हिमाचल प्रदेश के शिमला के साथ लगते जुन्गा में आज से ‘फ्लाइंग फेस्टिवल’ शुरू होने जा रहा है। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल 4 दिन चलने वाली इस चैम्पियनशिप का शुभारंभ कुछ देर बाद करेंगे। 2 दिन बाद रेसलर द ग्रेट खली भी फ्लाइंग फेस्टिवल में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। पैरा ग्लाइडिंग चैम्पियनशिप में भारत और विभिन्न प्रदेशों के 50 से ज्यादा प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इसमें पश्चिम बंगाल की एक महिला पैरा ग्लाइडर भी शामिल होगी। फ्लाइंग फेस्टिवल में स्पॉट लैंडिंग पैरा ग्लाइडिंग चैम्पियनशिप रखी गई है। पायलट सोलो और टीम श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। भारत और दूसरे देशों से आए पायलटों ने मंगलवार को भी जुन्गा स्थित टिक्कर साइट में पैरा ग्लाइडिंग का अभ्यास किया। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आयोजन शिमला में देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के मकसद से दूसरी बार इस चैम्पियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। बीते साल भी इंटरनेशनल फ्लाइंग फेस्टिवल का आयोजन जुन्गा में किया जा चुका है। राज्यपाल करेंगे शुभारंभ: रावत शिमला ‘फ्लाइंग फेस्टिवल’ के आयोजनकर्ता शिमला ग्लाइड इन के प्रबंध निदेशक अरुण रावत ने बताया कि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल आज इसका शुभारंभ करेंगे और 18 अक्टूबर को पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और ग्रेट खली मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया कि, 19 अक्टूबर को प्रतियोगिता का समापन होगा। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता जीतने वाली पैरा ग्लाइडिंग टीम को नकद 5 लाख और सोलो क्लास में प्रथम पुरस्कार जीतने वाले प्रतिभागी को 2.25 लाख रुपए नगद इनाम दिया जाएगा। बता दें कि इसी साल नवंबर में हिमाचल के नरवाना और बीड़-बिलिंग में भी पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप होने वाला है। हिमाचल प्रदेश के शिमला के साथ लगते जुन्गा में आज से ‘फ्लाइंग फेस्टिवल’ शुरू होने जा रहा है। हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल 4 दिन चलने वाली इस चैम्पियनशिप का शुभारंभ कुछ देर बाद करेंगे। 2 दिन बाद रेसलर द ग्रेट खली भी फ्लाइंग फेस्टिवल में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। पैरा ग्लाइडिंग चैम्पियनशिप में भारत और विभिन्न प्रदेशों के 50 से ज्यादा प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इसमें पश्चिम बंगाल की एक महिला पैरा ग्लाइडर भी शामिल होगी। फ्लाइंग फेस्टिवल में स्पॉट लैंडिंग पैरा ग्लाइडिंग चैम्पियनशिप रखी गई है। पायलट सोलो और टीम श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। भारत और दूसरे देशों से आए पायलटों ने मंगलवार को भी जुन्गा स्थित टिक्कर साइट में पैरा ग्लाइडिंग का अभ्यास किया। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आयोजन शिमला में देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के मकसद से दूसरी बार इस चैम्पियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। बीते साल भी इंटरनेशनल फ्लाइंग फेस्टिवल का आयोजन जुन्गा में किया जा चुका है। राज्यपाल करेंगे शुभारंभ: रावत शिमला ‘फ्लाइंग फेस्टिवल’ के आयोजनकर्ता शिमला ग्लाइड इन के प्रबंध निदेशक अरुण रावत ने बताया कि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल आज इसका शुभारंभ करेंगे और 18 अक्टूबर को पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और ग्रेट खली मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया कि, 19 अक्टूबर को प्रतियोगिता का समापन होगा। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता जीतने वाली पैरा ग्लाइडिंग टीम को नकद 5 लाख और सोलो क्लास में प्रथम पुरस्कार जीतने वाले प्रतिभागी को 2.25 लाख रुपए नगद इनाम दिया जाएगा। बता दें कि इसी साल नवंबर में हिमाचल के नरवाना और बीड़-बिलिंग में भी पैराग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप होने वाला है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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अंब में करंट लगने से ड्राइवर की मौत:ट्रक से तिरपाल हटाते वक्त हुआ हादसा; ढाबे पर चाय पीने के लिए रुका था ऊना जिले के उपमंडल अंब में बिजली के तार की चपेट में आने से ट्रक चालक की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। हादसा नैहरियां के पास पतेहड़ में हुआ है। जानकारी अनुसार सुरेश कुमार निवासी आदार जिला हमीरपुर अपने ट्रक में उखली से कांगड़ा के लिए सीमेंट लेकर आया था। कांगड़ा में सीमेंट उतारने के बाद वह अंब से रेत ले जाने के लिए अंब आ रहा था। ढाबे पर चाय पीने के लिए रुका था नैहरियां के पास पतेहड़ में एक ढाबा के पास चाय पीने के लिए रुका। उसी दौरान सुरेश कुमार अपने ट्रक से तिरपाल हटाने लगा। तिरपाल हटाते वक्त वह ट्रक के ऊपर से निकल रही बिजली की तार की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ढाबा संचालक के सूचना दिए जाने के बाद पुलिस ने मौका पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और उसके परिजनों को सुचित कर दिया।
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हिमाचल प्रदेश में सेब प्रोडक्शन में लगातार गिरावट:हर साल बढ़ रहा रकबा, घट रहा उत्पादन, इस बार 2.91 करोड़ पेटी का अनुमान हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं के कारण हर साल सेब का उत्पादन गिर रहा है। सेब का रकबा बढ़ने के बावजूद उत्पादन कम हो रहा है। इस बार भी बागवानी विभाग ने 2.81 करोड़ पेटी सेब आने का अनुमान जताया है। प्रदेश में 1.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की खेती हो रही है। वर्ष 2009-10 में सेब का रकबा 99564 हेक्टेयर था, उस दौरान 5 करोड़ 11 लाख पेटी सेब का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2022-23 में सेब का रकबा बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया और उत्पादन घटकर 2.11 करोड़ पेटी रह गया। वर्ष 2010 के बाद पांच करोड़ तो छोड़िए, चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन भी नहीं हो सका। दूसरी सबसे अधिक फसल 11 साल पहले यानी 2013 में 3.69 करोड़ पेटी हुई थी। साल 2010 में हुई थी रिकॉर्ड प्रोडक्शन साल कितनी पेटी 2010 5.11 करोड़
2011 1.38 करोड़
2012 1.84 करोड़
2013 3.69 करोड़
2014 2.80 करोड़
2015 3.88 करोड़
2016 2.40 करोड़
2017 2.08 करोड़
2018 1.65 करोड़
2019 3.24 करोड़
2020 2.40 करोड़
2021 3.05 करोड़
2022 3.36 करोड़
2023 2.11 करोड़ विश्व बैंक की 1134 करोड़ की परियोजना भी नहीं बढ़ा पाई उत्पादन सेब उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में विश्व बैंक की 1134 करोड़ रुपये की परियोजना भी लागू की गई थी। वर्ष 2017 में जब इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, तब दावा किया गया था कि औसत सेब उत्पादन 8 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो जाएगा, जो 2017 में भी 6 मीट्रिक टन था। इसमें अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सेब उत्पादन पर मौसम का असर : डॉ. भारद्वाज बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि सेब उत्पादन पूरी तरह मौसम पर निर्भर है। पिछले कुछ सालों से मौसम सेब के अनुकूल नहीं रहा है। सर्दियों में अच्छी बर्फबारी न होना, फ्लावरिंग के दौरान बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि या सूखे जैसे कारणों से सेब का अच्छा उत्पादन नहीं हो पा रहा है। बर्फबारी का ट्रेंड बदलने से फसल पर बुरा असर हिमाचल में बीते एक दशक के दौरान बर्फबारी का ट्रेंड बदला है। आमतौर पर प्रदेश में दिसंबर से 15 फरवरी के बीच बर्फबारी होती थी। मगर पिछले कुछ सालों के दौरान फरवरी से मार्च में बर्फ गिरती रही है। कई ऊंचे क्षेत्रों में तो अप्रैल में भी बर्फबारी रिपोर्ट हुई है। इसका असर सेब की खेती पर पड़ रहा है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में बर्फ के बाद अचानक ठंड पड़ने से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित होती है। ठंडे मौसम में मधुमक्खियां परागण नहीं कर पाती और अच्छी फ्लावरिंग भी नहीं हो पाती। इसकी मार फसल पर पड़ती है। इसके विपरीत साल दर साल सेब पर उत्पादन लागत हर साल बढ़ती जा रही है और उत्पादन कम हो रहा है। इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब का पूर्वानुमान: नेगी बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा, इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब होने का पूर्वानुमान है। सेब की खेती मौसम पर निर्भर करती है। आने वाले दिनों में सेब के अच्छे साइज व रंग के लिए बारिश के साथ साथ धूप खिलना भी जरूरी है।
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