अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा शिमला के गेयटी थिएटर में “समर्थ 2024” आपदा प्रबंधन जन जागरण अभियान और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है और केंद्र को भी इस पर अध्ययन करने के लिए लेटर लिख चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर शिमला में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा अभियान व प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके माध्यम से लोगों को आपदा से निपटने के गुण सिखाए जा रहे हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश बीते 2 सालों से लगातार आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में आपदा में नुकसान को कम करने के लिए विभाग लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। “प्राकृतिक आपदा के लिए क्लाइमेट चेंज हो सकता है एक मुख्य कारण”- सीएम सुक्खू
सीएम सूक्खु ने कहा कि पिछली बार हिमाचल प्रदेश ने भयंकर आपदा का सामना किया पूरे प्रदेश ने कभी ऐसी आपदा नही देखी लेकिन सरकार ने जनता के सहयोग से उस पर नियंत्रण पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं बड़ी है क्लाइमेट चेंज इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।
इसकी स्टडी करने को प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है और प्रदेश सरकार केके अपने स्तर पर भी प्रयास जारी हैं । अपने स्तर पर आपदा के लिए सरकार ने एक प्रोजेक्ट बनाया है जो करीब 800 करोड़ का है SDRF को मजबूत कर रहे हैं ताकि भविष्य में जो भी आपदा है उसका सामना कर सकें। हिमाचल में दो सालों में प्राकृतिक आपदा में करीब 900 लोगो की गई जान
बता दें कि बीते दो वर्षो से हिमाचल प्रदेश ने बड़ी आपदा का सामना किया है ।वर्ष 2023 में पूरे मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 500 से ज्यादा लोग आपदा में काल का ग्रास बने । वहीं साल 2024 में आई आपदा से प्रदेश में 1200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 340 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा शिमला के गेयटी थिएटर में “समर्थ 2024” आपदा प्रबंधन जन जागरण अभियान और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसका शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही है और केंद्र को भी इस पर अध्ययन करने के लिए लेटर लिख चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर शिमला में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ राजस्व विभाग द्वारा अभियान व प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके माध्यम से लोगों को आपदा से निपटने के गुण सिखाए जा रहे हैं। क्योंकि हिमाचल प्रदेश बीते 2 सालों से लगातार आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में आपदा में नुकसान को कम करने के लिए विभाग लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। “प्राकृतिक आपदा के लिए क्लाइमेट चेंज हो सकता है एक मुख्य कारण”- सीएम सुक्खू
सीएम सूक्खु ने कहा कि पिछली बार हिमाचल प्रदेश ने भयंकर आपदा का सामना किया पूरे प्रदेश ने कभी ऐसी आपदा नही देखी लेकिन सरकार ने जनता के सहयोग से उस पर नियंत्रण पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं बड़ी है क्लाइमेट चेंज इसका एक बड़ा कारण हो सकता है।
इसकी स्टडी करने को प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है और प्रदेश सरकार केके अपने स्तर पर भी प्रयास जारी हैं । अपने स्तर पर आपदा के लिए सरकार ने एक प्रोजेक्ट बनाया है जो करीब 800 करोड़ का है SDRF को मजबूत कर रहे हैं ताकि भविष्य में जो भी आपदा है उसका सामना कर सकें। हिमाचल में दो सालों में प्राकृतिक आपदा में करीब 900 लोगो की गई जान
बता दें कि बीते दो वर्षो से हिमाचल प्रदेश ने बड़ी आपदा का सामना किया है ।वर्ष 2023 में पूरे मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 500 से ज्यादा लोग आपदा में काल का ग्रास बने । वहीं साल 2024 में आई आपदा से प्रदेश में 1200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान व 340 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर