श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया घोषित अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को आवेदन लिखकर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है। सुखबीर बादल आज खुद अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंचे और एक लिखित आवेदन सौंपकर उप चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी। गोल्डन टेंपल पहुंचने पर सुखबीर बादल के पैर में चोट भी लग गई। गोल्डन टेंपल में माथा टेकने के बाद उन्होंने कहा कि, कई वर्षों से अकाली दल के खिलाफ घटिया अभियान चल रहा है। कुछ लोगों ने पार्टी से बगावत कर अकाल तख्त साहिब में शिकायत की थी, जिस पर सिंह साहिबान ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। मैंने तुरंत स्पष्टीकरण दिया और अकाली दल के अध्यक्ष के रूप में सब कुछ अपने ऊपर ले लिया। सुखबीर ने कहा कि अकाली दल के लिए श्री अकाल तख्त साहिब दुनिया के हर सिख के लिए सर्वोच्च है। हर सिख को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का भी पालन करना चाहिए, यही कारण है कि आज देश मजबूत है। जो भी आदेश होगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा सुखबीर ने कहा कि मुझे श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित किया था, मैं अगले ही दिन यहां पहुंच गया। मैंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से जो भी आदेश आएगा, एक सिख होने के नाते मैं उसे स्वीकार करूंगा। मैं गुहार लगाने आया हूं। आज ढाई माह से अधिक हो गए तनखैया का आदेश दिए, अभी तक कुछ पता नहीं। मैं सिंह साहब के चरणों में प्रार्थना करता हूं कि जल्द ही जो भी आदेश होगा, हम हर आदेश का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ जिम्मेदारियां व्यक्तिगत भी हैं, जिसके चलते वह अपील करते हैं कि इस मामले में संप्रदाय की रीति-रिवाज के मुताबिक जल्द से जल्द आदेश दिए जाएं। मैंने हर आदेश का पालन किया है। सिंह साहिबान, अब मेरा अनुरोध स्वीकार करने का समय आ गया है, मेरे मामले पर जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाए। यहां देखें सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए लेटर की कॉपी सारे वर्कर चाहते हैं चुनाव लड़े : सुखबीर उन्होंने अपने आवेदन में लिखा कि सारे पार्टी वर्कर चाहते हैं कि विशेष हालातों के चलते उन्हें उप चुनाव लड़ने और प्रचार करने की इजाजत दी जाए। उन्होंने लिखा कि उप चुनाव न लड़ने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वो पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। श्री दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे सुखबीर बादल को चोट लग गई। जिस समय श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव के पास अनुरोध पत्र देने पहुंचे उस समय सुखबीर बादल का पैर वहां पड़े टेबल पर लग गया। जिससे उनके दाहिने पैर का अंगूठा टूट गया। उसके बाद सुखबीर बादल श्री गुरु रामदास चैरिटेबल अस्पताल वल्ला में प्लास्टर लगाने के बाद चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया घोषित अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को आवेदन लिखकर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है। सुखबीर बादल आज खुद अकाल तख्त साहिब सचिवालय पहुंचे और एक लिखित आवेदन सौंपकर उप चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी। गोल्डन टेंपल पहुंचने पर सुखबीर बादल के पैर में चोट भी लग गई। गोल्डन टेंपल में माथा टेकने के बाद उन्होंने कहा कि, कई वर्षों से अकाली दल के खिलाफ घटिया अभियान चल रहा है। कुछ लोगों ने पार्टी से बगावत कर अकाल तख्त साहिब में शिकायत की थी, जिस पर सिंह साहिबान ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। मैंने तुरंत स्पष्टीकरण दिया और अकाली दल के अध्यक्ष के रूप में सब कुछ अपने ऊपर ले लिया। सुखबीर ने कहा कि अकाली दल के लिए श्री अकाल तख्त साहिब दुनिया के हर सिख के लिए सर्वोच्च है। हर सिख को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश का भी पालन करना चाहिए, यही कारण है कि आज देश मजबूत है। जो भी आदेश होगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा सुखबीर ने कहा कि मुझे श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित किया था, मैं अगले ही दिन यहां पहुंच गया। मैंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से जो भी आदेश आएगा, एक सिख होने के नाते मैं उसे स्वीकार करूंगा। मैं गुहार लगाने आया हूं। आज ढाई माह से अधिक हो गए तनखैया का आदेश दिए, अभी तक कुछ पता नहीं। मैं सिंह साहब के चरणों में प्रार्थना करता हूं कि जल्द ही जो भी आदेश होगा, हम हर आदेश का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ जिम्मेदारियां व्यक्तिगत भी हैं, जिसके चलते वह अपील करते हैं कि इस मामले में संप्रदाय की रीति-रिवाज के मुताबिक जल्द से जल्द आदेश दिए जाएं। मैंने हर आदेश का पालन किया है। सिंह साहिबान, अब मेरा अनुरोध स्वीकार करने का समय आ गया है, मेरे मामले पर जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाए। यहां देखें सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए लेटर की कॉपी सारे वर्कर चाहते हैं चुनाव लड़े : सुखबीर उन्होंने अपने आवेदन में लिखा कि सारे पार्टी वर्कर चाहते हैं कि विशेष हालातों के चलते उन्हें उप चुनाव लड़ने और प्रचार करने की इजाजत दी जाए। उन्होंने लिखा कि उप चुनाव न लड़ने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वो पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। श्री दरबार साहिब में माथा टेकने पहुंचे सुखबीर बादल को चोट लग गई। जिस समय श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव के पास अनुरोध पत्र देने पहुंचे उस समय सुखबीर बादल का पैर वहां पड़े टेबल पर लग गया। जिससे उनके दाहिने पैर का अंगूठा टूट गया। उसके बाद सुखबीर बादल श्री गुरु रामदास चैरिटेबल अस्पताल वल्ला में प्लास्टर लगाने के बाद चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए पंजाब | दैनिक भास्कर
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