संभल में जामा मस्जिद के पास शनिवार रात भर पुलिस चौकी बनाने का काम हुआ। इस दौरान RAF, PAC और पुलिस तैनात रही। शाम को हिंदू महिलाएं भी पुलिस चौकी के पास पहुंचीं। पुलिस चौकी की नींव में दीप जलाए और गीत गाए। कहा- पुलिस चौकी बनने की खुशी है। इससे सुरक्षा होगी और इलाके का माहौल भी सुधरेगा। संभल मे जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी बनाने के लिए शुक्रवार को जमीन की नपाई कराई गई। शनिवार को भूमि पूजन के बाद काम शुरू हो गया। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में दीवारें तैयार हो जाएंगी। सिर्फ छत का काम बचेगा। इधर, जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी बनाने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए। ओवैसी ने लिखा- संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है। मुल्क के किसी भी कोने में चले जाइए, वहां की सरकार न तो स्कूल खुलवाती है, न अस्पताल। अगर कुछ बनाया जाता है, तो वो है पुलिस चौकी और शराब खाने। मुसलमानों के इलाकों में सबसे कम सरकारी सुविधाएं दी जाती हैं। संभल के चंदौसी में आर्कियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सर्वे के दौरान मिली बावड़ी की खुदाई 9वें दिन रविवार को भी जारी है। शनिवार को ASI की 3 सदस्यीय टीम बावड़ी का सर्वे करने पहुंची। अब तक खुदाई में 16 सीढ़ियां निकलकर सामने आई हैं। सीमेंट के खंभे भी मिले हैं। संभल में पिछले 24 घंटे में क्या-क्या हुआ, इसका अपडेट्स पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… संभल में जामा मस्जिद के पास शनिवार रात भर पुलिस चौकी बनाने का काम हुआ। इस दौरान RAF, PAC और पुलिस तैनात रही। शाम को हिंदू महिलाएं भी पुलिस चौकी के पास पहुंचीं। पुलिस चौकी की नींव में दीप जलाए और गीत गाए। कहा- पुलिस चौकी बनने की खुशी है। इससे सुरक्षा होगी और इलाके का माहौल भी सुधरेगा। संभल मे जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी बनाने के लिए शुक्रवार को जमीन की नपाई कराई गई। शनिवार को भूमि पूजन के बाद काम शुरू हो गया। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में दीवारें तैयार हो जाएंगी। सिर्फ छत का काम बचेगा। इधर, जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी बनाने पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए। ओवैसी ने लिखा- संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है। मुल्क के किसी भी कोने में चले जाइए, वहां की सरकार न तो स्कूल खुलवाती है, न अस्पताल। अगर कुछ बनाया जाता है, तो वो है पुलिस चौकी और शराब खाने। मुसलमानों के इलाकों में सबसे कम सरकारी सुविधाएं दी जाती हैं। संभल के चंदौसी में आर्कियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सर्वे के दौरान मिली बावड़ी की खुदाई 9वें दिन रविवार को भी जारी है। शनिवार को ASI की 3 सदस्यीय टीम बावड़ी का सर्वे करने पहुंची। अब तक खुदाई में 16 सीढ़ियां निकलकर सामने आई हैं। सीमेंट के खंभे भी मिले हैं। संभल में पिछले 24 घंटे में क्या-क्या हुआ, इसका अपडेट्स पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘1965 की जंग में लगी थी 9 गोलियां’:रिकवरी के लिए स्वीमिंग शुरू की; ओलिंपिक में जीता पहला गोल्ड, जीवनी पर बनी मूवी चंदू चैंपियन
‘1965 की जंग में लगी थी 9 गोलियां’:रिकवरी के लिए स्वीमिंग शुरू की; ओलिंपिक में जीता पहला गोल्ड, जीवनी पर बनी मूवी चंदू चैंपियन ‘मैं पहले बहुत अच्छा हॉकी खेलता था। हॉकी खेलने के बाद बॉक्सिंग खेलने लगा। इसके बाद मैंने स्विमिंग करनी शुरू की। साल 1968 से 1982 तक बहुत सारे मेडल मिले। इस दौरान जनरल चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे कई इंटरनेशनल इवेंट्स में भी शिरकत किया।’ ‘1972 में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीता। अब गांव में रहकर बच्चों को ट्रेनिंग देता हूं। दिव्यांग बच्चों को भी ट्रेनिंग देता हूं। इसके लिए एक छोटी सी एकेडमी भी बनाई है।’ – ये कहना है, पैरा ओलिंपिक में देश को पहला गोल्ड दिलाने वाले मुरलीकांत पेटकर का। इनकी जीवनी पर चंदू चैंपियन फिल्म भी बन चुकी है। डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 11वें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पेटकर से दैनिक भास्कर ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। सवाल: बचपन से लेकर अब 84 साल की उम्र तक के अपने सफर को कैसे देखते हैं? जवाब: 11 साल की उम्र से आर्मी की बॉयज बटालियन में भर्ती हुआ था। 1965 की लड़ाई में मुझे 9 गोली लगी। रिकवरी तो नहीं हुई, पर डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट ने बोला कि स्विमिंग करोगे तो ठीक हो जाएगा। ट्रीटमेंट के लिए स्विमिंग शुरू किया, फिर प्रैक्टिस के साथ अच्छा हो गया। रेसलिंग में पहला मेडल जीतने वाले खिलाड़ी से मुझे प्रेरणा मिली। मेडल मिलने के बाद उसके लिए सभी ने जश्न मनाया था। तभी से ये लक्ष्य बना लिया था कि आगे चलकर मुझे भी मेडल जीतना है। सवाल: आप पद्मश्री से नवाजे गए, आप पर फिल्म भी बनी। जहां कहीं भी जाते हैं, सम्मान मिलता है। कैसा लगता है? जवाब: मुझे पहले से ही सम्मान मिलता रहा है। 1965 की जंग में भाग लेने के बाद से लोगों से सम्मान मिलना शुरू हो गया। फिर 1972 के पैरा ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद ये और भी बढ़ गया। सवाल: सामान्य खिलाड़ी और दिव्यांग खिलाड़ी में आप क्या अंतर महसूस करते हैं? जवाब – दिव्यांगों सामान्य लोगों से ज्यादा मेहनती होते हैं। दिव्यांग कभी लाचार नही होते हैं, उनको बस काम देने की जरूरत हैं। आप उन्हें काम दे दो, वो कभी भीख नही मानेंगे। मैंने देखा हैं कि दिव्यांग खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ी से ज्यादा मेडल लेकर आते हैं। इसलिए भविष्य अच्छा ही रहेगा। सवाल – भारत में पैरा ओलिंपिक का क्या भविष्य देखते हैं? सवाल: पहले पैरा ओलिंपिक खेल के बारे कोई ज्यादा नहीं जानता था। इसकी शुरुआत मैंने और विजय मर्चेंट ने की। बाद में दीपा मलिक को भी गोल्ड मेडल मिला। मौजूदा समय की पैरा ओलिंपिक कमेटी बहुत स्ट्रांग हैं। पैरा ओलिंपिक में जाने से पहले दिव्यांग खिलाड़ियों को मेरी फिल्म चंदू चैंपियन दिखाई गई। इसे खिलाड़ी देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपने कभी हार नहीं मानी तो हम भी हार नहीं मानेंगे। गोल्ड मेडल और मेडल लेकर ही लौटेंगे। सवाल: 1965 की जंग में गंभीर रूप से जख्मी होने के बाद आपने कैसे वापसी की? जवाब: साल 1965 की जंग में 9 गोली लगने के बाद मैं कोमा में चला गया था। लगभग 2 साल मैं कोमा में ही था। एक दिन अचानक मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज के दौरान जनरल साहब आए। वो जवानों का हालचाल लेने पहुंचे थे। इस बीच अचानक बेड से गिरने के बाद मुझे होश आ गया। मुझे लगा कि मैं पाकिस्तान में हूं। मैंने सामने जनरल साहब को जकड़ लिया। मैंने उनसे और साथ में रहे डॉक्टर से आइडेंटिटी कार्ड मांगा। मौके पर दोनों के पास आई कार्ड नहीं था। इसलिए मैंने उन्हें छोड़ा नहीं। संयोगवश मौके पर मौजूद नर्स ने मुझे आई कार्ड दिखाया। उसमें इंडियन मिलिट्री हॉस्पिटल लिखा था। तब जाकर यकीन हुआ कि मैं भारत में हूं। तब जाकर उनको मैंने आजाद किया। जंग के दौरान एक गोली रीढ़ में धंस गई थी, जिससे कमर के निचले हिस्से पर असर हुआ। मैंने जीवन मे कुछ कर गुजरने का जज्बा जिंदा रखा। खुद को फिट रखने के लिए खेलना शुरू किया। अब जानें क्यों बेहद खास हैं पद्मश्री मुरली कांत राजाराम पेटकर
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शिमला की नेहा दीक्षित इंडियन आइडल में आएंगी नजर:26 अक्टूबर से शुरू होगा 15वां सीजन, राष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करना चुनौती
शिमला की नेहा दीक्षित इंडियन आइडल में आएंगी नजर:26 अक्टूबर से शुरू होगा 15वां सीजन, राष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करना चुनौती हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के क्यारकोटी की बेटी नेहा दीक्षित देश के प्रसिद्ध म्यूजिक टीवी शो इंडियन आइडल के लिए ऑडिशन पास कर चुकी हैं। वह शो के 15वें सीजन में पनी प्रतिभा दिखाती हुई नजर आएंगी। इंडियन आइडल का 15वां सीजन 26 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। इसमें शिमला की नेहा मायानगरी मुंबई में अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरती हुई नजर आएंगी। नेहा दीक्षित का छोटे से प्रदेश से मुंबई तक का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा, उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए अब राष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करना है। जो उनके सामने बड़ी चुनौती रहेगी। नेहा अब तक कई गाने गा चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने भी उनके एक गाने को लॉन्च किया है। कौन है नेहा दीक्षित?
नेहा दीक्षित का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के उपमंडल ठियोग के क्यारकोटी में एक साधारण परिवार में हुआ है। पिता डेयरी का काम करते है और मां गृहणी है। नेहा की शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से हुई है, उन्होंने संगीत की शिक्षा नहीं ली। सबसे पहले उन्होंने स्कूल टूर्नामेंट में गाना शुरू किया, शुरुआत में उनके माता पिता उनके संगीत के पक्ष में नहीं थे लेकिन शिक्षकों के कहने पर उन्होंने अनुमति दी। वहीं से उनके संगीत का सफर शुरू हुआ। 2015 में प्रोफेशनल संगीत की शुरुआत
नेहा ने साल 2015 में शिमला में स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय (RKMV) में ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया और यहीं से उनके संगीत के प्रोफेशन में सफर की शुरुआत हुई। यहां उन्होंने कॉलेज प्रोफेसर गोपाल भारद्वाज से संगीत के गुण सिखे और इसके बाद संगीत की विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। वॉइस ऑफ शिमला की विजेता हैं नेहा
नेहा दीक्षित शिमला के अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल 2024 में पहली बार अयोजित की गई वॉइस ऑफ शिमला प्रतियोगिता का खिताब भी अपने नाम कर चुकी हैं। फिलहाल नेहा संगीत के प्रोफेसर डॉक्टर टिंकू कॉल से संगीत की शिक्षा ले रही हैं।
पंजाब में एक जून की छुट्टी घोषित:चुनाव के चलते लिया गया फैसला, शराब के ठेके भी रहेंगे बंद, 70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य
पंजाब में एक जून की छुट्टी घोषित:चुनाव के चलते लिया गया फैसला, शराब के ठेके भी रहेंगे बंद, 70 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य लोकसभा चुनाव के चलते एक जून को पूरे पंजाब में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इस दौरान सरकारी, गैर सरकारी दफ्तरों, बैंक, संस्थानों, फैक्ट्रियों व दुकानों में सशुल्क छुट्टी रहेगी। चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पंजाब राज्य में लोकसभा चुनाव में लोग मतदान कर पाए, इसके चलते यह फैसला लिया गया। इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदान का लक्ष्य 70 पार रखा है। इसके लिए निर्वाचन आयोग की तरफ से कई कदम उठाए जा रहे हैं। 30 को ही बंद हो जाएंगे ठेके शराब ठेके मतदान से पहले ही 30 मई 2024 की शाम 6:00 बजे से 1 जून 2024 की शाम 6:00 बजे और 4 जून 2024 (पूरा दिन) मतगणना वाले दिन बंद रहेंगे। यह फैसला भी आयोग की तरफ से लिया गया है। इस दौरान होटलों, रेस्टोरेंट और पबों में भी शराब परोसी नहीं जाएगी। शराब भंडारण भी नहीं किया सकेगा इस दौरान किसी भी होटल, रेस्तरां, क्लब, सामुदायिक केंद्र, सीएसडी कैंटीन, दुकानों या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर भी शराब बेची नहीं जाएगी। शराब के भंडारण पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा । बिना लाइसेंस वाले परिसरों में शराब के भंडारण पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाएगा।