अब हरियाणा के कुरुक्षेत्र का पिपली बदलने जा रहा है। सरस्वती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट से जीटी रोड बेल्ट पर बसा पिपली धार्मिक और टूरिज्म हब के रूप में चमकेगा। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की देखरेख में बन रहा रिवर फ्रंट तेजी से आकार ले रहा है। पहले फेज में 1 किलोमीटर तक नदी और उसके किनारों के सुंदरीकरण का काम चल रहा है, जो मई के अंत तक पूरा हो जाएगा। नौकायन, झील और मंदिर बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने बताया कि नदी में नौका चलाने की सुविधा भी शुरू की जाएगी। बच्चों के लिए एक अलग झील भी बनाई जा रही है, ताकि वे भी सुरक्षित माहौल में पानी का आनंद ले सकें। इसके साथ ही मां सरस्वती का भव्य मंदिर, आधुनिक संग्रहालय और कैफेटेरिया भी तैयार किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 3 करोड़ रुपए का बजट खर्च हो रहा है। इतिहास भी दिखेगा इस प्रोजेक्ट की एक खास बात यह है कि इसमें इतिहास को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा। संग्रहालय में सरस्वती नदी के हजारों साल पुराने इतिहास को पेश किया जाएगा। खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक साक्ष्य, दुर्लभ चित्र और जानकारियां रखी जाएंगी। इससे नई पीढ़ी को हमारी विरासत से जोड़ने का काम होगा। अब जू जाना भी होगा आसान पिपली के मशहूर चिड़ियाघर (जू) तक अभी पहुंचना थोड़ा मुश्किल है। अभी पर्यटकों को रॉन्ग साइड या लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा हैं। अब बोर्ड की योजना के तहत एक नया रास्ता पुल के नीचे से निकाला जा रहा है, जो सीधे सरस्वती रिवर फ्रंट को जू से जोड़ेगा। यानी अब जो भी जू घूमने आएंगे, वो सरस्वती नदी के दर्शन भी कर सकेंगे। अब हरियाणा के कुरुक्षेत्र का पिपली बदलने जा रहा है। सरस्वती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट से जीटी रोड बेल्ट पर बसा पिपली धार्मिक और टूरिज्म हब के रूप में चमकेगा। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की देखरेख में बन रहा रिवर फ्रंट तेजी से आकार ले रहा है। पहले फेज में 1 किलोमीटर तक नदी और उसके किनारों के सुंदरीकरण का काम चल रहा है, जो मई के अंत तक पूरा हो जाएगा। नौकायन, झील और मंदिर बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने बताया कि नदी में नौका चलाने की सुविधा भी शुरू की जाएगी। बच्चों के लिए एक अलग झील भी बनाई जा रही है, ताकि वे भी सुरक्षित माहौल में पानी का आनंद ले सकें। इसके साथ ही मां सरस्वती का भव्य मंदिर, आधुनिक संग्रहालय और कैफेटेरिया भी तैयार किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 3 करोड़ रुपए का बजट खर्च हो रहा है। इतिहास भी दिखेगा इस प्रोजेक्ट की एक खास बात यह है कि इसमें इतिहास को जीवंत रूप में दिखाया जाएगा। संग्रहालय में सरस्वती नदी के हजारों साल पुराने इतिहास को पेश किया जाएगा। खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक साक्ष्य, दुर्लभ चित्र और जानकारियां रखी जाएंगी। इससे नई पीढ़ी को हमारी विरासत से जोड़ने का काम होगा। अब जू जाना भी होगा आसान पिपली के मशहूर चिड़ियाघर (जू) तक अभी पहुंचना थोड़ा मुश्किल है। अभी पर्यटकों को रॉन्ग साइड या लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा हैं। अब बोर्ड की योजना के तहत एक नया रास्ता पुल के नीचे से निकाला जा रहा है, जो सीधे सरस्वती रिवर फ्रंट को जू से जोड़ेगा। यानी अब जो भी जू घूमने आएंगे, वो सरस्वती नदी के दर्शन भी कर सकेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
