पंजाब के सरकारी अस्पतालों में लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं फ्री उपलब्ध कराने के लिए पंजाब सरकार ने एक स्ट्रेटजी बनाई है। इसके तहत आने वाले दिनों में सरकार एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में निजी सेवा प्रदाताओं (सर्विस प्रोवाइडर) की सेवाएं ली जाएंगी। यानी सरकारी अस्पतालों में काम करने वाला पूरा स्टाफ सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) का होगा। इस दौरान वे जो भी सेवाएं लोगों को देंगे, जैसे कि ओपीडी, इंजेक्शन लगाना, ऑपरेशन करना और अन्य चिकित्सा सेवाएं, उसके लिए सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 11,500 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है।पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और यह अगले दो से तीन महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा बडे़ सरकारी अस्पताल में प्रोजेक्ट में होंगे शामिल विभाग की योजना के अनुसार यदि किसी जिले में चार अस्पताल हैं और प्रत्येक अस्पताल में 100 या अधिक बेड हैं, तो उन्हें इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा, राज्य में दो नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं, और एक और प्राइवेट अस्पताल प्रस्तावित है।
वहीं, तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य भी शुरू हाे जाएगा। मरीजों को सरकारी दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। मोबाइल आम आदमी क्लीनिक की तैयारी सरकार प्राइमरी केयर सेहत सेवाओं के लिए “मोबाइल आम आदमी क्लीनिक” शुरू करने की तैयारी में है। सेकेंडरी स्वास्थ्य सेवाओं के तहत मुफ्त दवाओं की सूची को अंतिम रूप दिया गया है, जिसे अस्पतालों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, घुटने बदलने, हृदय और मस्तिष्क की सर्जरी के लिए पूरे पंजाब में चार से पांच सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही, प्रत्येक पांच से दस किलोमीटर की दूरी पर जच्चा-बच्चा केंद्र बनाए जाएंगे। जिला और सब-डिवीजन स्तर पर आपातकालीन सेवाओं को भी बेहतर किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां मरीजों को निजी अस्पतालों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यहां मरीजों की पर्ची बनाने से लेकर डॉक्टर तक पहुंचाने तक की पूरी सहायता दी जाएगी। पंजाब के सरकारी अस्पतालों में लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं फ्री उपलब्ध कराने के लिए पंजाब सरकार ने एक स्ट्रेटजी बनाई है। इसके तहत आने वाले दिनों में सरकार एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में निजी सेवा प्रदाताओं (सर्विस प्रोवाइडर) की सेवाएं ली जाएंगी। यानी सरकारी अस्पतालों में काम करने वाला पूरा स्टाफ सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) का होगा। इस दौरान वे जो भी सेवाएं लोगों को देंगे, जैसे कि ओपीडी, इंजेक्शन लगाना, ऑपरेशन करना और अन्य चिकित्सा सेवाएं, उसके लिए सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 11,500 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है।पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और यह अगले दो से तीन महीनों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा बडे़ सरकारी अस्पताल में प्रोजेक्ट में होंगे शामिल विभाग की योजना के अनुसार यदि किसी जिले में चार अस्पताल हैं और प्रत्येक अस्पताल में 100 या अधिक बेड हैं, तो उन्हें इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा, राज्य में दो नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं, और एक और प्राइवेट अस्पताल प्रस्तावित है।
वहीं, तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य भी शुरू हाे जाएगा। मरीजों को सरकारी दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। मोबाइल आम आदमी क्लीनिक की तैयारी सरकार प्राइमरी केयर सेहत सेवाओं के लिए “मोबाइल आम आदमी क्लीनिक” शुरू करने की तैयारी में है। सेकेंडरी स्वास्थ्य सेवाओं के तहत मुफ्त दवाओं की सूची को अंतिम रूप दिया गया है, जिसे अस्पतालों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, घुटने बदलने, हृदय और मस्तिष्क की सर्जरी के लिए पूरे पंजाब में चार से पांच सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही, प्रत्येक पांच से दस किलोमीटर की दूरी पर जच्चा-बच्चा केंद्र बनाए जाएंगे। जिला और सब-डिवीजन स्तर पर आपातकालीन सेवाओं को भी बेहतर किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां मरीजों को निजी अस्पतालों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यहां मरीजों की पर्ची बनाने से लेकर डॉक्टर तक पहुंचाने तक की पूरी सहायता दी जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
