हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पुलिस ने दो सगे भाइयों को नशे की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों युवक पंजाब के रहने वाले है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चिट्टा भी बरामद किया है। दोनों तस्करों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की टीम ने शुक्रवार को कालका- शिमला एनएच-5 पर शिमला में शोघी के समीप हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास नाका लगाया था। इसी दौरान चंडीगढ़ से शिमला की तरफ आ रही पंजाब नवंबर बाइक को पुलिस ने चैकिंग के लिए रोका। आरोपियों के पास से चिट्टा बरामद पुलिस ने जब उसकी जांच की, तो उन्होंने बाइक पर सवार दो युवकों के पास से पुलिस ने 12.280 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद किया।गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 28 वर्षीय दविंदर सिंह और 34 वर्षीय मंदीप सिंह के रूप में हुई है। दोनों आरोपी गांव शेखा जिला मोहाली के रहने वाले हैं। दोनों तस्कर रिश्ते में सगे भाई बताए जा रहे है। दोनों युवक शिमला घूमने पहुंचे हुए थे। उधर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ NDPS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पुलिस ने दो सगे भाइयों को नशे की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों युवक पंजाब के रहने वाले है। पुलिस ने आरोपियों के पास से चिट्टा भी बरामद किया है। दोनों तस्करों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की टीम ने शुक्रवार को कालका- शिमला एनएच-5 पर शिमला में शोघी के समीप हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास नाका लगाया था। इसी दौरान चंडीगढ़ से शिमला की तरफ आ रही पंजाब नवंबर बाइक को पुलिस ने चैकिंग के लिए रोका। आरोपियों के पास से चिट्टा बरामद पुलिस ने जब उसकी जांच की, तो उन्होंने बाइक पर सवार दो युवकों के पास से पुलिस ने 12.280 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद किया।गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 28 वर्षीय दविंदर सिंह और 34 वर्षीय मंदीप सिंह के रूप में हुई है। दोनों आरोपी गांव शेखा जिला मोहाली के रहने वाले हैं। दोनों तस्कर रिश्ते में सगे भाई बताए जा रहे है। दोनों युवक शिमला घूमने पहुंचे हुए थे। उधर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ NDPS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल मस्जिद विवाद में बोले AIMIM नेता:हाईकोर्ट में करेंगे PIL; कानून सबके लिए एक समान, बोले-मस्जिद वैध या अवैध कोर्ट तय करेगा, लोग नहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी संजौली से उठा मस्जिद विवाद शांत होने नहीं दिख रहा। बेशक, संजौली मस्जिद कमेटी ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर कोर्ट का फैसला आने पर मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ने की सहमति जताई है। मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जामाई ने संजौली मस्जिद पहुंचकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के वैध है या अवैध, यह कोर्ट तय करेगा। वह कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) डालेंगे। शोएब जामाई वीडियो में कह रहे हैं कि संजौली मस्जिद के साथ बनी दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई दिखाकर कह कर रहे हैं कि जितनी ऊंचाई मस्जिद की है, उससे ज्यादा की ऊंचाई आसपास बने घरों की है। वह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो यहां बने घर कैसे वैध हो सकते हैं। कानून सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह संविधान से हटकर बात नहीं कर रहे। मोहब्बत की दुकान यहां भी खुलनी चाहिए। शोएब जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के मौलाना ने अच्छे से हैंडल किया है। इतनी कम आबादी होने के बावजूद अच्छा फैसला लिया है। इतना सप्रोर्ट नहीं है। सरपरस्त ताकतें आवाज उठा रही है हर जगह। इंसाफ सभी के लिए होना चाहिए। प्रदेश में मस्जिद विवाद संजौली की इसी मस्जिद के कारण उपजा है। संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा बीते 12 सितंबर को लिखित में नगर निगम आयुक्त को मस्जिद के अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की गई। कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट अगर ऑर्डर देगा तो मस्जिद का अवैध खुद तोड़ेंगे। फैसला आने तक मस्जिद की 3 मंजिल को सील कर दिया जाए। मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। इसके बाद शिमला में मस्जिद विवाद शांत हुआ। हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों में संजौली मस्जिद के बाद प्रदर्शन जारी है। वहीं संजौली मस्जिद मामले में आगामी 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। विवादित संजौली मस्जिद 1947 में बनी थी, 3 मंजिल पर आपत्ति संजौली में मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां 2 मंजिला कच्ची मस्जिद होती थी। संजौली में नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट (TCP) लागू है। इसके तहत बिना मंजूरी और नक्शा पास कराए बगैर यहां निर्माण नहीं किया जा सकता है। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि इन्होंने बिना नक्शा पास कराए यहां 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी। साल 2010 में इसकी पक्की इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। तब से लेकर नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस दे चुका है। इस मामले में 45 बार नगर निगम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। मस्जिद कमेटी के अनुसार, लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। 31 अगस्त से शुरू हुआ विवाद ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई और 6 मुस्लिम लड़कों ने यशपाल नाम के स्थानीय कारोबारी की पिटाई कर दी। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। इसके बाद हिंदू संगठन भड़क उठे और मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर बुधवार को तीसरी बार प्रदर्शन किया। क्या बोले SP शिमला इसे लेकर जब पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मस्जिद सील नहीं है। नमाज पढ़ने मुस्लिम यहां आ रहे हैं। शोएब जामाई कब आया और वीडियो कब बनाया, यह चेक किया जाएगा। हालांकि उन्होंने माना कि इससे माहौल खराब होगा।
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