शिक्षा विभाग के एक अधिकारी और ठेकेदार के बीच लेनदेन की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में बोला जा रहा है कि मैं तो बीएसए हूं न…। ठेकेदार, शिक्षाधिकारी को चार प्रतिशत कमीशन देने की बात कह रहा है जबकि शिक्षाधिकारी छह प्रतिशत लेने पर अड़ा हुआ है। शिक्षाधिकारी कहता है कि आपके काम के लिए मैं डीएम के सामने गिड़गिड़ाया हूं। उनसे कमिटमेंट किया गया है तब काम हुआ है। ऐसे थोड़े न काम हुआ है। उनको भी देना है। ठेकेदार गिड़गिड़ाता है सर प्लीज चार परसेंट पर मैनेज कर लिजिए। शिक्षाधिकारी कहता है कि इसमें डीएम को भी समझना है। ईओ वाला आप देखिएगा। अंत में कमीशन देने के बाद पैसे का भुगतान हो जाता है। बातचीत के दौरान अधिकारी को मोबाइल भी देने का खुलासा होता है। अधिकारी भी इसे स्वीकार कर रहा है। हालांकि दैनिक भास्कर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। बातचीत का हूबहू अंश … ठेकेदार : हलो, सर नमस्ते। शिक्षाधिकारी : हां नमस्ते। ठेकेदार : सर दो मिनट इत्मिनान से टाइम है न बात करने के लिए। शिक्षाधिकारी : हां – हां बताइए मैं गाड़ी में बैठा हूं। ठेकेदार : सर मैं ये कह रहा था कि सैंतीस लाख का बिल पहले था। शिक्षाधिकारी : हां थर्टी सेवन। ठेकेदार : उसके बाद दो करोड़ तीन लाख का ये हो गया। शिक्षाधिकारी : हूं … ठेकेदार : टोटल हो गया सर दो करोड़ चालीस लाख रुपया। इसके बाद इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी हो गया। आप तो जानि ही रहे हैं कि जीएसटी में कहां से पेमेंट देगा कोई। तो घटाने के बाद सर दो करोड़ तीन लाख के आस-पास हो रहा है। इसमें एओ साहब वाला भी जोड़कर आप ही को देना है … शिक्षाधिकारी : नहीं हमको नहीं उसको दे दीजिएगा, मोहसिन को। ठेकेदार : तो मोहसिन को दे देंगे सर। शिक्षाधिकारी : हां चाहें जिसको दे दीजिए, चाहें डायरेक्ट दे दीजिए ठेकेदार : ठीक है जैसी आपकी इच्छा हो। शिक्षाधिकारी : हमको, मेरा और डीएम का… ठेकेदार : आपका और डीएम साहब का … तो सर इसमें कितना देना है आपको और डीएम साहब को। शिक्षाधिकारी : कितना करते हैं आप … ठेकेदार : सर आपको तो हम तीन देते हैं … शिक्षाधिकारी : छै … ठेकेदार : मतलब कितना परसेंट दे दें आपको शिक्षाधिकारी : छह ठेकेदार : सर छह परसेंट आपको देंगे तो एओ तीन परसेंट मांग रहे हैं। वो साइने नहीं करेंगे तो ये कइसे होगा। शिक्षाधिकारी : तो उनको आप देखिए। ठेकेदार : सर पचास लाख अइसे ही कट गया है तो कैसे मैनेज होगा ये। शिक्षाधिकारी : अरे, आपके लिए कितना हाथ – पैर जोड़ा गया है उसको आप एकदम भूल जा रहे हैं क्या। ठेकेदार : याद है मेरे को सर … तो हम इ कह रहे थे सर कि कोई रास्ता निकालिए कि रत्नेश को दे दूं वहीं आपको घर पे दे दे। शिक्षाधिकारी :: बता दिया हूं, रत्नेश को मैं बता दिया हूं वो सारी चीज। ठेकेदार : सर आप तो उसको पंद्रह-सोलह लाख बताए हैं। शिक्षाधिकारी : हां हम पूरा जोडकर … जीएसटी नहीं काटे थे। ठेकेदार : सर जीएसटी तो काटना पड़ेगा। शिक्षाधिकारी : तो काटिए … चलिए चलिए, आप मेरे से बात करते होंगे तो लगता होगा कि कोई आदमी बात कर रहा होगा। ठेकेदार : सर मोटा – मोटी दो करोड़ रुपया हो रहा है जीएसटी हटाने के बाद। तो दो करोड़ में कितना परसेंट दे दूं आपको। आप बता दीजिए कि चक्कर खत्म करूं। अब टाइम नहीं है। शिक्षाधिकारी : छै… छै ठेकेदार : छह परसेंट कैसे होगा सर। आप बताइये कहां से दूं। शिक्षाधिकारी :्र: यही आप हमेशा करते रहे हैं। ठेकेदार : जो आपको देते आ रहे हैं वो ले लिजिए न आप। शिक्षाधिकारी : वहीं तो देते आए हैं आप। ठेकेदार : चार ही दिया हूं न। हाईएस्ट चार दिया हूं। शिक्षाधिकारी :: बिल्कुल गलत… बिलकुल गलत कह रहे हैं, बिलकुल गलत कह रहे हैं। ठेकेदार : होता तो हमको देने में क्या दिक्कत है बताइये। शिक्षाधिकारी : अब हम तो नहीं जानते हैं। ठेकेदार : हमको आपसे क्या दिक्कत है। आपसे तो हमको कोई दिक्कत नहीं है। शिक्षाधिकारी : हां तो ठीक है जो मैं कह रहा हूं कह रहा हूं। ठेकेदार : सर ज्यादा नहीं हो रहा है। छह परसेंट देंगे तो बारह लाख कहां से मैनेज करेंगे। एओ साहब अलग तानाबाना कर रहे हैं। शिक्षाधिकारी : हम एओ हैं। हम तो बीएसए हैं न। हमारा और डीएम साहब का और एओ का एक ही औकात में कर दिए क्या। डीएम साहब से अइसे ही सइनिया हो जा रहा है। कुछ कमिटमेंट किया गया है न। ठेकेदार : सर चार पर मैनेज कर लिजिए … शिक्षाधिकारी : बिल्कुल नहीं हो पाएगा। ठेकेदार : सर प्लीज सर समझने की कोशिश करिए सर। शिक्षाधिकारी : अब मैं जो कह रहा हूं न वहीं आप करिए। नहीं तो ठीक है आपकी जो मर्जी है। ठेकेदार : थोड़ा मैनेज कर लिजिए। खुश होकर बोलिए न, काहे नाराज हो रहे हैं। शिक्षाधिकारी : इससे बड़ी जुबान क्या होगी। अरे महाराज, हम लोग मर्द आदमी हैं, हम जो कहते हैं कह देते हैं। करिए मत करिए। ठेकेदार : नहीं करने से चीजें शॉर्ट आउट नहीं न हो जाएगी सर। शिक्षाधिकारी : जितना मैं हेल्प किया हूं न इतना कहीं नहीं। एक बार देख लिजिएगा, ठीक है न। कहीं भी किसी से आजमा लिजिएगा। ठेकेदार : सर आज पांच तारीख हो गया। पीडीए भी फेल हो जाएगा तो गड़बड़ा जाएगा न। शिक्षाधिकारी : मैं आपसे क्या कहा। एक लाइन का सवाल, मेरे जितना कोई हेल्प किया होगा न तो उससे तुलना कर लिजिएगा मेरी। इसके बाद भी आप लोग वो कर रहे हैं। ठेकेदार : नहीं नहीं सर कोई नहीं किया। शिक्षाधिकारी : आपको तो और बढ़ चढ़कर करना चाहिए जी। अरे सर आपने इतना कर दिया हमारे लिए। हमारे लिए गिड़गिड़ाए आप। आपके लिए क्यों गिड़गिड़ाउंगा मैं। आप क्या थे। ठेकेदार : सर मेरा पांच लाख नुकसान भी हो गया। शिक्षाधिकारी : ये तो लेप्स होना ही था न। मैं आपके लिए गिड़गिड़ाया हूं डीएम के सामने। वइसे थोड़े न हो पाया है। हाथ पैर जोड़ा गया है। ठेकेदार : सर 31 को पीपीए बना था। शिक्षाधिकारी : बाकी आपको जो उचित समझिए, हमें कोई वो नहीं है। ठेकेदार : सर मान लिजिए कि अभी तीन बजे तक हो जाएगा तो रत्नेश कहां मिलेगा, घर पे कि कहां पे। शिक्षाधिकारी : घर पे। ठेकेदार : तो घर पे आप पहुंचेंगे तो आज भेजवा देंगे बैंक। शिक्षाधिकारी : हूं वो तो भेजाई जाएगा। ठेकेदार : तो ठीक है सर मैं बात करके बताता हूं रत्नेश से। लेकिन थोड़ा जानते हैं सर उसी में थोड़ा देख लिजिएगा। चार ओर तक हम करा देंगे। शिक्षाधिकारी : देखिए कोई मतलब नहीं है मेरे लिए। मेरे से बात करके लगा नहीं कि किस तरह से जुबान रखते हैं अपनी। आप उसमें काट छांट कर रहे हैं, तो आप अपनी अहमियत खो रहे हैं। ठेकेदार : सर थोड़ा चार पर करा दीजिए। समझने की कोशिश करिए सर। शिक्षाधिकारी : देखिए मैं उससे ज्यादे नहीं कहूंगा, ठीक है आप जितना मतलब उस तरह से करते हैं महराज। आप समझ नहीं पा रहे। हमको अभी जान ही नहीं पाए आप। ठेकेदार : अच्छा अब इ बताइए, आप एक बार कहे तो मोबाइल के लिए। आप एक बार आए मैं आपकी बात नहीं रखा। चलकर जबरदस्ती आपको दिलवाया। आप नहीं ले रहे थे। शिक्षाधिकारी : क्या महाराज। क्या करके किए, किस तरह से किए, क्या बताया जाए। खुद आप अपना परीक्षण कर लिजिएगा और मेरा भी कर लिजिएगा। अब इससे ज्यादे मैं कुछ नहीं कहूंगा सर। ठेकेदार : देख लीजिएगा, बड़े भाई हैं, गांव के जिले के हैं कम से कम। शिक्षाधिकारी : नहीं बिल्कुल नहीं हैं। आपने उसका सम्मान ही नहीं रख पाया। ………………………….. स्टिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… यूपी में मरीजों का सौदा:प्राइवेट अस्पताल मरीज लाने पर 30% तक दे रहे कमीशन, एडवांस पर 50% का ऑफर मरीज लेकर आइए, जितना बिल बनेगा उसका 30% तक कर देंगे। मरीज जितना एडवांस जमा करेगा, आपका 50% कमीशन आपको तुरंत दे देंगे। जैसे 10 हजार मरीज ने जमा किए, तो 5 हजार आपको तुरंत मिल जाएंगे। ये ऑफर राजधानी लखनऊ के एक हॉस्पिटल में दिया जा रहा। यूपी के कई प्राइवेट अस्पताल मरीज लाने के लिए एंबुलेंस सेवा देने वालों से खुलेआम सौदा करते हैं। पढ़िए पूरी खबर लखनऊ के नामी अस्पतालों में खून बेचते हैं डॉक्टर:1 हजार में खरीदकर 8 हजार में बेच रहे, सिंडिकेट के पीछे और कौन लखनऊ में खून का काला कारोबार चल रहा है। दैनिक भास्कर के स्टिंग में खून के अवैध कारोबार के खुलासे के बाद बड़ा सवाल था कि आखिर ये कारोबार कहां से और कैसे चल रहा है? इसके पीछे और कौन-कौन लोग हैं? अवैध रूप से खून हमें गोयल अस्पताल और ब्लड बैंक से मिला था। यहां के एक कर्मचारी ने हिडेन कैमरे पर पूरी सच्चाई खोलकर रख दी। पढ़िए पूरी खबर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी और ठेकेदार के बीच लेनदेन की बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में बोला जा रहा है कि मैं तो बीएसए हूं न…। ठेकेदार, शिक्षाधिकारी को चार प्रतिशत कमीशन देने की बात कह रहा है जबकि शिक्षाधिकारी छह प्रतिशत लेने पर अड़ा हुआ है। शिक्षाधिकारी कहता है कि आपके काम के लिए मैं डीएम के सामने गिड़गिड़ाया हूं। उनसे कमिटमेंट किया गया है तब काम हुआ है। ऐसे थोड़े न काम हुआ है। उनको भी देना है। ठेकेदार गिड़गिड़ाता है सर प्लीज चार परसेंट पर मैनेज कर लिजिए। शिक्षाधिकारी कहता है कि इसमें डीएम को भी समझना है। ईओ वाला आप देखिएगा। अंत में कमीशन देने के बाद पैसे का भुगतान हो जाता है। बातचीत के दौरान अधिकारी को मोबाइल भी देने का खुलासा होता है। अधिकारी भी इसे स्वीकार कर रहा है। हालांकि दैनिक भास्कर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। बातचीत का हूबहू अंश … ठेकेदार : हलो, सर नमस्ते। शिक्षाधिकारी : हां नमस्ते। ठेकेदार : सर दो मिनट इत्मिनान से टाइम है न बात करने के लिए। शिक्षाधिकारी : हां – हां बताइए मैं गाड़ी में बैठा हूं। ठेकेदार : सर मैं ये कह रहा था कि सैंतीस लाख का बिल पहले था। शिक्षाधिकारी : हां थर्टी सेवन। ठेकेदार : उसके बाद दो करोड़ तीन लाख का ये हो गया। शिक्षाधिकारी : हूं … ठेकेदार : टोटल हो गया सर दो करोड़ चालीस लाख रुपया। इसके बाद इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी हो गया। आप तो जानि ही रहे हैं कि जीएसटी में कहां से पेमेंट देगा कोई। तो घटाने के बाद सर दो करोड़ तीन लाख के आस-पास हो रहा है। इसमें एओ साहब वाला भी जोड़कर आप ही को देना है … शिक्षाधिकारी : नहीं हमको नहीं उसको दे दीजिएगा, मोहसिन को। ठेकेदार : तो मोहसिन को दे देंगे सर। शिक्षाधिकारी : हां चाहें जिसको दे दीजिए, चाहें डायरेक्ट दे दीजिए ठेकेदार : ठीक है जैसी आपकी इच्छा हो। शिक्षाधिकारी : हमको, मेरा और डीएम का… ठेकेदार : आपका और डीएम साहब का … तो सर इसमें कितना देना है आपको और डीएम साहब को। शिक्षाधिकारी : कितना करते हैं आप … ठेकेदार : सर आपको तो हम तीन देते हैं … शिक्षाधिकारी : छै … ठेकेदार : मतलब कितना परसेंट दे दें आपको शिक्षाधिकारी : छह ठेकेदार : सर छह परसेंट आपको देंगे तो एओ तीन परसेंट मांग रहे हैं। वो साइने नहीं करेंगे तो ये कइसे होगा। शिक्षाधिकारी : तो उनको आप देखिए। ठेकेदार : सर पचास लाख अइसे ही कट गया है तो कैसे मैनेज होगा ये। शिक्षाधिकारी : अरे, आपके लिए कितना हाथ – पैर जोड़ा गया है उसको आप एकदम भूल जा रहे हैं क्या। ठेकेदार : याद है मेरे को सर … तो हम इ कह रहे थे सर कि कोई रास्ता निकालिए कि रत्नेश को दे दूं वहीं आपको घर पे दे दे। शिक्षाधिकारी :: बता दिया हूं, रत्नेश को मैं बता दिया हूं वो सारी चीज। ठेकेदार : सर आप तो उसको पंद्रह-सोलह लाख बताए हैं। शिक्षाधिकारी : हां हम पूरा जोडकर … जीएसटी नहीं काटे थे। ठेकेदार : सर जीएसटी तो काटना पड़ेगा। शिक्षाधिकारी : तो काटिए … चलिए चलिए, आप मेरे से बात करते होंगे तो लगता होगा कि कोई आदमी बात कर रहा होगा। ठेकेदार : सर मोटा – मोटी दो करोड़ रुपया हो रहा है जीएसटी हटाने के बाद। तो दो करोड़ में कितना परसेंट दे दूं आपको। आप बता दीजिए कि चक्कर खत्म करूं। अब टाइम नहीं है। शिक्षाधिकारी : छै… छै ठेकेदार : छह परसेंट कैसे होगा सर। आप बताइये कहां से दूं। शिक्षाधिकारी :्र: यही आप हमेशा करते रहे हैं। ठेकेदार : जो आपको देते आ रहे हैं वो ले लिजिए न आप। शिक्षाधिकारी : वहीं तो देते आए हैं आप। ठेकेदार : चार ही दिया हूं न। हाईएस्ट चार दिया हूं। शिक्षाधिकारी :: बिल्कुल गलत… बिलकुल गलत कह रहे हैं, बिलकुल गलत कह रहे हैं। ठेकेदार : होता तो हमको देने में क्या दिक्कत है बताइये। शिक्षाधिकारी : अब हम तो नहीं जानते हैं। ठेकेदार : हमको आपसे क्या दिक्कत है। आपसे तो हमको कोई दिक्कत नहीं है। शिक्षाधिकारी : हां तो ठीक है जो मैं कह रहा हूं कह रहा हूं। ठेकेदार : सर ज्यादा नहीं हो रहा है। छह परसेंट देंगे तो बारह लाख कहां से मैनेज करेंगे। एओ साहब अलग तानाबाना कर रहे हैं। शिक्षाधिकारी : हम एओ हैं। हम तो बीएसए हैं न। हमारा और डीएम साहब का और एओ का एक ही औकात में कर दिए क्या। डीएम साहब से अइसे ही सइनिया हो जा रहा है। कुछ कमिटमेंट किया गया है न। ठेकेदार : सर चार पर मैनेज कर लिजिए … शिक्षाधिकारी : बिल्कुल नहीं हो पाएगा। ठेकेदार : सर प्लीज सर समझने की कोशिश करिए सर। शिक्षाधिकारी : अब मैं जो कह रहा हूं न वहीं आप करिए। नहीं तो ठीक है आपकी जो मर्जी है। ठेकेदार : थोड़ा मैनेज कर लिजिए। खुश होकर बोलिए न, काहे नाराज हो रहे हैं। शिक्षाधिकारी : इससे बड़ी जुबान क्या होगी। अरे महाराज, हम लोग मर्द आदमी हैं, हम जो कहते हैं कह देते हैं। करिए मत करिए। ठेकेदार : नहीं करने से चीजें शॉर्ट आउट नहीं न हो जाएगी सर। शिक्षाधिकारी : जितना मैं हेल्प किया हूं न इतना कहीं नहीं। एक बार देख लिजिएगा, ठीक है न। कहीं भी किसी से आजमा लिजिएगा। ठेकेदार : सर आज पांच तारीख हो गया। पीडीए भी फेल हो जाएगा तो गड़बड़ा जाएगा न। शिक्षाधिकारी : मैं आपसे क्या कहा। एक लाइन का सवाल, मेरे जितना कोई हेल्प किया होगा न तो उससे तुलना कर लिजिएगा मेरी। इसके बाद भी आप लोग वो कर रहे हैं। ठेकेदार : नहीं नहीं सर कोई नहीं किया। शिक्षाधिकारी : आपको तो और बढ़ चढ़कर करना चाहिए जी। अरे सर आपने इतना कर दिया हमारे लिए। हमारे लिए गिड़गिड़ाए आप। आपके लिए क्यों गिड़गिड़ाउंगा मैं। आप क्या थे। ठेकेदार : सर मेरा पांच लाख नुकसान भी हो गया। शिक्षाधिकारी : ये तो लेप्स होना ही था न। मैं आपके लिए गिड़गिड़ाया हूं डीएम के सामने। वइसे थोड़े न हो पाया है। हाथ पैर जोड़ा गया है। ठेकेदार : सर 31 को पीपीए बना था। शिक्षाधिकारी : बाकी आपको जो उचित समझिए, हमें कोई वो नहीं है। ठेकेदार : सर मान लिजिए कि अभी तीन बजे तक हो जाएगा तो रत्नेश कहां मिलेगा, घर पे कि कहां पे। शिक्षाधिकारी : घर पे। ठेकेदार : तो घर पे आप पहुंचेंगे तो आज भेजवा देंगे बैंक। शिक्षाधिकारी : हूं वो तो भेजाई जाएगा। ठेकेदार : तो ठीक है सर मैं बात करके बताता हूं रत्नेश से। लेकिन थोड़ा जानते हैं सर उसी में थोड़ा देख लिजिएगा। चार ओर तक हम करा देंगे। शिक्षाधिकारी : देखिए कोई मतलब नहीं है मेरे लिए। मेरे से बात करके लगा नहीं कि किस तरह से जुबान रखते हैं अपनी। आप उसमें काट छांट कर रहे हैं, तो आप अपनी अहमियत खो रहे हैं। ठेकेदार : सर थोड़ा चार पर करा दीजिए। समझने की कोशिश करिए सर। शिक्षाधिकारी : देखिए मैं उससे ज्यादे नहीं कहूंगा, ठीक है आप जितना मतलब उस तरह से करते हैं महराज। आप समझ नहीं पा रहे। हमको अभी जान ही नहीं पाए आप। ठेकेदार : अच्छा अब इ बताइए, आप एक बार कहे तो मोबाइल के लिए। आप एक बार आए मैं आपकी बात नहीं रखा। चलकर जबरदस्ती आपको दिलवाया। आप नहीं ले रहे थे। शिक्षाधिकारी : क्या महाराज। क्या करके किए, किस तरह से किए, क्या बताया जाए। खुद आप अपना परीक्षण कर लिजिएगा और मेरा भी कर लिजिएगा। अब इससे ज्यादे मैं कुछ नहीं कहूंगा सर। ठेकेदार : देख लीजिएगा, बड़े भाई हैं, गांव के जिले के हैं कम से कम। शिक्षाधिकारी : नहीं बिल्कुल नहीं हैं। आपने उसका सम्मान ही नहीं रख पाया। ………………………….. स्टिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… यूपी में मरीजों का सौदा:प्राइवेट अस्पताल मरीज लाने पर 30% तक दे रहे कमीशन, एडवांस पर 50% का ऑफर मरीज लेकर आइए, जितना बिल बनेगा उसका 30% तक कर देंगे। मरीज जितना एडवांस जमा करेगा, आपका 50% कमीशन आपको तुरंत दे देंगे। जैसे 10 हजार मरीज ने जमा किए, तो 5 हजार आपको तुरंत मिल जाएंगे। ये ऑफर राजधानी लखनऊ के एक हॉस्पिटल में दिया जा रहा। यूपी के कई प्राइवेट अस्पताल मरीज लाने के लिए एंबुलेंस सेवा देने वालों से खुलेआम सौदा करते हैं। पढ़िए पूरी खबर लखनऊ के नामी अस्पतालों में खून बेचते हैं डॉक्टर:1 हजार में खरीदकर 8 हजार में बेच रहे, सिंडिकेट के पीछे और कौन लखनऊ में खून का काला कारोबार चल रहा है। दैनिक भास्कर के स्टिंग में खून के अवैध कारोबार के खुलासे के बाद बड़ा सवाल था कि आखिर ये कारोबार कहां से और कैसे चल रहा है? इसके पीछे और कौन-कौन लोग हैं? अवैध रूप से खून हमें गोयल अस्पताल और ब्लड बैंक से मिला था। यहां के एक कर्मचारी ने हिडेन कैमरे पर पूरी सच्चाई खोलकर रख दी। पढ़िए पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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