सहारनपुर में वक्फ कानून को लेकर जारी बयानबाजी से माहौल गर्म हो गया है। मुस्लिम समुदाय इसे अपने धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहा है, वहीं भाजपा नेता इसे “सरकारी संपत्तियों को मुक्त कराने की कार्रवाई” बता रहे हैं। वक्फ बोर्ड कानून को लेकर मुस्लिम नेता, धर्मगुरु और भाजपा नेताओं की बयानबाजी चल रही है। सांसद इमरान मसूद भाजपा सरकार पर ठीकरा फोड़ रहे। उन्होंने कहा-मुसलमानों को टारगेट वक्फ बोर्ड को बर्बाद किया जा रहा है। वहीं मुस्लिम धर्मगुरु कारी इसहाक गौरा ने वक्फ की संपत्ति को अल्लाह की संपत्ति बता दिया। वहीं भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह ने अल्लाह की संपत्ति के कागज भी मांग लिए। पढ़िए…कांग्रेस से सांसद इमरान मसूद का बयान
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मामलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें धार्मिक स्वतंत्रता दी है, लेकिन अब उस पर सीधा हमला किया जा रहा है। धारा 14, 15 और 29 के तहत हमें अपने धार्मिक कृत्यों और संस्थाओं के प्रबंधन की पूरी आजादी है, लेकिन सरकार वक्फ संपत्तियों को निशाना बना रही है। “वक्फ हमारे लिए एक फर्ज, सरकार कब्जाधारकों के साथ खड़ी”
इमरान मसूद ने कहा-वक्फ बोर्ड कोई साधारण संस्था नहीं, बल्कि हमारे लिए एक धार्मिक कर्तव्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने या कब्जाधारकों को संरक्षण देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “आप वक्फ बोर्ड को बर्बाद कर रहे हैं, सारी संपत्तियों पर कब्जा करना चाहते हैं। कब्जाधारकों के साथ खड़े हैं, जो गलत है।” जेपीसी में नहीं हुई प्रक्रियाओं का पालन
इमरान मसूद ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि क्लॉस-बाय-क्लॉस चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन 44 क्लॉस को महज डेढ़ घंटे में निपटा दिया गया। उन्होंने सरकार पर जल्दबाजी में फैसले लेने और नफरत का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। “देश में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है”
मसूद ने कहा कि देश में मुसलमानों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हिंदुओं को दिखाया जा रहा है कि मुसलमानों का इलाज कर दिया गया है। यही एजेंडा चल रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नफरत की राजनीति कर रही है, जिससे समाज में विभाजन पैदा हो रहा है। मणिपुर हिंसा के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार
मणिपुर में जारी हिंसा पर भी इमरान मसूद ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डेढ़ साल तक हालात को नजरअंदाज किया, जिससे राज्य में अराजकता फैली। उन्होंने आरोप लगाया कि अब राष्ट्रपति शासन लगाने की बात हो रही है, लेकिन पहले ही मणिपुर को बर्बाद कर दिया गया है। “मस्जिद अवैध नहीं होती”
सहारनपुर में कलेक्ट्रेट परिसर की मस्जिद को लेकर उन्होंने कहा कि मस्जिद कभी अवैध नहीं होती। यदि किसी मस्जिद की एक इंच जमीन भी अवैध साबित होती है, तो वह मस्जिद नहीं रह जाती। उन्होंने कहा, “जो मस्जिद पर्लियामेंट स्ट्रीट पर बनी है, उसे भी अगर अवैध कहने लगे तो क्या सही होगा? 1911 में जब अधिग्रहण हुआ, तब भी वहां मस्जिद थी।” “मुसलमान यहीं रहेंगे, देश को मोहब्बत से चलाना होगा”
इमरान मसूद ने कहा कि देश में 25 करोड़ मुसलमान रहते हैं और उन्हें कोई देश निकाला नहीं दे सकता। उन्होंने कहा, “हम यहीं रहेंगे, मोहब्बत और शांति के साथ रहेंगे। लड़ाई-झगड़े से देश आगे नहीं बढ़ता, तरक्की केवल एकजुटता से संभव है।” उन्होंने नफरत की राजनीति को देश के लिए खतरनाक बताया और सरकार से संविधान की मूल भावना बनाए रखने की अपील की। पढ़िए..मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गौरा की टिप्पणी “वक्फ संपत्ति अल्लाह की अमानत, छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं” जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध देवबंदी आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने संसद में वक्फ संपत्ति से जुड़े बिल को लेकर मचे हंगामे के बीचखुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस बिल का कड़ा विरोध जताते हुए इसे पूरी तरह मुसलमानों के खिलाफ बताया है। मौलाना इसहाक गोरा ने कहा, “वक्फ संपत्ति अल्लाह की अमानत है और इसका गलत इस्तेमाल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्फ संपत्ति का हड़पना सीधा अल्लाह से जंग का ऐलान करने जैसा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग वक्फ संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। “सरकार वक्फ संपत्ति में छेड़छाड़ न करे”
मौलाना गोरा ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जाए। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल मदरसों, स्कूलों, अस्पतालों और यतीमखानों के लिए होना चाहिए, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए। उन्होंने कहा-अगर वक्फ संपत्ति को लेकर सदन में यह बिल पास होता है, तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे। मौलाना गोरा ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो वक्फ संपत्ति के समर्थन में सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, वे असल में धर्मगुरु नहीं, बल्कि वक्फ संपत्ति को हड़पने वाले लोग हैं।” मुस्लिम समुदाय के लोग इसे अपने धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर हमला मान रहे हैं। कई मुस्लिम संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वक्फ संपत्ति पर कोई हस्तक्षेप किया गया, तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। पढ़िए…भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह का पलटवार “अल्लाह की संपत्ति है तो उसके कागजात दिखाए” भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर वक्फ संपत्ति अल्लाह की है तो उसके कागजात दिखाए जाएं।” उन्होंने कहा कि “देश की संपत्ति किसी भी धर्म विशेष की नहीं हो सकती। वक्फ संपत्तियों को माफियाओं ने कब्जा कर रखा था, अब सरकार इन्हें मुक्त कर रही है।” उन्होंने इमरान मसूद पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर उनके पास संपत्ति के कागज हैं तो दिखाएं। सरकार इस मुद्दे पर जल्दबाजी में फैसला नहीं कर रही, बल्कि यह एक सोची-समझी नीति के तहत हो रहा है।” उन्होंने कहा-ऐसी कई मस्जिद, मदरसे हैं, जो माफियाओं ने कब्जा करके बेच दी है। माफिया इस संपत्ति को कैसे बेच रहे हैं। उसके कागज भी नहीं है, उनके पास है। भारत इस बात को स्वीकार नहीं है। मुस्लिम धर्मगुरु पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के मानने वाले लोग कहने लगेंगे कि ये संपत्ति हमारे अल्लाह की है। क्या अल्लाह पर संपत्ति के कागज है। संपत्ति के कागज तो सरकार के पास है। सरकार इसे वापस भी ले सकती है। सरकार इसका सद्पयोग करेगी। ये निर्णय जल्दी में नहीं लिया गया है। इसके लिए समिति बनाई गई। समिति में विचार किया गया। सहारनपुर में वक्फ कानून को लेकर जारी बयानबाजी से माहौल गर्म हो गया है। मुस्लिम समुदाय इसे अपने धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहा है, वहीं भाजपा नेता इसे “सरकारी संपत्तियों को मुक्त कराने की कार्रवाई” बता रहे हैं। वक्फ बोर्ड कानून को लेकर मुस्लिम नेता, धर्मगुरु और भाजपा नेताओं की बयानबाजी चल रही है। सांसद इमरान मसूद भाजपा सरकार पर ठीकरा फोड़ रहे। उन्होंने कहा-मुसलमानों को टारगेट वक्फ बोर्ड को बर्बाद किया जा रहा है। वहीं मुस्लिम धर्मगुरु कारी इसहाक गौरा ने वक्फ की संपत्ति को अल्लाह की संपत्ति बता दिया। वहीं भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह ने अल्लाह की संपत्ति के कागज भी मांग लिए। पढ़िए…कांग्रेस से सांसद इमरान मसूद का बयान
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मामलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें धार्मिक स्वतंत्रता दी है, लेकिन अब उस पर सीधा हमला किया जा रहा है। धारा 14, 15 और 29 के तहत हमें अपने धार्मिक कृत्यों और संस्थाओं के प्रबंधन की पूरी आजादी है, लेकिन सरकार वक्फ संपत्तियों को निशाना बना रही है। “वक्फ हमारे लिए एक फर्ज, सरकार कब्जाधारकों के साथ खड़ी”
इमरान मसूद ने कहा-वक्फ बोर्ड कोई साधारण संस्था नहीं, बल्कि हमारे लिए एक धार्मिक कर्तव्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने या कब्जाधारकों को संरक्षण देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “आप वक्फ बोर्ड को बर्बाद कर रहे हैं, सारी संपत्तियों पर कब्जा करना चाहते हैं। कब्जाधारकों के साथ खड़े हैं, जो गलत है।” जेपीसी में नहीं हुई प्रक्रियाओं का पालन
इमरान मसूद ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि क्लॉस-बाय-क्लॉस चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन 44 क्लॉस को महज डेढ़ घंटे में निपटा दिया गया। उन्होंने सरकार पर जल्दबाजी में फैसले लेने और नफरत का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। “देश में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है”
मसूद ने कहा कि देश में मुसलमानों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हिंदुओं को दिखाया जा रहा है कि मुसलमानों का इलाज कर दिया गया है। यही एजेंडा चल रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नफरत की राजनीति कर रही है, जिससे समाज में विभाजन पैदा हो रहा है। मणिपुर हिंसा के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार
मणिपुर में जारी हिंसा पर भी इमरान मसूद ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डेढ़ साल तक हालात को नजरअंदाज किया, जिससे राज्य में अराजकता फैली। उन्होंने आरोप लगाया कि अब राष्ट्रपति शासन लगाने की बात हो रही है, लेकिन पहले ही मणिपुर को बर्बाद कर दिया गया है। “मस्जिद अवैध नहीं होती”
सहारनपुर में कलेक्ट्रेट परिसर की मस्जिद को लेकर उन्होंने कहा कि मस्जिद कभी अवैध नहीं होती। यदि किसी मस्जिद की एक इंच जमीन भी अवैध साबित होती है, तो वह मस्जिद नहीं रह जाती। उन्होंने कहा, “जो मस्जिद पर्लियामेंट स्ट्रीट पर बनी है, उसे भी अगर अवैध कहने लगे तो क्या सही होगा? 1911 में जब अधिग्रहण हुआ, तब भी वहां मस्जिद थी।” “मुसलमान यहीं रहेंगे, देश को मोहब्बत से चलाना होगा”
इमरान मसूद ने कहा कि देश में 25 करोड़ मुसलमान रहते हैं और उन्हें कोई देश निकाला नहीं दे सकता। उन्होंने कहा, “हम यहीं रहेंगे, मोहब्बत और शांति के साथ रहेंगे। लड़ाई-झगड़े से देश आगे नहीं बढ़ता, तरक्की केवल एकजुटता से संभव है।” उन्होंने नफरत की राजनीति को देश के लिए खतरनाक बताया और सरकार से संविधान की मूल भावना बनाए रखने की अपील की। पढ़िए..मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गौरा की टिप्पणी “वक्फ संपत्ति अल्लाह की अमानत, छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं” जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध देवबंदी आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने संसद में वक्फ संपत्ति से जुड़े बिल को लेकर मचे हंगामे के बीचखुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस बिल का कड़ा विरोध जताते हुए इसे पूरी तरह मुसलमानों के खिलाफ बताया है। मौलाना इसहाक गोरा ने कहा, “वक्फ संपत्ति अल्लाह की अमानत है और इसका गलत इस्तेमाल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्फ संपत्ति का हड़पना सीधा अल्लाह से जंग का ऐलान करने जैसा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग वक्फ संपत्ति पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। “सरकार वक्फ संपत्ति में छेड़छाड़ न करे”
मौलाना गोरा ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जाए। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल मदरसों, स्कूलों, अस्पतालों और यतीमखानों के लिए होना चाहिए, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए। उन्होंने कहा-अगर वक्फ संपत्ति को लेकर सदन में यह बिल पास होता है, तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे। मौलाना गोरा ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो वक्फ संपत्ति के समर्थन में सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, वे असल में धर्मगुरु नहीं, बल्कि वक्फ संपत्ति को हड़पने वाले लोग हैं।” मुस्लिम समुदाय के लोग इसे अपने धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर हमला मान रहे हैं। कई मुस्लिम संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वक्फ संपत्ति पर कोई हस्तक्षेप किया गया, तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। पढ़िए…भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह का पलटवार “अल्लाह की संपत्ति है तो उसके कागजात दिखाए” भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर वक्फ संपत्ति अल्लाह की है तो उसके कागजात दिखाए जाएं।” उन्होंने कहा कि “देश की संपत्ति किसी भी धर्म विशेष की नहीं हो सकती। वक्फ संपत्तियों को माफियाओं ने कब्जा कर रखा था, अब सरकार इन्हें मुक्त कर रही है।” उन्होंने इमरान मसूद पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर उनके पास संपत्ति के कागज हैं तो दिखाएं। सरकार इस मुद्दे पर जल्दबाजी में फैसला नहीं कर रही, बल्कि यह एक सोची-समझी नीति के तहत हो रहा है।” उन्होंने कहा-ऐसी कई मस्जिद, मदरसे हैं, जो माफियाओं ने कब्जा करके बेच दी है। माफिया इस संपत्ति को कैसे बेच रहे हैं। उसके कागज भी नहीं है, उनके पास है। भारत इस बात को स्वीकार नहीं है। मुस्लिम धर्मगुरु पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के मानने वाले लोग कहने लगेंगे कि ये संपत्ति हमारे अल्लाह की है। क्या अल्लाह पर संपत्ति के कागज है। संपत्ति के कागज तो सरकार के पास है। सरकार इसे वापस भी ले सकती है। सरकार इसका सद्पयोग करेगी। ये निर्णय जल्दी में नहीं लिया गया है। इसके लिए समिति बनाई गई। समिति में विचार किया गया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
सहारनपुर में सांसद का बयान-वक्फ हमारे लिए फर्ज:इमरान मसूद बोले-वक्फ बोर्ड को बर्बाद किया जा रहा है, मुसलमानों को कर रहे टारगेट
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