<p>सिरोही लोकसभा सीट पर लुंबाराम चौधरी को 796783 वोट मिले. वैभव गहलोत को 595240 वोट मिले. बीजेपी के लुंबाराम चौधरी 201543 वोट से विजयी घोषित किए गए.</p>
<p><br /><br /></p> <p>सिरोही लोकसभा सीट पर लुंबाराम चौधरी को 796783 वोट मिले. वैभव गहलोत को 595240 वोट मिले. बीजेपी के लुंबाराम चौधरी 201543 वोट से विजयी घोषित किए गए.</p>
<p><br /><br /></p> राजस्थान Chirag Paswan: चिराग पासवान हाजीपुर से जीते, CM नीतीश से कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क पर दिया क्लियर कट जवाब
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Chennai airport receives fresh hoax bomb threat, triggers panic A few days ago, on June 12, Chennai airport authorities received similar bomb threat calls.
Braj Mandal Yatra: हरियाणा के नूंह में सरकार अलर्ट, ब्रज मंडल यात्रा को लेकर इंटरनेट बंद
Braj Mandal Yatra: हरियाणा के नूंह में सरकार अलर्ट, ब्रज मंडल यात्रा को लेकर इंटरनेट बंद <p style=”text-align: justify;”><strong>Braj Mandal Yatra:</strong> हरियाणा में ब्रज मंडल यात्रा को लेकर नायाब सिंह सैनी सरकार अलर्ट है. इसको लेकर हरियाणा सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से 24 घंटे के लिए नूंह में मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस सर्विस को सस्पेंड करने का आदेश दिया है. हरियाणा सरकार के गृह विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं. दरअसल, पिछले साल इसी शोभायात्रा के दौरान नूह में दंगे भड़के थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार 22 जुलाई 2024 को जिला नूंह में प्रस्तावित ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान भारी वाहनों के लिए नूंह पुलिस की रुट डाईवर्ट बारे विशेष एडवाईजरी जारी की है. पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान भारी वाहन चालक नूंह पुलिस की एडवाइजरी का पालन कर अपनी यात्रा को आसान/सुगम बना सकते हैं. अलवर से सोहना/गुरुग्राम जाने वाले भारी वाहन फिरोजपुर झिरका के अंबेडकर चौक से मुंबई एक्सप्रेस-वे से वायां के.एम.पी. रेवासन होते हुए सोहना/गुरुग्राम जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस की एडवाइजरी के मुताबिक जिन भारी वाहनों को सोहना/गुरुग्राम से अलवर की तरफ जाना है वो वाहन चालक वाया के.एम.पी. रेवासन से मुम्बई एक्सप्रेस-वे होते हुए अम्बेडकर चौक फिरोजपुर झिरका से अलवर की तरफ जाएं. जिन भारी वाहनों को तावडू से अलवर की तरफ जाना हैं वो भारी वाहन चालक वायां के.एम.पी. रेवासन से मुम्बई एक्सप्रेस-वे होते हुए अम्बेडकर चौक फिरोजपुर झिरका से अलवर की तरफ जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा जिन भारी वाहनों को पलवल, होडल व अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) से अलवर जाना है वो भारी वाहन चालक वायां के.एम.पी. होते हुए मुम्बई एक्सप्रेस-वे से अम्बेडकर चौक फिरोजपुर झिरका से अलवर की तरफ जाएं. साथ जिन भारी वाहनों को पलवल, होडल व अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) से नूंह जाना है वो भारी वाहन चालक ब्रजमण्ड़ल जलाभिषेक यात्रा समाप्त होने उपरांत ही नूंह आएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एडवाइजरी के अनुसार जिन भारी वाहनों को जयपुर से नूंह आना हैं वो भारी वाहन चालक वाया मुम्बई एक्सप्रेस-वे से के.एम.पी. रेवासन होते हुए ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा समाप्त होने उपरांत ही नूंह आएं. जिन भारी वाहनों को पुन्हाना से नूंह आना है वो भारी वाहन चालक ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा समाप्त होने उपरांत ही नूंह आएं. जिन भारी वाहनों को गुरुग्राम से नूंह आना हैं वो भारी वाहन चालक ब्रजमण्ड़ल जलाभिषेक यात्रा समाप्त होने उपरांत ही नूंह आएं.</p>
कंगना बोलीं- रद्द तीनों कृषि कानून दोबारा लागू हों:किसान खुद इसकी मांग करें; मोदी सरकार ने 378 दिन चले आंदोलन के बाद वापस लिए थे
कंगना बोलीं- रद्द तीनों कृषि कानून दोबारा लागू हों:किसान खुद इसकी मांग करें; मोदी सरकार ने 378 दिन चले आंदोलन के बाद वापस लिए थे हिमाचल से BJP सांसद कंगना रनोट ने रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की है। कंगना ने कहा कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार को 14 महीने के बाद किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लेने पड़े थे। इस बयान के बाद विपक्ष ने कंगना की घेराबंदी शुरू कर दी है। पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि भाजपा को कंगना को पार्टी से निकालना चाहिए। कंगना पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया जाना चाहिए। कृषि कानूनों पर कंगना का बयान 23 सितंबर को सामने आया था। वह मंडी जिले के ख्योड़ में जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के समापन समारोह में पहुंची थीं। यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में 3 कृषि कानूनों पर बयान दिया। हरियाणा कांग्रेस ने लिखा- इन कानूनों की वापसी कभी नहीं होगी वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि कंगना पंजाब, किसान और सिखों के बारे में बोलना बंद करें। इस मामले को हम हाईकमान के सामने रखेंगे। अब पढ़िए कंगना ने कहीं 2 अहम बातें… 1. किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर तीन-तीन महीनों में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी हैं। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना…. 1. कंगना ने कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। पूरी खबर पढ़ें… विपक्ष व किसानों ने कंगना को घेरना शुरू किया था। इसके बाद भाजपा ने भी अपना पक्ष जारी कर कंगना के बयान से खुद को अलग कर लिया। कंगना से भी कहा गया कि वे ऐसे बयानों से बचें। 2. कंगना ने किसान आंदोलन और शाहीन बाग प्रोटेस्ट में शामिल महिला का जिक्र किया था
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए तीन कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। दो महीने बाद यानी 25 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन का ऐलान किया। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी UP सहित कई शहरों में किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया। सरकार और किसानों के बीच 11 बार बातचीत हुई, पर कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। कोर्ट ने 18 महीने के लिए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी। साथ ही इन कानूनों को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी बनाई, पर किसान नहीं माने। उनका कहना था- ‘जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते, हम आंदोलन जारी रखेंगे।’ इस बीच किसानों ने पक्के घर करना शुरू कर दिए। टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर कच्चे-पक्के घर बनना शुरू हो गए। कई जगहों पर किसानों ने CCTV कैमरे भी लगवाए, ताकि पुलिस की एक्टिविटीज को देख सकें। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप चुनावों में मिली हार और पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।