हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शराबियों के साथ सख्ती ना करने के निर्देश के बीच लगातार दूसरे दिन रिज पर पर्यटकों के बीच जमकर लात-घूसे चले। रिज पर विंटर कार्निवाल की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में फिर दो गुटों के 8 से10 लड़के आपस में भिड़ गए। इस दौरान रिज पर सैकड़ों लोग नाच-गा रहे थे। तभी दोनों गुटों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई और यह कहासुनी मारपीट में बदल गई। यह मारपीट दो से तीन मिनट तक चलती रही। इससे कुछ देर के लिए लोगों में भगदड़ भी मच गई। इस दौरान कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर झगड़ा कर रहे युवकों को शांत करवाया। तब जाकर मामला शांत हुआ। अब इस मारपीट की एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दूसरी स्टार नाइट में भी हुई थी लड़ाई दरअसल शिमला विंटर कार्निवाल में दूसरी स्टार नाइट भी दो गुटों में लड़ाई हुई थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। आज तीसरी स्टार नाइट का वीडियो भी सामने आ गया है। जिसके बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू हो गए है। शिमला विंटर कार्निवाल हुआ रद्द आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश भर में शोक की लहर है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में भी राजकीय शोक घोषित होने के चलते शिमला विंटर कार्निवाल की आगामी सांस्कृतिक संध्याएं रद्द कर दी है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शराबियों के साथ सख्ती ना करने के निर्देश के बीच लगातार दूसरे दिन रिज पर पर्यटकों के बीच जमकर लात-घूसे चले। रिज पर विंटर कार्निवाल की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में फिर दो गुटों के 8 से10 लड़के आपस में भिड़ गए। इस दौरान रिज पर सैकड़ों लोग नाच-गा रहे थे। तभी दोनों गुटों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई और यह कहासुनी मारपीट में बदल गई। यह मारपीट दो से तीन मिनट तक चलती रही। इससे कुछ देर के लिए लोगों में भगदड़ भी मच गई। इस दौरान कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर झगड़ा कर रहे युवकों को शांत करवाया। तब जाकर मामला शांत हुआ। अब इस मारपीट की एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दूसरी स्टार नाइट में भी हुई थी लड़ाई दरअसल शिमला विंटर कार्निवाल में दूसरी स्टार नाइट भी दो गुटों में लड़ाई हुई थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। आज तीसरी स्टार नाइट का वीडियो भी सामने आ गया है। जिसके बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू हो गए है। शिमला विंटर कार्निवाल हुआ रद्द आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश भर में शोक की लहर है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में भी राजकीय शोक घोषित होने के चलते शिमला विंटर कार्निवाल की आगामी सांस्कृतिक संध्याएं रद्द कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में पब्बर नदी में गिरी स्विफ्ट कार:दंपत्ति की मौत, डेढ़ साल का बेटा लापता, देर शाम पेश आया हादसा हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के जुब्बल क्षेत्र के अंटी में देर शाम एक गाड़ी पब्बर नदी में जा गिरी। इस हादसे में दंपत्ति की मौत हो गई, जबकि उनकी डेढ़ साल बेटी लापता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार, वीरवार देर शाम यह हादसा अंटी में भालू क्यारी घेली प्रोजेक्ट के समीप पेश आया। इस हादसे में मृत व्यक्ति की पहचान सुशील कपरेट (29) पुत्र साहबू राम निवासी झालटा जुब्बल और सुशील की पत्नी ममता (27) के तौर पर हुई है। लापता बच्चे की तलाश में देर शाम तक सर्च ऑपरेशन चलता रहा। आधी रात में घना अंधेरा होने के बाद सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया। आज सुबह फिर से लापता बच्ची की तलाश की जा रही है। खाई से लुढ़कते हुए पब्बर में जा पहुंची गाड़ी पुलिस के अनुसार, HP HP-10-9397 नंबर की गाड़ी अंटी के भालू क्यारी गेली प्रोजेक्ट के पास गहरी खाई में लुढ़कते हुए पब्बर नदी में जा गिरी। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। गाड़ी में 3 ही लोग सवार थे। देश शाम पेश आया हादसा: DSP DSP रोहड़ू ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि देर शाम यह हादसा पेश आया। हादसे में 2 लोगो की मौत हो गई है। मृतकों के शवों का आज पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपे जाएंगे। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
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शिमला में सर्वानुबंध कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग:दिवाली से पहले तोहफे की मांग, इस सिलसिले में CM से मिल चुके 12 बार
शिमला में सर्वानुबंध कर्मचारियों ने उठाई नियमितीकरण की मांग:दिवाली से पहले तोहफे की मांग, इस सिलसिले में CM से मिल चुके 12 बार हिमाचल प्रदेश सर्वानुबंध कर्मचारी महासंघ ने कैबिनेट से पहले सरकार से मांग की है कि दिवाली से पहले अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सरकार नियमितीकरण का तोहफा दें। महासंघ ने सितम्बर तक अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को रेगुलर करने की मांग की है। अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने सरकार को चेताया है कि वह 12 बार सीएम सुक्खू से मिल चुके हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग को सरकार के समक्ष रखा है। मगर उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है, ऐसे में सरकार जल्दी कोई निर्णय नही लेती तो उनके पास दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं। कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा आर्थिक नुकसान
सर्वानुबंध कर्मचारी महासंघ जय प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर शर्मा ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि हुए 12 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं। इसके अलावा मंत्रियों और सीपीएस से मिले लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पहले राज्य सरकार द्वारा वर्ष में दो बार अनुबंध कर्मचारियों को नियमित किया जाता था लेकिन अब नए नियमों के अनुसार एक बार ही नियमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये नियम पहले भर्ती हो चुके कर्मचारियों पर लागू नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है 22 अक्टूबर को प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक होने जा रही है सरकार इस एजेंडे को कैबिनेट में ले जाकर उनके नियमितीकरण की अधिसूचना जारी करें। कोर्ट का दरवाजा आखरी रास्ता
अध्यक्ष ने कहा कि अनुबंध कर्मचारी सरकार के परिवार का हिस्सा है, मुख्यमंत्री परिवार के मुखिया हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार जब नियमित कर्मचारियों के लिए इतने बड़े फैसले ले सकती है, तो उनके पक्ष में भी जरूर कोई फैसला लेगी। वहीं उन्होंने कहा कोर्ट जाने के सवाल पर कहा कि बात मनवाने के लिए कई रास्ते है। कोर्ट और धरने प्रदर्शन आखिरी रास्ता है। परंतु उन्हें उम्मीद है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी सरकार पहले ही उनकी मांग पूरी करेगी।