सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में पेपर लीक को लेकर सरकार पर हमला बोला। कहा- ये सरकार कोई रिकॉर्ड बनाए या न बनाए लेकिन पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी। जब तब ये मंत्री जी (धर्मेंद्र प्रधान) रहेंगे, तब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा। अखिलेश ने कहा- NEET पेपर लीक मामले के बैक ग्राउंड में नहीं जाना कि कब किस संस्था को पेपर का जिम्मा दिया गया। पूरे देश के छात्र आंदोलन कर रहे थे। लगातार अखबार और सीबीआई की जांच के बाद चीजें सामने आ रही हैं। लोग गिरफ्तार हो रहे। जेल भेजे जा रहे। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि क्या सेंट्रल वाइस जिन बच्चों को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं, उनकी सूची जारी करेंगे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में पेपर लीक को लेकर सरकार पर हमला बोला। कहा- ये सरकार कोई रिकॉर्ड बनाए या न बनाए लेकिन पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी। जब तब ये मंत्री जी (धर्मेंद्र प्रधान) रहेंगे, तब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा। अखिलेश ने कहा- NEET पेपर लीक मामले के बैक ग्राउंड में नहीं जाना कि कब किस संस्था को पेपर का जिम्मा दिया गया। पूरे देश के छात्र आंदोलन कर रहे थे। लगातार अखबार और सीबीआई की जांच के बाद चीजें सामने आ रही हैं। लोग गिरफ्तार हो रहे। जेल भेजे जा रहे। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि क्या सेंट्रल वाइस जिन बच्चों को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं, उनकी सूची जारी करेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री बोले- कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस में थी:भाजपा ने जमीन पर काम किया; सुभाष बत्रा ने EVM की बैटरी का भी जिक्र किया
हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री बोले- कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंस में थी:भाजपा ने जमीन पर काम किया; सुभाष बत्रा ने EVM की बैटरी का भी जिक्र किया हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व गृहमंत्री सुभाष बत्तरा ने हार के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि ओवर कांफिडेंट में गलती हुई। कांग्रेस ओवर कांफिडेंस में रही और भाजपा ग्राउंड पर काम करती रही। वहीं भाजपा सोशल इंजीनियरिंग में सफल रही और कांग्रेस इस ओर ध्यान नहीं दे पाई। उन्होंने कांग्रेस हाई कमान पर भी सवाल उठाए। सीट बंटवारे पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि ठीक से बंटवारा नहीं हुआ। सीटिंग विधायकों को टिकट देने के निर्णय को भी गलत बताया और कहा कि जहां सरकार के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी होती है, तो विधायकों के खिलाफ भी होती है। पूर्व गृह मंत्री एवं कांग्रेसी वरिष्ठ नेता सुभाष बत्तरा से बातचीत प्रश्न : हार का क्या कारण मानते हैं?
सुभाष बत्तरा : पहली बात तो यह कि मैं इस चुनाव को निष्पक्ष चुनाव भी नहीं मानता। साढ़े 9 बजे तक जब तक बैलेट पेपर की काउंटिंग हो रही थी, तो हम 73-74 पर लीड कर रहे थे। जैसे ही ईवीएम की गिनती शुरू हुई तो पासा एक दम पलट गया। मेरा मानना है कि 20-30 विधानसभा में, जहां जीटी बेल्ट के हल्के जिनमें ईवीएम में 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज थी। वहां-वहां एक तरफा बीजेपी की जीत दिखाई। जहां 60-65 प्रतिशत बैटरी थी, वहां कांग्रेस है। दूसरा, सोशल इंजीनियरिंग में भाजपा कामयाब रही है। हम थोड़ा-सा ओवर कांफिडेंस में थे, हमने इस पर गौर नहीं किया और वर्किंग नहीं की। ओबीसी व एससी कार्ड को अपने पक्ष में करने में भाजपा कामयाब रही। उन्होंने कुमारी सैलजा के नाम को भी कैच करने की कोशिश की। हम थोड़ा-सा ओवर कांफिडेंस में रहे और भाजपा ग्राउंड लेवल पर काम करती रही। यह भाजपा को भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी सीटें उनकी आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि जो जाट मतदाता है, उन्होंने तो कई इलाकों में बहुत कम प्रतिशत वोट पोल की। सोनीपत जाट बहुल्य एरिया है, वहां 6 में से 5 सीट हम हमने हारी है। बहादुरगढ़ की सीट बड़े मार्जन से हारी है। इसका मतलब है कि कहीं ना कहीं, यह कहने में कोई हानि नहीं कि (राहुल जी ने भी यह कहा कि ऐसा लगता है कि) पार्टी हित से ज्यादा अपने निजी हितों को साधा गया है। कांग्रेस लीडरशिप को इस पर मंथन करना पड़ेगा। प्रश्न : टिकट बंटवारे को लेकर काफी चर्चा थी कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने चहेतों को भी टिकट दिलाई है? सुभाष बत्तरा : मैं एक बात से बिल्कुल स्पष्ट हूं कि अगर 5 साल किसी राज हो तो हम उसे भी एंटी इनकंबेंसी करते हैं। कोई भी सरकार व पार्टी लोगों उम्मीदों पर 100 प्रतिशत काम नहीं कर पाती। इसी तरह से जो एमएलए 2 बार बन गया, उसकी भी एंटी इनकंबेंसी होती है। आपने सर्वेयर किस लिए रखे और सीटिंग गेटिंग (सीटिंग विधायकों को टिकट देना) का मतलब क्या रहा। सर्वे रिपोर्ट को फेंक दें। जो 2-3 बार विधायक बना है और लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है तो उसका सीटिंग का क्या मतलब। यह बहुत गलत निर्णय था। कांग्रेस की टिकट मिलने वाले सीटिंग विधायकों में से आधे से ज्यादा हारे हैं। यह फार्मूला गलत था और पार्टी आलाकमान को मंथन करना पड़ेगा और सोचना पड़ेगा। गलत लोगों को टिकट दी गई, इसके पीछे कारण क्या रहे। प्रश्न : चुनाव के दौरान भाजपा ने कुमारी सैलजा के मुद्दे को उठाया, वह चाहे उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मामला हो या फिर सीएम बनाने का। इसका कितना असर पड़ा है? सुभाष बत्तरा : भाजपा एससी वोटबैंक को कैच करने में सफल रही। हम उस मुद्दे को डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाए। सैलजा बहनजी ने तो यह बयान दिया था कि “मेरे पिताजी भी तिरंगे में गए और मैं भी तिरंगे में जाऊंगी”। उन्होंने स्पष्टीकरण भी दिए। लेकिन देर हो चुकी थी। इसलिए एससी वोटबैंक वह डायवर्सिफाई हो गया था। बीजेपी इस मुद्दे को कैच करने में कामयाब रही। प्रश्न : हरियाणा में पहली दफा ऐसा हुआ है कि कोई भी पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही और भाजपा की जीत का कारण क्या मानते हैं? सुभाष बत्तरा : इसका कारण पर तो क्या कह सकता हैं। प्रजातंत्र है और लोगों का जनमत है। जो जीता वह सिकंदर। अब हम कुछ भी कहते रहे, लेकिन जो खामिया हैं, उनको ढूंढना पड़ेगा। असली हार तो कार्यकर्ता की हुई है। जो जमीनी व बूथ लेवल पर लड़ता है। यह मंथन का विषय है। प्रश्न : रिजल्ट से पहले हर कोई कह रहा था कि कांग्रेस बहुमत से आ रही है और तैयारियां भी उसी तरह से चल रही थी। क्या कारण रहा कि रिजल्ट में इतना फेरबदल हुआ? सुभाष बत्तरा : भाजपा वाले भी 30 से ऊपर सीट नहीं मान रहे थे। यह तो आश्चर्यचकित नतीजे हैं। कुछ-ना-कुछ इन्होंने 20-30 सीटों पर ईवीएम को सेट व हैक किया है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी तैयारी में हैं। मैं भी इस पर विधि वक्ताओं से सलाह कर रहा हूं। प्रश्न : जातिगत बात करें तो सबसे बड़ा वोट बैंक जाटों का माना जाता है, उसको भी साधने में क्यों सफल नहीं रहे? सुभाष बत्तरा : सीटिंग गेटिंग का फार्मूला। कर्ण दलाल 25 हजार से ज्यादा से हार आए, इसका मतलब क्या है। बहादुरगढ़ की सीट पर तीन बार के विधायक राजेंद्र जून 40 हजार से अधिक मार्जन कैसे हो गया। गन्नौर की सीट पर क्या हाल हुआ। उन्होंने राज्यसभा सांसद किरण चौधरी का जिक्र करते हुए कहा कि किरण चौधरी को निपटाने के लिए पता नहीं क्या-क्या व्यूह रचना की। किरण चौधरी के जाने से भिवानी की सभी सीटों पर क्या हाल हुआ। उस पर मंथन की जरूरत है। हरियाणा एक छोटा राज्य जरूर है, लेकिन इसका असर पूरे देश में हैं। एक माह के बाद महाराष्ट्र के चुनाव हैं, वहां भी इसका असर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश साथ लगता राज्य हैं, वहां भी उपचुनाव में इसका असर पड़ेगा। पंजाब राज्य की भी सीमा लगती है। दिल्ली भी बॉर्डर स्टेट है, उसके भी दो माह बाद चुनाव हैं। इसलिए आज पार्टी लीडरशिप आज तिलमिला रही है और गुस्से में है कि पार्टी हित से ज्यादा निजी हितों को तवज्जो दी। यह पहले समझ नहीं आ रही थी। लोकसभा में टिकटों का बंटवारा कैसे किया। खुद कर रहे हैं कि 90 में से 72 सीटें एक सिस्टम के तहत दी, आपको उस समय सोचने का मौका नहीं थी। क्यों विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही है और इस हार से दुखी है। आलाकमान को पहले भी समझाने की कोशिश की, लेकिन उनके समझ में नहीं आई। हम भी हताश होकर बैठ गए।
“राधे रानी बरसाने आई, बज रही शहनाई’ भजन गाकर किया भक्तों को आनंदित
“राधे रानी बरसाने आई, बज रही शहनाई’ भजन गाकर किया भक्तों को आनंदित भास्कर न्यूज | अमृतसर बड़ा श्री हनुमान मंदिर में ‘प्रगटी राधे सुखदाई, रावल में बाजे बजाइयां’ के भजन पर झूमकर पुष्पवर्षा करते भक्तजन। यह नजारा था श्री राधा जी के प्राकट्य छठी महोत्सव का। भक्त मेहरचंद हरिनाम संकीर्तन मंडल द्वारा मंदिर परिसर में आयोजित राधा रानी छठी उत्सव दुर्ग्याणा कमेटी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समारोह में परिसर की भव्य सजावट करके बरसाना का रूप दिया गया। इसमें ठाकुर जी का आलौकिक श्रृंगारित छवि भक्तजनों को मोहित कर रही थी। इसमें किशोरी जी के श्रीविग्रह का अनुपम शृंगार करके झूले में झुलाया गया। वहीं परम रसिक पंकज अरोड़ा ने “राधे रानी बरसाने आई, बज रही शहनाई’ भजन गाकर भक्तजनों को आनंदित कर दिया। जबकि नरेश राजू ने “लाडली अद्भुत नजारा, तेरे बरसाने में है’ भजन गाकर सभी भक्तों को मानसिक रूप से बरसाना के दर्शन करवाए। बांके लाल ने भी पदावलियों के माध्यम से बधाई गीत गाकर किशोरी जी को रिझाया। इस मौके पर कई बच्चे राधा रानी का स्वरूप बनाकर उत्सव में शामिल हुए। सभी बच्चों को शगुन का लिफाफा, सिरोपा, टाफियां आदि बांटी गई। भक्तजनों को भी बधाई, मिठाई, टाफियां, खिलौने और फल प्रसाद के रूप में बांटे गए। इसी दौरान किशोरी जी को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों में वितरित किया गया। इस मौके पर अनिल उप्पल, विनोद चावला, अजय बाजोरिया, महेंद्र उप्पल, दीपक कंडा, विद्या भूषण शर्मा, डॉ. गुलजारी लाल, शाम सुंदर खन्ना, दानिश उप्पल, देसराज, अशोक कुमार, राजन मेहरा, जुगल पहलवान, मनीष गोपी, शैलेंद्र, विजय खन्ना, किशन लाल, नवीन कुमार बल्लू, विनोद सिंघल आदि मौजूद थे।
लुधियाना में विकास बग्गा हत्याकांड में खुलासा:वांटेड मुकुल ने अपने बैंक खाते से हथियारों का भुगतान किया, पुलिस खंगाल रही डिटेल
लुधियाना में विकास बग्गा हत्याकांड में खुलासा:वांटेड मुकुल ने अपने बैंक खाते से हथियारों का भुगतान किया, पुलिस खंगाल रही डिटेल पंजाब के नांगल निवासी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता विकास बग्गा की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा वांछित मुकुल मिश्रा की गिरफ्तारी के एक दिन बाद लुधियाना पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को पूछताछ के लिए दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी मुकुल ने खुलासा किया कि हत्यारों ने अवैध हथियारों के लिए उसके बैंक खाते से भुगतान किया था। पुलिस अभी भुगतान की गई राशि की जांच कर रही है। आरोपी के बैंक खाते की जांच की जा रही है। थाना डिवीजन नंबर 2 में अवैध हथियार सप्लाई करने का है मामला दर्ज आरोपी मुकुल लुधियाना के डिवीजन नंबर 2 थाना में दर्ज स्थानीय बदमाशों को अवैध हथियार सप्लाई करने के मामले में मुकदमे का सामना कर रहा था। इस बीच, स्थानीय पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की सूचना एनआईए को दे दी है। काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) लुधियाना और लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस ने सोमवार को ट्रांसपोर्ट नगर लुधियाना से मुकुल मिश्रा को गिरफ्तार किया। NIA को चकमा देकर भागा था बदमाश अधिकारियों के अनुसार, एनआईए के अधिकारी मामले में एक अन्य संदिग्ध धर्मेद्र कुमार उर्फ कुणाल के साथ मुकुल मिश्रा की तलाश में थे। एनआईए ने 2 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश के गोंडा में छापेमारी की, लेकिन आरोपी एनआईए को चकमा देकर भाग निकले। बाद में आरोपी ने लुधियाना में शरण ली। डिवीजन नंबर 2 पुलिस ने 26 जुलाई को लूट की साजिश रचने के आरोप में शुभम और राकेश कुमार समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से पूछताछ में मुकुल मिश्रा का नाम सामने आया था। वह स्थानीय बदमाशों को अवैध हथियार सप्लाई करने में शामिल था। इसी तरह, 17 अप्रैल को मोती नगर पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में धर्मेद्र कुमार उर्फ कुणाल को गिरफ्तार किया था। हालांकि, आरोपी जमानत पर छूट गया और फिर से आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। मुकुल मिश्रा और धर्मेद्र कुमार उर्फ कुणाल दुकानदार विकास प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या के मामले में शामिल थे। 13 अप्रैल को हुई थी विकास बग्गा की हत्या विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नंगल मंडल के अध्यक्ष की इसी साल 13 अप्रैल की शाम को रेलवे रोड नंगल में स्थित उनकी दुकान पर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। विकास बग्गा की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की खरीद के लिए मुकुल मिश्रा ने अपने बैंक खाते से भुगतान की सुविधा दी थी। धरमिंदर कुमार उर्फ कुणाल और एक अन्य यूपी निवासी की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस ने पहले ही दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान मनदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिंदर कुमार उर्फ रिक्का के रूप में हुई है। साथ ही उनके पास से दो .32 बोर पिस्तौल और अपराध में प्रयुक्त स्कूटर बरामद किया है।