सांसद अमृतपाल की सदस्यता पर फैसला जल्द:संसदीय समिति की तरफ से 54 दिन की छुट्‌टी की सिफारिश; लोकसभा अध्यक्ष लेंगे अंतिम फैसला

सांसद अमृतपाल की सदस्यता पर फैसला जल्द:संसदीय समिति की तरफ से 54 दिन की छुट्‌टी की सिफारिश; लोकसभा अध्यक्ष लेंगे अंतिम फैसला

पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के लिए संसद की विशेष समिति ने 54 दिनों की अनुपस्थिति की छुट्टी को मंजूरी देने की सिफारिश की है। अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उसने अपनी नजरबंदी के कारण लोकसभा अध्यक्ष को दो अनुरोध प्रस्तुत किए थे, जिनमें उन्होंने संसद से अनुपस्थिति की अनुमति मांगी थी। सांसद अमृतपाल सिंह ने 24 जून से 2 जुलाई (9 दिन), 22 जुलाई से 9 अगस्त (19 दिन) और 25 नवंबर से 20 दिसंबर (26 दिन) कुल मिलाकर, उन्होंने 54 दिनों की छुट्टी के लिए आवेदन किया था। लोकसभा सीट पर संकट की संभावना अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि यदि वह लगातार 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहते हैं, तो उनकी खडूर साहिब संसदीय सीट खतरे में पड़ सकती है, जिससे उनके 19 लाख मतदाताओं को बिना प्रतिनिधित्व के रहना पड़ेगा। संसद के नियमों के अनुसार, यदि कोई सांसद लगातार 60 दिनों तक सदन में उपस्थित नहीं होता है और उसकी अनुपस्थिति को मंजूरी नहीं दी जाती, तो उसकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है। समिति की सिफारिशें और अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों के अवकाश अनुरोधों पर विचार करने के लिए एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव कर रहे हैं। समिति ने अमृतपाल सिंह के अनुरोध पर विचार करने के बाद उनकी अनुपस्थिति की अनुमति देने की सिफारिश की है। हालांकि, अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लिया जाएगा। अदालत में भी मामला विचाराधीन अमृतपाल सिंह की संसदीय उपस्थिति पर उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार ने सूचित किया था कि यह समिति 10 मार्च को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। समिति की सिफारिशें गोपनीय होने के कारण, उन्हें प्रस्तुत किए जाने तक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। राजनीतिक और कानूनी प्रभाव अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर पंजाब में पहले ही काफी चर्चा हो रही है। उनकी अनुपस्थिति को लेकर उठे सवालों को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब सबकी नजरें लोकसभा अध्यक्ष के अंतिम फैसले पर टिकी हैं। पंजाब के खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के लिए संसद की विशेष समिति ने 54 दिनों की अनुपस्थिति की छुट्टी को मंजूरी देने की सिफारिश की है। अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उसने अपनी नजरबंदी के कारण लोकसभा अध्यक्ष को दो अनुरोध प्रस्तुत किए थे, जिनमें उन्होंने संसद से अनुपस्थिति की अनुमति मांगी थी। सांसद अमृतपाल सिंह ने 24 जून से 2 जुलाई (9 दिन), 22 जुलाई से 9 अगस्त (19 दिन) और 25 नवंबर से 20 दिसंबर (26 दिन) कुल मिलाकर, उन्होंने 54 दिनों की छुट्टी के लिए आवेदन किया था। लोकसभा सीट पर संकट की संभावना अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि यदि वह लगातार 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहते हैं, तो उनकी खडूर साहिब संसदीय सीट खतरे में पड़ सकती है, जिससे उनके 19 लाख मतदाताओं को बिना प्रतिनिधित्व के रहना पड़ेगा। संसद के नियमों के अनुसार, यदि कोई सांसद लगातार 60 दिनों तक सदन में उपस्थित नहीं होता है और उसकी अनुपस्थिति को मंजूरी नहीं दी जाती, तो उसकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है। समिति की सिफारिशें और अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों के अवकाश अनुरोधों पर विचार करने के लिए एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव कर रहे हैं। समिति ने अमृतपाल सिंह के अनुरोध पर विचार करने के बाद उनकी अनुपस्थिति की अनुमति देने की सिफारिश की है। हालांकि, अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लिया जाएगा। अदालत में भी मामला विचाराधीन अमृतपाल सिंह की संसदीय उपस्थिति पर उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को केंद्र सरकार ने सूचित किया था कि यह समिति 10 मार्च को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। समिति की सिफारिशें गोपनीय होने के कारण, उन्हें प्रस्तुत किए जाने तक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। राजनीतिक और कानूनी प्रभाव अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर पंजाब में पहले ही काफी चर्चा हो रही है। उनकी अनुपस्थिति को लेकर उठे सवालों को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब सबकी नजरें लोकसभा अध्यक्ष के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर