शिमला में एक शातिर सब्जी खरीदने मंडी जाता है। इस दौरान चोर दुकानदार का फोन चोरी करता है। यह वारदात 27 नवंबर की है। मगर अब इसकी सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है। पीड़ित दुकानदार गुलाब सिंह ने बताया कि 27 नवंबर को उनकी सब्जी की दुकान पर आए एक व्यक्ति ने चालाकी से सब्जी खरीदने के बहाने 27,000 रुपए का फोन चुरा लिया। चोर ने सब्जी तोलने के दौरान होशियारी करते हुए फोन उठाया और मौके से फरार हो गया। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल दुकानदार ने इसकी शिकायत सदर थाना पुलिस को दी। पीड़ित के अनुसार, पुलिस की ओर से अब तक संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। गुलाब सिंह ने बताया कि पुलिस का कहना है कि जब चोरी किया गया सिम कार्ड सक्रिय होगा, पुलिस तब कार्रवाई करेगी। उन्होंने पुलिस की गंभीरता पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि चोरी का वीडियो सामने आने के बाद भी पुलिस चोर को नहीं पकड़ पा रही है। SHO बोले- मेरे ध्यान में नहीं मामला SHO सदर धर्मसेन नेगी ने बताया कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति को ऐसा कोई शक है तो वह पुलिस थाने आकर शिकायत दें पुलिस मामला दर्ज कर जांच करेगी और उचित कार्रवाई की जाएगी शिमला में एक शातिर सब्जी खरीदने मंडी जाता है। इस दौरान चोर दुकानदार का फोन चोरी करता है। यह वारदात 27 नवंबर की है। मगर अब इसकी सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल है। पीड़ित दुकानदार गुलाब सिंह ने बताया कि 27 नवंबर को उनकी सब्जी की दुकान पर आए एक व्यक्ति ने चालाकी से सब्जी खरीदने के बहाने 27,000 रुपए का फोन चुरा लिया। चोर ने सब्जी तोलने के दौरान होशियारी करते हुए फोन उठाया और मौके से फरार हो गया। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल दुकानदार ने इसकी शिकायत सदर थाना पुलिस को दी। पीड़ित के अनुसार, पुलिस की ओर से अब तक संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। गुलाब सिंह ने बताया कि पुलिस का कहना है कि जब चोरी किया गया सिम कार्ड सक्रिय होगा, पुलिस तब कार्रवाई करेगी। उन्होंने पुलिस की गंभीरता पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि चोरी का वीडियो सामने आने के बाद भी पुलिस चोर को नहीं पकड़ पा रही है। SHO बोले- मेरे ध्यान में नहीं मामला SHO सदर धर्मसेन नेगी ने बताया कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति को ऐसा कोई शक है तो वह पुलिस थाने आकर शिकायत दें पुलिस मामला दर्ज कर जांच करेगी और उचित कार्रवाई की जाएगी हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में डॉक्टरों ने निकाला मार्च:आधे घण्टे तक चली सीएम से चर्चा; बोले- जनरल हाउस में मुलाकात के बाद हड़ताल वापसी पर फैसला
शिमला में डॉक्टरों ने निकाला मार्च:आधे घण्टे तक चली सीएम से चर्चा; बोले- जनरल हाउस में मुलाकात के बाद हड़ताल वापसी पर फैसला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में डॉक्टर एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों ने IGMC से लेकर राज्य सचिवालय तक शांति पूर्वक विरोध मार्च निकाला। डॉक्टर ने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की। HMOA ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने विस्तार पूर्वक डॉक्टर की मांगें रखी। सीएम सुक्खू व डॉक्टर के बीच आधे घण्टे तक चर्चा हुई HMOA अध्यक्ष डॉ बलवीर वर्मा ने सीएम सुक्खू से मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री से डॉक्टरों की सुरक्षा व अन्य मांगों को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने हड़ताल वापस पर कहा कि सीएम से मुलाकात के बाद डॉक्टर का जनरल हाउस बुलाया है हड़ताल वापस या जारी रखने पर अंतिम फैसला उसमें होगा। एक घण्टे के बाद मिलने पहुंचे सीएम सुक्खू
राज्य सचिवालय में माहौल उस वक्त गरमा गया जब मुख्यमंत्री से मिलने आए सैकड़ों डॉक्टर के सब्र का बांध टूट गया और सचिवालय हॉल में बने वेटिंग हॉल से निकलने लगे। डॉक्टरों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 11 बजे मिलने बुलाया था। लेकिन डेढ़ घण्टे इंतजार करने के बाद भी वो मिलने नहीं पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने वहां से जाने का फैसला किया। हालांकि माहौल को बिगड़ता देख अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को उसकी सूचना दी। जिसके बाद सीएम तुंरत डॉक्टरों से मिलने पहुंच गए और डॉक्टरों के साथ एक लंबी बैठक की।
डॉ अभिषेक शर्मा ने सचिवालय से निकलते वक्त कहा कि करीब डेढ़ घण्टे घण्टे इंतजार करने के बाद मिलने आए है मुख्यमंत्री। उन्होंने कहा कि नेता लोग जब बीमार होते है तो हॉस्पिटल में इंतजार तुंरत चाइए और जब डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर जाते है, तब घण्टों इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर सीनियर डॉक्टर बात करेंगे ।मंगलवार को शिमला में IGMC से विरोध मार्च लेकर सचिवालय मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे डॉक्टर एक घण्टे सीएम सुक्खू का इंतजार करते रहे। सीएम सुक्खू के ना होने पर आधे डॉक्टर निराश होकर लौट गए । अस्पताल से बिना इलाज के लौट रहे मरीज शिमला सहित प्रदेश के सभी अस्पतालों में रोजाना लोग उपचार के लिए पहुँच रहे है लेकिन ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं बैठने से मरीजों को बिना उपचार के लिए वापस लौटना पड़ रहा। आपातकालीन वार्ड के बाहर कतारें लग रही हैं। बहुत से मरीजों को बिना इलाज के ही मायूस होकर वापस घर जाना पड़ रहा है। डॉक्टरों का 4 दिनों से प्रदर्शन जारी डॉक्टरों ने अलग-अलग जिलों व अस्पतालों के बाहर अलग अलग अंदाज में प्रदर्शन कर रहे है। कहीं कोलकाता की घटना को लेकर डॉक्टरों ने नारेबाजी की, तो कुछ जगह नाटक का मंचन करके डॉक्टरों का दर्द दिखाया जा रहा है। कुछ जगह पर मौन प्रदर्शन किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की घटना पर भड़के देशभर के डॉक्टर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में देशभर के डॉक्टर भड़के हुए है। डॉक्टर का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को एक सप्ताह होने को है, तो वहीं बीते 4 दिनों से सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं। हिमाचल प्रदेश में अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना 3 हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में उपचार को पहुंचते है। इसी तरह प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीज आते है, जिन्हें डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। 9 अगस्त को मिली थी महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की लाश बता दें कि बीते 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की अर्धनग्न बॉडी मिली थी। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई की रेप के बाद मर्डर किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI सौंपीं।डॉक्टरों का आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ की गई। इससे डॉक्टर सीबीआई जांच के आदेशों के बाद भी काम पर लौटने को तैयार नहीं है।
लखनऊ में हिमाचल राज्यपाल के काफिले की गाड़ियां भिड़ीं:प्रोटोकॉल तोड़कर घुसा ऑटो, ACP समेत 3 घायल; गवर्नर सेफ
लखनऊ में हिमाचल राज्यपाल के काफिले की गाड़ियां भिड़ीं:प्रोटोकॉल तोड़कर घुसा ऑटो, ACP समेत 3 घायल; गवर्नर सेफ लखनऊ में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के काफिले का एक्सीडेंट हो गया। एम्बुलेंस समेत 3 गाड़ियां आपस में भिड़ गईं। हादसे में ACP समेत 3 लोग घायल हो गए हैं। हालांकि, राज्यपाल सेफ हैं। राज्यपाल का काफिला अमौसी एयरपोर्ट से शहीद पथ होते हुए निकल रहा था, तभी अचानक प्रोटोकॉल तोड़कर एक ऑटो सामने आ गया। उसे बचाने के लिए काफिले में चल रही आगे वाली गाड़ी के ड्राइवर ने ब्रेक लगाया, जिससे पीछे चल रही गाड़ियां एक-दूसरे से टकराईं। हादसा मंगलवार सुबह 9 बजे शहीद पथ पर हुआ। पुलिस की दो गाड़ी और एक एंबुलेंस क्षतिग्रस्त
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। ADCP राजेश यादव का कहना है- कि राज्यपाल सेफ हैं। पुलिस की दो गाड़ी और एक एंबुलेंस क्षतिग्रस्त हुई हैं। राज्यपाल शादी समारोह में शामिल होने लखनऊ पहुंचे हैं। वह कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, तभी हादसा हुआ। हादसे के चलते शहीद पथ पर लंबा जाम लगा, जो अब सामान्य है। इंडिगो फ्लाइट से सुबह 8 बजे पहुंचे थे लखनऊ
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रकाश शुक्ला सुबह 8 बजे इंडिगो की फ्लाइट 6E- 146 से लखनऊ पहुंचे थे। वे पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह के यहां शादी समारोह में शामिल होने आए हैं। दोपहर 2 बजकर 20 मिनट की फ्लाइट से हिमाचल रवाना होने का कार्यक्रम है। सुबह अमौसी एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लगभग 30 मिनट बाद राज्यपाल का काफिला शहीद पथ के रास्ते आगे बढ़ा। तभी लूलू मॉल के पास अचानक काफिले में चल रही एक गाड़ी के ड्राइवर को ब्रेक लगाना पड़ा। इससे पीछे से आ रही सभी गाड़ियां डिस्बैलेंस होकर भिड़ती गईं। घायलों का सरोजनी नगर CHC में हुआ इलाज
हादसे में ACP गाजीपुर, दरोगा राकेश पांडे, इंस्पेक्टर साबिर घायल हुए हैं। सरोजनी नगर नर्सिंग स्टाफ के अर्दल विभोर के हाथ-पैर में चोट आई है। डॉक्टर का पैर फैक्चर हुआ है। सभी का इलाज सरोजनी नगर स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। दुर्घटना को लेकर थाना सुशांत लोक सिटी ने बयान जारी किया है, कि राज्यपाल की गाड़ी पूरी तरह सुरक्षित है। वे अपने गंतव्य पर सकुशल पहुंच चुके हैं। फ्लीट के पीछे चलने वाली गाड़ी आपस में टकरा गई थीं। इसमें कोई भी गंभीर घायल नहीं है। साधारण चोटें आई हैं। मौके पर यातायात सामान्य हो चुका है। …………………………………………. यह भी पढ़ें पुलिस विभाग में 100 से ज्यादा अफसरों के होंगे तबादले:लक्ष्मी सिंह को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी; प्रमोटी IPS को नई तैनाती का इंतजार यूपी में 100 से अधिक पुलिस अफसरों के तबादले की तैयारी है। डीजीपी मुख्यालय का कार्मिक विभाग और गृह विभाग मिलकर इसकी तैयारी कर रहा है। जिन अफसरों के तबादले होने हैं, उनमें सहायक पुलिस अधीक्षक से लेकर डीजी रैंक तक के अफसर शामिल हैं। पढ़ें पूरी खबर…
हिमाचल में HRTC कर्मचारियों से 67 लाख रिकवर:क्वालिटी ड्रेस के लिए वेतन से काटे 748 रुपये; निगम के फैसले से ड्राइवर-कंडक्टर नाराज
हिमाचल में HRTC कर्मचारियों से 67 लाख रिकवर:क्वालिटी ड्रेस के लिए वेतन से काटे 748 रुपये; निगम के फैसले से ड्राइवर-कंडक्टर नाराज राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने अपने कर्मचारियों से 67 लाख रुपये वसूले हैं। निगम के सभी चालकों, परिचालकों और मैकेनिकल स्टाफ के वेतन से 748 रुपये काटे गए हैं। कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल, एचआरटीसी अपने कर्मचारियों को हर साल दो वर्दी देता है। इसके एवज में उन्हें 2000 रुपये भत्ता दिया जाता है। लेकिन इस साल वर्दी खरीदने से पहले एचआरटीसी कर्मचारियों ने तर्क दिया कि कपड़ा महंगा हो गया है, इसलिए वर्दी भत्ता बढ़ाया जाना चाहिए। कर्मचारियों ने पिछले साल खरीदी गई वर्दी की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए थे। इसलिए इस साल वर्दी खरीदने से पहले यूनियन पदाधिकारियों की ड्रेस खरीद समिति के साथ बैठक हुई। इस बैठक की कार्यवाही विधिवत तैयार की गई, जिस पर कर्मचारी नेताओं के हस्ताक्षर हैं। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इस बार एचआरटीसी ने 2000 रुपये की जगह 2748 रुपये की ड्रेस खरीदकर अपने कर्मचारियों को दी। इस बार जब जून महीने का वेतन आया तो सभी कर्मचारियों के वेतन में 748 रुपये कम थे। इसके बाद सभी कर्मचारी परेशान हो गए। जब एचआरटीसी प्रबंधन से इस बारे में पूछा गया तो पता चला कि वर्दी के पैसे काट लिए गए हैं। निगम में 8500 से ज्यादा कर्मचारी इससे कर्मचारी भड़क गए हैं। मगर खुलकर बोल भी नहीं पा रहे, क्योंकि इनके कर्मचारी नेताओं ने क्वालिटी ड्रेस खरीदने की बात मीटिंग में कही थी। बोर्ड प्रबंधन ने क्वालिटी ड्रेस तो दे दी, लेकिन इनका वर्दी भत्ता नहीं बढ़ाया गया। HRTC में यह ड्रेस फील्ड स्टाफ को दी जाती है। इनकी संख्या 8500 से ज्यादा है। सभी कर्मचारियों से रिकवरी की गई है। कर्मचारियों की सहमति से खरीदी अच्छी क्वालिटी की ड्रेस: MD HRTC के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया, निगम ने कर्मचारियों के लिए अच्छी क्वालिटी की ड्रेस खरीदी है। यह कर्मचारियों के साथ हुई मीटिंग में त हुआ था। इसमें सभी यूनियन के पदाधिकारी मौजूद थे। सभी की सहमति के बाद ही वर्दी खरीदी है।