सांसद कंगना मामले में आज कोर्ट में पेश होगी आख्या:पुलिस ने वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए; अभी तक हाजिर नहीं हुईं हैं अभिनेत्री

सांसद कंगना मामले में आज कोर्ट में पेश होगी आख्या:पुलिस ने वादी और गवाहों के बयान दर्ज किए; अभी तक हाजिर नहीं हुईं हैं अभिनेत्री

बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश की मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट के खिलाफ आगरा कोर्ट में दर्ज वाद में आज सुनवाई होनी है। 9 जनवरी को हुई सुनवाई में भी कंगना कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई थीं। न ही उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता हाजिर हुए थे। इस पर कोर्ट ने थाना न्यू आगरा से वादी और गवाहों के बयानों के संदर्भ में जांच कर आख्या 8 फरवरी 25 को प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया था। इंस्पेक्टर न्यू आगरा राजवीर सिंह ने वादी वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एवं गवाह राजेंद्र गुप्ता, धीरज एडवोकेट और अजय सागर निमेष एडवोकेट के बयान दर्ज कर लिए गए हैं । 8 फरवरी को अवकाश के चलते आख्या दाखिल नहीं हो सकी थी। अब 10 फरवरी को पुलिस द्वारा कोर्ट में आख्या प्रस्तुत कर दी जाएगी। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अभद्र टिप्पणी के मामले में उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगाने की मांग की गई है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमा शंकर शर्मा ने कंगना के खिलाफ आगरा की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर 2024 को वाद दायर किया था। तीन बार नोटिस भेज चुका है कोर्ट
कंगना रनोट को सबसे पहले 28 नवंबर को कोर्ट में आना था। कंगना कोर्ट नहीं आई और न ही उनके वकील पहुंचे। 12 नवंबर को कोर्ट ने वादी अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कंगना रनोट को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था। 19 नवंबर को कंगना को नोटिस रिसीव हो गया। 28 नवंबर को कंगना को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन नहीं हुई। फिर नोटिस दिया गया। 13 दिसंबर को सुनवाई में कंगना नहीं पहुंची, फिर नोटिस दिया गया। आगे जानिए पूरा मामला… कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए
24 अगस्त 2024 को कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान दैनिक भास्कर से कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए। बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी। इसके बाद उनके खिलाफ आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाया कि कंगना ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगे। कंगना के बयान से किसानों की भावनाएं आहत हुईं
एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा-मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। रमाशंकर शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया- 27 अगस्त को मैंने समाचार पत्रों को पढ़ा। इसमें लिखा था कि कंगना ने कहा, अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया। 7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चाटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। इसका मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो बेकार है। इस तरह कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी हैं कंगना 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं
किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसमें उन्होंने एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी हैं। यह शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश की मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट के खिलाफ आगरा कोर्ट में दर्ज वाद में आज सुनवाई होनी है। 9 जनवरी को हुई सुनवाई में भी कंगना कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई थीं। न ही उनका पक्ष रखने के लिए कोई अधिवक्ता हाजिर हुए थे। इस पर कोर्ट ने थाना न्यू आगरा से वादी और गवाहों के बयानों के संदर्भ में जांच कर आख्या 8 फरवरी 25 को प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया था। इंस्पेक्टर न्यू आगरा राजवीर सिंह ने वादी वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एवं गवाह राजेंद्र गुप्ता, धीरज एडवोकेट और अजय सागर निमेष एडवोकेट के बयान दर्ज कर लिए गए हैं । 8 फरवरी को अवकाश के चलते आख्या दाखिल नहीं हो सकी थी। अब 10 फरवरी को पुलिस द्वारा कोर्ट में आख्या प्रस्तुत कर दी जाएगी। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अभद्र टिप्पणी के मामले में उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगाने की मांग की गई है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमा शंकर शर्मा ने कंगना के खिलाफ आगरा की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर 2024 को वाद दायर किया था। तीन बार नोटिस भेज चुका है कोर्ट
कंगना रनोट को सबसे पहले 28 नवंबर को कोर्ट में आना था। कंगना कोर्ट नहीं आई और न ही उनके वकील पहुंचे। 12 नवंबर को कोर्ट ने वादी अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद कंगना रनोट को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा था। 19 नवंबर को कंगना को नोटिस रिसीव हो गया। 28 नवंबर को कंगना को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन नहीं हुई। फिर नोटिस दिया गया। 13 दिसंबर को सुनवाई में कंगना नहीं पहुंची, फिर नोटिस दिया गया। आगे जानिए पूरा मामला… कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए
24 अगस्त 2024 को कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान दैनिक भास्कर से कहा था- किसान आंदोलन के समय रेप-मर्डर हुए। बिल वापसी न होती तो प्लानिंग लंबी थी। इसके बाद उनके खिलाफ आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने MP/MLA कोर्ट में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाया कि कंगना ने धरने पर बैठे लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी की। उन पर राष्ट्रद्रोह का केस लगे। कंगना के बयान से किसानों की भावनाएं आहत हुईं
एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने कहा-मैं भी किसान परिवार से हूं। 30 साल तक खेती-किसानी की। किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। रमाशंकर शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया- 27 अगस्त को मैंने समाचार पत्रों को पढ़ा। इसमें लिखा था कि कंगना ने कहा, अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे थे। उस दौरान रेप और मर्डर हुए। अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात होते। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी करार दिया। 7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चाटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। इसका मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो बेकार है। इस तरह कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया। पहले भी किसानों पर विवादित बयान दे चुकी हैं कंगना 1- आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। 2- किसान आंदोलन में महिलाएं 100 रुपए में शामिल होती हैं
किसान आंदोलन के वक्त कंगना ने 27 नवंबर 2020 को एक सोशल मीडिया पोस्ट की। इसमें उन्होंने एक महिला का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई यह महिला वही मशहूर बिलकिस दादी हैं। यह शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी थी, जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर