शिमला के उप मंडल चौपाल के नेरवा में देसी शराब की अवैध तस्करी का मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने दो लोगों को देसी शराब की 112 पेटी के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात पुलिस टीम फागु, ठियोग, बलग पुलवाहल मार्ग पर गश्त पर थे। इस दौरान पुलिस ने वहां से गुजर रहे सभी वाहनों की चेकिंग कर रही थी। पुलिस की टीम जब शिल्ली पुलवाहल में वाहनों की चेकिंग कर थी तो इस दौरान वहां हिमाचल नंबर की पिकअप गाड़ी पहुंची। जिसमें दो लोग सवार थे। पुलिस ने गाड़ी को चेकिंग के लिए रोका तो पिकअप गाड़ी से पुलिस ने देसी शराब की 112 पेटियां बरामद की। पुलिस ने दोनों आरोपियों से उनके कागजात दिखाने को कहा। लेकिन वह शराब के कागज दिखाने में असमर्थ रहे। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान जगदीश चंद निवासी कंडल तहसील नेरवा जिला शिमला और वीरेंद्र सिंह निवासी चैजन तहसील नेरवा जिला शिमला के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिमला के उप मंडल चौपाल के नेरवा में देसी शराब की अवैध तस्करी का मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने दो लोगों को देसी शराब की 112 पेटी के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात पुलिस टीम फागु, ठियोग, बलग पुलवाहल मार्ग पर गश्त पर थे। इस दौरान पुलिस ने वहां से गुजर रहे सभी वाहनों की चेकिंग कर रही थी। पुलिस की टीम जब शिल्ली पुलवाहल में वाहनों की चेकिंग कर थी तो इस दौरान वहां हिमाचल नंबर की पिकअप गाड़ी पहुंची। जिसमें दो लोग सवार थे। पुलिस ने गाड़ी को चेकिंग के लिए रोका तो पिकअप गाड़ी से पुलिस ने देसी शराब की 112 पेटियां बरामद की। पुलिस ने दोनों आरोपियों से उनके कागजात दिखाने को कहा। लेकिन वह शराब के कागज दिखाने में असमर्थ रहे। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान जगदीश चंद निवासी कंडल तहसील नेरवा जिला शिमला और वीरेंद्र सिंह निवासी चैजन तहसील नेरवा जिला शिमला के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मेरठ STF ने हापुड़ में पकड़ी एक ट्रक शराब:हिमाचल प्रदेश से बिहार ले जा रहे थे, 30 लाख रुपए आंकी जा रही कीमत मेरठ STF ने हापुड़ के पिलखुवा से एक ट्रक शराब पकड़ी है। बताया जा रहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान रूट बंद होने के कारण अभी से यह शराब स्टॉक के लिए लाई जा रही थी। सूचना पर STF टीम ने पहले ही पकड़ लिया। हिमाचल प्रदेश से ट्रक भरकर शराब लाई गई थी, जिसकी सप्लाई दिल्ली, एनसीआर, पश्चिमी यूपी सहित बिहार में होनी थी। 4 लोगों को अरेस्ट किया गया हापुड़ के पिलखुवा थाने में इसका मुकदमा दर्ज किया है, मौके से एसटीएफ ने 4 लोगों को अरेस्ट किया है। एसटीएफ मेरठ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया-एसटीएफ टीम को सूचना मिली थी कि अवैध तरीके से शराब की सप्लाई की जा रही है। ट्रक हापुड़ की तरफ से जा रहा है। सूचना पर टीम मौके पर गई। तो हापुड़ पिलखुवा में हिमांचल की तरफ से एक ट्रक आ रहा था। इसमें शराब की 500 पेटी थी। इसमें 24हजार क्वार्टर थे। जिनकी कीमत 30 लाख रुपए के करीब है। यह शराब हिमाचल प्रदेश से बिहार ले जाए जा रही थी। संभवत कावड़ यात्रा के दौरान यातायात बंद होने की वजह से शराब का स्टॉक किया जा रहा था। हिमाचल के व्यक्ति का नाम आ रहा सामने बाजार में एक क्वार्टर की कीमत 125 रुपए से 150 रुपए के बीच है। इसे 250 तक में बेचने की तैयारी थी। पिलखुवा थाने में मुकदमा लिखा गया है। अभी तक की पूछताछ में आरोपियों ने हिमांचल के सिरमौर निवासी व्यक्ति पंकज का नाम लिया है। आगे की पूछताछ, जांच की जा रही है। पकड़े गए आरोपी सतनाम और सुरजीत निवासी तरनतारन पंजाब हैं। अरविंद और जगत निवासी मुजफ्फपुर बिहार हैं।
हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ:कॉट्रेक्टर के बैंक खातों की डिटेल ली, किस-किस को ट्रांजेक्शन की, ये खंगाल रही SIU
हिमाचल: पेयजल घोटाले में अफसरों-ठेकेदारों से 7.30 घंटे पूछताछ:कॉट्रेक्टर के बैंक खातों की डिटेल ली, किस-किस को ट्रांजेक्शन की, ये खंगाल रही SIU विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने ठियोग के पेयजल घोटाले में आज (बुधवार) मुख्यालय में 3 SDO, 5 JE और 3 ठेकेदारों से लंबी पूछताछ की। इन सबसे सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक लगभग साढ़े सात घंटे पूछताछ की गई। SIU ने ठेकेदारों के बैंक खातों की भी डिटेल ले ली है। अब इनके खातों से हुई ट्रांजेक्शन देखी जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि ठेकेदारों के अकाउंट से किस किस के खातों में पैसा डाला गया है। माना जा रहा है कि ठेकेदारों के खातों से अफसरों के साथ साथ कुछ नेताओं के बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुई है। SDO और JE ने टैंकर से पेयजल वितरण का जो रिकॉर्ड तैयार किया था, उसे आज SIU ने कब्जे में लिया है। हालांकि टेंडर से जुड़ा रिकॉर्ड बीते सोमवार को कब्जे में ले लिया था। इसके बाद कल फिजिकल वैरिफिकेशन शुरू करेगी। जिन गाड़ियों से पानी सप्लाई किया गया, उनकी जांच होगी। फिजिकल वैरिफिकेशन पूरी होने के बाद विजिलेंस की SIU डिजिटल वैरिफिकेशन करेगी, ताकि एक करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले में साक्ष्य जुटाए जा सके। इसके बाद एफआईआर होगी। पेयजल घोटाले में 10 अफसरों को सस्पेंड कर चुकी सरकार राज्य सरकार ने बीते शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया और इसकी विभागीय जांच के साथ साथ विजिलेंस को भी जांच सौंपी। विजिलेंस ने इस मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी विजिलेंस नरवीर राठौर की अगुआई में SIU गठित की है। इन्हें किया गया सस्पेंड सरकार ने प्रारंभिक जांच के बाद मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार को सस्पेंड किया है। माकपा विधायक ने लगाए थे गबन के आरोप पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक बाइक पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो गाड़ी से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ सिंघा बोले- RTI से भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। बाइक पर ढोया पानी सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शायी गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। सिंघा ने कहा हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। एक महीने के भीतर ठेकेदार को पेमेंट का किया भुगतान राकेश सिंघा ने कहा, ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।