शिमला जिले के सुन्नी हाईड्रो प्रोजेक्ट के प्रभावितों ने शिमला में आक्रोश रैली निकाली। पीड़ितों ने छोटा शिमला से लेकर सीएम के सरकारी आवास ओक ओवर तक प्रदर्शन किया। किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए प्रभावित परिवारों ने राहत देने की मांग की है। दरअसल, सुन्नी में पावर प्रोजेक्ट के लिए कंपनी द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग से पानी के स्त्रोत सूख गए हैं। घरों में ब्लास्टिंग से दरारें आ गई है। प्रोजेक्ट के कारण स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ब्लास्टिंग से घरों में आ रहे दरारें ग्रामीणों ने कहा, प्रोजेक्ट प्रबंध अवैध डंपिंग कर रहा है। इससे खेत व बगीचे तबाह हो रहे है। उनकी फसल और पशुओं का चारा खराब हो रही है। प्रोजेक्ट बनाने को की जा रही ब्लास्टिंग से लोगों के घरों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है। इसे लेकर स्थानीय किसान कई बार कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन से मिल चुके है, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। नुकसान की भरपाई नहीं की तो करेंगे आंदोलन: सिंघा ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में सीएम से मिलने आए प्रभावित किसानों ने नुकसान की भरपाई करने का आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, प्रदेश में प्रोजेक्ट हिमाचल की शर्तों पर बनेंगे। जो शर्तें नहीं मानेगा, उनके प्रोजेक्ट सरकार वापस लेगी। राकेश सिंघा ने कहा यदि किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। शिमला जिले के सुन्नी हाईड्रो प्रोजेक्ट के प्रभावितों ने शिमला में आक्रोश रैली निकाली। पीड़ितों ने छोटा शिमला से लेकर सीएम के सरकारी आवास ओक ओवर तक प्रदर्शन किया। किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए प्रभावित परिवारों ने राहत देने की मांग की है। दरअसल, सुन्नी में पावर प्रोजेक्ट के लिए कंपनी द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग से पानी के स्त्रोत सूख गए हैं। घरों में ब्लास्टिंग से दरारें आ गई है। प्रोजेक्ट के कारण स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ब्लास्टिंग से घरों में आ रहे दरारें ग्रामीणों ने कहा, प्रोजेक्ट प्रबंध अवैध डंपिंग कर रहा है। इससे खेत व बगीचे तबाह हो रहे है। उनकी फसल और पशुओं का चारा खराब हो रही है। प्रोजेक्ट बनाने को की जा रही ब्लास्टिंग से लोगों के घरों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है। इसे लेकर स्थानीय किसान कई बार कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन से मिल चुके है, लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। नुकसान की भरपाई नहीं की तो करेंगे आंदोलन: सिंघा ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में सीएम से मिलने आए प्रभावित किसानों ने नुकसान की भरपाई करने का आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, प्रदेश में प्रोजेक्ट हिमाचल की शर्तों पर बनेंगे। जो शर्तें नहीं मानेगा, उनके प्रोजेक्ट सरकार वापस लेगी। राकेश सिंघा ने कहा यदि किसानों के नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में 12 नवंबर को बारिश-बर्फबारी के आसार:पाकिस्तान होते हुए इंडिया की तरफ बढ़ रहा वेस्टर्न-डिस्टरबेंस पड़ रहा कमजोर; इसलिए नहीं बरस रहे बादल
हिमाचल में 12 नवंबर को बारिश-बर्फबारी के आसार:पाकिस्तान होते हुए इंडिया की तरफ बढ़ रहा वेस्टर्न-डिस्टरबेंस पड़ रहा कमजोर; इसलिए नहीं बरस रहे बादल हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो सकता है। इससे कांगड़ा, चंबा और लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्की बारिश व बर्फबारी की संभावना है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 7 नवंबर तक तापमान सामान्य से ज्यादा बना रहेगा। 8 नवंबर से तापमान में कमी आनी शुरू होगी और सामान्य के आसपास टैम्परेचर पहुंचेगा। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान अभी नॉर्मल से 4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा चल रहा है। इस साल सर्दियों में अधिकतम तापमान ने कई शहरों में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले है। धर्मशाला का अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। बीते रविवार को 27.6 डिग्री दर्ज किया गया था। इससे पहले 07 नवंबर 2022 को धर्मशाला का रिकॉर्ड टैम्परेचर 27.4 डिग्री था। मंडी में भी नवंबर का बीते सोमवार को रिकॉर्ड 27.6 डिग्री टैम्परेचर दर्ज किया गया। वहीं ऊना का अधिकतम तापमान आज 33 डिग्री पहुंच गया है। इससे पहले रिकॉर्ड टैम्परेचर 17 नवंबर 2000 को 33.1 डिग्री है। किस शहर का पारा नॉर्मल से कितना ज्यादा हुआ इसी तरह अन्य शहरों का तापमान भी नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। केलांग के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 9.1 डिग्री का उछाला आया है और यहां पर तापमान 19.1 डिग्री पहुंच गया है। हमीरपुर का तापमान भी नॉर्मल से 8.4 डिग्री उछाल के बाद 35.3 डिग्री, कल्पा का 4.4 डिग्री के उछाल के बाद 20.9 डिग्री, भुंतर का 4.3 डिग्री के उछाल के साथ 29.8 डिग्री और नाहन का तापमान नॉर्मल की तुलना में 4.6 डिग्री उछाल के बाद 29.3 डिग्री सेल्सियस हो गया है। प्रदेश में सूखे जैसे हालात पनप रहे प्रदेश में इस बार मानसून में भी नॉर्मल से 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पोस्ट मानसून सीजन में तो नॉर्मल से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे है। 6 जिलों में तो पिछले 34 दिन से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी। इससे सूखे जैसे हालात पनप रहे हैं। ड्राइ स्पेल की वजह से तापमान में उछाल के साथ साथ किसानों की फसलों पर बुरा असर पड़ने लगा है। किसान गेंहू की बुआई नहीं कर पा रहे हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंची संजौली मस्जिद कॉन्ट्रोवर्सी:लोकल रेजिडेंट की याचिका पर आज सुनवाई; MC आयुक्त को जल्द फैसला सुनाने को आदेश देने का आग्रह
हिमाचल हाईकोर्ट पहुंची संजौली मस्जिद कॉन्ट्रोवर्सी:लोकल रेजिडेंट की याचिका पर आज सुनवाई; MC आयुक्त को जल्द फैसला सुनाने को आदेश देने का आग्रह शिमला की संजौली मस्जिद का मामला हिमाचल हाईकोर्ट (HC) पहुंच गया है। संजौली के लोकल रेजिडेंट द्वारा दायर याचिका पर आज HC में सुनवाई होगी। यह मामला न्यायाधीश संदीप शर्मा की बेंच सुनेगी। संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों ने कोर्ट में याचिका डालकर शिमला नगर निगम (MC) आयुक्त को जल्द फैसला देने के लिए आदेश देने का आग्रह किया है। याचिका में कहा गया कि संजौली मस्जिद मामला 14 साल से MC आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। इस केस का जल्द निपटारा होना चाहिए। वहीं MC आयुक्त की कोर्ट में यह केस 21 दिसंबर को सुना जाएगा। लोकल रेजिडेंट इस केस में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगा रहे है। लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगपाल ने बताया कि स्थानीय लोगों ने याचिका कोर्ट ने दायर की है। इस पर आज सुनवाई होगी। वहीं MC आयुक्त बीते 5 अक्टूबर को ही संजौली मस्जिद की ऊपर की 3 मंजिल को गिराने के आदेश दे चुके हैं। मगर अभी मस्जिद को तोड़ने का काम शुरू नहीं हो पाया। संजौली मस्जिद कमेटी ने इसे तोड़ने का काम शुरू करने से पहले वक्फ बोर्ड से अनुमति मांग रखी है, क्योंकि यह प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है। संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि मस्जिद कमेटी को ही इसके अवैध बताए जा रहे हिस्से को अपने खर्च पर हटाना है। इसके लिए लोकल मुस्लिम कारोबारी से धन जुटा रहे हैं। साथ ही वक्फ बोर्ड से भी इसकी परमिशन मांगी गई है। मस्जिद कमेटी ने शांत किया मामला संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा। शिमला के बाद सोलन, मंडी, कुल्लू, सिरमौर व कुल्लू जिला में भी जगह जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की और कहा कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक ऊपर की तीन मंजिल को सील किया जाए। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। बीते 5 अक्टूबर को तीन मंजिल तोड़ने के आदेशों के बाद मामला अभी शांत है। साल 2010 से चल रहा केस, 46 बार सुनवाई हो चुकी इस बीच संजौली के लोकल रेजिडेंट मस्जिद को लेकर जल्द फैसले की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे हैं। दरअसल, MC आयुक्त कोर्ट में यह केस साल 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए है।
हिमाचल में कांग्रेस की हार के कारणों की होगी जांच:खड़गे ने फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की, रजनी पाटिल और पुनिया को सौंपा जिम्मा
हिमाचल में कांग्रेस की हार के कारणों की होगी जांच:खड़गे ने फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की, रजनी पाटिल और पुनिया को सौंपा जिम्मा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की हार के कारणों का पता लगाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया है। इसका जिम्मा कांग्रेस नेता पीएल पुनिया और रजनी पाटिल को दिया गया। दोनों नेता जल्द हिमाचल आकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कारणों का पोस्टमार्टम करेंगे। हिमाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के बावजूद कांग्रेस की चारों लोकसभा सीटों पर हार हुई है। दिग्गज नेता एवं PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मंडी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए। कांगड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की भी हार हुई है। हार के क्या कारण का फैक्ट फाइडिंग कमेटी पता लगाएगी और पार्टी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।