सपा ने किया समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का गठन:रक्षा बंधन के मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया बड़ा एलान

सपा ने किया समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी का गठन:रक्षा बंधन के मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया बड़ा एलान

समाजवादी पार्टी ने रक्षा बंधन के मौके पर समाजवादी पार्टी ने आधी आबादी को समर्पित समाजवादी सबल सुरक्षा वाहिनी का गठन किया है। इस बारे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुद एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी। अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है रक्षा बंधन के मौके पर समाजवादी पार्टी आधी आबादी यानी हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है। ये वर्तमान के संदर्भ में ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नई धारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाएगी। इससे सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन होगा। यह वाहिनी नारी को समावेशी विकास का हिस्सा बनाएगी। चार दिन की चिंता नहीं, ठोस कदम भी उठाएगी वाहिनी अखिलेश ने कहा है कि यह वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में चार दिन की चिंता की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी, सिर्फ औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ‘वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी, दूरगामी ठोस क़दम उठाएगी, रास्ते बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी। समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का काम भी करेगी। इस संबंध में जारी एक पत्र में अखिलेश यादव ने कहा है कि यह आधी आबादी की पूरी आज़ादी का अभियान है। जिसके शुभारंभ के लिए ‘रक्षा बंधन’ जैसे पावन पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है, लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहनेवाली जागरुकता का चैतन्य रूप होगा। जो नारी को सुरक्षित रखते हुए आर्थिक रूप से सशक्त करते हुए एक बड़े सामाजिक-मानसिक बदलाव की ओर ले जाएगा। समाज में नारी की सुरक्षा तथा नारी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए स्वनिर्भरता को प्राथमिकता बनाएगा। ये नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा। हमारा संकल्प-सिद्धांत है: स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी। इसीलिए समाज के सभी वर्गों और तबकों की स्त्री-शक्ति से आह्वान और अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं और अपनी कुशलता व हुनर से अन्य स्त्रियों को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें और उनकी सुरक्षा के सवालों पर आवाज़ भी बुलंद करें और उनके लिए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में सहयोग भी करें। जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी। समाजवादी पार्टी ने रक्षा बंधन के मौके पर समाजवादी पार्टी ने आधी आबादी को समर्पित समाजवादी सबल सुरक्षा वाहिनी का गठन किया है। इस बारे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुद एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी। अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है रक्षा बंधन के मौके पर समाजवादी पार्टी आधी आबादी यानी हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है। ये वर्तमान के संदर्भ में ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नई धारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाएगी। इससे सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन होगा। यह वाहिनी नारी को समावेशी विकास का हिस्सा बनाएगी। चार दिन की चिंता नहीं, ठोस कदम भी उठाएगी वाहिनी अखिलेश ने कहा है कि यह वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में चार दिन की चिंता की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी, सिर्फ औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ‘वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी, दूरगामी ठोस क़दम उठाएगी, रास्ते बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी। समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का काम भी करेगी। इस संबंध में जारी एक पत्र में अखिलेश यादव ने कहा है कि यह आधी आबादी की पूरी आज़ादी का अभियान है। जिसके शुभारंभ के लिए ‘रक्षा बंधन’ जैसे पावन पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है, लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहनेवाली जागरुकता का चैतन्य रूप होगा। जो नारी को सुरक्षित रखते हुए आर्थिक रूप से सशक्त करते हुए एक बड़े सामाजिक-मानसिक बदलाव की ओर ले जाएगा। समाज में नारी की सुरक्षा तथा नारी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए स्वनिर्भरता को प्राथमिकता बनाएगा। ये नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा। हमारा संकल्प-सिद्धांत है: स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी। इसीलिए समाज के सभी वर्गों और तबकों की स्त्री-शक्ति से आह्वान और अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं और अपनी कुशलता व हुनर से अन्य स्त्रियों को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें और उनकी सुरक्षा के सवालों पर आवाज़ भी बुलंद करें और उनके लिए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में सहयोग भी करें। जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर