<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को दिल्ली कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया जा सकता है. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के बाद दीपक बावरिया ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं अब दिल्ली कांग्रेस को इमरान मसूद के रूप में नया प्रभारी मिल सकता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को दिल्ली कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया जा सकता है. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के बाद दीपक बावरिया ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था. वहीं अब दिल्ली कांग्रेस को इमरान मसूद के रूप में नया प्रभारी मिल सकता है.</p> दिल्ली NCR ‘मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं…’, विपक्ष के सवालों पर सीएम योगी ने कर दिया ‘मठ’ का जिक्र
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Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा दिनेश सिंह रावत राजस्थान से गिरफ्तार, क्या है बिहार कनेक्शन?
Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा दिनेश सिंह रावत राजस्थान से गिरफ्तार, क्या है बिहार कनेक्शन? <p style=”text-align: justify;”><strong>Lawrence Bishnoi Gang:</strong> तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के तीसरे गुर्गे दिनेश सिंह रावत को गोपालगंज की पुलिस ने बिहार एसटीएफ की मदद से राजस्थान से गिरफ्तार कर जिले में लाई. दिनेश सिंह रावत राजस्थान के अजमेर जिला के मांगलीयावास थाना क्षेत्र के केसरपुर निवासी नारायण सिंह का पुत्र है. गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात ने गुरुवार को गिरफ्तारी की पुष्टि की है. दिनेश सिंह रावत का आपराधिक इतिहास भी रहा है और पूर्व में राजस्थान में जेल जा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी वारदात को अंजाम देने का था प्लान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गोपालगंज की पुलिस ने इसके पहले 22 जुलाई को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े राजस्थान के अजमेर जिला के कमल राव और मुजफ्फरपुर के गाय घाट थाना क्षेत्र के बोवारी गांव निवासी संतनु शिवम को यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट के पास से गिरफ्तार किया था. दोनों नागालैंड की बस से गोपालगंज के रास्ते मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए जा रहे थे. इनके पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार विदेशी पिस्टल भी जब्त किया गया था. वहीं, इस खुलासे के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस पूछताछ में कई और गुर्गों के नाम आए सामने </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जिन गुर्गों की अब तक गिरफ्तारी हुई है पुलिस के अनुसंधान में झारखंड के जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू से उनके कनेक्शन की बात सामने आई है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और बिहार एसटीएफ की टीम तीनों गुर्गों से पूछताछ कर रही है. एसपी के अनुसार जेल में बंद दो गुर्गों को भी पुलिस ने रिमांड पर ले लिया है, जिनसे लगातार पूछताछ चल रही है. पूछताछ में कई और गुर्गों के नाम आए हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए राजस्थान और मुजफ्फरपुर में छापेमारी चल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jdu-national-general-secretary-and-spokesperson-rajiv-ranjan-passed-away-in-delhi-ann-2745973″>Rajeev Ranjan Passed Away: जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन का दिल्ली में हुआ निधन, चल रहे थे बीमार</a></strong></p>
पलवल में नाबालिग लड़की से छेडछाड़: विरोध करने पर फाड़े कपड़े, बचाने आई छोटी बहन तो दोनों को पीटा
पलवल में नाबालिग लड़की से छेडछाड़: विरोध करने पर फाड़े कपड़े, बचाने आई छोटी बहन तो दोनों को पीटा पलवल जिले में घर में घुसकर नाबालिग बहनों के साथ छेडछाड़ करने व विरोध करने पर मारपीट कर शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। उटावड़ थाना पुलिस ने 3 नामजद सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। घर में अकेली थी नाबालिग बहनें उटावड़ थाना प्रभारी टेक सिंह के अनुसार, थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक महिला ने दी शिकायत में कहा है कि उसके पति खेतीबाड़ी करते है। 2 जुलाई को वह और उसके पति खेतों पर काम से चले गए तो घर पर उसकी एक 15 वर्षीय व दूसरी 13 वर्षीय बेटी अकेली थी। सुबह के करीब 11 बजे मुस्ताक नामक युवक उनके घर में घुस आया। उसकी बड़ी बेटी को कमरे में अकेली देखकर उसके साथ छेड़खानी करने लगा। विरोध करने पर की मारपीट जब उसकी बेटी ने विरोध किया तो आरोपी ने उसके कपड़े फाड़ दिए और जबरदस्ती करने लगा। इसी दौरान शोर सुनकर उसकी छोटी बेटी वहां पहुंच गई और अपनी बड़ी बहन को आरोपी से बचाने का प्रयास किया। आरोपी ने उसके कंधे पर दांतों से काट लिया और फिर दोनों बहनों को लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया। झगड़े का शोर सुनकर लोग एकत्रित हो गए और उसकी बेटियों को आरोपी से बचाया। पड़ोसियों ने दी परिजनों को सूचना मौके पर पहुंचे लोगों ने उन्हें और पुलिस को 112 नंबर पर फोन कर सूचना दी। सूचना मिलने पर वे दोनों पति-पत्नी व पुलिस मौके पर आ गए तो आरोपी मौके से फरार हो गया। पुलिस बुलाने पर आरोपी की पत्नी और 3 युवक वहां आए और उनके साथ गाली-गलौज कर धमकी दी, कि यदि इस संबंध में पुलिस रिपोर्ट दर्ज की तो जान से खत्म कर देंगे। मामले की जांच में जुटी पुलिस उटावड़ थाना पुलिस ने इस संबंध में बीएनएस-2023 की धारा 115, 3(5), 333, 351(3) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद अन्य जो अपराध घटित होना पाया जाएगा। उसके संबंध में भी कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा पुलिस के ट्रेंड डॉग का बेड़ा बढ़ा:27 नए प्रशिक्षित डॉग शामिल हुए; 10 महीनों में 24 केस सुलझाए, गांजा-हेरोइन तक पकड़वा चुके
हरियाणा पुलिस के ट्रेंड डॉग का बेड़ा बढ़ा:27 नए प्रशिक्षित डॉग शामिल हुए; 10 महीनों में 24 केस सुलझाए, गांजा-हेरोइन तक पकड़वा चुके अपराध नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए हरियाणा पुलिस द्वारा क्षमता निर्माण को लेकर सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के निर्देशानुसार डॉग स्क्वायड में तैनात डॉग की संख्या को 36 से बढ़ाकर 63 किया गया है। संख्या बढ़ाने के साथ ही डॉग्स को उच्च कोटि का प्रशिक्षण भी दिया गया है ताकि अपराध पर नियंत्रण किया जा सके एवं अपराधियों को पकड़ा जा सके। जनवरी 2024 से लेकर 31 अक्टूबर 2024 तक हरियाणा पुलिस के डॉग स्क्वायड की 24 मुकदद्मों को सुलझाने में मदद मिली है। इस अवधि के दौरान डॉग स्कवायड की मदद से 24 किलो 450 ग्राम गांजा, 17.18 ग्राम हेरोइन, 42.45 ग्राम स्मैक, 10 किलो 572 ग्राम डोडा पोस्त तथा 62 ग्राम चरस की रिकवरी की गई है। 3 कैटेगरी की डॉग हैं हरियाणा पुलिस में शामिल 1. पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस में वर्तमान में तीन तरह के डॉग्स को तैनात किया गया है। इन डॉग्स को इनकी खुबियों के मुताबिक अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। पहले तरह के डॉग को ट्रैकर डॉग्स कहा जाता है, जो चोरी, मर्डर इत्यादि के मामलों में अनुसंधान अधिकारी (IO) की मदद करते हैं। इस तरह के डॉग्स राज्य अपराध शाखा के पास है जोकि लैब्राडोर नस्ल के होते हैं। 2. दूसरे प्रकार के डॉग एक्सप्लोसिव डॉग्स के नाम से जाने जाते हैं जो वीआईपी सुरक्षा तथा संदिग्ध स्थानों पर बम आदि की चेकिंग के लिए प्रयोग होते हैं। ये डॉग्स सीआईडी के पास होते हैं। इनमें भी लैब्राडोर नस्ल के डॉग्स प्रयोग किए जाते हैं। 3. तीसरी प्रकार के डॉग नारकोटिक्स डॉग्स होते हैं। ये डॉग्स मादक पदार्थों को जमीन, मकान, बिल्डिंग, व्हीकल आदि से सूंघ कर उनके बारे में इशारा करते है। पुलिस में अभी 63 ट्रेंड डॉग डीजीपी ने बताया कि वर्तमान में हरियाणा पुलिस के पास 63 डॉग्स है जिसमें से पांच डॉग्स हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में तथा 58 डॉग्स हरियाणा के सभी जिलों में तैनात है। इन सभी डॉग्स पर एक-एक डॉग हैंडलर तथा असिस्टेंट डॉग हैंडलर तैनात किया गया है। हरियाणा पुलिस के बेड़े में बेल्जियम शेफर्ड, जर्मन शेफर्ड तथा लैब्राडोर तीन प्रजाति के डॉग शामिल है। इन डॉग्स के खान पान तथा रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है। 6 महीनें की होती है ट्रेनिंग पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नारकोटिक्स डॉग्स को 3 माह से 6 माह तक की आयु में विभिन्न फर्मों से खरीदा जाता है। तत्पश्चात् इनका मेडिकल चेकअप करवाकर 6 माह के नारकोटिक कोर्स करवाया जाता हैं। यहां इन्हें 6 महीने की और ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद इन डॉग्स को जिलों में भेजा जाता है। नारकोटिक्स डॉग तकरीबन 10 या 11 साल के बाद रिटायर हो जाते है जिसमें रिटायर्ड डॉग्स को नियम अनुसार सबसे पहले डॉग हैंडलर तथा उसके बाद असिस्टेंट डॉग हैंडलर को अपने साथ घर ले जाने का ऑफर दिया जाता है अगर ये दोनों नहीं लेते तो इन्हें किसी एनजीओ या संस्था को दिया जाता है। इन सभी डॉग्स का प्रशिक्षण एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के अनुसार होता है। इसके अलावा डॉग स्क्वायड द्वारा 26 जनवरी तथा 15 अगस्त पर डॉग शो भी किया जाता है। क्या बोले डीजीपी पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अपराध नियंत्रण में डॉग स्क्वायड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉग स्क्वायड की मदद से कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाने में मदद मिली है। हरियाणा पुलिस द्वारा इन डॉग्स को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के साथ साथ इनकी मूलभूत सुविधाओं का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है। इन डॉग्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम को विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है ताकि अपराधियों की पहचान कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।