हिमाचल प्रदेश में शिमला के धामी पत्थर मेले में सोमवार को लोगों ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाए। दो समुदाय के लोगों के बीच करीब 15 मिनट तक पत्थरबाजी होती रही। इसके बाद धामी क्षेत्र के जमोदी खुंद निवासी 30 वर्षीय सुरेंद्र ( संजू राजपूत) के खून से मां भद्रकाली के चबूतरे पर तिलक लगाया गया। वह करीब 8 सालों से पत्थर मेले में भाग ले रहे है। गौरतलब है कि शिमला से करीब 30 किलोमीटर दूर धामी में हर साल दिवाली के दूसरे दिन दो अलग-अलग परगना (एरिया) के लोग एक दूसरे पर पत्थरों की बरसात करते हैं। यह सिलसिला तब तक चलता है, जब तक किसी एक व्यक्ति का लहू नहीं निकल जाता है। मानव बलि रोकने के लिए सती हुई रानी स्थानीय लोगों की मान्यता है कि पहले यहां हर साल भद्रकाली को नर बली दी जाती थी, लेकिन धामी रियासत की रानी मानव बली रोकने के लिए सती हुई। रानी ने सती होने से पहले नर बली को बंद करने का हुक्म दिया। इसके बाद पशु बली शुरू हुई। कई साल पहले इसे भी बंद कर दिया गया। इसके बाद पत्थर मेला शुरू किया गया। मेले में पत्थर से लगी चोट के बाद जब किसी व्यक्ति का खून निकलता है तो उसका तिलक मां भद्रकाली के चबूतरे में लगाया जाता है। ये लोग फेंकते हैं पत्थर बता दें कि धामी में राज परिवार की तरफ से तुनड़ू, जठौती और कटेड़ू परिवार की टोली और दूसरी ओर से जमोगी खानदान की टोली के सदस्य पत्थर बरसाते है। अन्य लोग पत्थर मेले को देख सकते हैं, लेकिन वे पत्थर नहीं मार सकते। खेल में चौराज गांव में बने सती स्मारक के एक तरफ से जमोगी तथा दूसरी तरफ से कटेड़ू खानदान के लोग पथराव करते है। मेले की शुरुआत राजपरिवार के नरसिंह के पूजन के साथ होती है। सदियों से चली आ रही परंपरा पत्थर मारकर किसी को घायल करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज के विज्ञान के युग में भी लोग इसका बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल होते है और दूर-दूर से भी लोग इसे देखने धामी पहुंचते हैं।। हिमाचल प्रदेश में शिमला के धामी पत्थर मेले में सोमवार को लोगों ने एक-दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाए। दो समुदाय के लोगों के बीच करीब 15 मिनट तक पत्थरबाजी होती रही। इसके बाद धामी क्षेत्र के जमोदी खुंद निवासी 30 वर्षीय सुरेंद्र ( संजू राजपूत) के खून से मां भद्रकाली के चबूतरे पर तिलक लगाया गया। वह करीब 8 सालों से पत्थर मेले में भाग ले रहे है। गौरतलब है कि शिमला से करीब 30 किलोमीटर दूर धामी में हर साल दिवाली के दूसरे दिन दो अलग-अलग परगना (एरिया) के लोग एक दूसरे पर पत्थरों की बरसात करते हैं। यह सिलसिला तब तक चलता है, जब तक किसी एक व्यक्ति का लहू नहीं निकल जाता है। मानव बलि रोकने के लिए सती हुई रानी स्थानीय लोगों की मान्यता है कि पहले यहां हर साल भद्रकाली को नर बली दी जाती थी, लेकिन धामी रियासत की रानी मानव बली रोकने के लिए सती हुई। रानी ने सती होने से पहले नर बली को बंद करने का हुक्म दिया। इसके बाद पशु बली शुरू हुई। कई साल पहले इसे भी बंद कर दिया गया। इसके बाद पत्थर मेला शुरू किया गया। मेले में पत्थर से लगी चोट के बाद जब किसी व्यक्ति का खून निकलता है तो उसका तिलक मां भद्रकाली के चबूतरे में लगाया जाता है। ये लोग फेंकते हैं पत्थर बता दें कि धामी में राज परिवार की तरफ से तुनड़ू, जठौती और कटेड़ू परिवार की टोली और दूसरी ओर से जमोगी खानदान की टोली के सदस्य पत्थर बरसाते है। अन्य लोग पत्थर मेले को देख सकते हैं, लेकिन वे पत्थर नहीं मार सकते। खेल में चौराज गांव में बने सती स्मारक के एक तरफ से जमोगी तथा दूसरी तरफ से कटेड़ू खानदान के लोग पथराव करते है। मेले की शुरुआत राजपरिवार के नरसिंह के पूजन के साथ होती है। सदियों से चली आ रही परंपरा पत्थर मारकर किसी को घायल करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज के विज्ञान के युग में भी लोग इसका बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल होते है और दूर-दूर से भी लोग इसे देखने धामी पहुंचते हैं।। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
पांवटा साहिब में घायल मकान मालिक ने तोड़ा दम:किरायेदारों ने किया था चाकू से हमला; पुलिस ने 3 आरोपियों को लिया हिरासत में
पांवटा साहिब में घायल मकान मालिक ने तोड़ा दम:किरायेदारों ने किया था चाकू से हमला; पुलिस ने 3 आरोपियों को लिया हिरासत में पांवटा साहिब में किरायेदार के झगड़े में घायल मकान मालिक यामीन ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने धारा बदलकर हत्या का मामला दर्ज कर दिया है। गौरतलब है कि सोमवार की रात किरायेदारों के आपसी झगड़े को रोकने गए मकान मालिक पर तीन लोगों ने हमला कर दिया था। जिसमें मकान मालिक यामीन घायल हो गया था। पुलिस ने हत्या के मामले में तीनों आरोपी विशाल, विकास, और राहुल को हिरासत में लिया है। जिसे पूछताछ की जा रही है। शोर-शराबे को सुनकर मौके पर पहुंचा था मकान मालिक मकान मालिक किरायेदारों के कमरे से शोर-शराबे को सुनकर वहां पहुंचा था। बीच-बचाव करते समय उनमें से एक ने यामीन पर चाकू से दो बार किया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद चाकू बाजी में घायल यामीन को सिविल अस्पताल पांवटा साहिब ले लगाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सैंटर रैफर कर दिया था। लेकिन शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया। लखीमपुर खीरी में दर्ज कराई थी शिकायत इस मामले की शिकायत मनजीत कौर पत्नी शकील खान गांव पालिगा जिला लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश ने पुलिस में की थी। इस शिकायत में उसने कहा था कि इसकी बहन के पति विकास कुमार व उसके साथ आए राहुल व विशाल रात हमारे किराए के कमरे में आए और इन तीनों ने मुझ पर व मकान मालिक यामिन अली को काफी चोटें पंहुचाई है। डीएसपी अदिति ने मामले की पुष्टि की है।
शिमला में स्केटिंग का लुत्फ उठा रहे टूरिस्ट:मॉर्निंग और इवनिंग दोनों टाइम शुरू; 300 रुपए फीस देकर कोई भी व्यक्ति कर सकता है स्केटिंग
शिमला में स्केटिंग का लुत्फ उठा रहे टूरिस्ट:मॉर्निंग और इवनिंग दोनों टाइम शुरू; 300 रुपए फीस देकर कोई भी व्यक्ति कर सकता है स्केटिंग हिमाचल की राजधानी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में दोनों टाइम स्केटिंग शुरू हो गई है। बीते दो-तीन से ठंड बढ़ने के बाद इनविंग सेशन में स्केटिंग शुरू हो पाई है। इससे देशभर से शिमला पहुंच रहा टूरिस्ट भी इसका लुत्फ उठा रहा है। मॉर्निंग सेशन में बीते दो सप्ताह से स्केटिंग चल रही थी। मगर बीते सप्ताह तक तापमान अधिक होने की वजह से इवनिंग-सेशन में स्केटिंग शुरू नहीं हो पा रही थी, क्योंकि तापमान अधिक दिन में बर्फ पिघल रही थी। इससे इवनिंग सेशन में स्केटिंग शुरू नहीं हो पा रही थी। अब स्थानीय लोगों के साथ साथ शिमला पहुंचने वाले टूरिस्ट भी स्केटिंग का आनंद उठा रहे हैं। इस दौरान स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। शिमला में ब्रिटिश काल में बना स्केटिंग रिंक बता दें कि शिमला के लक्कड़ बाजार में ब्रिटिश काल से आइस स्केटिंग रिंक बना हुआ है। यहां पर हर साल दिसंबर के पहले व दूसरे सप्ताह से स्केटिंग शुरू होती है और फरवरी-मार्च तक चलती है। यह एशिया का इकलौता स्केटिंग रिंक है जहां प्राकृतिक विधि से बर्फ को जमाया जाता है। 300 रुपए फीस देकर कोई भी कर सकता है स्केटिंग शिमला के आइस स्केटिंग रिंक क्लब के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी रजत मल्होत्रा बताया कि यहां 300 रुपए फीस देकर स्केटिंग की जा सकती है। इसके लिए स्थानीय लोगों सहित टूरिस्ट को भी अपने साथ स्केट लाने की जरूरत नहीं है। स्केटिंग क्लब खुद स्केट मुहैया कराता है। 104 साल पुराना हैं स्केटिंग का इतिहास आइस स्केटिंग रिंक क्लब के सदस्य सुदीप महाजन ने बताया कि शिमला के लक्कड़ बाजार रिंक में प्राकृतिक विधि से आइस को जमाया जाता है। यहां पर शाम के समय रिंक में पानी डाला जाता है। सुबह को यह जम जाता है। इस पर स्केटिंग होती है। सुदीप बोले-1920 में शुरू हुई स्केटिंग सुदीप महाजन ने बताया बताया कि शिमला में स्केटिंग का 104 साल पुराना इतिहास है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले 1920 से ब्रिटिश काल में यहां स्केटिंग शुरू हुई थी। कोरोना काल को छोड़कर हर बार यहां स्केटिंग हुई है। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से मॉर्निंग सेशन में स्केटिंग हो रही थी। बीती शाम से मॉर्निंग और इवनिंग दोनों सेशन में स्केटिंग शुरू हो गई है।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:हंगामेदार रहने के आसार, सर्व दलीय मीटिंग का बायकॉट कर टकराव के संकेत दे चुका विपक्ष, सदन में गूजेंगे 936 सवाल
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:हंगामेदार रहने के आसार, सर्व दलीय मीटिंग का बायकॉट कर टकराव के संकेत दे चुका विपक्ष, सदन में गूजेंगे 936 सवाल हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। 9 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में 10 सीटिंग रखी गई है। सत्र के हंगामेदार रहने के आसार है। विपक्ष इसके संकेत बीती शाम को शिमला में संपन्न विधायक दल मीटिंग में दे चुका है। बीते सोमवार को स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा बुलाई सर्व दलीय मीटिंग का भी विपक्ष बहिष्कार कर चुका है। बीजेपी विधायक लोकसभा चुनाव के दौरान स्पीकर के बयान से नाराज है। इसी वजह से विपक्ष ने सर्व दलीय मीटिंग का बहिष्कार किया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुसार, स्पीकर ने चुनाव के दौरान कहा, 6 विधायकों के सिर कलम हो गए है। अब तीन के आरी के नीचे लगे हैं। इस पर विपक्ष नाराज है। उन्होंने कहा, मानसून सत्र में सत्तापक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। विभिन्न विभागों में हुए भ्रष्टाचार, स्कूलों बंद करने, आपदा, बिगड़ी कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे सदन में उठाए जाएंगे। 3 विधायकों के शोकोद्गार से शुरू होगी सदन की कार्यवाही सदन की कार्यवाही की शुरुआत तीन दिवंगत विधायक टेक चंद, नारायण सिंह स्वामी और दौलत राम चौधरी के शोकोद्गार से शुरू होगी। इसके पश्चात प्रश्नकाल होगा। प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल द्वारा मंजूर विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमे मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष समेत कई विधायक अपनी अपनी बात रखेंगे। विधानसभा में गूंजेंगे 936 सवाल मानसून सत्र में 936 सवाल गूंजेंगे। इनमें से 640 तारांकित प्रश्न है, जिनका सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके मंत्री मौखिक जवाब देंगे। वहीं 296 अतारांकित प्रश्न है, इनका विधायकों को लिखित में जवाब दिया जाएगा। सभी प्रश्न संबंधित विभागों को जवाब के लिए भेज दिए गए है। 14वीं विधानसभा में बीजेपी पहली बार 28 विधायकों के साथ सदन में आएगी। प्रदेश में बीते दिनों 9 सीटों पर हुए उप चुनाव में 3 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। इससे भाजपा के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 28 हुई है। वहीं कांग्रेस के पास पहले की तरह अभी भी 40 विधायक है। मुख्यमंत्री लेंगे कांग्रेस विधायक दल मीटिंग आज होने वाले विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री सुक्खू कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग लेंगे। इसमें विपक्ष के हमलों का जवाब देने की रणनीति बनेगी।