 8 घंटे की मेहनत के बाद आखिर में पुलिस ने बैग को बरामद कर ही लिया। बैग में ये सामान था
बैग को बरामद कर पुलिस बांके बिहारी चौकी लाई। वहां अभिषेक अग्रवाल की मौजूदगी में बैग को खोला गया। इसमें हीरा का हार, 2 अंगूठी, 2 कान के टॉप्स के अलावा चांदी की 3 पायजेब और नकद रुपए थे। पूरा सामान मिलने पर अभिषेक अग्रवाल ने वृंदावन पुलिस को थैंक्स कहा। कहा- यह बांके बिहारी की कृपा और पुलिस की मेहनत है कि मुझे पूरा सामान वापस मिल गया। आंखों से चश्मा, हाथ से पर्स और मोबाइल भी उड़ा ले गए
वृंदावन में मिठाई की दुकान लगाने वाले गोपाल चौबे ने बताया- वृंदावन के बंदर देश भर में चश्मा, पर्स और मोबाइल ले जाने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह बंदर आंखों पर लगे चश्मा को गायब कर दें, पता ही नहीं चलता। इतना ही नहीं यह बंदर हाथों में से पर्स और मोबाइल को भी बड़े ही शातिराना अंदाज में छीना कर ले जाते हैं। जिसके साथ यह वाकया होता है उसे तब पता चलता है जब बंदर उसकी पहुंच से दूर पहुंच जाता है। ऐसा यहां कई बार हुआ है कि बंदर लोगों के चीजें छीन ले जाते हैं। मथुरा-वृंदावन में हैं 50 हजार से ज्यादा बंदर
मथुरा वृंदावन में बंदर कितने हैं, इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है। वन विभाग भी बंदरों की सही संख्या को लेकर असमंजस में है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, यहां 50 हजार से ज्यादा बंदर हैं। मथुरा- वृंदावन में बंदरों की बड़ी संख्या इनके आतंक का कारण है। वृंदावन में इस वजह से है समस्या
वृंदावन दो दशक पहले हरियाली से भरा था। परिक्रमा मार्ग के चारों तरह हरे भरे बाग, फल-फूल से लहलहाते बगीचे यहां हरियाली वाला वातावरण बनाए हुए थे। इससे बंदरों को माहौल और खाना आसानी से मिल जाता था। लेकिन, समय बदला और बाग-बगीचों की जगह बड़ी-बड़ी बिल्डिंग ने ले ली। इसकी वजह से बंदरों को उनके अनुकूल न तो वातावरण मिला और न ही भरपेट भोजन। बाग-बगीचे खत्म होते रहे और जिम्मेदार बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ी कराते रहे। —————————- ये खबर भी पढ़िए- अयोध्या में एक हजार साल चमकता रहेगा राम दरबार, मूर्तिकार बोले- बजरंगबली ने सपने में आकर रामकाज कराया अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 498 दिन बाद गुरुवार को भगवान राम सिंहासन पर विराजे। साथ में माता सीता, तीनों भाई और हनुमान की मूर्तियां हैं। सूरत के कारोबारी हीरे के आभूषण दान किए। मूर्तियों को जयपुर में तैयार किया गया है। दावा है कि मूर्तियां एक हजार साल तक सुरक्षित रहेंगी। साल-दर-साल चमक बढ़ती जाएगी। मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने कहा, प्रभु बजरंगबली ने उनसे राम दरबार का भव्य स्वरूप तैयार कराया है। VIDEO में राम दरबार के बारे में जानिए… वृंदावन में बांके बिहारी दर्शन करने आए श्रद्धालु का बंदर बैग लेकर भाग गया। इसके बाद वो बंदर के पीछे भागने लगे। उन्होंने काफी कोशिश की। लेकिन, वो बंदर से बैग नहीं ले सके। उन्होंने बताया कि बैग में 20 लाख की हीरे की ज्वेलरी है। इसके बाद उन्होंने पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद ली। पुलिस ने करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद बंदर को पकड़ लिया। इसके बाद श्रद्धालु ने पुलिस को थैंक्यू बोला। साथ ही कहा- बांके बिहारी की कृपा से मेरी मेहनत की कमाई से बनी ज्वेलरी मिल गई। अब जानिए पूरा मामला… अलीगढ़ से दर्शन करने आया था परिवार
अलीगढ़ के रहने वाले अभिषेक अग्रवाल पूरे परिवार के साथ वृंदावन आए हुए थे। उन्होंने गुरुवार शाम बांके बिहारी मंदिर में फूल बंगला की सेवा की। शुक्रवार को बांके बिहारी जी के दर्शन करने के बाद वह वापस अलीगढ़ जा रहे थे। इस दौरान उनके हाथ में हीरे और सोने-चांदी से बनी ज्वेलरी का बैग था। अभिषेक जैसे ही गौतम पाड़ा तिराहा पर पहुंचे, तभी एक बंदर उनके हाथ से बैग छीना ले गया। बैग हाथ से जाते ही अभिषेक के पसीने छूट गए, क्योंकि उसमें 20 लाख रुपए की ज्वेलरी थी। अभिषेक चिल्लाने लगे- बंदर को पकड़ो
बंदर के बैग ले जाते ही अभिषेक ने शोर मचाना शुरू कर दिया। चिल्लाने लगे- बंदर को पकड़ों, उस बैग में हीरे के आभूषण हैं। खुद भी बंद से बैग छुड़ाने के प्रयास शुरू कर दिए। उसे फ्रूटी और केले दिए। लेकिन, करीब 1 घंटे तक जब कोई सफलता नहीं मिली, तो अभिषेक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद वृंदावन कोतवाली प्रभारी प्रशांत कपिल, इंस्पेक्टर क्राइम धर्मेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी शिवकुमार शर्मा समेत 8 पुलिसकर्मी बैग की तलाश में जुट गए। करीब 8 घंटे की मेहनत के बाद आखिर में पुलिस ने बैग को बरामद कर ही लिया। बैग में ये सामान था
बैग को बरामद कर पुलिस बांके बिहारी चौकी लाई। वहां अभिषेक अग्रवाल की मौजूदगी में बैग को खोला गया। इसमें हीरा का हार, 2 अंगूठी, 2 कान के टॉप्स के अलावा चांदी की 3 पायजेब और नकद रुपए थे। पूरा सामान मिलने पर अभिषेक अग्रवाल ने वृंदावन पुलिस को थैंक्स कहा। कहा- यह बांके बिहारी की कृपा और पुलिस की मेहनत है कि मुझे पूरा सामान वापस मिल गया। आंखों से चश्मा, हाथ से पर्स और मोबाइल भी उड़ा ले गए
वृंदावन में मिठाई की दुकान लगाने वाले गोपाल चौबे ने बताया- वृंदावन के बंदर देश भर में चश्मा, पर्स और मोबाइल ले जाने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह बंदर आंखों पर लगे चश्मा को गायब कर दें, पता ही नहीं चलता। इतना ही नहीं यह बंदर हाथों में से पर्स और मोबाइल को भी बड़े ही शातिराना अंदाज में छीना कर ले जाते हैं। जिसके साथ यह वाकया होता है उसे तब पता चलता है जब बंदर उसकी पहुंच से दूर पहुंच जाता है। ऐसा यहां कई बार हुआ है कि बंदर लोगों के चीजें छीन ले जाते हैं। मथुरा-वृंदावन में हैं 50 हजार से ज्यादा बंदर
मथुरा वृंदावन में बंदर कितने हैं, इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है। वन विभाग भी बंदरों की सही संख्या को लेकर असमंजस में है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, यहां 50 हजार से ज्यादा बंदर हैं। मथुरा- वृंदावन में बंदरों की बड़ी संख्या इनके आतंक का कारण है। वृंदावन में इस वजह से है समस्या
वृंदावन दो दशक पहले हरियाली से भरा था। परिक्रमा मार्ग के चारों तरह हरे भरे बाग, फल-फूल से लहलहाते बगीचे यहां हरियाली वाला वातावरण बनाए हुए थे। इससे बंदरों को माहौल और खाना आसानी से मिल जाता था। लेकिन, समय बदला और बाग-बगीचों की जगह बड़ी-बड़ी बिल्डिंग ने ले ली। इसकी वजह से बंदरों को उनके अनुकूल न तो वातावरण मिला और न ही भरपेट भोजन। बाग-बगीचे खत्म होते रहे और जिम्मेदार बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ी कराते रहे। —————————- ये खबर भी पढ़िए- अयोध्या में एक हजार साल चमकता रहेगा राम दरबार, मूर्तिकार बोले- बजरंगबली ने सपने में आकर रामकाज कराया अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के 498 दिन बाद गुरुवार को भगवान राम सिंहासन पर विराजे। साथ में माता सीता, तीनों भाई और हनुमान की मूर्तियां हैं। सूरत के कारोबारी हीरे के आभूषण दान किए। मूर्तियों को जयपुर में तैयार किया गया है। दावा है कि मूर्तियां एक हजार साल तक सुरक्षित रहेंगी। साल-दर-साल चमक बढ़ती जाएगी। मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने कहा, प्रभु बजरंगबली ने उनसे राम दरबार का भव्य स्वरूप तैयार कराया है। VIDEO में राम दरबार के बारे में जानिए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
वृंदावन में बंदर हीरे से भरा बैग लेकर भागा:श्रद्धालु बोला- उसे पकड़ो, उसमें 20 लाख का सामान है; पुलिस ने 8 घंटे बाद पकड़ा
