वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में गुरुवार की रात रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में जुए के फड़ से वर्दी में पहुंचे पुलिस इंस्पेक्टर ने 40 लाख रुपये जब्त कर लिए। साथ आए सिविल ड्रेस में दूसरे युवक ने फड़ से रुपये बैग में भरे और मौके से चंपत हो गए। पुलिसकर्मी फ्लैट्स के बाहर ही खड़े रहे और इंस्पेक्टर रकम लेकर रवाना हो गए। जुआ हाईप्रोफाइल लोगों का था तो सब शांत हो गए, लेकिन डेढ़ लाख रुपये हारने वाले ने राज खोल दिया। उसके अनुसार जुए के फड़ पर कचहरी क्षेत्र के चर्चित साड़ी कारोबारी का बेटा और एक दल से जुड़े नेता ‘महाराज’ और एक कथित ड्राइवर भी था। वहीं अन्य कुछ कारोबारी भी शामिल थे। मामला खुलते ही सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया, अधिकारियों को सूचना मिली तो घटनास्थल और उससे जुड़े लोगों की तलाश तेज हुई। सीपी के निर्देश पर डीसीपी वरुणा मामले की जांच कर रहे हैं। सिविल ड्रेस पहने युवक ने खुद के बताया मुख्यमंत्री का एसडीओ अपार्टमेंट के एक गार्ड के मुताबिक सात नवंबर की रात एक वाहन से दो लोग पहुंचे थे। एक युवक सफेद शर्ट में था, जबकि पीछे एक निरीक्षक थे। सफेद शर्ट पहने युवक ने खुद को मुख्यमंत्री का एसडीओ बताया। उसने वाहन सीधे लिफ्ट के सामने रोका। दोनों लिफ्ट से ऊपर 12.25 बजे गए। वापस 1.20 बजे लौटे तो दो काले रंग के बैग के साथ थे, इसके बाद चले गए। उधर, शनिवार को सोशल मीडिया पर सूचना वायरल हुई तो महकमे में हड़कंप मच गया। बताया गया कि दोनों 41 से 50 लाख रुपये लेकर चंपत हो गए। प्रकरण में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि किसी अधिकारी के पास शिकायत नहीं आई है, हालांकि सूचनाओं के आधार पर डीसीपी को जांच के लिए कहा है। वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में गुरुवार की रात रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में जुए के फड़ से वर्दी में पहुंचे पुलिस इंस्पेक्टर ने 40 लाख रुपये जब्त कर लिए। साथ आए सिविल ड्रेस में दूसरे युवक ने फड़ से रुपये बैग में भरे और मौके से चंपत हो गए। पुलिसकर्मी फ्लैट्स के बाहर ही खड़े रहे और इंस्पेक्टर रकम लेकर रवाना हो गए। जुआ हाईप्रोफाइल लोगों का था तो सब शांत हो गए, लेकिन डेढ़ लाख रुपये हारने वाले ने राज खोल दिया। उसके अनुसार जुए के फड़ पर कचहरी क्षेत्र के चर्चित साड़ी कारोबारी का बेटा और एक दल से जुड़े नेता ‘महाराज’ और एक कथित ड्राइवर भी था। वहीं अन्य कुछ कारोबारी भी शामिल थे। मामला खुलते ही सोशल मीडिया पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया, अधिकारियों को सूचना मिली तो घटनास्थल और उससे जुड़े लोगों की तलाश तेज हुई। सीपी के निर्देश पर डीसीपी वरुणा मामले की जांच कर रहे हैं। सिविल ड्रेस पहने युवक ने खुद के बताया मुख्यमंत्री का एसडीओ अपार्टमेंट के एक गार्ड के मुताबिक सात नवंबर की रात एक वाहन से दो लोग पहुंचे थे। एक युवक सफेद शर्ट में था, जबकि पीछे एक निरीक्षक थे। सफेद शर्ट पहने युवक ने खुद को मुख्यमंत्री का एसडीओ बताया। उसने वाहन सीधे लिफ्ट के सामने रोका। दोनों लिफ्ट से ऊपर 12.25 बजे गए। वापस 1.20 बजे लौटे तो दो काले रंग के बैग के साथ थे, इसके बाद चले गए। उधर, शनिवार को सोशल मीडिया पर सूचना वायरल हुई तो महकमे में हड़कंप मच गया। बताया गया कि दोनों 41 से 50 लाख रुपये लेकर चंपत हो गए। प्रकरण में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि किसी अधिकारी के पास शिकायत नहीं आई है, हालांकि सूचनाओं के आधार पर डीसीपी को जांच के लिए कहा है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
विकास दुबे एनकाउंटर की रिपोर्ट आज विधानसभा में पेश होगी:हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने की जांच; पुलिस को पहले ही क्लीनचिट मिल चुकी है
विकास दुबे एनकाउंटर की रिपोर्ट आज विधानसभा में पेश होगी:हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने की जांच; पुलिस को पहले ही क्लीनचिट मिल चुकी है आज विधानसभा सत्र में कानपुर के विकास दुबे एनकाउंटर केस में गठित आयोग की रिपोर्ट पेश की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई आदि के बारे में भी रिपोर्ट टेबल पर प्रस्तुत की जाएगी। वर्ष-2020 में विकास दुबे एनकाउंटर हुआ। इसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया था। पुलिस की भूमिका की भी रिपोर्ट
रिपोर्ट में एनकाउंटर के समय पुलिस की भूमिका और अन्य तथ्यों को भी रखा जाएगा। इसके अलावा सदन की कार्यवाही के दौरान कई विधेयक भी पेश किए जाएंगे। उन पर चर्चा के बाद पारित करने या विधेयकों को पास करने के लिए प्रवर समिति के पास भेजने जैसे विषयों पर चर्चा होगी। बता दें कि आयोग पहले ही पुलिस को क्लीन चिट दे चुका है। जानिए कानपुर का बिकरू कांड, जिसकी रिपोर्ट होगी पेश….
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिकरू गांव में 2-3 जुलाई 2024 की रात पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश डालने पहुंची थी। टीम की कमान बिठूर के डीएसपी देवेंद्र मिश्रा संभाल रहे थे। उनके साथ तीन थानों की फोर्स मौजूद थी। इससे पहले कि पुलिस विकास को दबोचती, उसके गैंग ने घात लगाकर पुलिस पर धावा बोल दिया। काफी देर तक चली मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेंद्र सिंह यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार सिंह समेत 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। विकास दुबे अपने हाथों से सीओ का पैर काटा था। वारदात के बाद विकास समेत उसके गैंग के सभी बदमाश मौके से भाग निकले। जुलाई-2020 को मारा गया था विकास दुबे
देश का यह पहला ऐसा कांड था जब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में सबसे पहले विकास दुबे के कई साथियों का एनकाउंटर किया। उसके बाद 10 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश से वापस कानपुर आते समय कानपुर देहात के समीप अपराधी व माफिया विकास दुबे को पुलिस ने अपनी रक्षा के लिए गोलियों से भून दिया था। कुल 80 एफआईआर हुई थी दर्ज
पुलिस ने एनकाउंटर में विकास और उसके 5 गुर्गों को मार गिराया था। इस जघन्य हत्याकांड के 4 साल पूरे होने के बाद अब तक 4 मुकदमों में फैसला आ चुका है। बिकरू कांड में कुल 80 एफआईआर दर्ज की गई थीं। 36 पर गैंगस्टर और 5 पर NSA
विकास दुबे के परिवार और करीबियों की लखनऊ, कानपुर नगर और देहात में की अचल संपत्तियां सीज कर दी गई थीं। लापरवाही बरतने के दोषी 37 पुलिस वालों पर भी विभागीय एक्शन हुआ। 36 आरोपियों पर गैंगस्टर और 5 आरोपियों पर एनएसए लगाया गया था। ये भी पढ़ें:- पुलिसवालों को जलाने वाला था विकास दुबे: कानपुर के बिकरू कांड के 4 साल बाद भी दहशत गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को 4 साल पूरे हो गए। भले ही वो मर चुका है, मगर बिकरू के लोगों के लिए आज भी जिंदा है। उसका खौफ कायम है। हालात ये हैं कि लोग उसकी खंडहर में तब्दील हो चुकी आलीशान कोठी के पास तक नहीं जाते। कोठी का सामान जैसे का तैसे पड़ा है। किसी में हिम्मत नहीं कि वहां की सुई तक इधर से उधर कर दे। डर का आलम ऐसा है कि गांव में शादी, जन्मदिन जैसे खुशियों के बड़े आयोजन भी नहीं होते हैं। हालात को और नजदीक से समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम चौबेपुर के बिकरू गांव पहुंची। हम समझना चाहते थे कि एनकाउंटर के 4 साल बाद भी लोग विकास दुबे के नाम से डरते क्यों हैं? पढ़िए खास रिपोर्ट…
Jharkhand: सीएम सोरेन सरकर पर BJP का हमला, बाबूलाल मरांडी बोले- ‘SPO पर हर वार गठबंधन सरकार…’
Jharkhand: सीएम सोरेन सरकर पर BJP का हमला, बाबूलाल मरांडी बोले- ‘SPO पर हर वार गठबंधन सरकार…’ Jharkhand: सीएम सोरेन सरकर पर BJP का हमला, बाबूलाल मरांडी बोले- ‘SPO पर हर वार गठबंधन सरकार…’
विक्रमादित्य बोले- कंगना को थप्पड़ मारने के घटना निंदनीय:मगर किसी को आतंकवादी कह देना भी गैर-जिम्मेदाराना स्टेटमेंट, कहा- हिमाचल में चला मोदी मैजिक
विक्रमादित्य बोले- कंगना को थप्पड़ मारने के घटना निंदनीय:मगर किसी को आतंकवादी कह देना भी गैर-जिम्मेदाराना स्टेटमेंट, कहा- हिमाचल में चला मोदी मैजिक हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से नव निर्वाचित सांसद कंगना रनोट को थप्पड़ विवाद पर PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, किसी भी महिला के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। शनिवार को कांग्रेस दफ्तर पहुंचे विक्रमादित्य ने कहा, कंगना को थप्पड़ मारने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। विक्रमादित्य ने कहा, हमारी संवेदनाएं किसानों के साथ हैं। कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी हैं। किसी को भी आतंकवादी कह देना भी गैर जिम्मेदाराना स्टेटमेंट है। मगर अपनी नाराजगी व विरोध को जाहिर करने का यह तरीका सही नहीं है। उन्होंने कहा, संविधान हमे अपनी बात रखने का अधिकार देता है। जिस महिला सुरक्षा कर्मी ने थप्पड़ मारा है, वह अन्य माध्यम से भी अपनी नाराजगी जाहिर व्यक्त कर सकती थी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, सीआईएफ और सरकार जो भी कार्रवाई इस मामले में करेगी, हम उसका स्वागत करते हैं। बता दें कि दो रोज पहले कंगना रनोट चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर दिल्ली जा रही थीं। सुरक्षा जांच के दौरान कंगना रनोट को कुलविंदर कौर नाम की सुरक्षा कर्मी ने थप्पड़ जड़ दिया। कुलविंदर कौर ने किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनोट की बयानबाजी से आहत थी। इसलिए सुरक्षा कर्मी ने कंगना को थप्पड़ मार दिया। हालांकि अब सुरक्षा कर्मी के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है। राष्ट्रीय स्तर पर नहीं चला मोदी मैजिक विक्रमादित्य सिंह ने कहा, राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक नहीं चला। मगर हिमाचल में चला है। इससे कांग्रेस की यहां हार हुई है। उन्होंने कहा कि हार के कारणों का मंथन किया जा रहा है। कमियों को दूर करके पार्टी को मजबूत किया जाएगा। हार के कारणों का मंथन करने पहुंचे विक्रमादित्य मंडी सीट से हार के विक्रमादित्य सिंह शनिवार को शिमला ग्रामीण कांग्रेस की मीटिंग लेने कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ब्लाक कांग्रेस कमेटी के साथ हार के कारणों को लेकर मंथन किया क्योंकि विक्रमादित्य सिंह खुद मंडी सीट पर चुनाव प्रचार में डटे रहे। इस वजह से वह शिमला संसदीय सीट के लिए वक्त नहीं दे पाए थे। इससे उनकी शिमला ग्रामीण विधानसभा बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप को छह हजार से ज्यादा मतों की लीड चली गई।