यूपी में उपचुनाव से पहले सीमामऊ विधानसभा से 98 मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का मामला गरमा गया है। समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। इस सीट पर 29 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा करने वाले हैं। सपा का कहना है कि मुस्लिम कर्मचारियों की जगह पर गैर मुस्लिम बीएलओ की तैनाती की गई है। इसकी जांच कराकर अफसरों पर कार्रवाई की जाए। हालांकि अपर सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि धर्म की वजह से नहीं हटाया गया है। सबसे पहले वो लिस्ट देखिए, जिन्हें हटाया गया है… 275 बीएलओ में से 124 मुस्लिम थे सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 275 बीएलओ तैनात हैं, ऐसे में अगर सपा नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद की बात मानी जाए तो यहां कुल 124 मुस्लिम बीएलओ तैनात थे। समाजवादी पार्टी ने 98 बीएलओ को हटाए जाने की शिकायत की है, जबकि 26 के बहाल होने का भी जिक्र किया गया है। मुस्लिम बीएलओ हटाने के अपने-अपने तर्क सपा: सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि मुस्लिम बीएलओ को उपचुनाव में साजिश के तहत हटाया जा रहा है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। भाजपा: भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय ने कहा- इस मामले को लेकर हमने भी शिकायत की है। मदरसों के टीचरों ने बीएलओ ड्यूटी में लगकर वोटर लिस्ट में तमाम गलतियां की हैं। वोटर लिस्ट में शामिल लोगों के नाम-पते तक गलत कर दिए हैं। मृत वोटर्स को भी लिस्ट में शामिल किया गया। इस मुद्दे को हम लगातार उठाते रहे हैं। जिला प्रशासन: सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के अपर सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) -3 राम शंकर ने बताया कि धर्म के आधार पर किसी को नहीं हटाया गया है। कई बीएलओ एडेड व मदरसे के थे। कई बीएलओ टेक्निकल काम नहीं सीख पा रहे थे, क्योंकि निर्वाचन कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है, इसलिए उन्हें हटाया गया है। 27 बीएलओ अब भी सीसामऊ विधानसभा में कार्य कर रहे हैं। एसीएम ने कहा- सीसामऊ विधानसभा के साथ ही कानपुर समेत पूरे प्रदेश और देश में चुनाव आयोग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए सीसामऊ में भी वोटर लिस्ट में शामिल मृतकों और डुप्लीकेट वोटर्स को लेकर सर्वे किया जा रहा है। सीसामऊ में इसलिए उपचुनाव सीसामऊ समाजवादी पार्टी का अभेद्य गढ़ है। कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई गई। इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद है। ऐसे में इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई है। सपा यहां से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट देने की तैयारी में है। 27 हजार वोटों से हारी थी भाजपा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस विधानसभा सीट पर 27 हजार वोटों से हार मिली थी। मौजूदा समय में भी भाजपा के लिए यहां पर चुनौती है। यूपी में उपचुनाव से पहले सीमामऊ विधानसभा से 98 मुस्लिम कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने का मामला गरमा गया है। समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। इस सीट पर 29 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा करने वाले हैं। सपा का कहना है कि मुस्लिम कर्मचारियों की जगह पर गैर मुस्लिम बीएलओ की तैनाती की गई है। इसकी जांच कराकर अफसरों पर कार्रवाई की जाए। हालांकि अपर सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि धर्म की वजह से नहीं हटाया गया है। सबसे पहले वो लिस्ट देखिए, जिन्हें हटाया गया है… 275 बीएलओ में से 124 मुस्लिम थे सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में कुल 275 बीएलओ तैनात हैं, ऐसे में अगर सपा नगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद की बात मानी जाए तो यहां कुल 124 मुस्लिम बीएलओ तैनात थे। समाजवादी पार्टी ने 98 बीएलओ को हटाए जाने की शिकायत की है, जबकि 26 के बहाल होने का भी जिक्र किया गया है। मुस्लिम बीएलओ हटाने के अपने-अपने तर्क सपा: सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि मुस्लिम बीएलओ को उपचुनाव में साजिश के तहत हटाया जा रहा है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। भाजपा: भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पांडेय ने कहा- इस मामले को लेकर हमने भी शिकायत की है। मदरसों के टीचरों ने बीएलओ ड्यूटी में लगकर वोटर लिस्ट में तमाम गलतियां की हैं। वोटर लिस्ट में शामिल लोगों के नाम-पते तक गलत कर दिए हैं। मृत वोटर्स को भी लिस्ट में शामिल किया गया। इस मुद्दे को हम लगातार उठाते रहे हैं। जिला प्रशासन: सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के अपर सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) -3 राम शंकर ने बताया कि धर्म के आधार पर किसी को नहीं हटाया गया है। कई बीएलओ एडेड व मदरसे के थे। कई बीएलओ टेक्निकल काम नहीं सीख पा रहे थे, क्योंकि निर्वाचन कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है, इसलिए उन्हें हटाया गया है। 27 बीएलओ अब भी सीसामऊ विधानसभा में कार्य कर रहे हैं। एसीएम ने कहा- सीसामऊ विधानसभा के साथ ही कानपुर समेत पूरे प्रदेश और देश में चुनाव आयोग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए सीसामऊ में भी वोटर लिस्ट में शामिल मृतकों और डुप्लीकेट वोटर्स को लेकर सर्वे किया जा रहा है। सीसामऊ में इसलिए उपचुनाव सीसामऊ समाजवादी पार्टी का अभेद्य गढ़ है। कानपुर की सीसामऊ विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी केस में 7 साल की सजा सुनाई गई। इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद है। ऐसे में इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई है। सपा यहां से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट देने की तैयारी में है। 27 हजार वोटों से हारी थी भाजपा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस विधानसभा सीट पर 27 हजार वोटों से हार मिली थी। मौजूदा समय में भी भाजपा के लिए यहां पर चुनौती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लखनऊ में एसिड अटैक पीड़िता KGMU से डिस्चार्ज:तीन जुलाई को चौक में हुई थी घटना; डॉक्टरों ने आरोपी मौसेरे भाई की सर्जरी पूरी की लखनऊ में एसिड अटैक पीड़िता को KGMU से शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। 3 जुलाई से घटना के बाद से एडमिट एसिड अटैक पीड़िता का स्वस्थ बेहतर होने के बाद डॉक्टरों की सलाह के बाद घर भेज दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ मौसेरे भाई के पीठ की सर्जरी शुक्रवार को ही डॉक्टरों ने की। सर्जरी ठीक हो जाने के बाद चौक पुलिस घटना में साजिश रचना का आरोपी बनाते हुए मौसेरे भाई को भी गिरफ्तार करेगी। 9 जुलाई को पुलिस ने आरोपी का मुकदमे में नाम बढ़ा दिया था। साजिश में मौसेरा भाई था शामिल, पीड़िता बोली पापा घर ले चलो एसिड अटैक पीड़िता को जब से घटना में शामिल होने की जानकारी मौसेरे भाई की मिली तब से वह बहुत बेचैन रहने लगी। इलाज होने के बाद डॉक्टरों ने जब पहली बार डिस्चार्ज होने की सलाह दी तो पीड़िता परिवार वालों से जिद करने लगी कि घर ले चलो। पीड़िता अपने पिता से बार-बार कहने लगी कि जल्दी घर ले चलो मुझे अब यहां अच्छा नहीं लग रहा है। पीड़िता के पिता का कहना है कि बीते 10 दिनों से इलाज और घटना को लेकर हो रही चर्चाओं से बेटी बहुत आहत है। घर पर ले जाकर मुझे और पूरे परिवार को बहुत अच्छा लग रहा है। सर्जरी ठीक होने के बाद पुलिस करेगी मौसेरे भाई पर कार्रवाई 3 जुलाई को एसिड अटैक के मामले में लखनऊ पुलिस ने अभिषेक वर्मा को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था। लेकिन गिरफ्तार अभियुक्त अभिषेक वर्मा के बयान और पुलिस की पड़ताल के बाद यह बात सामने आई है कि पीड़िता का मौसेरा भाई ही इस पूरे घटनाक्रम में साजिशकर्ता है। फिलहाल मौसेरे भाई के खिलाफ सच मिलने के बाद चौक पुलिस ने मुकदमे में उसका नाम बढ़ा दिया है। डॉक्टरों की सर्जरी शुक्रवार को संपन्न हो गई है। पुलिस को डॉक्टर की मंजूरी मिलने का इंतजार है। जिसके बाद मौसेरे भाई को भी पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज देगी।
Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के दौरान उपद्रव करने वालों पर उत्तराखंड सरकार सख्त, सीएम धामी ने उठाया बड़ा कदम
Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के दौरान उपद्रव करने वालों पर उत्तराखंड सरकार सख्त, सीएम धामी ने उठाया बड़ा कदम <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> कांवड़ यात्रा के दौरान सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि नुकसान की भरपाई उन लोगों से की जाएगी. इसके लिए संबंधित थानों से नोटिस जारी किए गए हैं. उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांवड़ यात्रा के दौरान कई स्थानों पर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था, जिसमें सड़कें, पुल, और सरकारी भवन शामिल हैं. सरकार ने कहा है कि नुकसान की भरपाई के लिए जिम्मेदार लोगों से वसूली की जाएगी. इसके लिए संबंधित थानों से नोटिस जारी किए गए हैं, जिसमें संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को 15 दिनों के भीतर नुकसान की भरपाई करने को कहा गया है. यदि वे नुकसान की भरपाई नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं</strong><br />सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा. सरकार ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की पहचान करें और वसूली की कार्रवाई शुरू करें. कांवड़ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, और सरकार ने कहा है कि वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए हर संभव प्रयास करेगी. सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निश्चित तौर पर उत्तराखंड सरकार के इस कदम का असर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर पड़ेगा. अब लोग सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान करने से पहले सोचेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान 12 मुकदमे दर्ज किए गए जिनमें 11 हरिद्वार और एक टिहरी में दर्ज किया गया है. कांवड़ यात्रा के दौरान 184 दोपहिया सीज किए गए, जिनमे 134 हरिद्वार में 30 देहरादून में और 20 टिहरी में किए गए, पांच चार पहिया वाहन सीज किए गए जिसमे 3 हरिद्वार और 2 देहरादून में किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संपत्तियों के नुकसान का किया जा रहा आंकलन</strong><br />आईजी गढ़वाल रेंज ने बताया कि कांवड़ मेले से पहले अन्य राज्यों के पुलिस अफसरों संग हुई कोऑर्डिनेशन मीटिंग में इस बाबत चर्चा हुई थी. उन्होंने बताया कि संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकांश बाहरी हैं, ऐसे में उनके नोटिस तामीली कराने की जिम्मेदारी भी बाहरी राज्यों की पुलिस की होगी. नोटिस तामीली पर इस मीटिंग में शामिल अफसरों से समीक्षा की जाएगी, संपत्तियों के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. संबंधित थाने से नोटिस जारी किए जाएंगे.</p>
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