सहारनपुर में दो दिन पूर्व आई आंधी-तूफान के बाद हल्की बूंदाबांदी हुई। जिससे मौसम में थोड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। सुबह से लेकर शाम तक हवा चल रही है। जिससे लोगों को थोड़ी राहत दिलाई है। लेकिन उमस से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। अधिकतम तापमान 42°C दर्ज किया गया है। वहीं अगले 48 घंटे में गर्मी से कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। शिवालिक पहाड़ों की तलहटी में बसे सहारनपुर में उमस और भीषण गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। पिछले दो दिनों से तापमान में गिरावट जरूर दर्ज की गई है। पारा भी 42°C से नीचे दर्ज किया गया है। लेकिन उमस के कारण पसीने से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों यानी सात दिनों तक गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। शुक्रवार यानी आज सुबह को 5 बजकर 21 मिनट पर सूरज निकला है। सुबह से ही धूप निकली है। 6 किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, गर्मी से अभी निजात मिलने की उम्मीद कम है। फिलहाल दो दिनों से टैम्प्रेचर गिरा है। लेकिन अगले सात दिनों में टैम्प्रेचर बढ़ेगा। जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी यूपी में दिन और रात को राहत नहीं मिलने वाली है। तापमान में उतार चढ़ाव दिखाई देगा। लेकिन अगले सात दिनों में टैम्प्रेचर 42 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने वाला नहीं है। हीट वेव से लोगों को काफी परेशानी होगी। सहारनपुर में दो दिन पूर्व आई आंधी-तूफान के बाद हल्की बूंदाबांदी हुई। जिससे मौसम में थोड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। सुबह से लेकर शाम तक हवा चल रही है। जिससे लोगों को थोड़ी राहत दिलाई है। लेकिन उमस से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। अधिकतम तापमान 42°C दर्ज किया गया है। वहीं अगले 48 घंटे में गर्मी से कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। शिवालिक पहाड़ों की तलहटी में बसे सहारनपुर में उमस और भीषण गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। पिछले दो दिनों से तापमान में गिरावट जरूर दर्ज की गई है। पारा भी 42°C से नीचे दर्ज किया गया है। लेकिन उमस के कारण पसीने से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार, अगले सात दिनों यानी सात दिनों तक गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। शुक्रवार यानी आज सुबह को 5 बजकर 21 मिनट पर सूरज निकला है। सुबह से ही धूप निकली है। 6 किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, गर्मी से अभी निजात मिलने की उम्मीद कम है। फिलहाल दो दिनों से टैम्प्रेचर गिरा है। लेकिन अगले सात दिनों में टैम्प्रेचर बढ़ेगा। जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी यूपी में दिन और रात को राहत नहीं मिलने वाली है। तापमान में उतार चढ़ाव दिखाई देगा। लेकिन अगले सात दिनों में टैम्प्रेचर 42 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने वाला नहीं है। हीट वेव से लोगों को काफी परेशानी होगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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पहले चुनाव से अब तक तीन बार AAP ने दिल्ली में बनाई सरकार, जानिए कैसा रहा कार्यकाल? <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली में आज (शनिवार) नई सरकार का गठन हो गया है. सरकार की अगुवाई शिक्षा मंत्री रहीं आतिशी करेंगी. राज निवास में आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पांच अन्य विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी. आतिशी की कैबिनेट में एक नये चेहरे को मौका मिला है. चार मंत्री केजरीवाल कैबिनेट के रिपीट हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट सुल्तानपुरी से जीते मुकेश अहलावत को मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी. मुकेश अहलावत ने आतिशी कैबिनेट में राजकुमार आनंद की जगह ली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन का मंत्री पद बरकरार रखा गाय है. आप की सरकार में अरविंद केजरीवाल पहली बार हिस्सा नहीं होंगे. पार्टी में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सरकार से बाहर रहेंगे. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने लगातार तीन बार सरकार बनाई है. पहली बार सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने बाहर से आप को समर्थन दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अरविंद केजरीवाल ने 28 दिसंबर 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. महज 49 दिन तक सरकार चलाने के बाद उन्होंने फरवरी 2014 में इस्तीफा दे दिया. 2015 के अगले विधानसभा चुनाव में आप ने प्रचंड बहुमत से जीतकर अकेले दम पर सरकार बनाई. ऐसे में कब कैसा रहा दिल्ली सरकार का मंत्रिमंडल और कौन-कौन रहे मंत्री?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसा रहा आप सरकार का सफर?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अन्ना आंदोलन से निकले अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की स्थापना की. अरविंद केजरीवाल को पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक और अध्यक्ष बनाया गया. आप 2013 के विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरी. 28 सीटों पर जीत दर्ज कर आप दूसरे नम्बर की पार्टी बन गयी. बीजेपी आप से महज तीन सीट अधिक जीतकर 31 पर सिमट गयी. कांग्रेस को आठ, शिरोमणि अकाली दल, बसपा और जदयू को एक-एक सीट से संतोष करना पड़ा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस तरह से बीजेपी और आप दोनों बहुमत से दूर रहे. बहुमत न होने पर बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. ऐसे में कांग्रेस ने आप को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की. आप ने पहली बार दिल्ली में सरकार बनाई. अरविंद केजरीवाल चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बने. छह अन्य विधायकों मनीष सिसोदिया, गिरीश सोनी, राखी बिड़लान, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पास गृह, वित्त, ऊर्जा, सतर्कता, योजना और सेवा विभाग रखे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्रकार से नेता बने मनीष सिसोदिया को शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन विभागों का प्रभार दिया गया. आईआईटी से स्नातक सोमनाथ भारती को प्रशासनिक सुधार, कानून, पर्यटन और संस्कृति का प्रभार मिला. केजरीवाल की कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री राखी बिड़लान ने समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास तथा भाषा विभाग संभाला. गिरीश सोनी को श्रम, विकास कौशल विकास और एससी-एसटी विभागों का प्रभार दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य, उद्योग और गुरुद्वारा चुनाव विभाग दिए गए. कंप्यूटर साइंस में बीटेक सौरभ भारद्वाज को खाद्य एवं आपूर्ति, परिवहन, पर्यावरण, चुनाव और सामान्य प्रशासन विभाग का मंत्री बनाया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आप सरकार महज 49 दिन तक चली. फरवरी 2014 में केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सरकार गिरा दी. अगले साल 2015 में विधानसभा चुनाव हुए. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत से वापसी की. आप को दिल्ली की 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत मिली. बाकी तीन सीटें बीजेपी के खाते में गईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आप संयोजक केजरीवाल ने 14 फरवरी 2015 को दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. केजरीवाल के साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. पिछली सरकार के दौरान विवादों में घिरे दो मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़लान को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया. केजरीवाल की टीम में दूसरे सबसे बड़े चेहरे मनीष सिसोदिया को पहली बार उपमुख्यमंत्री का पद मिला. आप की सरकार में केजरीवाल ने कोई विभाग अपने पास नहीं रखा. सिसोदिया को वित्त एवं योजना, राजस्व, सेवाएं, बिजली, शिक्षा, उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, तकनीकी शिक्षा, प्रशासनिक सुधार जैसे भारी भरकम प्रभार दिए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शहरी विकास, भूमि एवं भवन, सतर्कता विभाग का प्रभार भी उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को दिया गया. गोपाल राय को रोजगार, विकास, श्रम, परिवहन और सामान्य प्रशासन विभाग आवंटित किए गए. पिछली आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को बिजली, स्वास्थ्य, उद्योग, गुरुद्वारा प्रबंधन, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, लोक निर्माण विभाग का जिम्मा मिला. महिला एवं बाल कल्याण, समाज कल्याण, भाषा तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग संदीप कुमार को दिए गये. जितेन्द्र सिंह तोमर ने गृह, विधि एवं न्याय, पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभागों की जिम्मेदारी संभाली. असीम अहमद खान को खाद्य एवं आपूर्ति, पर्यावरण एवं वन तथा चुनाव विभाग आवंटित किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आम आदमी पार्टी की दूसरी सरकार पूरे पांच साल चली. फरवरी 2020 में विधानसभा चुनाव कराये गये. चुनाव में एक बार फिर आप ने प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की. इस बार आप को दिल्ली की 70 में से 62 सीटों पर जीत मिली. बाकी आठ सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया. कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. 16 फरवरी 2020 को अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली की सत्ता संभाली. केजरीवाल के साथ छह मंत्रियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, राजेंद्र गौतम ने भी शपथ ली. मनीष सिसोदिया दुबारा दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कैबिनेट में किसी महिला को जगह नहीं मिली. अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर अपने पास कोई विभाग नहीं रखा. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पर्यटन, शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि एवं भवन, सतर्कता, सेवा विभाग मिले. सत्येंद्र जैन के हिस्से में स्वास्थ्य, उद्योग, लोक निर्माण विभाग, विद्युत, गृह, शहरी विकास विभाग आए. गोपाल राय ने पर्यावरण, रोजगार, विकास, श्रम, सामान्य प्रशासन विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग संभाला. तीन नए मंत्रियों राजेंद्र पाल को महिला एवं बाल कल्याण, गुरुद्वारा चुनाव, जल, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, समाज कल्याण, सहकारिता विभाग मिले.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2022 में सत्येंद्र जैन हुए गिरफ्तार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इमरान हुसैन को खाद्य एवं आपूर्ति, चुनाव का विभाग का प्रभार दिया गया. कैलाश गहलोत को प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कानून, न्याय एवं विधायी मामले, परिवहन, राजस्व, वन एवं वन्यजीव विभाग मिले. केजरीवाल सरकार का तीसरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा. कई मंत्रियों के जेल जाने की चुनैतियों का भी सामना करना पड़ा. मई 2022 में ईडी ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन को मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगली बारी तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की थी. मार्च 2023 में ईडी ने शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. फरवरी 2023 के अंत में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. मार्च 2023 में आप सरकार ने कैबिनेट विस्तार कर दो विधायकों सौरभ भारद्वाज और आतिशी को जगह दी. सौरभ को स्वास्थ्य और आतिशी को शिक्षा के साथ कई अहम विभागों का प्रभार मिला. कुछ विभागों में फेरबदल भी किए गए. आप सरकार की चुनौतियां खत्म नहीं हुईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आतिशी के जिम्मे सत्ता की बागडोर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोकसभा 2024 के चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी कथित शराब घोटाला मामले में जेल जाना पड़ा. प्रचार के लिए केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आये. जमानत की अवधि पूरी होने के बाद अरविंद केजरीवाल को फिर जेल जाना पड़ा. जेल जाने के बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया. इस बार सशर्त जमानत पर केजरीवाल जेल से बाहर आये. बाहर आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अब <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गयी हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘BJP की साजिशों को नाकाम करना AAP सरकार की…’, गोपाल राय का बड़ा बयान ” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/gopal-rai-big-statement-aap-government-challenge-to-foil-bjp-conspiracies-arvind-kejriwal-ann-2788209″ target=”_self”>’BJP की साजिशों को नाकाम करना AAP सरकार की…’, गोपाल राय का बड़ा बयान</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
सोनीपत में महिला का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाया:झूठी वसीयत से जमीन हड़पने का प्रयास, दो भाइयों के खिलाफ केस दर्ज
सोनीपत में महिला का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाया:झूठी वसीयत से जमीन हड़पने का प्रयास, दो भाइयों के खिलाफ केस दर्ज सोनीपत में जमीन हड़पने के लिए एक महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है। इसके आधार पर फर्जी वसीयत तैयार की गई। महिला ने अपने पहले पति की मौत के बाद दूसरी शादी की थी। महिला के नाम आई जमीन को लेकर विवाद है। महिला के बेटे ने इसकी शिकायत पुलिस को की। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। मोहाना थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, झज्जर के बहादुरगढ़ तहसील के गांव कानौदा निवासी कुलवंत ने बताया कि उनकी मां फूलदेवी उर्फ फूलपती की पहली शादी सोनीपत के गांव भटाना जाफराबाद सुखबीर से हुई थी। सुखबीर की मृत्यु के बाद उनकी मां का करेवा विवाह उनके पिता अंग्रेज से हो गया था। सुखबीर और अंग्रेज की जमीन तीनों भाइयों के नाम पर आ गई थी। फूलदेवी की मृत्यु 30 जुलाई 2004 को गांव कानौदा में हुई थी। हालांकि, अब सोनीपत कोर्ट में एक दीवानी मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें फूलदेवी के नाम से एक फर्जी वसीयत 10 सितंबर 2004 की तारीख की लगाई गई है। साथ ही एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगाया गया है, जिसमें मृत्यु की तारीख 15 सितंबर 2004 दिखाई गई है। शिकायतकर्ता के पास मौजूद असली मृत्यु प्रमाण पत्र के अनुसार उनकी मां की मृत्यु 30 जुलाई 2004 को हुई थी। जांच के बाद पुलिस ने दो भाइयों महेंद्र और सतीश के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों पर धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मोहाना थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है।
जालंधर में महिला डाक कर्मचारी के अपहरण का मामला:पीड़ित परिवार से मिले पूर्व सांसद, रिंकू बोले-लड़की उठते ही बोली-मुझे इंजेक्शन न लगाए
जालंधर में महिला डाक कर्मचारी के अपहरण का मामला:पीड़ित परिवार से मिले पूर्व सांसद, रिंकू बोले-लड़की उठते ही बोली-मुझे इंजेक्शन न लगाए पंजाब के जालंधर से अपहरण की गई 20 वर्षीय डाक विभाग की महिला कर्मचारी के अपहरण किए जाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। क्योंकि लड़की की हालत इस कदर खराब है कि वारदात को करीब 4 दिन बीत चुके हैं, मगर वह अभी तक पुलिस को बयान देने लायक नहीं हुई। लड़की के अंदरूनी हिस्सों में काफी चोटें हैं। जिसके चलते पुलिस ने लड़की का मेडिकल करवाया है, क्योंकि लड़की से गैंगरेप की आशंका है। इसका खुलासा मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा। बता दें कि देर रात सिविल अस्पताल में शहर के कई AAP, कांग्रेस और बीजेपी के नेता पहुंच गए थे। आज यानी सोमवार को जालंधर के पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सिविल अस्पताल में लड़की का पता लेने के लिए पहुंचे। रिंकू बोले- लड़की की हालत गंभीर, परिवार के साथ हमारी संवेदना सुशील रिंकू ने कहा- जिन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है, उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाना चाहिए। क्योंकि बच्ची इतना सदमे में हैं कि जब उठती है, तब सिर्फ यही कहती है कि मुझे इंजेक्शन न लगाओ। यही कहती कहते कहते सो जाती है। इस स्थिति से पता चला है कि लड़की के हालत कितनी बुरी हुई पड़ी है। ऐसे में पुलिस और सरकार को आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए, क्योंकि पंजाब को किसी भी हालत में दूसरा कोलकाता नहीं बनने दिया जाएगा। क्योंकि पंजाब और जालंधर के लोग सुख शांति चाहते हैं, ना की किसी प्रकार का कोई क्राइम। मेडिकल रिपोर्ट आनी बाकी, अपहरण का केस दर्ज जालंधर कमिश्नरेट के थाना डिवीजन नंबर-5 की पुलिस ने बीएनएस 127(6) के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस केस में पुलिस ने रामामंडी फौजी वाली गली में रहने वाली बलविंदर सिंह उर्फ बॉबी उर्फ बलविंदर डाकिया (29) को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में नहीं पेश किया है। एसएचओ भूषण कुमार ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस द्वारा अगली कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि बच्ची फिलहाल बयान दर्ज करवाने की स्थिति में नहीं है। बता दें कि रविवार रात लड़की के परिवार से मिलने के लिए सिविल अस्पताल के गायनी वॉर्ड में जालंधर वेस्ट के एमएलए मोहिंदर भगत सहित कई पार्टियों ने नेता पहुंचे थे। न्यू दशमेश नगर के रहने वाली पीड़िता की मां के बयानों पर ये केस दर्ज किया गया था। मगर केस में रेप की धारा नहीं जोड़ी गई है। ये था सारा मामला, पढ़ें पीड़िता की मां द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों में कहा गया है कि मेरी 20 साल की बेटी बीते मंगलवार को रोजाना की तरह काम पर गई थी। मगर वहां से लौटी नहीं। अगले दिन यानी दिन बुधवार को उन्हें पुलिस का फोन आया कि उनकी बेटी बेसुध हालत दिल्ली के पास से मिली है। परिवार ने तुरंत अपने दिल्ली में रह रहे रिश्तेदारों को उक्त जगह पर जाने के लिए कहा। जिसके बाद बच्ची को उक्त परिवार के दिल्ली रह रहे रिश्तेदारों ने रिसीव किया और दिल्ली लाकर मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में तुरंत जालंधर पुलिस को जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। परिवार किसी तरह बच्ची को अपने घर वापस लेकर आया और मामले की शिकायत कमिश्नरेट पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद उक्त आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया।