लुधियाना| शॉर्टकट रास्ता अपनाने के चक्कर में स्कूल की बस का ड्राइवर खुले मैदान में ले गया। बरसात के दिनों के कारण मिट्टी में उक्त बस फंस गई और देखते ही देखते बस पलट गई। बस के अंदर बैठे 20 से ज्यादा स्कूली बच्चों को मामूली चोट आईं जबकि राहगीरों ने स्कूल की बस को फंसा हुआ देख सहायता की और उक्त बच्चों को बाहर निकला। बताया जा रहा है कि बस में सवार किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं लगी है जबकि मौके पर पहुंचे परिजन बच्चों को अपने साथ घर ले गए। जानकारी के मुताबिक घटना वीरवार सुबह करीब 7 बजे की है। चंडीगढ़ रोड स्थित सब्जी मंडी के पास की एक प्राइवेट स्कूल की बस रोजाना की तरह बच्चों को लेकर स्कूल की तरफ जा रही थी। वर्धमान चौक के पास जाम लगा होने के कारण स्कूल के बस के ड्राइवर ने शॉर्टकट रास्ता ढूंढा। स्कूल बस ड्राइवर बस को लेकर वर्तमान मिल के सामने स्थित गलाडा ग्राउंड में से निकल रहा था कि बरसाती पानी में उक्त बस पलट गई। वहीं इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इस मामले में कोई भी शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी। लुधियाना| शॉर्टकट रास्ता अपनाने के चक्कर में स्कूल की बस का ड्राइवर खुले मैदान में ले गया। बरसात के दिनों के कारण मिट्टी में उक्त बस फंस गई और देखते ही देखते बस पलट गई। बस के अंदर बैठे 20 से ज्यादा स्कूली बच्चों को मामूली चोट आईं जबकि राहगीरों ने स्कूल की बस को फंसा हुआ देख सहायता की और उक्त बच्चों को बाहर निकला। बताया जा रहा है कि बस में सवार किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं लगी है जबकि मौके पर पहुंचे परिजन बच्चों को अपने साथ घर ले गए। जानकारी के मुताबिक घटना वीरवार सुबह करीब 7 बजे की है। चंडीगढ़ रोड स्थित सब्जी मंडी के पास की एक प्राइवेट स्कूल की बस रोजाना की तरह बच्चों को लेकर स्कूल की तरफ जा रही थी। वर्धमान चौक के पास जाम लगा होने के कारण स्कूल के बस के ड्राइवर ने शॉर्टकट रास्ता ढूंढा। स्कूल बस ड्राइवर बस को लेकर वर्तमान मिल के सामने स्थित गलाडा ग्राउंड में से निकल रहा था कि बरसाती पानी में उक्त बस पलट गई। वहीं इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इस मामले में कोई भी शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP सांसद बोले-किसान कसाई, नशे के सौदागर:आंदोलन वाली जगह 700 लड़कियां गायब हुईं; व्यक्ति की हत्या की, इनकी हैसियत क्या है
हरियाणा BJP सांसद बोले-किसान कसाई, नशे के सौदागर:आंदोलन वाली जगह 700 लड़कियां गायब हुईं; व्यक्ति की हत्या की, इनकी हैसियत क्या है हरियाणा में भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने किसानों को नशे का सौदागर और कसाई बताया। सांसद ने कहा कि जहां किसान आंदोलन हुआ, वहां पर 700 लड़कियां गायब हुई थीं। पंजाब के किसानों ने हरियाणा में नशा फैलाया। पिछले आंदोलन में एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क पर टांग दिया। राकेश टिकैत और गुरनाम चढ़ूनी के चुनाव हारने पर उन्होंने कहा कि इनकी हैसियत क्या है?। जांगड़ा ने ये बयान गुरुवार (12 दिसंबर) को रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के शुभारंभ पर दिया। यहां प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी मौजूद थे। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सांसद जांगड़ा ने कहीं 5 बड़ी बातें… 1. बॉर्डर पर बैठे पंजाब के नशेड़ियों ने नशे का नेटवर्क फैलाया
जांगड़ा ने कहा कि 2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। कोई नशे का इंजेक्शन लगा रहा तो कोई चिट्टा (हेरोइन), भुक्की, अफीम और कोकीन खा रहा। कई स्मैक भी पी रहे हैं। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। 2. 700 लड़कियां गायब, कहां गईं, कोई पता नहीं
उन्होंने कहा कि चाहे सीआईडी की रिपोर्ट पूछ लेना, सिंघु बॉर्डर व बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां पर गई, यह किसी को पता नहीं। एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क के बीच में टांग दिया। ये किसान नहीं, बल्कि कसाई हैं। 3. लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्ठा करके ले जाते हैं। भाईचारा खराब करके कलायत चले जाते हैं। 4. भाईचारा खराब हुआ, युवक नशे का शिकार हुए
उन्होंने कहा कि कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां बंद हो गई। नुकसान किसका हुआ, हरियाणा प्रदेश का। भाईचारा किसका खराब हुआ, हमारा हुआ। चंदा हमारा गया, खीर-हलवे हमारे गए। बेटियां हमारी गायब हुईं और हमारे युवक नशे का शिकार हुए। इतना बड़ा नुकसान हमारे प्रदेश को सहन करना पड़ा। 5. केंद्र और सैनी सरकार अच्छा काम कर रही
जांगड़ा ने कहा कि इन लोगों से सचेत रहें और उन्हें बता दें कि प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। अपना समय व पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। पंधेर बोले- लोगों की भीड़ देखकर भाजपा चिंतित है
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने जांगड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- हरियाणा के सांसद गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं और मैं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से आग्रह करता हूं कि उन्हें पार्टी से निष्कासित करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांगड़ा समुदायों में फूट डालने का काम कर रहे हैं वो उचित नहीं है। किसान आंदोलन से काफी लोग जुड़ रहे हैं, इसलिए भाजपा सरकार चिंतित है। AAP बोली- BJP को अन्नदाता दिख रहा नशेड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने भी जांगड़ा के बयान के सहारे बीजेपी को घेरा है। उन्होंने कहा- बीजेपी के सांसदों को देश के अन्नदाता नशेड़ी नजर आने लगे हैं। किसानों को नशेड़ी और 700 लड़कियों के गायब होने जैसे गैर-जिम्मेदाराना बयान देना न केवल शर्मनाक है बल्कि बेहद निंदनीय भी है। वहीं, नेहरा खाप के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप नेहरा ने कहा कि रामचंद्र जांगड़ा का मानसिक संतुलन खराब है। उनके परिवार को उनका अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए। साथ ही संदीप ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जांगड़ा ने किसानों पर दिए बयान पर माफी नहीं मांगी तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।
BJP सांसद कंगना रनोट ने कहा था- किसान आंदोलन के दौरान रेप-मर्डर हुए
करीब 4 महीने पहले हिमाचल से BJP सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था। जिस पर बवाल हुआ था। उन्होंने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कृषि कानूनों की वापसी वाले बयान पर भी हुआ था बवाल
सितंबर महीने में सांसद कंगना रनोट ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। हालांकि इसका विरोध होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली थी।
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी
अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल तनखैया करार:अकाल तख्त ने दी धार्मिक सजा, जत्थेदार बोले- गुनाहों की माफी मांगें, राम रहीम को दी थी माफी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दे दिया है। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने का आरोप लगा था। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी सीएम रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप को अकसर को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।” अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर पेश हों। अकाली दल के प्रवक्ता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अब सुखबीर बादल अकाल तख्त में पेश होंगे। उसके बाद उन्हें गुनाह बताए जाएंगे, जिस पर सुखबीर बादल अपना पक्ष रखेंगे। बैठक से पहले अकाली दल ने बनाया कार्यकारी प्रधान
अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से पहले ही बीते दिन बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कई सिख जत्थेबंदियों ने श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर सुखबीर बादल के इस्तीफे की मांग की थी। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी रहे हैं। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा मामला…. अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त पहुंचा था। इस दौरान यहां जत्थेदार को माफीनामा दिया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई। बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत: 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी: श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई: 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ: SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया था। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। 14 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया
इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। ये दिया था स्पष्टीकरण…
सुखबीर बादल ने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहब शक्ति और दया प्रदान करें।
कपूरथला में किसानों का विरोध प्रदर्शन:गन्ना मूल्य को लेकर डीसी कार्यालय पहुंचे, 48 करोड़ बकाया भुगतान की मांग
कपूरथला में किसानों का विरोध प्रदर्शन:गन्ना मूल्य को लेकर डीसी कार्यालय पहुंचे, 48 करोड़ बकाया भुगतान की मांग कपूरथला में शुगर मिल फगवाड़ा द्वारा गन्ने का करीब 48 करोड़ रुपए का बकाया न दिए जाने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन दोआबा की ओर से जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में डीसी दफ्तर के सामने देर शाम तक विशाल धरना दिया गया। इस दौरान शुगर मिल मालिकों और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। यूनियन नेताओं ने कहा कि अगर शुगर मिल ने जल्द ही किसानों को गन्ने का बकाया न दिया तो आने वाले दिनों में नेशनल हाईवे जाम कर रोष प्रदर्शन किया जाएगा। बकाया भुगतान करने में विफल रही सरकार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह राय, उपाध्यक्ष किरपाल सिंह, सचिव सतनाम सिंह साहनी, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के जिला अध्यक्ष सरवन सिंह बाऊपुर, किसान यूनियन खोसा के नेता बलविंदर सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन कपूरथला और पंजाब सरकार के संबंधित विभाग पिछले 4 साल में किसानों को गन्ने का बकाया दिलवाने में विफल रहे हैं। जिस कारण उन्हें मजबूरन धरना देना पड़ रहा है। बकाया राशि में से सीजन 2021-22 का 27 करोड़ रुपए और सीजन 2023-24 का करीब 20 करोड़ रुपए बकाया है और किसानों को कानून के अनुसार इस राशि पर ब्याज भी नहीं मिल रहा है। गन्ना सीजन खत्म हुए 5 महीने बीत जाने के बावजूद किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शुगर मिल फगवाड़ा की संपत्ति की नीलामी के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है और न ही शुगर मिल मालिकों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जा रही है। किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर गन्ने का बकाया भुगतान न होने के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं। किसान नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की है कि 15 दिन के अंदर किसानों का बकाया ब्याज सहित जारी किया जाए, अन्यथा शुगर मिल फगवाड़ा का पूरा नियंत्रण खुद सरकार अपने हाथ में ले ले। धरने में शामिल किसानों के लिए संत महापुरुष संत बाबा लीडर सिंह सैफाबाद की ओर से लंगर की सेवा की गई और बलविंदर सिंह मजादपुर के नेतृत्व में चाय-पानी की सेवा की गई।