हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नाबालिग से रेप का मामला सामने आया है। नाबालिग की मां ने पड़ोसी युवक पर आरोप लगाया है कि उसने शादी का झांसा देकर उसकी बच्ची के साथ रेप किया। पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता की मां ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसमें उसने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ उनके ही पड़ोसी ने रेप किया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि युवक ने पीड़िता को शादी का झांसा दिया और उसके साथ शारीरिक सबंध बनाया। आरोपी युवक का नाम समीर छपरा है और शिमला के कृष्णनागर का रहने वाला है। उधर पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर आरोपी के थाना सदर में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नाबालिग से रेप का मामला सामने आया है। नाबालिग की मां ने पड़ोसी युवक पर आरोप लगाया है कि उसने शादी का झांसा देकर उसकी बच्ची के साथ रेप किया। पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता की मां ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसमें उसने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ उनके ही पड़ोसी ने रेप किया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि युवक ने पीड़िता को शादी का झांसा दिया और उसके साथ शारीरिक सबंध बनाया। आरोपी युवक का नाम समीर छपरा है और शिमला के कृष्णनागर का रहने वाला है। उधर पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर आरोपी के थाना सदर में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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रामपुर में बुजुर्ग पर भालू ने किया हमला:गंभीर रूप से किया घायल, गौशाला में गाय को बचाने आया था
रामपुर में बुजुर्ग पर भालू ने किया हमला:गंभीर रूप से किया घायल, गौशाला में गाय को बचाने आया था शिमला जिले के रामपुर की शाहधार पंचायत के बठारा गांव में भालू ने गौशाला तोड़कर यहां बंधी गाय और उसके बछड़े पर हमला कर दिया। बीच बचाव के लिए पहुंचे 72 वर्षीय व्यक्ति पर भालू ने जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को रामपुर के खनेरी अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है। गाय को बचाने आया था बुजुर्ग मंगलवार रात 11 बजे भालू बठारा गांव में घुस गया। यहां उसने शालिग राम की गौशाला को तोड़कर उसके अंदर घुस गया। भालू ने गौशाला में बंधे गाय और बछड़े पर हमला किया और उन्हें बुरी तरह से जख्मी किया। इस दौरान जब 72 वर्षीय शालिग राम ने गाय और बछड़े के कराहने की आवाजें सुनी तो वह अपने घर से तुरंत बाहर निकला और बीच बचाव में भालू ने उस पर ही जानलेवा हमला कर दिया। भालू के हमले में शालिग राम के सिर पर गहरी चोट आई हैं। पत्नी के चिल्लाने भागा भालू इस दौरान शालिग राम की पत्नी बाहर निकली और जोर जोर से चिल्लाने लगी। चिल्लाने की आवाज सुनकर भालू मौके से फरार हो गया। जैसे ही घटना की सूचना ग्रामीणों को मिली तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे, और घायल अवस्था में शालिग को 108 एम्बुलेंस की मदद से खनेरी अस्पताल पहुंचाया गया। यहां उसका उपचार चल रहा है। गांव के प्रधान महेंद्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में वन विभाग को भी सूचित किया गया और विभाग की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने प्रशासन और वन विभाग से पीड़ित को हर संभव मदद देने की गुहार लगाई है।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:सदन में गूंज सकता है आर्थिक संकट का मुद्दा; बिगड़ती कानून व्यवस्था पर BJP के 4 विधायक सत्तापक्ष को घेरेंगे
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:सदन में गूंज सकता है आर्थिक संकट का मुद्दा; बिगड़ती कानून व्यवस्था पर BJP के 4 विधायक सत्तापक्ष को घेरेंगे हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में आज आर्थिक संकट को लेकर तपिश देखने को मिल सकती है। कांग्रेस विधायक भवानी पठानिया, केवल सिंह पठानिया और चंद्रशेखर ने पहले ही आर्थिक स्थिति पर चर्चा के लिए पहले ही नोटिस दे रखा है। विपक्ष भी आज इस मसले पर सदन में चर्चा मांग सकता है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति प्रतिदिन बिगड़ रही है। इससे कर्मचारियों व पेंशनर की सैलरी-पेंशन पर भी संकट आ गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कैबिनेट मंत्री और सीपीएस 2 महीने देरी से सैलरी का ऐलान कर चुके हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब कर्मचारी-पेंशनर को पहली तारीख को सैलरी-पेंशन नहीं मिल पाई। इसकी गूंज आज सदन में सुनाई दे सकती है। इससे पहले सदन की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे प्रश्नकाल से शुरू होगी। प्रश्नकाल में हिमाचल-पंजाब की सीमा पर जेजों खड्ड में 11 लोगों की मौत और पुल बनाने का मामला गूंज सकता है। यह सवाल ऊना से विधायक सत्तपाल सत्ती ने लगाया है। इसी तरह आज ज्यादातर प्रश्न PWD, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े हुए पूछे गए है। बिगड़ती कानून व्यवस्था पर BJP के 4 विधायक रखेंगे अपनी बात इसके बाद सदन में कुछ विधेयक पेश किए जाएंगे। आखिर में सदन में कानून व्यवस्था और आपदा को लेकर तपिश देखने को मिलेगी। विपक्ष ने इसे लेकर सदन में चर्चा मांग रखी है। बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल, बलवीर वर्मा, सुखराम चौधरी और राकेश जम्वाल अपनी बात रखेंगे। वहीं आपदा पर बीते मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा लाई गई चर्चा में आज दूसरे विधायक भी शामिल होंगे और मानसून के दौरान अपने- अपने क्षेत्रों में हुई तबाही को लेकर सदन में बात करेंगे। चर्चा खत्म पर मुख्यमंत्री सुक्खू इसका जवाब देंगे।
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब हिमाचल की सुजानपुर विधानसभा सीट पर दिग्गज नेता एवं BJP उम्मीदवार राजेंद्र राणा उप चुनाव हारने जा रहे हैं। उधर, लाहौल-स्पीति में कांग्रेस के बागी एवं BJP कैंडिडेट रवि ठाकुर और निर्दलीय रामलाल मारकंडा, गगरेट सीट पर बीजेपी के चैतन्य शर्मा भी हार के कगार पर हैं। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के बागी व बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीतने जा रहे है। लाहौल-स्पीति में कांग्रेस की अनुराधा राणा 1786 वोटों से आगे हैं। गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया 7970 वोटों के अंतर से चैतन्य से आगे चल रहे हैं। इन तीनों सीटों पर अब पोस्टल बैलेट की गणना बाकी और फाइनल घोषणा का इंतजार है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा को 2174 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। कैप्टन रणजीत को ईवीएम में 28577 वोट और राजेंद्र राणा को 26403 मत मिले। राजेंद्र राणा ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस के राज्यसभा में प्रत्याशी के खिलाफ वोट करके पार्टी से बगावत की थी और बीते 23 मार्च को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का दामन थामा। 26 मार्च को बीजेपी ने राणा समेत कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट दिया। अब राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से विधानसभा उप चुनाव हार गए हैं। राणा को प्रेम कुमार धूमल के हनुमान माने जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह ने हराया है। बता दें कि राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुख्यमंत्री चेहरा एवं दो बार के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया था। इस बार राणा खुद चुनाव हारने जा रहे है। मुख्यमंत्री सुक्खू निरंतर राणा पर हमलावर थे और सुधीर शर्मा व राणा को बिके हुए विधायकों का निरंतर सरगना बोल रहे थे। प्रदेश की चार अन्य विधानसभा सीटों पर भी काउंटिंग जारी है। बड़सर में बीजेपी के इंद्रदत्त लखनपाल, धर्मशाला में भी बीजेपी के सुधीर शर्मा और कुटलैहड़ में भी कांग्रेस के विवेक शर्मा बढ़त बनाए हुए है। इन छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया है। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।