सिरमौर के पांवटा साहिब में रविवार को दून पहाड़ी महासम्मेलन का आयोजन किया गया। दून पहाड़ी महासम्मेलन की शुरुआत पांवटा साहिब के प्वाइंट से जातर से शुरू हुई और बाजार होते हुए नगर परिषद मैदान में खत्म हुई। महासम्मेलन में पहुंचने से पहले पहाड़ी वाद्य यंत्रों को बजाया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार करना हैं। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्र की संस्कृति के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक लोगों को देखने को मिली। इस महासम्मेलन में पहाड़ी समुदाय को संगठित कर अपनी संस्कृति से अवगत करवाने का प्रयास किया गया और एक दूसरे के सुख दुख में भागीदारी निभाने का संकल्प लिया गया। जो कि संगठन का एकमात्र उद्देश्य है। दून पहाड़ी संगठन के अध्यक्ष खजान सिंह, सचिव कुंदन शर्मा, जिला परिषद सदस्य मामराज शर्मा, पंकज नेगी, राजेंद्र राणा, कुलदीप सिंह, दीपराम ठाकुर, रामलाल शर्मा, सतीश कपूर और उजागर चौहान ने बताया कि इस दौरान मैदान में एक साथ पहाड़ी समुदाय के पुरुष और महिलाएं नाटी और रासे लगाए। सिरमौर के पांवटा साहिब में रविवार को दून पहाड़ी महासम्मेलन का आयोजन किया गया। दून पहाड़ी महासम्मेलन की शुरुआत पांवटा साहिब के प्वाइंट से जातर से शुरू हुई और बाजार होते हुए नगर परिषद मैदान में खत्म हुई। महासम्मेलन में पहुंचने से पहले पहाड़ी वाद्य यंत्रों को बजाया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अपनी संस्कृति का प्रचार प्रसार करना हैं। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्र की संस्कृति के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक लोगों को देखने को मिली। इस महासम्मेलन में पहाड़ी समुदाय को संगठित कर अपनी संस्कृति से अवगत करवाने का प्रयास किया गया और एक दूसरे के सुख दुख में भागीदारी निभाने का संकल्प लिया गया। जो कि संगठन का एकमात्र उद्देश्य है। दून पहाड़ी संगठन के अध्यक्ष खजान सिंह, सचिव कुंदन शर्मा, जिला परिषद सदस्य मामराज शर्मा, पंकज नेगी, राजेंद्र राणा, कुलदीप सिंह, दीपराम ठाकुर, रामलाल शर्मा, सतीश कपूर और उजागर चौहान ने बताया कि इस दौरान मैदान में एक साथ पहाड़ी समुदाय के पुरुष और महिलाएं नाटी और रासे लगाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 पटवार सर्कल और कानूनगो दफ्तर में कल से ताले लटक सकते हैं। पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने जाने से नाराज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने इसका ऐलान कर दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवार और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद करेंगे। ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्रदेश में पहले 10 दिन से ऑनलाइन सेवाएं इनकी हड़ताल की वजह से बंद पड़ी है। स्टेट कॉडर बनाए जाने से नाराज पटवारी कानून ने बीते 15 जुलाई से ही ऑनलाइन काम करने बंद कर दिए है। इससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक सरकार ने महासंघ को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। इससे नाराज महासंघ ने कल से एडिशनल काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने बताया कि कल कानूनगो-पटवारी एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की कल संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को चाबी सौंप देंगे। किस वजह से हड़ताल कर रहे कानूनगो-पटवारी दरअसल, 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले लिया है। इस पर महासघ भड़क गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। ये काम 10 दिन से प्रभावित बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए।
हिमाचल के समेज में सर्च ऑपरेशन रोका:23 लोग अभी भी लापता; 13 शवों की पहचान हो चुकी, अब सतलुज के किनारे तलाश जारी
हिमाचल के समेज में सर्च ऑपरेशन रोका:23 लोग अभी भी लापता; 13 शवों की पहचान हो चुकी, अब सतलुज के किनारे तलाश जारी हिमाचल प्रदेश के रामपुर के समेज हादसे के 21 दिन बाद भी 23 लापता लोगों का सुराग नहीं लग पाया है। समेज के सैलाब में बहे 36 लोगों में से अब तक 13 लोगों के शवों ही पहचान हो पाई है। अब समेज खड्ड में सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है। यह निर्णय स्थानीय लोगों से मीटिंग के बाद लिया गया। समेज खड्ड से लेकर सुन्नी के कौल डैम में अब तक 19 शव या अंग मिले हैं। ज्यादातर शव क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं। इससे इनकी पहचान मुश्किल हो गई है और डीएनए सैंपल से शिनाख्त करनी पड़ रही है। समेज में सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड जवानों ने 18 दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाए रखा। मशीनों से 20-20 फीट गहरी खुदाई की गई। मगर यहां ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। अब तक ज्यादातर शव सतलुज नदी किनारे और सुन्नी स्थित कौल डैम में बरामद हुए हैं। इसे देखते हुए अब लापता लोगों की तलाश समेज से आगे के 85 किलोमीटर क्षेत्र में सतलुज नदी किनारे सुन्नी तक की जा रही है। SDM बोले- यहां रोका सर्च ऑपरेशन SDM रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि स्थानीय लोगों के कहने पर समेज में सर्च ऑपरेशन रोका गया है। समेज में कई बार जमीन की मशीनों से खुदाई कर दी गई है। उन्होंने बताया, बेशक समेज में सर्च ऑपरेशन रोका गया है, लेकिन सतलुज किनारे सर्च ऑपरेशन जारी है। जिन लोगों के शव व अंग मिलने हैं, उनकी पहचान के लिए डीएएन सैंपल एफएसएल लैब को भेज दिए गए है। 31 जुलाई की रात आया सैलाब बता दें कि बीती 31 जुलाई की रात श्रीखंड में बादल फटने के बाद समेज खड्ड में सैलाब आया। इसकी चपेट में पूरा गांव बह गया और 36 लोग लापता हो गए। तब से समेज में सर्च ऑपरेशन जारी है। इस मानसून ने प्रदेश को कभी न भुला पाने वाले जख्म दिए है। लापता लोगों के परिजनों को अपने के शव भी नसीब नहीं हो पा रहे। जो शव मिले हैं, उनमे ज्यादातर क्षत-विक्षत हालत में मिले है।
हिमाचल के 27 अध्यापकों को मिलेगा स्टेट टीचर अवार्ड:शिक्षा विभाग ने जारी की लिस्ट; इंटरव्यू के आधार पर चयन, कल राज्यपाल करेंगे सम्मानित
हिमाचल के 27 अध्यापकों को मिलेगा स्टेट टीचर अवार्ड:शिक्षा विभाग ने जारी की लिस्ट; इंटरव्यू के आधार पर चयन, कल राज्यपाल करेंगे सम्मानित हिमाचल सरकार ने टीचर-डे यानी 5 सितंबर को सम्मानित होने वाले अध्यापकों के नाम फाइनल कर दिए है। इस बार 27 शिक्षकों को राज्य स्तरीय अवार्ड से नवाजा जाएगा। शिक्षा विभाग ने मंगलवार देर शाम सम्मानित होने वाले अध्यापकों की सूची जारी कर दी है। राज्य सरकार ने स्टेट टीचर अवार्ड के लिए पहली बार अध्यापकों के इंटरव्यू लिए है। इसके अलावा सम्मानित होने वाले टीचरों ने 5 मिनट की प्रेजेंटेशन भी दी, जिसमे बताया कि वह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए क्या करना चाहते हैं। इसके आधार पर राज्य स्तरीय चयन कमेटी द्वारा अवार्ड के लिए टीचरों का चयन किया गया। इनके सम्मान में शिमला के राजभवन में 5 सितंबर को सुबह 11 बजे कार्यक्रम होगा, जिसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सभी शिक्षकों को राज्य स्तरीय अवार्ड से सम्मानित करेंगे। यह अवार्ड तीन कैटेगिरी में दिए जाएंगे। पहली जनरल एरिया कैटेगिरी में 13 टीचरों का चयन किया गया है। हार्ड व ट्राइबल एरिया कैटेगिरी में 5 तथा स्पेशल अवार्ड में 9 टीचरों को स्टेट अवार्ड मिलेगा। इन टीचरों को मिलेगा अवार्ड जनरल कैटेगिरी में स्टेट टीचर अवार्ड गवर्नमेंट मिडिल स्कूल जोगेंद्ननगर के प्रिंसिपल डा. सुनील दत्त, गवर्नमेंट मिडिल स्कूल आनी के लेक्चर कुंदन लाल, सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन के लेक्चर कॉमर्स संजय कुमार, सुंदरनगर स्कूल के DPE संजय कुमार, ऊना के तयूरी स्कूल के टीजीटी (मेडिकल) हरदीप सिंह, सुबाथू स्कूल के भाषा अध्यापक नरेश कुमार, सुलतानपुर स्कूल के भाषा अध्यापक प्रेम सिंह ठाकुर, मंडी धनिगायरा स्कूल के भाषा अध्यापक हेमराज, चकमोह स्कूल के पीईटी सुनील कुमार, भरंगी स्कूल की पीईटी मधुबाला, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल निहारी के पीईटी उपेंद्र ठाकुर, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल करसोग-1 के पीईटी सुरेंद्र कुमार और सोलन के पुंज विला स्कूल के पीईटी भागीरथी शर्मा को यह शिक्षक अवार्ड दिया जाना है। हार्ड एंड ट्राइबल एरिया कैटेगिरी से अवार्ड को इनका चयन हार्ड एंड ट्राइबल एरिया कैटेगिरी में यह अवार्ड चंबा के रेई स्कूल के लेक्चरर हिंदी केदारनाथ शर्मा, लाडा स्कूल के भाषा अध्यापक सुभाष चंद, जिसकून स्कूल की भाषा अध्यापिका चंदन देवी, पांगी स्कूल के जेबीटी संत कुमार नेगी और किनौर के ब्रीलांगी स्कूल की रीता बाला को मिलेगा। स्पेशल कैटेगिरी श्रेणी में 9 टीचरों को अवार्ड स्पेशल कैटेगिरी श्रेणी में इस अवार्ड के सोलन जिला के नारग स्कूल के प्रिंसिपल रोहित वर्मा, मशोबरा स्कूल के लेक्चरर बायोलॉजी दीपक शर्मा, चौपाल स्कूल की जेबीटी कांता शर्मा, गानागुघाट सोलन के गनागूघाट स्कूल के इंग्लिश लेक्चरर पुष्पेंद्र कौशिक, सिरमौर के चोगतली स्कूल के लेक्चरर इंग्लिश सुरेंद्र पुंडीर, डाइट शिमला के लेक्चर इंग्लिश संजीव कुमार, किन्नौर को चौरा स्कूल के हेडमास्टर उपेंद्र सिंह नेगी, कांगड़ा के इंदौर स्कूल के प्रिंसिपल मोहन शर्मा और शिमला जिला के थरोच स्कूल के प्रिंसिपल भूपेंद्र सिसोदिया को यह पुरस्कार दिया जाएगा।