झांसी में शादी के 10 माह बाद ही एक महिला की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मृतका के पिता का आरोप है कि “बेटी मोहनी यादव के शरीर पर चोट ही चोट है। दहेज में 5 लाख रुपए की मांग पूरी नहीं होने पर बेटी की हत्या की गई है। बेटी का ससुर पुलिस में सिपाही है। ससुराल वाले बेटी को ताने देते थे कि पैसे मिलेंगे तो रानी बनाकर रखेंगे। नहीं मिले तो नौकरानी बनकर रहना होगा।” फिलहाल पुलिस ने मोहनी के शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पूरा मामला नवाबाद थाना क्षेत्र के कुम्हार का कुआं गांव का है। 14 फरवरी को हुई थी शादी मोहनी यादव (24) का मायका जालौन के नदीगांव में है। उसके पिता गोविंद सिंह यादव ने बताया कि “14 फरवरी 2024 को मोहनी की शादी कुम्हार का कुआं गांव निवासी विवेक यादव से की थी। विवेक के पिता आगरा पुलिस में सिपाही हैं। शादी में हैसियत के अनुसार 15 लाख रुपए कैश और 7 लाख रुपए का सामान दिया था। आरोप है कि शादी के तुरंत बाद ही ससुराल वाले 5 लाख रुपए कैश की डिमांड करने लगे। वे बेटी को परेशान करने लगे। तब कई बार हम लोग रिश्तेदारों को लेकर बेटी के ससुराल आए और समझाइश की। उनकी डिमांड पूरी करने के लिए भी हम लोग तैयार हो गए थे, लेकिन कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी। मगर वे बेटी को प्रताड़ित करते रहे।” पिता बोले- झांसी आए तो मृत मिली बेटी पिता ने आगे बताया कि शुक्रवार को बेटी ने अपनी मां रानी को फोन लगाया। तब बेटी ने बताया कि दहेज के लिए मारपीट कर रहे हैं। जल्दी आ जाओ। तब हम लोग शाम को झांसी पहुंचे। यहां पर निजी अस्पताल में बेटी की लाश मिली है। मोहनी की मौत के बाद उसके ससुराल वाले भाग गए। बेटी की लाश देखकर पिता रोने लगे। मोहनी उनकी इकलौती बेटी थी। उससे छोटा एक बेटा है। पिता ने दोषियों को सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। गोविंद सिंह यादव किसान हैं। छत से गिरने से हुई मौत सीओ सिटी रामवीर सिंह का कहना है कि कुम्हार का कुआं गांव में एक महिला छत से गिर गई थी। उसको परिजनों ने हॉस्पीटल में एडमिट करवाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। झांसी में शादी के 10 माह बाद ही एक महिला की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मृतका के पिता का आरोप है कि “बेटी मोहनी यादव के शरीर पर चोट ही चोट है। दहेज में 5 लाख रुपए की मांग पूरी नहीं होने पर बेटी की हत्या की गई है। बेटी का ससुर पुलिस में सिपाही है। ससुराल वाले बेटी को ताने देते थे कि पैसे मिलेंगे तो रानी बनाकर रखेंगे। नहीं मिले तो नौकरानी बनकर रहना होगा।” फिलहाल पुलिस ने मोहनी के शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पूरा मामला नवाबाद थाना क्षेत्र के कुम्हार का कुआं गांव का है। 14 फरवरी को हुई थी शादी मोहनी यादव (24) का मायका जालौन के नदीगांव में है। उसके पिता गोविंद सिंह यादव ने बताया कि “14 फरवरी 2024 को मोहनी की शादी कुम्हार का कुआं गांव निवासी विवेक यादव से की थी। विवेक के पिता आगरा पुलिस में सिपाही हैं। शादी में हैसियत के अनुसार 15 लाख रुपए कैश और 7 लाख रुपए का सामान दिया था। आरोप है कि शादी के तुरंत बाद ही ससुराल वाले 5 लाख रुपए कैश की डिमांड करने लगे। वे बेटी को परेशान करने लगे। तब कई बार हम लोग रिश्तेदारों को लेकर बेटी के ससुराल आए और समझाइश की। उनकी डिमांड पूरी करने के लिए भी हम लोग तैयार हो गए थे, लेकिन कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी। मगर वे बेटी को प्रताड़ित करते रहे।” पिता बोले- झांसी आए तो मृत मिली बेटी पिता ने आगे बताया कि शुक्रवार को बेटी ने अपनी मां रानी को फोन लगाया। तब बेटी ने बताया कि दहेज के लिए मारपीट कर रहे हैं। जल्दी आ जाओ। तब हम लोग शाम को झांसी पहुंचे। यहां पर निजी अस्पताल में बेटी की लाश मिली है। मोहनी की मौत के बाद उसके ससुराल वाले भाग गए। बेटी की लाश देखकर पिता रोने लगे। मोहनी उनकी इकलौती बेटी थी। उससे छोटा एक बेटा है। पिता ने दोषियों को सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। गोविंद सिंह यादव किसान हैं। छत से गिरने से हुई मौत सीओ सिटी रामवीर सिंह का कहना है कि कुम्हार का कुआं गांव में एक महिला छत से गिर गई थी। उसको परिजनों ने हॉस्पीटल में एडमिट करवाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Engineer Rashid: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद श्रीनगर पहुंचे इंजीनियर राशिद, कहा- ‘पीएम मोदी का…’
Engineer Rashid: तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद श्रीनगर पहुंचे इंजीनियर राशिद, कहा- ‘पीएम मोदी का…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Engineer Rashid Latest News: </strong>टेरर फंडिंग मामले में अंतरिम जमानत पर बाहर आए सांसद इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) पहली बार जम्मू-कश्मीर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनाव में कश्मीर और कश्मीरियत की जीत होगी. इंजीनियर राशिद ने कहा कि मैं केवल इतना कहूंगा कि सत्य की जीत होगी. कश्मीर अपने महत्वपूर्ण पड़ाव पर है और यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंजीनियर राशिद ने आगे कहा, ”मैं कश्मीर के लोगों से कहना चाहता हूं हम कमजोर नहीं है. कश्मीर की जनता जीतेगी जो 5 अगस्त 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्णय लिया था, वह हमलोगों को स्वीकार नहीं हो सकता.” उन्होंने कहा, “यहां सभी लोग अपने दम पर हैं और मैं सभी को बताता हूं कि संसद चुनाव में वोट भावनात्मक रूप से नहीं बल्कि उत्पीड़न के खिलाफ वोट था. कश्मीर के लोग पत्थरबाजी करके खुश नहीं हैं, बल्कि वे उत्पीड़न का जवाब दे रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इंजीनियर राशिद ने कहा, “मैं बीजेपी से कहता हूं कि उन्हें कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत और शांति वार्ता शुरू करनी चाहिए अन्यथा वे अब अस्तित्व में नहीं रहेंगे. मुझे विधानसभा में 50 और इंजीनियर दीजिए मैं मुद्दों को हल करूंगा. मैं अपने उम्मीदवारों से किसी भी लालच का शिकार नहीं होने के लिए कहता हूं. मेरा सेल मकबूल भट्ट और अफजल गुरु की कब्र से सिर्फ 150 मीटर की दूरी पर था और अगर मेरी मौत भी वहीं हुई होती तो भी हमारे लिए कीमत बहुत कम होती.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राशिद ने कहा कि शेख अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला के बाद सबसे बड़े गद्दार मुफ्ती मोहम्मद सैयद थे जो बीजेपी को यहां लाए थे, अगर पाकिस्तान से आतंकवाद के चलते बात नहीं हो सकती तो हुर्रियत पर जुल्म करके यहां कैसी बात हो सकती है. साथ ही उन्होंने कहा, “मैंने पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> से ज्यादा वोट से चुनाव जीता है. अगर पीएम मोदी कामयाब होते तो वाराणसी में हम से ज्यादा वोट मिलते.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | J&K | Baramulla MP Rashid Engineer says, “… I want to give a message to the Kashmir and Kashmiris that we are not weak. The people of Kashmir will win… The decision taken by PM Modi on August 5, 2019, is not at all acceptable to us. Send Engineer Rashid to jail or… <a href=”https://t.co/2CFED0Q3XE”>pic.twitter.com/2CFED0Q3XE</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1834090919164829952?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 12, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जम्मू-कश्मीर के लोग एकजुट- राशिद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इंजीनियर राशिद ने बारामूला से लोकसभा का चुनाव जीता है और उनकी पार्टी ने विधानसभा में भी प्रत्याशी उतारे हैं. उनके जेल से बाहर आना और प्रत्याशियों का खड़ा करना पीडीपी और एनसीपी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है. एनसीपी और पीडीपी ने उनपर प्रॉक्सी होने का आरोप लगाया है. उधर, इंजीनियर राशिद ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ”जम्मू-कश्मीर के लोग सफलतापूर्वक न्याय के लिए लड़ेंगे क्योंकि वे एकजुट हैं. पीएम मोदी की तथाकथित नया कश्मीर असफल है.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Delhi | Baramulla MP Rashid Engineer says, “I will just say that truth will prevail. I hope for the justice. The election is important as Kashmir is at a crucial stage. The people of J&K will successfully fight for justice as they are united. PM Modi’s so-called vision… <a href=”https://t.co/boFFMh8HoV”>pic.twitter.com/boFFMh8HoV</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1834034385332392335?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 12, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि राशिद ने जेल से बाहर आने के बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और उमर अब्दुल्ला पर जमकर हमला बोला था. उमर अब्दुल्ला के आरोपों पर राशिद ने कहा था कि जो लोग बिल्ली की तरह छुपे बैठे थे आज वोट के लिए बाहर आए हैं. वह अपने पिता को सीएम बनाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मैं अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं. बीजेपी का प्रॉक्सी बताने पर राशिद ने कहा कि उमर अब्दुल्ला की किस बात का भरोसा किया जाए, <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> लड़ने पर कहते थे कि उन्हें पता होता कि मैं बारामूला से लड़ रहा हूं तो चुनाव नहीं लड़ते और अब मुझे बीजेपी का एजेंट बता रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इंजीनियर राशिद को दिल्ली की एक अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए 1 अक्टूबर तक जमानत दी है. इसके बाद उन्हें जेल में सरेंडर करना होगा. उन्हें 2019 में टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे. जेल से बाहर आने के बाद वह अपने परिवार और अपने लोगों के बीच कश्मीर पहुंचे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Congress Candidates List: जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी, बारामूला से किसे मिला टिकट?” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-congress-candidates-4th-list-of-five-candidate-for-assembly-election-2024-including-baramulla-seat-mir-iqbal-2781499″ target=”_self”>Congress Candidates List: जम्मू कश्मीर चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी, बारामूला से किसे मिला टिकट?</a></strong></p>
मुस्लिम वोट बैंक दूर होता देख सपा अलर्ट, मुलायम मॉडल अपनाने की तैयारी में जुटे अखिलेश यादव
मुस्लिम वोट बैंक दूर होता देख सपा अलर्ट, मुलायम मॉडल अपनाने की तैयारी में जुटे अखिलेश यादव <div id=”:ua” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:wp” aria-controls=”:wp” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News:</strong> उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुस्लिम वोट बैंक हमेशा से ही समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए मजबूत स्तंभ रहा है. लंबे समय तक मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा ने मुस्लिम-यादव समीकरण के सहारे राज्य की सत्ता में अपनी पकड़ बनाए रखी. हालांकि, हाल के वर्षों में मुस्लिम वोट बैंक सपा से धीरे-धीरे खिसकता नजर आ रहा है. इस बदलते राजनीतिक समीकरण को लेकर अखिलेश यादव ने बड़ी पहल शुरू की है.पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान सपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा था. मुस्लिम समुदाय ने कुछ क्षेत्रों में सपा की बजाय एआईएमआईएम ,आजाद समाज पार्टी जैसे अन्य विकल्पों की ओर रुख किया.<br /><br />बसपा और कांग्रेस जैसे दलों ने भी मुसलमानों के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश की. यह स्थिति अखिलेश यादव के लिए चिंता का विषय बन गई. इस पर काम करते हुए अखिलेश ने कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिनका मकसद मुसलमानों को फिर से अपने साथ जोड़ना है. सपा से छिटकने वाले मुसलमानों को वापस लाने की कोशिश मुस्लिम वोट बैंक के कमजोर होने का बड़ा कारण कुछ क्षेत्रों में सपा का प्रदर्शन और संगठनात्मक कमजोरी रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुलायम मॉडल अपनाने की तैयारी</strong><br />राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव ने इस कमजोरी को पहचान लिया है और इसके समाधान के लिए ‘मुलायम मॉडल’ अपनाने की तैयारी कर रहे हैं. मुलायम सिंह यादव का यह मॉडल सामुदायिक संवाद और राजनीतिक मजबूती पर आधारित था. अखिलेश ने हाल ही में मुस्लिम समुदाय के नेताओं और प्रभावशाली लोगों से मुलाकातें शुरू की हैं. इस दौरान उनके द्वारा हाल ही में हुए नौ विधानसभा पर उपचुनाव से सीख लेते हुए मुसलमान के वोट बैंक अलग-अलग पार्टियों में बिछड़ने के बाद अब मुसलमान को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मुस्लिम प्रोग्राम करवाना शुरू कर दिया है.<br /><br />अलीगढ़ में आयोजित अलग-अलग कार्यक्रमों में जाकर व पूर्व विधायकों से मुलाकात करने के साथ ही यह साफ जाहिर कर दिया है, अखिलेश यादव अब मुलायम सिंह की राह पर चल चुके हैं. जहां पहले मुलायम सिंह यादव अपने पुराने कार्यकर्ता पुराने वोट को अपनी ओर खिंचे रखने के लिए उनके घर पहुंचते थे. उसी को लेकर अखिलेश यादव भी कल अलीगढ़ पहुंचे और उनके द्वारा पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्लाह से बातचीत की. साथ ही पूर्व विधायक जफर आलम के आवास पर जाकर उनका हाल जाना. साथ ही मुजाहिद किदवई के यहां शादी के प्रोग्राम में पहुंचने के बाद नव दंपति को आशीर्वाद दिया.<br /><br /><strong>मुस्लिम वोट बैंक की अहमियत</strong><br />उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय राज्य की आबादी का करीब 19-20 प्रतिशत है. यह वोट बैंक 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है. यही कारण है कि सपा सहित अन्य राजनीतिक दल इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार प्रयास करते रहते हैं. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति ने विपक्षी दलों को मुस्लिम वोट बैंक को लेकर नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है. सपा को यह समझना होगा कि केवल मुस्लिम-यादव समीकरण अब सत्ता में वापसी का गारंटीशुदा फार्मूला नहीं है. इसके साथ ही अन्य वर्गों, खासकर पिछड़े और दलित वर्गों को भी अपने साथ जोड़ना जरूरी हो गया है.<br /><br />मुसलमानों की सपा से अपेक्षाएं हमेशा से ही रोजगार, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित रही हैं. हालांकि, कुछ मामलों में सपा सरकारों पर मुस्लिम समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में देखने का आरोप भी लगता रहा है. वहीं अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वे इस धारणा को बदलें और मुसलमानों को यह विश्वास दिलाएं कि सपा केवल चुनाव के समय ही नहीं, बल्कि हर समय उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.<br /><br /><strong>अखिलेश की पहल का प्रभाव</strong><br />अखिलेश यादव की इस पहल का असर आने वाले चुनावों में देखने को मिल सकता है. अगर सपा मुस्लिम वोट बैंक को फिर से मजबूत करने में कामयाब हो जाती है तो यह भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.हालांकि, यह देखना होगा कि क्या अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की तरह मुस्लिम समुदाय के विश्वास को पूरी तरह से जीत पाते हैं या नहीं. फिलहाल, सपा ने अपनी रणनीति में बदलाव कर यह संकेत दे दिया है कि वह अपने परंपरागत वोट बैंक को खोने के खतरे को गंभीरता से ले रही है.</p>
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