पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर पवन टीनू को जेल से भगाने में मदद करने वाले सीआईए इंस्पेक्टर प्रीतपाल सिंह को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने उसके द्वारा दायर की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि प्रीतपाल ने पुलिस अधिकारी होते हुए एक अपराधी का साथ दिया है, जो कि अपने आप में एक अपराध है। सरकारी वकील ने आरोपी की दलीलों का किया विरोध पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्रीतपाल सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उसे केस में जमानत दी जाए, जबकि सरकारी वकील ने अदालत में उसकी सारी दलीलों का विरोध किया। सरकारी वकील ने कहा कि जिस व्यक्ति पर कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी थी। अगर वह ही हमलावरों से मिल जाएगा, तो फिर उम्मीद किससे रह जाएगी। वहीं, उन्होंने अदालत को बताया कि उससे अवैध पिस्टल भी बरामद हुई है। ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अदालत ने सरकारी वकील के सारे तर्कों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दीपक टीनू साल 2022 में उस समय पुलिस कस्टडी से भाग गया था। जब सीआईए इंचार्ज उसे पूछताछ के लिए अपनी कार से मानसा लेकर जा रहे थे। उससे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में ही पूछताछ की जानी थी। हालांकि कुछ समय बाद वह पड़ा गया था। ऐसे भागा था आरोपी दीपक टीनू साल 2022 में उस समय पुलिस कस्टडी से भाग गया था। जब सीआईए इंचार्ज उसे पूछताछ के लिए अपनी कार से मानसा लेकर जा रहे थे। उससे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में ही पूछताछ की जानी थी। हालांकि कुछ समय बाद वह पड़ा गया था। कौन है गैंगस्टर दीपक टीनू गैंगस्टर दीपक कुमार उर्फ टीनू हरियाणा के भिवानी जिले का निवासी है। उसके पिता पेंटर हैं। टीनू पर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली में हत्या, हत्या के प्रयास समेत 35 से अधिक केस दर्ज हैं। पिछले करीब 11 साल से वह लॉरेंस गैंग से जुड़ा हुआ है। उसने भिवानी में बंटी मास्टर की हत्या की थी। पंजाब में गैंगस्टर लवी दियोड़ा को मारा था। उसका छोटा भाई चिराग भी नशीले पदार्थों की तस्करी करता है। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी गैंगस्टर पवन टीनू को जेल से भगाने में मदद करने वाले सीआईए इंस्पेक्टर प्रीतपाल सिंह को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने उसके द्वारा दायर की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि प्रीतपाल ने पुलिस अधिकारी होते हुए एक अपराधी का साथ दिया है, जो कि अपने आप में एक अपराध है। सरकारी वकील ने आरोपी की दलीलों का किया विरोध पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्रीतपाल सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि उसे केस में जमानत दी जाए, जबकि सरकारी वकील ने अदालत में उसकी सारी दलीलों का विरोध किया। सरकारी वकील ने कहा कि जिस व्यक्ति पर कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी थी। अगर वह ही हमलावरों से मिल जाएगा, तो फिर उम्मीद किससे रह जाएगी। वहीं, उन्होंने अदालत को बताया कि उससे अवैध पिस्टल भी बरामद हुई है। ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए। अदालत ने सरकारी वकील के सारे तर्कों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दीपक टीनू साल 2022 में उस समय पुलिस कस्टडी से भाग गया था। जब सीआईए इंचार्ज उसे पूछताछ के लिए अपनी कार से मानसा लेकर जा रहे थे। उससे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में ही पूछताछ की जानी थी। हालांकि कुछ समय बाद वह पड़ा गया था। ऐसे भागा था आरोपी दीपक टीनू साल 2022 में उस समय पुलिस कस्टडी से भाग गया था। जब सीआईए इंचार्ज उसे पूछताछ के लिए अपनी कार से मानसा लेकर जा रहे थे। उससे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में ही पूछताछ की जानी थी। हालांकि कुछ समय बाद वह पड़ा गया था। कौन है गैंगस्टर दीपक टीनू गैंगस्टर दीपक कुमार उर्फ टीनू हरियाणा के भिवानी जिले का निवासी है। उसके पिता पेंटर हैं। टीनू पर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली में हत्या, हत्या के प्रयास समेत 35 से अधिक केस दर्ज हैं। पिछले करीब 11 साल से वह लॉरेंस गैंग से जुड़ा हुआ है। उसने भिवानी में बंटी मास्टर की हत्या की थी। पंजाब में गैंगस्टर लवी दियोड़ा को मारा था। उसका छोटा भाई चिराग भी नशीले पदार्थों की तस्करी करता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पूर्व कांग्रेस विधायक सतकार कौर पर आरोप तय:2022 दर्ज हुआ था आय से अधिक संपत्ति का मामला, विजिलेंस ब्यूरो ने दर्ज किया था मुकदमा फिरोजपुर ग्रामीण से पूर्व कांग्रेस विधायक सतकार कौर और उनके पति जसमेल सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं। यह आरोप फिरोजपुर जिला न्यायालय द्वारा तय किए गए हैं। विजिलेंस ने इस संबंध में मुकदमा चलाने के लिए पहले विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति ली थी। उसके बाद अब विजिलेंस की ओर से उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हालांकि अब उन्हें जमानत मिल गई है। इससे पहले वह करीब 120 दिन जेल में रह चुकी हैं। विजिलेंस ने 2022 में शुरू की जांच विजिलेंस जांच में पता चला है कि सतकार कौर की वर्ष 2017 से 2022 के दौरान कुल आय 1,65,34,053 रुपये है, जबकि उन्होंने उस अवधि के दौरान 4,49,19, 831.41 रुपये खर्च किए हैं। जिसमें विधायक और उनके पति 2,83,85,778,41 रुपये अधिक आय दिखाने में विफल रहे हैं। दोनों ने अपनी आय से 171.78 करोड़ रुपये अधिक खर्च किए पाए गए। विजिलेंस ने यह जांच 17 जनवरी 2022 से शुरू की थी। जब वह विधायक बनीं, तब उनकी आय 7.05 लाख थी विजिलेंस ने 18 सितंबर 2023 को सतकार कौर को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। सतकार कौर जब 2017 में विधायक चुनी गईं, तब उनके और उनके पति के पास 7.05 लाख रुपये की संपत्ति थी। लेकिन पांच साल बाद उनकी संपत्ति में काफी इजाफा हुआ।
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179.28 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी में ED का एक्शन:चंडीगढ़-पंचकूला और बद्दी समेत 11 जगह की थी रेड; 3 लाख कैश और डॉक्यूमेंट जब्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय की तरफ से 179.28 रुपए की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में गुगलानी समूह की कंपनियों के चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर, पंचकूला, बद्दी, गुजरात समेत 11 ठिकानों पर दबिश दी है। इस दौरान ईडी की टीम को विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 3 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई है। ईडी की तरफ से यह जानकारी दी गई। करोड़ों के है दो बैंक फ्रॉड ईडी की तरफ से यह दबिश पांच नवंबर को एक समय में सभी राज्यों में की गई थी। ईडी की रेड गुगलानी समूह की कंपनियों मेसर्स सुपर मल्टी कलर प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स डन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए दो बैंक धोखाधड़ी मामलों के संबंध में थी। इन मामलों में क्रमश: 125.40 करोड़ रुपए और 53.88 करोड़ रुपए (कुल 179.28 करोड़ रुपए) की धोखाधड़ी हुई थी। काफी समय से ईडी की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई थी। सीबीआई के केस को बनाया आधार ईडी के मुताबिक मेसर्स सुपर मल्टीकलर्स प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स डन फूड प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशकों प्रमोटरों सुनील गुगलानी और सुमन गुगलानी व अन्य के खिलाफ बैंकों के संघ (पीएनबी, केनरा, एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) को कुल 179.28 करोड़ रुपए का जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी ने भी इसी एफआईआर को आधार बनाकर अपनी जांच शुरू की थी।
केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू बोले- किसान नेता तालिबान, खाद लूटी:इनकी प्रॉपर्टी की जांच कराएंगे; पंधेर का चैलेंज- मोदी-शाह थक चुके, ये करवाकर दिखाएं
केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू बोले- किसान नेता तालिबान, खाद लूटी:इनकी प्रॉपर्टी की जांच कराएंगे; पंधेर का चैलेंज- मोदी-शाह थक चुके, ये करवाकर दिखाएं केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने किसान नेताओं को तालिबान कह दिया। बिट्टू ने कहा कि ये खाद लूट रहे हैं, ये तालिबान बन गए। सरकार किसान नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कराएगी। इनके पास नेता बनने से पहले और बाद में कितनी प्रॉपर्टी हुई। इस पर किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन पंधेर ने पलटवार करते हुए कहा कि मणिपुर में भाजपाइयों ने जो किया, असली तालिबान तो ये लोग खुद हैं। पंधेर ने चैलेंज भी किया कि वह किसान नेताओं की जांच करके दिखाएं। उन्होंने बिट्टू को बयान पर माफी मांगने के लिए कहा। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू की 3 अहम बातें 1. भाजपा का विरोध किसान नहीं नेता कर रहे
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- किसान कोई विरोध नहीं कर रहा। किसान भाजपा के साथ है। सिर्फ लीडर विरोध कर रहे हैं। किसान के पास कहां टाइम है। किसान मंडियों में है। उसके बाद गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो जाएगा। यह लीडर हैं, जो भेजे जाते हैं। कोई बात नहीं, हमारा भी इलेक्शन में विरोध किया। 2. किसान लीडरों की जांच कराएंगे, ये आढ़ती, इनके शैलर चल रहे
किसान यूनियन के कई बड़े लीडर बने हैं, इनकी जांच कराएंगे। उनकी जमीनों की जांच होगी। उनकी किसान लीडर बनने से पहले और बाद में कितनी जमीन-जायदाद बनी है। कौन सा ऐसा किसान नेता है, जो आढ़तिया नहीं या फिर उनके शैलर नहीं हैं। 3. खाद की ट्रेन लूटी, ये तालिबानी
कहीं ट्रेन लूट ली। खाद भी तो किसी जमींदार को मिलनी है। ये कहते हैं यहां नहीं वहां जाएगी। ये तो तालिबान बन गए। कहीं तो यह काम रोकना पड़ेगा। आने वाले दिनों में किसान भाजपा को ठोक कर वोट डालेगा। किसान को पता है कि किसानों का सुधार केंद्र सरकार से ही हो सकता है। उनके पास पैसे के गफ्फे हैं। किसान नेता सरवन पंधेर ने पलटवार में कही 5 अहम बातें 1. मोदी-शाह जोर लगाकर थक गए, बिट्टू को जांच से किसने रोका?
किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा कि किसान नेताओं की जांच होनी चाहिए। वह किसान नेताओं को तालिबान बता रहे हैं। मैं कहूंगा कि बिट्टू की पार्टी 11 साल से सत्ता में है। मोदी और अमित शाह तो जोर लगाकर थक गए। कोई किसान नेता गलत लगता है तो जांच करने से किसने रोका है?। मैं चैलेंज करता हूं कि इसकी जांच करा लो। इसके लिए उपचुनाव खत्म होने का इंतजार क्यों कर रहे हो। 2. पूरे देश में DAP की कमी, ये घिर गए
पंधेर ने कहा कि पूरे देश में DAP खाद का क्राइसिस है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा में खाद नहीं मिल रही। इस मामले पर ये बुरी तरह से घिरे हुए हैं। लोगों को पता चल गया कि इस बार 83, 238 हजार करोड़ की सब्सिडी इन्होंने घटा दी। गोदामों का 15 लाख MT का कोटा खत्म हो गया है। बाहर से खाद मंगाई नहीं है। 3. पंजाब से चावलों की लिफ्टिंग नहीं, किसानों से साजिश
इस साल केंद्र ने पंजाब के शैलरों से चावलों की लिफ्टिंग नहीं की। इस बार जो चावल बाहर गए हैं, शेलर एसोसिएशन का कहना है कि बाहर भेजने से पहले 4 बार सैंपलिंग होती है और फिर विदेश में जाकर फेल हो जाते हैं। यह पंजाब के किसानों के साथ साजिश है। 4. पराली के लिए सिर्फ किसान दोषी क्यों, इंडस्ट्री-गाड़ियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
केंद्र सरकार पराली पर सिर्फ किसानों को दोषी क्यों मानती है। किसानों पर जुर्माने डबल क्यों करवा दिए। पंजाब के अफसरशाही पर दबाव डाल रहे कि किसानों को घेरो। केंद्र सरकार 51% इंडस्ट्री पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। 25% ट्रैफिक के संसाधनों पर कार्रवाई क्यों नहीं करते?। प्रदूषण के लिए और भी जिम्मेदार हैं। 5. कांग्रेस में रहते बिट्टू हमारा बचाव करते थे
बिट्टू साहब बुरी तरह से घिरे हुए हैं। बिट्टू वह हैं जो आज से 6 महीने पहले कांग्रेस में रहते वक्त हमारा बचाव करते थे। कैप्टन अमरिंदर भी हमारे साथ खड़े होते थे। आज BJP में जाकर अपनी बोली बदल ली। नागपुर की ट्रेनिंग जबरदस्त है। बिट्टू को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। अगर पंजाब के किसानों को खाद नहीं मिल रही। साधारण किसान विरोध कर रहे हैं। अगर किसी चुनाव वाले क्षेत्र में खाद जा रही है और किसानों ने विरोध किया कि खाद वहां नहीं जानी चाहिए तो उसे तालिबान बता रहे हो। मणिपुर में क्या किया, तालिबान तो भाजपा वाले हैं।