रेवाड़ी | वसंत ऋतु के आगमन पर आयुष विभाग रेवाड़ी की ओर से जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. दिनेश सिंह के मार्गदर्शन में 2 फरवरी को वसंत पंचमी पर निशुल्क आयुष कैंप का आयोजन किया जाएगा। गढ़ी बोलनी रोड स्थित श्रीकृष्ण भवन में सुबह 10 से दोपहर बाद 2 बजे तक किया जाएगा। कैंप में मुख्य अतिथि विधायक लक्ष्मण सिंह यादव उपस्थित होंगे। कैंप के नोडल अधिकारी जीएडी मंगलेश्वर से एएमओ डॉ. राजेश सिरोहा होंगे। जिसके अन्तर्गत निशुल्क आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श एवं औषधियां वितरण की जाएगी। कैंप के अंदर प्रौढ़ अवस्था में होने वाली बीमारियां व स्त्री रोग संबंधी रोगों का भी विशेषतः उपचार किया जाएगा। इस अवसर पर वसंत पंचमी के उपरांत शरीर एवं स्वास्थ्य में ऋतुचर्या के बदलाव के संबंध पर विशेष तौर पर आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा बताया जाएगा। रेवाड़ी | वसंत ऋतु के आगमन पर आयुष विभाग रेवाड़ी की ओर से जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. दिनेश सिंह के मार्गदर्शन में 2 फरवरी को वसंत पंचमी पर निशुल्क आयुष कैंप का आयोजन किया जाएगा। गढ़ी बोलनी रोड स्थित श्रीकृष्ण भवन में सुबह 10 से दोपहर बाद 2 बजे तक किया जाएगा। कैंप में मुख्य अतिथि विधायक लक्ष्मण सिंह यादव उपस्थित होंगे। कैंप के नोडल अधिकारी जीएडी मंगलेश्वर से एएमओ डॉ. राजेश सिरोहा होंगे। जिसके अन्तर्गत निशुल्क आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श एवं औषधियां वितरण की जाएगी। कैंप के अंदर प्रौढ़ अवस्था में होने वाली बीमारियां व स्त्री रोग संबंधी रोगों का भी विशेषतः उपचार किया जाएगा। इस अवसर पर वसंत पंचमी के उपरांत शरीर एवं स्वास्थ्य में ऋतुचर्या के बदलाव के संबंध पर विशेष तौर पर आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा बताया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जींद में CRSU की छात्राओं से छेड़छाड़ का विवाद बढ़ा:ABVP ने सिक्योरिटी इंचार्ज पर की कार्रवाई की मांग, भूख हड़ताल की चेतावनी दी
जींद में CRSU की छात्राओं से छेड़छाड़ का विवाद बढ़ा:ABVP ने सिक्योरिटी इंचार्ज पर की कार्रवाई की मांग, भूख हड़ताल की चेतावनी दी जींद में स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) में दो छात्राओं के साथ आउटसाइडर युवक द्वारा परेशान करने का मामला अब तूल पकड़ गया है। मामले की शिकायत चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर को किए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने से खफा छात्राओं ने शुक्रवार को यूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार प्रो लवलीन मोहन को ज्ञापन सौंपा। अखिल भारतीय संगठन (ABVP) सदस्य भी छात्राओं के साथ रहे। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर सिक्योरिटी इंचार्ज डॉ. जसवीर सूरा और परेशान करने वाले वाले युवक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह भूख हड़ताल शुरू कर देंगे। वहीं छात्रों का ये भी आरोप है कि छात्राओं की आवाज उठाने वाले एबीवीपी के रोहन सैनी को रस्टीकेट करने की सिफारिश वीसी को कर दी है। इससे मामला और भी भड़क गया है। छात्राओं को यूनिवर्सिटी से बाहर का युवक कर रहा परेशान बता दें कि सीआरएसयू (CRSU) में छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यूनिवर्सिटी की दो छात्राओं को एक बाहरी युवक द्वारा बार-बार परेशान किए जाने के मामले में यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी ने कार्रवाई नहीं की, तो वीरवार को दोनों छात्राओं ने यूनिवर्सिटी की पुलिस चौकी में यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ ही शिकायत कर दी थी। शिकायत में बताया कि उन्हें यूनिवर्सिटी से बाहर का युवक लगातार परेशान कर रहा है। इस युवक की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि वह एक दिन तो एक छात्रा के घर तक पहुंच गया। यूनिवर्सिटी के अंदर भी बिना रोक-टोक आता है। छात्राओं ने कहा कि अगर उनके साथ यूनिवर्सिटी कैंपस में या बाहर कुछ होता है, तो उसके लिए जिम्मेदार उस युवक के साथ-साथ खुद यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी प्रो जसवीर सूरा भी होंगे। छात्राएं सुरक्षा अधिकारी को देना चाहती थी चूड़ियां
छात्र संगठन एबीवीपी ने यूनिवर्सिटी की छात्राओं से छेड़छाड़ की शिकायत पर भी यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर शुक्रवार को सुरक्षा अधिकारी डॉ जसवीर सूरा को चूड़ियां भेंट करने का कार्यक्रम बनाया था। इसकी भनक यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार प्रो लवलीन मोहन को लगी तो उन्होंने एबीवीपी पदाधिकारियों को ऐसा करने से रोका। रजिस्ट्रार को बाद में जींद यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इकाई अध्यक्ष राहुल कक्कड़ ने ज्ञापन में कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों को एक बाहरी लड़के द्वारा तंग करने और लड़कियों के घर तक पहुंचने बारे शिकायत यूनिवर्सिटी के पर चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर जसवीर सूरा ने कार्रवाई नहीं की। पुलिस को भी चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर ने शिकायत नहीं भेजी, जिस पर खुद छात्राओं को पुलिस चौकी में शिकायत देनी पड़ी। रजिस्ट्रार लवलीन मोहन ने एबीवीपी पदाधिकारियों से कहा कि वह इस मामले का खुद संज्ञान लेंगी। प्रो. जसवीर सूरा इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

हिसार नगर निगम में वार्ड आरक्षण तय:लगातार जीत रहे पार्षदों को इस बार घर बैठना पड़ेगा, निवर्तमान मेयर सरदाना ने उठाए सवाल
हिसार नगर निगम में वार्ड आरक्षण तय:लगातार जीत रहे पार्षदों को इस बार घर बैठना पड़ेगा, निवर्तमान मेयर सरदाना ने उठाए सवाल हरियाणा में हिसार नगर निगम के चुनाव को लेकर वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शनिवार (21 दिसंबर) को लघु सचिवालय में एडहॉक कमेटी की बैठक में ड्रॉ निकालने की प्रक्रिया पूरी हुई। इस बैठक में एडहॉक कमेटी के सदस्यों में निवर्तमान महापौर गौतम सरदाना, निवर्तमान पार्षद अनिल जैन, जय प्रकाश, प्रीतम सैनी, भूप सिंह रोहिल्ला, पिंकी शर्मा मौजूद रहे। डीसी कार्यालय में निकाले गए ड्रा में 3 वार्ड एससी वर्ग, 2 बीसी-ए और 1 वार्ड बीसी-बी महिला और 4 वार्ड महिला के आरक्षित किया गया। इसमें कई वार्ड सामान्य वर्ग से महिला तो महिला से बीसी-ए में वार्ड आरक्षित हो गए है। निकाले गए ड्रॉ के बाद तस्वीर सामने आई कि इस बार नगर निगम चुनाव से दिग्गजों को घर बैठना पड़ सकता है। 3 से 4 बार लगातार पार्षद का चुनाव लड़कर जीतते आए पार्षदों को इस बार घर बैठना पड़ सकता है उनके वार्ड रिजर्व हो गए हैं। ऐसे में ड्रॉ से बवाल मचना तय माना जा रहा है। वहीं एससी के लिए आरक्षित करने के ड्रा से पहले वार्ड नंबर 16 की आबादी पर पूर्व मेयर गौतम सरदाना ने सवाल खड़े किए और साइन करने से मना कर दिया। यह ड्रा उपायुक्त के प्रतिनिधि एवं एसडीएम बरवाला वेद प्रकाश की अध्यक्षता में ड्रा निकाला गया। डीसी ऑफिस में ड्रॉ निकालते निवर्तमान पार्षद… इन पार्षदों को लगा झटका 1. टीनू जैन : 4 बार के पार्षद टीनू जैन का वार्ड 1 को महिला ओपन कर दिया गया है। 2. प्रीतम सैनी : 4 बार के पार्षद प्रीतम सैनी का वार्ड 15 बीसी-बी महिला के लिए होगा।
3. पंकज दीवान : वार्ड 3 से लगातार चुनकर आ रहे दीवान परिवार का वार्ड बीसी ए कर दिया है। 4. महेंद्र जुनेजा : वार्ड 16 से पार्षद महेंद्र जुनेजा 3 बार के पार्षद हैं, इनका वार्ड एससी रिजर्व हो गया है। 5. जयबीर गुर्जर : डिप्टी मेयर रहे जयबीर गुर्जर के वार्ड 18 को एएसी रिजर्व कर दिया गया है। अब जानिये बैठक में किसने क्या किया…
1. सबसे पहले एससी महिला वार्ड तय
एससी वर्ग की महिला सीट के लिए सबसे पहले ड्रा निकाला गया। इसमें सबसे ज्यादा आबादी के तीन वार्ड 9, 16 और 18 का चयन हुआ। तीनों वार्ड की पर्ची बाक्स में डाली गई उसमें वार्ड नंबर 9 एससी महिला आरक्षित निकला। वार्ड नंबर 16 और 18 एससी वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। इसका ड्रा पूर्व पार्षद पिंकी शर्मा ने निकाला। 2. वार्ड 6 में बीसी-ए की जनसंख्या ज्यादा
बीसी- ए के 2 वार्डों के ड्रॉ निकाले के लिए बीसी-ए की ज्यादा जनसंख्या वाले कुल 6 वार्ड चयनित किए गए। इसमें वार्ड नंबर 1, 3, 7, 10, 12 व 20 शामिल थे। इन 6 वार्डो में से निवर्तमान पार्षद जय प्रकाश ने 2 ड्रा निकाले जिसमें वार्ड नंबर 3 व 20 को बीसी-ए के लिए आरक्षित कर दिया गया। वार्ड नम्बर 3 व 20 से बीसी-ए महिला आरक्षित वार्ड चुनने के लिए ड्रा किया गया। बीसी-ए महिला आरक्षित वार्ड के लिए भूप सिंह रोहिला ने ड्रा निकाला। 3. बीसी-बी के तीन वार्ड का चयन
बीसी-बी के लिए 3 वार्डों का चयन किया गया जो वार्ड नं. 4, 8 व 15 को लिया गया। जिसका ड्रा निवर्तमान पार्षद अनिल जैन ने ड्रॉ निकाला जिसमें वार्ड नं. 15 निकला और उसे बीसी-बी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया।

हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद:डेरा मुखी के निधन से छिड़ा गद्दी विवाद, कल रस्म पगड़ी, सरकार ने सुरक्षा का हवाला दिया
हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद:डेरा मुखी के निधन से छिड़ा गद्दी विवाद, कल रस्म पगड़ी, सरकार ने सुरक्षा का हवाला दिया हरियाणा के सिरसा में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इंटरनेट आज बुधवार शाम 5 बजे से कल गुरुवार की रात 12 बजे तक बंद रहेगा। इस दौरान बल्क SMS भेजने पर भी रोक रहेगी। हालांकि ब्रॉडबैंड और लीजलाइन का इंटरनेट चलता रहेगा। इसके अलावा कॉल भी हो सकेगी। यहां कुछ दिन पहले डेरा जगमालवाली में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का निधन हुआ था। जिसके बाद 2 पक्षों में गद्दी का विवाद छिड़ा हुआ है। सिरसा में ही कल डेरा प्रमुख की रस्म पगड़ी है। गद्दी को लेकर विवाद और न बढ़े, इसे देखते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है। इस बारे में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने सिरसा के DC को चिट्ठी लिख नेट बंद करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश में हवाला दिया गया है कि सिरसा जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने व सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब का 1 अगस्त को निधन हो गया था। जिस दिन डेरा प्रमुख को डेरा लाया गया, उसी दिन से ही गद्दी को लेकर विवाद हो गया था और 2 पक्षों में फायरिंग भी हुई। तब से लेकर आज तक गद्दी पर फैसला नहीं हो पाया है। सूफी सिंगर बीरेंद्र सिंह और भतीजे में चल रही गद्दी की लड़ाई
डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील के निधन के बाद डेरे के मुख्य सेवक सूफी गायक महात्मा बीरेंद्र सिंह गद्दी पर वसीयत के आधार पर अपना दावा ठोक रहे हैं। वहीं, डेरामुखी के भतीजे अमर सिंह वसीयत और उनकी मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। ये दोनों पक्ष आमने-सामने हैं। भतीजे का दावा: मौत की जानकारी छिपाई
डेरा मुखी के भतीजे अमर सिंह का दावा है कि डेरा प्रमुख वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। मौत के बाद डेरे और संगत को गुमराह किया गया कि महाराज की हालत स्थिर है। गद्दी हथियाने के चक्कर में जानबूझकर मौत को छिपाया गया और 1 अगस्त को उनकी मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना बनाई गई। बीरेंद्र सिंह और उसके साथियों ने मिलकर यह सब किया। मुख्य सेवक बोले- डेढ़ साल पहले की वसीयत
वहीं, दूसरे पक्ष में महात्मा बीरेंद्र सिंह से जुड़े शमशेर सिंह लहरी ने कहा कि डेरा प्रमुख ने बिना किसी के दबाव में डेरे की वसीयत डेढ़ साल पहले ही महात्मा बीरेंद्र सिंह सिंह के नाम की थी। वसीयत के अनुसार महात्मा बीरेंद्र ही डेरे के उत्तराधिकारी हैं। मगर पहला पक्ष इनको उत्तराधिकारी मानने को तैयार नहीं है। महात्मा बीरेंद्र सिंह ने कहा- मैं गद्दी पर नहीं बैठूंगा
वहीं, अब तक विवाद में खामोश रहे महात्मा बीरेंद्र सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। महात्मा बीरेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती या सच्चाई सामने नहीं आती, वह डेरे की गद्दी पर नहीं बैठेंगे। महात्मा ने कहा, ‘महाराज जी का बेटा (चंद सिंह) 3 साल पहले महाराज जी के पास आया और बोला कि मेरे हार्ट की बाइपास सर्जरी होनी है, मुझे 1 लाख रुपए उधार दे दो। मेरी फसल आएगी तो मैं फसल बेचकर आपको दे दूंगा। महाराज जी ने कहा कि यह परमार्थ का पैसा है। यहां से मैं 1 लाख रुपए नहीं दे सकता। तू किसी रिश्तेदार से ले ले। आप देखो, महाराज जी के लड़के के पास गाड़ी नहीं है, वह स्कूटर या बाइक से चलता है। महाराज जी परमार्थ का एक पैसा किसी को नहीं देते थे। मेरे बैंक खातों की जांच की जा सकती है। महाराज जी दिसंबर 2022 से बीमार हुए हैं, तब से अब तक मेरे खातों की जांच करवा ली जाए। डेरा का मैनेजमेंट, ट्रस्ट यही चाहता है कि किसी भी स्तर की कोई जांच करवा ली जाए। मैं संगत से अपील करता हूं कि आप कल के कार्यक्रम में आएं, शांति बनाकर रखें, कोई गद्दी पर नहीं बैठ रहा है। जब तक दूध का दूध पानी का पानी नहीं हो जाता, तब तक न तो मैं कोई सत्संग करूंगा, न ही गद्दी पर बैठूंगा। डेरे का काम मैनेजमेंट देखती रहेगी।’ प्रशासन ने दोनों पक्षों से की शांति की अपील
डेरे जगमालवाली में टकराव को देखते हुए प्रशासन ने दोनों पक्षों से बातचीत की है। पुलिस ने महात्मा बीरेंद्र सिंह और भतीजे अमर सिंह के अलावा जगमालवाली ग्राम पंचायत से भी बातचीत की है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी कीमत पर शांति भंग नहीं होने दी जाएगी। अगर किसी पक्ष का नाम हिंसा में आया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। सिरसा डेरे की गद्दी का विवाद क्या, पॉइंट्स में समझिए 1. डेरा मुखी का निधन, 2 पक्ष आमने-सामने
सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब की एक अगस्त को मौत हो गई थी। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में 2 पक्ष आमने-सामने हो गए थे। यहां गोलियां भी चलीं। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस फोर्स तैनात की गई। परिवार के लोगों ने 2 अगस्त (शुक्रवार) को मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में डेरा प्रमुख को समाधि दी गई। इस दौरान परिवार के लोग और डेरे से जुड़े लोग मौजूद रहे। 2. महात्मा ने खुद को डेरामुखी घोषित किया
इसके बाद सूफी गायक और महात्मा बीरेंद्र सिंह ने खुद को डेरा जगमालवाली का नया प्रमुख घोषित किया। सूफी गायकी में बीरेंद्र सिंह के साथी और डेरे के अनुयायी शमशेर लहरी ने दावा किया कि महाराज जी ने चोला छोड़ने से डेढ़ साल पहले ही अपनी वसीयत महात्मा बीरेंद्र सिंह के नाम बिना किसी दबाव में लिख दी थी। इसमें बीरेंद्र सिंह को संगत की सेवा करने का हुकुम दिया गया था। वसीयत लिखे जाने के बाद उसे महाराजजी की मौजूदगी में वकील की ओर से बाकायदा पढ़ा गया था और उसकी पूरी वीडियोग्राफी करवाई गई थी। जल्द ही महात्मा बीरेंद्र सिंह संगत के बीच आएंगे। महाराज बहादुर चंद वकील साहब जी ने जो हुकुम दिया, सबको उनकी पालना करनी है। 3. भतीजे ने महात्मा को डेरामुखी मानने से इनकार किया
महाराज बहादुर चंद वकील साहब के भतीजे अमर सिंह और कुछ लोगों ने बीरेंद्र सिंह को नया डेरा प्रमुख मानने से इनकार कर दिया है। अमर सिंह ने कहा कि बीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर ही 1 अगस्त को डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज जी का जल्दबाजी में संस्कार करना चाहते थे। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी CBI जांच होनी चाहिए। अमर सिंह ने दावा किया है कि उनके पास सारे मेडिकल सबूत हैं, जिनसे साबित होता है कि महाराज जी की मौत 11 दिन पहले यानि 21 जुलाई को ही हो गई थी। हम हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
सिरसा के जगमालवाली स्थित मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में देकर डेरा बनाने का अनुरोध किया। इसके बाद संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले यह छोटा सा आश्रम था लेकिन उसके बाद तकरीबन 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना हुआ। सरकार की ओर से जारी इंटरनेट बंद करने के आदेश…