संभल में दरगाह 65 फीट पीछे खिसकाई जाएगी:50 जैक लगाए, प्रशासन ने 15 दिन का समय दिया; मुस्लिमों ने खुद गिराई मस्जिद

संभल में दरगाह 65 फीट पीछे खिसकाई जाएगी:50 जैक लगाए, प्रशासन ने 15 दिन का समय दिया; मुस्लिमों ने खुद गिराई मस्जिद

संभल में दरगाह को सड़क से 65 फीट पीछे शिफ्ट किया जा रहा। इसके लिए 50 जैक लगाए गए। प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को यह काम 15 दिन में पूरा करने का आदेश दिया है। वहीं इंजीनियर का कहना है कि 1 महीने से अधिक समय लगेगा। सोमवार से जैक लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। मामला हयातनगर थाना क्षेत्र के बहजोई मार्ग का है। यहां सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। इसकी जद में मस्जिद, दरगाह और मंदिर का कुछ हिस्सा आ रहा था। मस्जिद और दरगाह पूरी तरह अतिक्रमण की जद में आए तो मस्जिद कमेटी ने मस्जिद को खुद ही ध्वस्त करा दिया। अब दरगाह को शिफ्ट कराया जा रहा है। PWD ने इसे हटाने का नोटिस जारी किया था। 2 जून को सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार, एसडीएम वंदना मिश्रा और तहसीलदार धर्मेंद्र प्रताप सिंह की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद लोगों ने स्वयं ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। जैक लगाने के लिए रुड़की से टीम बुलाई है। यह टीम करीब 10 लाख रुपए में दरगाह को शिफ्ट करेगी। लोकनिर्माण विभाग के एक्सईएन सुनील प्रकाश ने बताया कि 16 जून से 15 दिन का समय दरगाह हटाने के लिए दिया गया है। इस अवधि के बाद चौड़ीकरण की प्रक्रिया को शुरू कराया जाएगा। पहले देखिए 3 तस्वीरें… जैक के माध्यम से संरचना को पीछे खिसकाया जा रहा
दरगाह के केयरटेकर कारी अब्दुल नासिर ने बताया कि जैक के माध्यम से संरचना को पीछे खिसकाया जा रहा है। बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है। मजदूर भी काम छोड़कर जा रहे हैं। दरगाह 22 गज में बनी हुई है। कल भी जैक लगाने का काम किया जाएगा, संभवत बुधवार से इसे सरकाने का काम शुरू होगा। याकूब अली शाह चिश्ती के नाम से दरगाह है। प्रशासन ने 15 दिन का समय दिया है, जबकि काम 20-22 दिन में पूरा होगा। यह मस्जिद दरगाह ब्रिटिश शासन काल की है। प्रशासन की गाइडलाइन पर हम लोग काम कर रहे हैं। हम उनके खिलाफ नहीं जाएंगे, जैसा प्रशासन कह रहा है वैसा ही हम कर रहे हैं। जिस जमीन पर दरगाह को शिफ्ट किया जा रहा है, वह मस्जिद कमेटी की जमीन है। प्राचीन मंदिर धर्मकूप का दो फिट का छज्जा आ रहा जद में
प्राचीन मंदिर धर्मकूप, हयातनगर कल्कि नगरी संभल लगभग 300 गज में बना हुआ है। पीडब्ल्यूडी की सड़क में उसका आंशिक भाग मतलब डेढ़/दो फिट का छज्जा आ रहा है। उसको गिरा दिया गया है। अब जानिए मंदिर, मस्जिद और दरगाह का इतिहास
हिंदू पक्ष के लोगों ने बताया- थाना हयातनगर से लगभग 500 मीटर की दूर प्राचीन अमृत धर्म कूप स्थित है। यहां पर द्वापर युग का बरगद का पेड़ भी है, साथ ही 5 दिवसीय जन्माष्टमी मेला भी प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। वर्ष में 2 बार शिवरात्रि पर मेले का आयोजन भी होता है। प्राचीन कूप मन्दिर के सामने अजीजपुर असदपुर (बाहर चुंगी) के गाटा सं0-356, 357 विवादित है। उस कृषि भूमियों के संबंध में कोर्ट में मुकदमे भी विचाराधीन हैं। वर्ष 1985 में संभल क्षेत्र में अचानक बांग्लादेशी आने लगे। एक बंगलादेशी शहादत हुसैन उर्फ कारी सम्भल शहर में आया। उसने प्राचीन अमृत धर्मकूप के सामने 50 ईटें रखकर एक छोटी सी मजार बना ली। पहले का शासन-प्रशासन लापरवाह था। नीतियां एक वर्ग विशेष के लिए नर्म थीं। इसलिए बंगलादेशी शहादत हुसैन ने धीरे-धीरे मजार की जगह पर प्रशासन की अनुमति के बिना मदरसे का निर्माण कर लिया। विदेशी चंदा एकत्रित करने लगा। इसके बाद उसने डींगरपुर में दो आलीशान मकान, 10 ट्रक, लगभग 100 बीघा जमीन खरीद ली। 100 बच्चे बिना सरकार की अनुमति शिक्षा ग्रहण कर रहे
इस समय मजार मदरसे में बंगलादेशी और अन्य अवंछित व्यक्तियों का आना-जाना लगा रहता है। लगभग 100 बच्चे बिना सरकार की अनुमति के शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये मजार/मदरसा अवैध रूप से जमीन कब्जा कर और बिना प्रशासनिक अनुमति के बनाई गई है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… इजराइल में बंकरों में छिपे बाराबंकी के 500 लोग:VIDEO कॉल पर बोले- आसमान में फट रहीं मिसाइलें; परिजनों ने कहा- कलेजा कांप उठता है बाराबंकी के 500 श्रमिक इजराइल में फंसे हैं। वह सभी बंकरों में रह रहे हैं। घरवालों से वीडियो कॉल पर बात हो पाती है। परिजन अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। यह सभी युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे। इन दिनों इजराइल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध के कारण वहां रह रहे श्रमिकों के परिजन बेहद चिंतित हैं। पढ़ें पूरी खबर… संभल में दरगाह को सड़क से 65 फीट पीछे शिफ्ट किया जा रहा। इसके लिए 50 जैक लगाए गए। प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को यह काम 15 दिन में पूरा करने का आदेश दिया है। वहीं इंजीनियर का कहना है कि 1 महीने से अधिक समय लगेगा। सोमवार से जैक लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। मामला हयातनगर थाना क्षेत्र के बहजोई मार्ग का है। यहां सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। इसकी जद में मस्जिद, दरगाह और मंदिर का कुछ हिस्सा आ रहा था। मस्जिद और दरगाह पूरी तरह अतिक्रमण की जद में आए तो मस्जिद कमेटी ने मस्जिद को खुद ही ध्वस्त करा दिया। अब दरगाह को शिफ्ट कराया जा रहा है। PWD ने इसे हटाने का नोटिस जारी किया था। 2 जून को सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार, एसडीएम वंदना मिश्रा और तहसीलदार धर्मेंद्र प्रताप सिंह की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद लोगों ने स्वयं ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। जैक लगाने के लिए रुड़की से टीम बुलाई है। यह टीम करीब 10 लाख रुपए में दरगाह को शिफ्ट करेगी। लोकनिर्माण विभाग के एक्सईएन सुनील प्रकाश ने बताया कि 16 जून से 15 दिन का समय दरगाह हटाने के लिए दिया गया है। इस अवधि के बाद चौड़ीकरण की प्रक्रिया को शुरू कराया जाएगा। पहले देखिए 3 तस्वीरें… जैक के माध्यम से संरचना को पीछे खिसकाया जा रहा
दरगाह के केयरटेकर कारी अब्दुल नासिर ने बताया कि जैक के माध्यम से संरचना को पीछे खिसकाया जा रहा है। बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है। मजदूर भी काम छोड़कर जा रहे हैं। दरगाह 22 गज में बनी हुई है। कल भी जैक लगाने का काम किया जाएगा, संभवत बुधवार से इसे सरकाने का काम शुरू होगा। याकूब अली शाह चिश्ती के नाम से दरगाह है। प्रशासन ने 15 दिन का समय दिया है, जबकि काम 20-22 दिन में पूरा होगा। यह मस्जिद दरगाह ब्रिटिश शासन काल की है। प्रशासन की गाइडलाइन पर हम लोग काम कर रहे हैं। हम उनके खिलाफ नहीं जाएंगे, जैसा प्रशासन कह रहा है वैसा ही हम कर रहे हैं। जिस जमीन पर दरगाह को शिफ्ट किया जा रहा है, वह मस्जिद कमेटी की जमीन है। प्राचीन मंदिर धर्मकूप का दो फिट का छज्जा आ रहा जद में
प्राचीन मंदिर धर्मकूप, हयातनगर कल्कि नगरी संभल लगभग 300 गज में बना हुआ है। पीडब्ल्यूडी की सड़क में उसका आंशिक भाग मतलब डेढ़/दो फिट का छज्जा आ रहा है। उसको गिरा दिया गया है। अब जानिए मंदिर, मस्जिद और दरगाह का इतिहास
हिंदू पक्ष के लोगों ने बताया- थाना हयातनगर से लगभग 500 मीटर की दूर प्राचीन अमृत धर्म कूप स्थित है। यहां पर द्वापर युग का बरगद का पेड़ भी है, साथ ही 5 दिवसीय जन्माष्टमी मेला भी प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। वर्ष में 2 बार शिवरात्रि पर मेले का आयोजन भी होता है। प्राचीन कूप मन्दिर के सामने अजीजपुर असदपुर (बाहर चुंगी) के गाटा सं0-356, 357 विवादित है। उस कृषि भूमियों के संबंध में कोर्ट में मुकदमे भी विचाराधीन हैं। वर्ष 1985 में संभल क्षेत्र में अचानक बांग्लादेशी आने लगे। एक बंगलादेशी शहादत हुसैन उर्फ कारी सम्भल शहर में आया। उसने प्राचीन अमृत धर्मकूप के सामने 50 ईटें रखकर एक छोटी सी मजार बना ली। पहले का शासन-प्रशासन लापरवाह था। नीतियां एक वर्ग विशेष के लिए नर्म थीं। इसलिए बंगलादेशी शहादत हुसैन ने धीरे-धीरे मजार की जगह पर प्रशासन की अनुमति के बिना मदरसे का निर्माण कर लिया। विदेशी चंदा एकत्रित करने लगा। इसके बाद उसने डींगरपुर में दो आलीशान मकान, 10 ट्रक, लगभग 100 बीघा जमीन खरीद ली। 100 बच्चे बिना सरकार की अनुमति शिक्षा ग्रहण कर रहे
इस समय मजार मदरसे में बंगलादेशी और अन्य अवंछित व्यक्तियों का आना-जाना लगा रहता है। लगभग 100 बच्चे बिना सरकार की अनुमति के शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये मजार/मदरसा अवैध रूप से जमीन कब्जा कर और बिना प्रशासनिक अनुमति के बनाई गई है। ——————— ये खबर भी पढ़ें… इजराइल में बंकरों में छिपे बाराबंकी के 500 लोग:VIDEO कॉल पर बोले- आसमान में फट रहीं मिसाइलें; परिजनों ने कहा- कलेजा कांप उठता है बाराबंकी के 500 श्रमिक इजराइल में फंसे हैं। वह सभी बंकरों में रह रहे हैं। घरवालों से वीडियो कॉल पर बात हो पाती है। परिजन अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। यह सभी युवक काम की तलाश में इजराइल गए थे। इन दिनों इजराइल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध के कारण वहां रह रहे श्रमिकों के परिजन बेहद चिंतित हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर