लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ‘गौ-ध्वज स्थापना भारत यात्रा’ विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि, जब इस समय देश में, एक देश, एक कानून की बात हो रही है। एक देश, एक चुनाव की बात हो रही है, तो गोमाता को लेकर हर प्रदेश में अलग-अलग कानून क्यों बनाए गए। सबसे पहले हमारी इस यात्रा का विरोध भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आया। यह आश्चर्य की बात है। नागालैंड में हमें रोक दिया गया है, लेकिन हम नागालैंड जाएंगे। यह बीजेपी का दोहरा चरित्र है, मैं आश्चर्यचकित हूं। गोवंश का सबसे ज्यादा निर्यात उत्तर प्रदेश से हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ हैं, इसलिए आश्चर्य और बढ़ जाता है। शंकराचार्य किसी पार्टी के नहीं होते। अल्पसंख्यक नहीं कह सकते कि गाय खाना हमारा अधिकार है। अगर ऐसा कहते हैं, तो अपने शरिया वाले देश में चले जाएं। 35 प्रदेश में यात्रा करेंगे, गौ-ध्वज फहराएंगे
शंकराचार्य ने कहा कि तिरुपति में करोड़ों लोगों को गाय की चर्बी वाला प्रसाद खिलाया गया। जिन हिंदुओं का वोट ले रहे हैं उन्हीं के साथ धोखा किया जा रहा है। जो हमारा ही वोट लेकर गाय को काटे हमें बर्दाश्त नहीं है। ऐसी स्थिति आगे न हो, इसलिए हमे मठ छोड़कर निकलना पड़ा। कल हम अयोध्या हम गए थे। वहां हमने भगवान श्रीराम से कहा कि हमें शक्ति दीजिए, जिससे वह हत्या बंद की जा सके। भगवान राम के साथ-साथ हमें लक्ष्मण जी की भी जरूरत है, इसलिए हम लक्ष्मणपुरी में आएं हैं। आने वाले समय में हम 35 प्रदेशों की यात्रा करेंगे। इन प्रदेशों में हम गो ध्वज स्थापना करेंगे।
सनातन धर्म में गाय हमारी संस्कृति का हिस्सा: शंकराचार्य
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के जो मूल निवासी हैं, सनातनी हैं। सनातनी लोग अपने गुरु और बड़ों का सम्मान करते हैं। बच्चों से प्यार करते हैं, घर में बनी पहली रोटी गाय को दी जाती है। यही भारतीय संस्कृति की खूबी है। गौरक्षा पर बनना चाहिए कानून
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि गाय माता को राष्ट्र माता बनाने के लिए आजादी से पहले गो भक्तों ने मन बना लिया था। कांग्रेस का चुनाव निशान पहले दो बैलों की जोड़ी था और बाद में दूध पीता बछड़ा था, इसलिए लोगों ने उनको वोट दिया। लेकिन इन्होंने गौ रक्षा के लिए कुछ नहीं किया। बाद में दूसरे लोग सत्ता में आए और कहा कि हम बहुमत में नहीं हैं, जब बहुमत में आएंगे तब को गोरक्षा पर कानून बनाएंगे। जब वो लोग दुबारा सत्ता में बहुमत से आए, तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया। कांग्रेस साथ देगी तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे
अगर कांग्रेस का एजेंडा गौ रक्षा को लेकर सामने आए तो हम कांग्रेस के पक्ष में खड़े होंगे, लेकिन ऐसा कोई एजेंडा अभी कांग्रेस की तरफ से नहीं आया है। मनकामेश्वर मंदिर में बाहर से प्रसाद लाने पर लगी रोग का स्वागत है। सभी मंदिरों को भी बाहर से लाया प्रसाद प्रतिबंधित कर देना चाहिए। यह खबर भी पढ़ें भास्कर एक्सप्लेनर- क्या तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी:घी का ब्रांड बदलने से कैसे खड़ी हुई इतनी बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी; 10 सवालों में पूरी कहानी आंध्र प्रदेश के मशहूर तिरुपति मंदिर की लड्डू कॉन्ट्रोवर्सी के कई किरदार हैं। पूर्व CM से मौजूदा CM तक। मंदिर मैनेज करने वाले ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम’ से लेकर सैंपल जांच करने वाली नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड तक। नंदनी ब्रांड के घी से लेकर AR डेयरी तक। अब कई पॉलिटिकल पार्टियां भी इसमें कूद पड़ी हैं। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ‘गौ-ध्वज स्थापना भारत यात्रा’ विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि, जब इस समय देश में, एक देश, एक कानून की बात हो रही है। एक देश, एक चुनाव की बात हो रही है, तो गोमाता को लेकर हर प्रदेश में अलग-अलग कानून क्यों बनाए गए। सबसे पहले हमारी इस यात्रा का विरोध भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आया। यह आश्चर्य की बात है। नागालैंड में हमें रोक दिया गया है, लेकिन हम नागालैंड जाएंगे। यह बीजेपी का दोहरा चरित्र है, मैं आश्चर्यचकित हूं। गोवंश का सबसे ज्यादा निर्यात उत्तर प्रदेश से हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ हैं, इसलिए आश्चर्य और बढ़ जाता है। शंकराचार्य किसी पार्टी के नहीं होते। अल्पसंख्यक नहीं कह सकते कि गाय खाना हमारा अधिकार है। अगर ऐसा कहते हैं, तो अपने शरिया वाले देश में चले जाएं। 35 प्रदेश में यात्रा करेंगे, गौ-ध्वज फहराएंगे
शंकराचार्य ने कहा कि तिरुपति में करोड़ों लोगों को गाय की चर्बी वाला प्रसाद खिलाया गया। जिन हिंदुओं का वोट ले रहे हैं उन्हीं के साथ धोखा किया जा रहा है। जो हमारा ही वोट लेकर गाय को काटे हमें बर्दाश्त नहीं है। ऐसी स्थिति आगे न हो, इसलिए हमे मठ छोड़कर निकलना पड़ा। कल हम अयोध्या हम गए थे। वहां हमने भगवान श्रीराम से कहा कि हमें शक्ति दीजिए, जिससे वह हत्या बंद की जा सके। भगवान राम के साथ-साथ हमें लक्ष्मण जी की भी जरूरत है, इसलिए हम लक्ष्मणपुरी में आएं हैं। आने वाले समय में हम 35 प्रदेशों की यात्रा करेंगे। इन प्रदेशों में हम गो ध्वज स्थापना करेंगे।
सनातन धर्म में गाय हमारी संस्कृति का हिस्सा: शंकराचार्य
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के जो मूल निवासी हैं, सनातनी हैं। सनातनी लोग अपने गुरु और बड़ों का सम्मान करते हैं। बच्चों से प्यार करते हैं, घर में बनी पहली रोटी गाय को दी जाती है। यही भारतीय संस्कृति की खूबी है। गौरक्षा पर बनना चाहिए कानून
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि गाय माता को राष्ट्र माता बनाने के लिए आजादी से पहले गो भक्तों ने मन बना लिया था। कांग्रेस का चुनाव निशान पहले दो बैलों की जोड़ी था और बाद में दूध पीता बछड़ा था, इसलिए लोगों ने उनको वोट दिया। लेकिन इन्होंने गौ रक्षा के लिए कुछ नहीं किया। बाद में दूसरे लोग सत्ता में आए और कहा कि हम बहुमत में नहीं हैं, जब बहुमत में आएंगे तब को गोरक्षा पर कानून बनाएंगे। जब वो लोग दुबारा सत्ता में बहुमत से आए, तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया। कांग्रेस साथ देगी तो हम उनके साथ खड़े रहेंगे
अगर कांग्रेस का एजेंडा गौ रक्षा को लेकर सामने आए तो हम कांग्रेस के पक्ष में खड़े होंगे, लेकिन ऐसा कोई एजेंडा अभी कांग्रेस की तरफ से नहीं आया है। मनकामेश्वर मंदिर में बाहर से प्रसाद लाने पर लगी रोग का स्वागत है। सभी मंदिरों को भी बाहर से लाया प्रसाद प्रतिबंधित कर देना चाहिए। यह खबर भी पढ़ें भास्कर एक्सप्लेनर- क्या तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी:घी का ब्रांड बदलने से कैसे खड़ी हुई इतनी बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी; 10 सवालों में पूरी कहानी आंध्र प्रदेश के मशहूर तिरुपति मंदिर की लड्डू कॉन्ट्रोवर्सी के कई किरदार हैं। पूर्व CM से मौजूदा CM तक। मंदिर मैनेज करने वाले ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम’ से लेकर सैंपल जांच करने वाली नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड तक। नंदनी ब्रांड के घी से लेकर AR डेयरी तक। अब कई पॉलिटिकल पार्टियां भी इसमें कूद पड़ी हैं। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर